वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर में स्थित कथित वुजूखाने का आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ़ इंडिया से सर्वे कराने के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट में आज मंगलवार को सुनवाई होगी। अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी ने इस मामले पर जवाबी हलफनामा दाखिल किया है। मंगलवार को याचि राखी सिंह अपना जवाब दाखिल करेंगी। पिछली सुनवाई में राखी सिंह की तरफ से मुस्लिम पक्ष के हलफनामे के जवाब के लिए समय मांग लिया गया था।
न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल की एकलपीठ मामले की सुनवाई कर रही है। श्रृंगार गौरी केस की मुख्य वादी राखी सिंह ने जिला अदालत के आदेश को चुनौती दी है जिसमें सुप्रीम कोर्ट के यथास्थिति बनाए रखने के आदेश के कारण अदालत ने हस्तक्षेप करने से इंकार करते हुए अर्जी खारिज़ कर दी थी।याची का कहना है कि जिस तरह ज्ञानवापी के पूरे परिसर का एएसआई सर्वे किया गया है। उसी तरह से सील वुजूखाने शिवलिंग को छोड़कर,का भी सर्वे किया जाना चाहिए। जिससे कथित वुजूखाने के वास्तविक चरित्र का पता चलेगा। श्रृंगार गौरी केस की मुख्य याचिकाकर्ता राखी सिंह की तरफ से ज्ञानवापी परिसर में स्थित वजूखाने के ASI सर्वेक्षण की मांग को लेकर सिविल रिवीजन (सिविल पुनरीक्षण) याचिका दाखिल की गई है। श्रृंगार गौरी केस में वादी राखी सिंह की तरफ से जिला जज वाराणसी के फैसले के खिलाफ दायर सिविल रिवीजन याचिका की गई है। हिंदू पक्ष ने शिवलिंग होने का दावा किया याचिका में ज्ञानवापी के पूरे परिसर के किए गए सर्वे की तरह ही सील वजूखाने का भी सर्वे कराए जाने की मांग की गई है। 2 साल पहले कथित शिवलिंग मिलने के बाद वजूखाने को सील कर दिया गया था। मुस्लिम पक्ष की ओर से इसे फव्वारा बताया जाता है, लेकिन हिंदू पक्ष इसे शिवलिंग होने का दावा कर रहा है। इससे पहले कोर्ट में क्या हुआ इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुस्लिम पक्ष को नोटिस जारी करके ज्ञानवापी वजूखाना सर्वे पर पक्ष रखने को कहा है। पूछा है कि सर्वे क्यों न कराया जाए। मस्जिद कमेटी को जल्द जवाब देना है। जज अगली सुनवाई 14 अगस्त को करेंगे। कोर्ट नंबर 69 में जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की बेंच में मामले की 1.15 घंटे सुनवाई चली। हिंदू पक्ष ने सुनवाई के दौरान कहा- ज्ञानवापी वजूखाना के धार्मिक पहलू को जानने के लिए सर्वे जरूरी है। इलाहाबाद हाईकोर्ट में वजूखाने का सर्वेक्षण आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (एएसआई ) से कराने के लिए याचिका दाखिल है। इससे पहले 3 जुलाई को हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई थी। मगर हाईकोर्ट में मुस्लिम पक्ष पेश नहीं हुआ और सुनवाई टल गई। राखी सिंह ने दायर की याचिका एएसआई सर्वेक्षण की मांग को लेकर श्रृंगार गौरी केस की मुख्य याचिकाकर्ता राखी सिंह की तरफ से इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। याचिका में कहा गया- जिस तरह से ज्ञानवापी के पूरे परिसर का सर्वे किया गया है। उसी तरह से सील किए गए वजूखाने का भी सर्वे किया जाना चाहिए। पिछली सुनवाई में हुई थी बहस इलाहाबाद हाईकोर्ट में इससे पहले 22 मई को सुनवाई हुई। मामले में ज्ञानवापी मस्जिद की इंतजामियां कमेटी ने अपना जवाब दाखिल करना था। तब सुनवाई के बाद जस्टिस अजित कुमार की बेंच ने मामले को चीफ जस्टिस के समक्ष दूसरी बेंच के गठन के लिए भेजा था। दो साल पहले वजूखाना हुआ सील था 2 साल पहले शिवलिंग मिलने के बाद वजू खाने को सील कर दिया गया था। मुस्लिम पक्ष की ओर से इस संरचना को फव्वारा बताया जा रहा है, लेकिन हिन्दू पक्ष उसके शिवलिंग होने का दावा करता है। इससे पहले ज्ञानवापी परिसर का एएसआई सर्वे किया गया था। जबकि वजूखाने का सर्वे नहीं हुआ था। कोर्ट के आदेश पर ये हिस्सा सील बंद हैं। वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर में स्थित कथित वुजूखाने का आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ़ इंडिया से सर्वे कराने के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट में आज मंगलवार को सुनवाई होगी। अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी ने इस मामले पर जवाबी हलफनामा दाखिल किया है। मंगलवार को याचि राखी सिंह अपना जवाब दाखिल करेंगी। पिछली सुनवाई में राखी सिंह की तरफ से मुस्लिम पक्ष के हलफनामे के जवाब के लिए समय मांग लिया गया था।
न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल की एकलपीठ मामले की सुनवाई कर रही है। श्रृंगार गौरी केस की मुख्य वादी राखी सिंह ने जिला अदालत के आदेश को चुनौती दी है जिसमें सुप्रीम कोर्ट के यथास्थिति बनाए रखने के आदेश के कारण अदालत ने हस्तक्षेप करने से इंकार करते हुए अर्जी खारिज़ कर दी थी।याची का कहना है कि जिस तरह ज्ञानवापी के पूरे परिसर का एएसआई सर्वे किया गया है। उसी तरह से सील वुजूखाने शिवलिंग को छोड़कर,का भी सर्वे किया जाना चाहिए। जिससे कथित वुजूखाने के वास्तविक चरित्र का पता चलेगा। श्रृंगार गौरी केस की मुख्य याचिकाकर्ता राखी सिंह की तरफ से ज्ञानवापी परिसर में स्थित वजूखाने के ASI सर्वेक्षण की मांग को लेकर सिविल रिवीजन (सिविल पुनरीक्षण) याचिका दाखिल की गई है। श्रृंगार गौरी केस में वादी राखी सिंह की तरफ से जिला जज वाराणसी के फैसले के खिलाफ दायर सिविल रिवीजन याचिका की गई है। हिंदू पक्ष ने शिवलिंग होने का दावा किया याचिका में ज्ञानवापी के पूरे परिसर के किए गए सर्वे की तरह ही सील वजूखाने का भी सर्वे कराए जाने की मांग की गई है। 2 साल पहले कथित शिवलिंग मिलने के बाद वजूखाने को सील कर दिया गया था। मुस्लिम पक्ष की ओर से इसे फव्वारा बताया जाता है, लेकिन हिंदू पक्ष इसे शिवलिंग होने का दावा कर रहा है। इससे पहले कोर्ट में क्या हुआ इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुस्लिम पक्ष को नोटिस जारी करके ज्ञानवापी वजूखाना सर्वे पर पक्ष रखने को कहा है। पूछा है कि सर्वे क्यों न कराया जाए। मस्जिद कमेटी को जल्द जवाब देना है। जज अगली सुनवाई 14 अगस्त को करेंगे। कोर्ट नंबर 69 में जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की बेंच में मामले की 1.15 घंटे सुनवाई चली। हिंदू पक्ष ने सुनवाई के दौरान कहा- ज्ञानवापी वजूखाना के धार्मिक पहलू को जानने के लिए सर्वे जरूरी है। इलाहाबाद हाईकोर्ट में वजूखाने का सर्वेक्षण आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (एएसआई ) से कराने के लिए याचिका दाखिल है। इससे पहले 3 जुलाई को हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई थी। मगर हाईकोर्ट में मुस्लिम पक्ष पेश नहीं हुआ और सुनवाई टल गई। राखी सिंह ने दायर की याचिका एएसआई सर्वेक्षण की मांग को लेकर श्रृंगार गौरी केस की मुख्य याचिकाकर्ता राखी सिंह की तरफ से इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। याचिका में कहा गया- जिस तरह से ज्ञानवापी के पूरे परिसर का सर्वे किया गया है। उसी तरह से सील किए गए वजूखाने का भी सर्वे किया जाना चाहिए। पिछली सुनवाई में हुई थी बहस इलाहाबाद हाईकोर्ट में इससे पहले 22 मई को सुनवाई हुई। मामले में ज्ञानवापी मस्जिद की इंतजामियां कमेटी ने अपना जवाब दाखिल करना था। तब सुनवाई के बाद जस्टिस अजित कुमार की बेंच ने मामले को चीफ जस्टिस के समक्ष दूसरी बेंच के गठन के लिए भेजा था। दो साल पहले वजूखाना हुआ सील था 2 साल पहले शिवलिंग मिलने के बाद वजू खाने को सील कर दिया गया था। मुस्लिम पक्ष की ओर से इस संरचना को फव्वारा बताया जा रहा है, लेकिन हिन्दू पक्ष उसके शिवलिंग होने का दावा करता है। इससे पहले ज्ञानवापी परिसर का एएसआई सर्वे किया गया था। जबकि वजूखाने का सर्वे नहीं हुआ था। कोर्ट के आदेश पर ये हिस्सा सील बंद हैं। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर