हिमाचल प्रदेश में मस्जिद विवाद को लेकर मचे बवाल के बीच कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी (PCC) की मीटिंग बुलाई है। इसमें विपक्ष के हमलों का जवाब देने और संगठन को मजबूत बनाने की रणनीति बनाई जाएगी। प्रतिभा सिंह ने इस मीटिंग में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू समेत डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री, सभी कैबिनेट मंत्रियों, विधायकों, PCC सदस्य, 2022 के विधानसभा चुनाव के हारे हुए प्रत्याशी और जिला अध्यक्ष को भी शामिल होने के निर्देश दिए हैं। स्वास्थ्य कारणों से मुख्यमंत्री सुक्खू के मीटिंग में भाग लेने पर संशय बना हुआ हैं, क्योंकि बीती शुक्रवार आधी रात में उनके पेट में अचानक दर्द उठ गया था। इसके बाद वह शनिवार सुबह छह बजे आईजीएमसी शिमला पहुंचे। ऐसे में सुक्खू की मीटिंग में मौजूदगी पर सबकी नजरे रहेगी। वहीं डिप्टी सीएम भी जम्मू कश्मीर दौरे के कारण मीटिंग में शामिल नहीं हो पाएंगे। आज की मीटिंग कई मायनों में अहम रहने वाली है। इसमें मस्जिद मामले में हो रहे जन आंदोलन का जवाब देने की रणनीति बनाई जाएगी। विपक्ष के हमलों का जवाब देने की बनेगी रणनीति प्रदेश की आर्थिक स्थिति को लेकर विपक्ष लगातार सुक्खू सरकार पर हमलावर है। इसका जवाब कैसे दिया जाए, इसकी भी रणनीति तय की जाएगी। पार्टी वर्कर की नाराजगी का उठ सकता है मामला PCC मीटिंग में पार्टी वर्कर की अनदेखी का मामला फिर से उठ सकता है। यह मीटिंग पार्टी मुख्यालय राजीव भवन शिमला में बुलाई गई है जो कि सुबह 11 बजे शुरू होगी। हिमाचल प्रदेश में मस्जिद विवाद को लेकर मचे बवाल के बीच कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी (PCC) की मीटिंग बुलाई है। इसमें विपक्ष के हमलों का जवाब देने और संगठन को मजबूत बनाने की रणनीति बनाई जाएगी। प्रतिभा सिंह ने इस मीटिंग में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू समेत डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री, सभी कैबिनेट मंत्रियों, विधायकों, PCC सदस्य, 2022 के विधानसभा चुनाव के हारे हुए प्रत्याशी और जिला अध्यक्ष को भी शामिल होने के निर्देश दिए हैं। स्वास्थ्य कारणों से मुख्यमंत्री सुक्खू के मीटिंग में भाग लेने पर संशय बना हुआ हैं, क्योंकि बीती शुक्रवार आधी रात में उनके पेट में अचानक दर्द उठ गया था। इसके बाद वह शनिवार सुबह छह बजे आईजीएमसी शिमला पहुंचे। ऐसे में सुक्खू की मीटिंग में मौजूदगी पर सबकी नजरे रहेगी। वहीं डिप्टी सीएम भी जम्मू कश्मीर दौरे के कारण मीटिंग में शामिल नहीं हो पाएंगे। आज की मीटिंग कई मायनों में अहम रहने वाली है। इसमें मस्जिद मामले में हो रहे जन आंदोलन का जवाब देने की रणनीति बनाई जाएगी। विपक्ष के हमलों का जवाब देने की बनेगी रणनीति प्रदेश की आर्थिक स्थिति को लेकर विपक्ष लगातार सुक्खू सरकार पर हमलावर है। इसका जवाब कैसे दिया जाए, इसकी भी रणनीति तय की जाएगी। पार्टी वर्कर की नाराजगी का उठ सकता है मामला PCC मीटिंग में पार्टी वर्कर की अनदेखी का मामला फिर से उठ सकता है। यह मीटिंग पार्टी मुख्यालय राजीव भवन शिमला में बुलाई गई है जो कि सुबह 11 बजे शुरू होगी। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल में मानसून में भी सूखे जैसे हालात:नॉर्मल से 78% कम बादल बरसे; आज-कल भी बारिश के आसार कम, परसो से दो दिन बारिश हिमाचल प्रदेश में मानसून कमजोर पड़ गया है। मौजूदा मानसून सीजन में नॉर्मल से 35 प्रतिशत और बीते एक सप्ताह के दौरान 78 प्रतिशत कम बादल बरसे है। कई क्षेत्रों में मानसून सीजन में भी सूखे जैसे हालात बनने लगे हैं। आज और कल भी कुछेक क्षेत्रों में ही हल्की बारिश का पूर्वानुमान है। ज्यादातर क्षेत्रों में मौसम साफ रहेगा। मौसम विभाग के अनुसार, सात से 14 जुलाई के बीच लाहौल स्पीति जिला में पानी की एक बूंद भी नहीं बरसी। बिलासपुर जिला में भी नॉर्मल से 80 प्रतिशत कम, चंबा में 81 प्रतिशत, हमीरपुर में 69 प्रतिशत, कांगड़ा में 79 प्रतिशत, किन्नौर में 35 प्रतिशत, कुल्लू में 72 प्रतिशत, मंडी में 58 प्रतिशत, सिरमौर में 71 प्रतिशत, सोलन में 70 प्रतिशत और ऊना जिला में भी 97 प्रतिशत कम बारिश हुई है। यहां देखे बीते एक सप्ताह के दौरान किस जिला में किस कम बारिश हुई… इस अवधि में प्रदेश में मात्र 12.6 मिलीमीटर बारिश हुई है, जबकि नॉर्मल बारिश 58.5 मिलीमीटर होती है। मानसून सीजन के दौरान एक जून से 14 जुलाई तक प्रदेश औसत 203 मिलीमीटर नॉर्मल बारिश होती है, लेकिन इस बार 131.9 मिलीमीटर बारिश ही हुई है। 24 घंटे के दौरान डलहौजी में 3 MM बारिश बीते 24 घंटे के दौरान भी चंबा के डलहौजी में मात्र 3 मिलीमीटर (MM), चंबा में 1 मिलीमीटर, नाहन में 0.5 मिलीमीटर और कल्पा में 0.8 मिलीमीटर बारिश हुई है। 17-18 को येलो अलर्ट मौसम विभाग की माने तो परसो यानी 17 और 18 जुलाई को मानसून थोड़ा एक्टिव हो सकता है। इस दौरान कुछेक स्थानों पर अच्छी बारिश का पूर्वानुमान है। इसे देखते हुए मौसम विभाग ने येलो अलर्ट जारी किया है। यहां देखे 1 जून से 14 जुलाई के बीच पूरे मानसून सीजन में कितनी कम बारिश हुई…. तापमान में आया भारी उछाल प्रदेश में बारिश नहीं होने के बाद तापमान में उछाल आया है। कई शहरों का पारा नॉर्मल से 5 डिग्री तक ज्यादा हो गया है। भुंतगर के तापमान में सबसे ज्यादा 4.4 डिग्री की वृद्धि दर्ज की गई है। इसके बाद भुंतर का पारा 36.2 डिग्री पहुंच गया है। वहीं शिमला का तापमान नॉर्मल से 3.1 डिग्री अधिक के उछाल के साथ 26.1 डिग्री, सुंदरनगर का 3.5 डिग्री के उछाल के साथ 34.2 डिग्री, ऊना का 3 डिग्री ज्यादा के साथ 36.8 डिग्री, बिलासपुर का 3.5 डिग्री अधिक के साथ 36.3 डिग्री सेल्सियस हो गया है।
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हिमाचल सरकार ने यूनिवर्सल कार्टन अनिवार्य किया:अभी बाजार में उपलब्ध नहीं, बागवान चिंतिंत; सरकार का दावा- एक सप्ताह में HPMC उपलब्ध कराएगा हिमाचल सरकार ने सेब की पैकिंग के लिए यूनिवर्सल कार्टन अनिवार्य किया है। मगर अभी तक ज्यादातर जगह यूनिवर्सल कार्टन उपलब्ध नहीं हो रहा है। इससे जिन बागवानों का सेब तैयार है, उन्हें चिंता सताने लगी है, क्योंकि जो बागवान टेलिस्कोपिक कार्टन में सेब भरकर मंडी ला रहे हैं। उन पर कृषि उपज विपणन समिति (APMC) कार्रवाई कर रही है। APMC शिमला ने गत दिवस भी पराला मंडी के एक आढ़ती को नोटिस जारी किया था। आरोप है कि आढ़ती चौहान ब्रदर ने एक बागवान से दो पेटी सेब टेलिस्कोपिक कार्टन में खरीदा, जबकि सरकार ने सेब की पैकिंग के लिए टेलिस्कोपिक कार्टन पर रोक लगा दी है। सरकार का दावा- एक सप्ताह में हर जगह मिलेगा यूनिवर्सल कार्टन वहीं, प्रदेश सरकार का दावा है कि एक सप्ताह के भीतर सरकारी उपक्रम HPMC (हॉर्टिकल्चर मार्केटिंग प्रोड्यूस कॉर्पोरेशन) सभी बागवानों को जरूरत के हिसाब से यूनिवर्सल कार्टन उपलब्ध करवा देगा। इसके लिए HPMC ने पहले ही टैंडर प्रक्रिया पूरी कर दी है। टेलिस्कोपिक कार्टन की इजाजत नहीं: कश्यप APMC शिमला-किन्नौर के सचिव देवराज कश्यप ने बताया कि सरकार के आदेशानुसार टेलिस्कोपिक कार्टन में किसी को भी सेब भरने की इजाजत नहीं होगी। मंगलवार को पराला में एक आढ़ती ने टेलिस्कोपिक कार्टन में सेब खरीदा था। उसे नोटिस जारी कर दिया गया है। उन्होंने बागवानों से अपील की कि जिन बागवानों को अभी यूनिवर्सल कार्टन नहीं मिल रहा। वह अगले कुछ दिन तक 10 किलो के बॉक्स में सेब भरकर मंडी ला सकता है। दो-तीन दिन में कार्टन उपलब्ध होगा: मदन ठियोग के कार्टन विक्रेता मदन वर्मा ने बताया कि अभी यूनिवर्सल कार्टन उपलब्ध नहीं है, क्योंकि इस बार कार्टन बनाने वाली कंपनियों में कुछ दिन पहले तक असमंजस की स्थिति बनी हुई थी। अब यूनिवर्सल कार्टन की मैन्युफैक्चरिंग शुरू हो गई है। उन्होंने बताया कि अगले दो तीन दिन में कार्टन मिलना शुरू हो जाएगा।
शिमला में वोकेशनल टीचर्स के धरने का 7वां दिन:महिला शिक्षिका रोने लगी, बोले- सरकार से सशर्त वार्ता के लिए तैयार नहीं
शिमला में वोकेशनल टीचर्स के धरने का 7वां दिन:महिला शिक्षिका रोने लगी, बोले- सरकार से सशर्त वार्ता के लिए तैयार नहीं शिमला की सर्द रातों में भी वोकेशनल टीचर्स की हड़ताल 7वें दिन भी जारी है। सरकार व शिक्षकों के बीच चल रहा गतिरोध टूटता नजर नहीं आ रहा है। शिमला में बेहद ठंडी रातों के बावजूद भी वोकेशनल शिक्षकों के हौंसले बुलंद है। शिक्षक निजी कंपनियों को बाहर का रास्ता दिखाने की मांग पर अड़े हुए हैं। महिला शिक्षक अपने छोटे बच्चों के साथ धरने पर बैठी हैं। 7वें दिन प्रदर्शन को संबोधित करते हुए एक महिला शिक्षिका रो पड़ी। शिक्षकों ने बताया कि आज सभी शिक्षकों द्वारा उस शिक्षक के बच्चे के लिए दो मिनट का मौन रखा। जो इस लड़ाई में शामिल था और उसके 17 दिन के बच्चे ने PGI में दम तोड़ दिया। शिक्षकों ने साफ तौर पर सरकार को चेतावनी दे दी है कि उनका यह धरना उस समय तक जारी रहेगा, जब तक उन्हें लिखित में कोई आश्वासन नहीं मिलता। सशर्त वार्ता के लिए तैयार नहीं शिक्षकों ने बताया कि शिक्षा विभाग की ओर से उन्हें सरकार के साथ वार्ता का 12 नवंबर को न्यौता मिला है, लेकिन वार्ता के लिए उन्हें अपना धरना समाप्त करना होगा। शिक्षकों को सरकार की यह शर्त कतई मंजूर नहीं है। हिमाचल प्रदेश में 2174 वोकेशनल टीचर्स हैं, जो 1100 स्कूलों में सेवाएं दे रहे हैं। हिमाचल प्रदेश के वोकेशनल टीचर्स को प्राइवेट कंपनियों के जरिए सेवाओं पर रखा गया है। ऐसे में टीचर्स अब प्राइवेट कंपनियों को बाहर रखने की बात कह रहे हैं। उनका कहना है कि प्राइवेट कंपनियां उन्हें शोषित कर रही है। इसलिए प्राइवेट कंपनियों को बाहर रखा जाए। वोकेशनल शिक्षक संघ के महासचिव नीरज बंसल ने कहा कि उनका धरना सात दिनों से जारी है। इस दौरान उनकी प्रदेश परियोजना अधिकारी से भी बात हुई हुई। उन्होंने कहा कि सरकार वार्ता के लिए तैयार है, लेकिन सरकार ने शर्त यह है कि शिक्षकों को अपना धरना समाप्त करना होगा और उसके बाद ही शिक्षा मंत्री से बात हो सकेगी। नीरज बंसल ने कहा कि उन्हें सरकार और विभाग की यह शर्त मंजूर नहीं है। अपना वादा भूल गई सरकार : प्रदर्शनकारी उन्होंने कहा कि अब आश्वासनों से बात नहीं बनेगी। गत सरकार ने भी उन्हें आश्वासन दिए और वर्तमान सरकार ने भी उनसे सत्ता में आने से पहले वायदा किया था कि उनके लिए अवश्य कुछ न कुछ करेगी,परंतु अब सरकार अपना वायदा भूल गई है और इस धरने के माध्यम से उसे अपना वायदा हम याद करवा रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनकी सिर्फ एक मांग है कि सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों को बाहर रखा जाए। इन कंपनियों को बाहर किया जाए और और जो फंड केंद्र से आ रहा है उसे सीधे सरकार उन्हें प्रदान करे। बच्चों के साथ धरने पर बैठी महिलाएं
चंबा से धरने में शामिल होने आई आरती ठाकुर ने कहा कि वह 11 वर्षों से सेवाएं दे रही है। अपने अधिकार के लिए महिला होने के बावजूद वह यहां धरने पर बैठी हैं। मानसिक प्रताड़ना के कारण आंसू जरूर यहां छलके हैं लेकिन परिवार के प्यार और विश्वास के बावजूद वह अपने हक की लड़ाई के लिए धरने पर डटे हैं। इसके अलावा, सोलन से आई शिक्षिका दीपिका राणा ने कहा कि यहां दिक्कत काफी हो रही है। बावजूद इसके सरकार से एक मांग है कि इन कंपनियों को बाहर का रास्ता दिखाया जाए। उन्होंने कहा बच्चे के साथ वह आई है। बच्चे के साथ दिक्कत आती है क्योंकि बच्चे को खिलाना व सोना यहां काफी मुश्किल हो जाता है, लेकिन सरकार से आस है कि जल्द वह उनकी पुकार सुन ले।