कानपुर में एक बार फिर ट्रेन पलटाने की साजिश की गई। यहां पटरी पर गैस सिलेंडर रखा गया। शुक्र था कि ड्राइवर की पहले ही नजर पड़ गई। उसने इमरजेंसी ब्रेक लगा दिए। ठीक 10 फीट पहले गुड्स ट्रेन रुक गई। घटना रविवार सुबह 5.50 बजे की कानपुर से 35 किमी दूर प्रेमपुर रेलवे स्टेशन की है। प्रेमपुर दिल्ली-हावड़ा रूट पर कानपुर और प्रयागराज के बीच है। मालगाड़ी कानपुर से प्रयागराज जा रही थी। प्रेमपुर में गुड्स ट्रेन का स्टाप था। ट्रेन की स्पीड धीमी थी। लोको पायलट ने ट्रैक पर सिलेंडर रखा देखा तो घबरा गया। तुरंत इमरजेंसी ब्रेक मारे। ट्रेन रुकते-रुकते सिलेंडर के करीब तक पहुंच गई। ड्र्राइवर ने उतरकर देखा तो 5 KG का गैस सिलेंडर को पटरी पर सटाकर रखा गया था। उसने तुरंत सीनियर ऑफिसर को सूचना दी। सिलेंडर रखे होने की खबर मिलते ही रेलवे में हड़कंप मच गया। वहीं, इसी रूट पर जम्मू मेल दुर्घटनाग्रस्त होते-होते बची। जम्मू मेल कानपुर से प्रयागराज की ओर जा रही थी। प्रेमपुर स्टेशन के पास अचानक एक बोगी के पहिए में लगे शॉकर का नट-बोल्ट खुल गया। हालांकि, ट्रैक की निगरानी कर रहे पाइंट मैन की नजर पड़ गई। इससे बड़ा हादसा होने से टल गया। यूपी में 38 दिनों में ट्रेन पलटाने की यह 5वीं साजिश है। इससे पहले कानपुर में ही 8 सितंबर को कासगंज रूट पर भरा सिलेंडर रखकर कालिंदी एक्सप्रेस को डिरेल करने की साजिश रची गई थी। ट्रैक के पास बोतल में पेट्रोल और बारूद रखा मिला था। कानपुर में एक बार फिर ट्रेन पलटाने की साजिश की गई। यहां पटरी पर गैस सिलेंडर रखा गया। शुक्र था कि ड्राइवर की पहले ही नजर पड़ गई। उसने इमरजेंसी ब्रेक लगा दिए। ठीक 10 फीट पहले गुड्स ट्रेन रुक गई। घटना रविवार सुबह 5.50 बजे की कानपुर से 35 किमी दूर प्रेमपुर रेलवे स्टेशन की है। प्रेमपुर दिल्ली-हावड़ा रूट पर कानपुर और प्रयागराज के बीच है। मालगाड़ी कानपुर से प्रयागराज जा रही थी। प्रेमपुर में गुड्स ट्रेन का स्टाप था। ट्रेन की स्पीड धीमी थी। लोको पायलट ने ट्रैक पर सिलेंडर रखा देखा तो घबरा गया। तुरंत इमरजेंसी ब्रेक मारे। ट्रेन रुकते-रुकते सिलेंडर के करीब तक पहुंच गई। ड्र्राइवर ने उतरकर देखा तो 5 KG का गैस सिलेंडर को पटरी पर सटाकर रखा गया था। उसने तुरंत सीनियर ऑफिसर को सूचना दी। सिलेंडर रखे होने की खबर मिलते ही रेलवे में हड़कंप मच गया। वहीं, इसी रूट पर जम्मू मेल दुर्घटनाग्रस्त होते-होते बची। जम्मू मेल कानपुर से प्रयागराज की ओर जा रही थी। प्रेमपुर स्टेशन के पास अचानक एक बोगी के पहिए में लगे शॉकर का नट-बोल्ट खुल गया। हालांकि, ट्रैक की निगरानी कर रहे पाइंट मैन की नजर पड़ गई। इससे बड़ा हादसा होने से टल गया। यूपी में 38 दिनों में ट्रेन पलटाने की यह 5वीं साजिश है। इससे पहले कानपुर में ही 8 सितंबर को कासगंज रूट पर भरा सिलेंडर रखकर कालिंदी एक्सप्रेस को डिरेल करने की साजिश रची गई थी। ट्रैक के पास बोतल में पेट्रोल और बारूद रखा मिला था। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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