हरियाणा विधानसभा चुनावों में वोटर्स को साधने के लिए शीर्ष नेतृत्व भी मैदान में उतर आया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद अब बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती हरियाणा में एंट्री हो रही है। 30 सितंबर को मायावती असंध विधानसभा में रैली को संबोधित करेंगी और बीएसपी-इनेलो के सांझे उम्मीदवारों के लिए वोट की अपील करेंगी। इसके अतिरिक्त मायावती 3 अन्य कार्यक्रम भी करेंगी। जिसमें 25 सितंबर को जींद के उचाना कलां, 27 को फरीदाबाद के पृथला और 1 अक्तूबर को यमुनानगर के छछरौली में लोगों के समक्ष अपनी बात रखेंगी। असंध में कांग्रेस मजबूत असंध विधानसभा में बीएसपी-इनेलो से गोपाल राणा पुत्र नरेंद्र राणा को मैदान में उतारा हुआ है। गोपाल राणा पहली बार इलैक्शन लड़ रहे है और इनके पिता नरेंद्र राणा ने 2019 का विधानसभा चुनाव लड़ा था और दूसरे स्थान पर रहे थे। महज 1703 वोटों से ही हारे थे। जबकि बीजेपी यहां पर तीसरे स्थान पर रही थी। अब मैदान में भाजपा से योगिंद्र राणा, कांग्रेस से निवर्तमान विधायक शमशेर गोगी और बीएसपी-इनेलो से गोपाल राणा है। यहां पर शमशेर सिंह और गोपाल राणा के बीच मुकाबला माना जा रहा है, हालांकि गोपाल राणा पहली बार चुनावी मैदान में है, जबकि इनके पिता कई सालों से राजनीति में रहे है और अच्छी पहचान रखते है। ऐसे में गोपाल राणा को पब्लिक कितना पसंद करती है, वह तो इलैक्शन का रिजल्ट ही बताएगा। असंध विधानसभा सीट का इतिहास परिसीमन के बाद 1977 में असंध विधानसभा पर चुनाव हुए। पहला विधायक जनता पार्टी की टिकट पर जोगी राम बना। 1982 और 1987 में लोकदल के मनफूल को विधायक चुना गया। इसके बाद कृष्ण लाल ने यहां से 1991 में जनता पार्टी, 1996 में समता पार्टी और 2000 में इनेलो की टिकट पर इलैक्शन लड़ा और विधायक की हैट्रिक लगाई। 2005 के चुनाव में कांग्रेस की झोली में यह सीट चली गई। राजरानी विधायक बनी, जो इस विधानसभा की इकलौती महिला विधायक रही है। 2014 में हजकां से जिलेराम चोचड़ा को विधायक बनाया गया। 2014 में बीजेपी ने अपना पहला विधायक बख्शीश सिंह को असंध विधानसभा सीट पर बनाया और 2019 में कांग्रेस ने दूसरा चुनाव जीता और शमशेर गोगी यहां पर कांग्रेस के पहले विधायक बने। ऐसे में देखने वाली बात यह है कि क्या यहां पर कौन सी पार्टी बाजी मारती है और मायावती का असंध में आगमन कितना फायदा उसके प्रत्याशी को दे पाता है। हरियाणा विधानसभा चुनावों में वोटर्स को साधने के लिए शीर्ष नेतृत्व भी मैदान में उतर आया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद अब बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती हरियाणा में एंट्री हो रही है। 30 सितंबर को मायावती असंध विधानसभा में रैली को संबोधित करेंगी और बीएसपी-इनेलो के सांझे उम्मीदवारों के लिए वोट की अपील करेंगी। इसके अतिरिक्त मायावती 3 अन्य कार्यक्रम भी करेंगी। जिसमें 25 सितंबर को जींद के उचाना कलां, 27 को फरीदाबाद के पृथला और 1 अक्तूबर को यमुनानगर के छछरौली में लोगों के समक्ष अपनी बात रखेंगी। असंध में कांग्रेस मजबूत असंध विधानसभा में बीएसपी-इनेलो से गोपाल राणा पुत्र नरेंद्र राणा को मैदान में उतारा हुआ है। गोपाल राणा पहली बार इलैक्शन लड़ रहे है और इनके पिता नरेंद्र राणा ने 2019 का विधानसभा चुनाव लड़ा था और दूसरे स्थान पर रहे थे। महज 1703 वोटों से ही हारे थे। जबकि बीजेपी यहां पर तीसरे स्थान पर रही थी। अब मैदान में भाजपा से योगिंद्र राणा, कांग्रेस से निवर्तमान विधायक शमशेर गोगी और बीएसपी-इनेलो से गोपाल राणा है। यहां पर शमशेर सिंह और गोपाल राणा के बीच मुकाबला माना जा रहा है, हालांकि गोपाल राणा पहली बार चुनावी मैदान में है, जबकि इनके पिता कई सालों से राजनीति में रहे है और अच्छी पहचान रखते है। ऐसे में गोपाल राणा को पब्लिक कितना पसंद करती है, वह तो इलैक्शन का रिजल्ट ही बताएगा। असंध विधानसभा सीट का इतिहास परिसीमन के बाद 1977 में असंध विधानसभा पर चुनाव हुए। पहला विधायक जनता पार्टी की टिकट पर जोगी राम बना। 1982 और 1987 में लोकदल के मनफूल को विधायक चुना गया। इसके बाद कृष्ण लाल ने यहां से 1991 में जनता पार्टी, 1996 में समता पार्टी और 2000 में इनेलो की टिकट पर इलैक्शन लड़ा और विधायक की हैट्रिक लगाई। 2005 के चुनाव में कांग्रेस की झोली में यह सीट चली गई। राजरानी विधायक बनी, जो इस विधानसभा की इकलौती महिला विधायक रही है। 2014 में हजकां से जिलेराम चोचड़ा को विधायक बनाया गया। 2014 में बीजेपी ने अपना पहला विधायक बख्शीश सिंह को असंध विधानसभा सीट पर बनाया और 2019 में कांग्रेस ने दूसरा चुनाव जीता और शमशेर गोगी यहां पर कांग्रेस के पहले विधायक बने। ऐसे में देखने वाली बात यह है कि क्या यहां पर कौन सी पार्टी बाजी मारती है और मायावती का असंध में आगमन कितना फायदा उसके प्रत्याशी को दे पाता है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
Related Posts
रोहतक में झज्जर की युवती पर FIR:कबड्डी खिलाड़ी पर झूठे रेप केस में फंसाने का आरोप, पिता बोले- बेटे का करियर बर्बाद किया
रोहतक में झज्जर की युवती पर FIR:कबड्डी खिलाड़ी पर झूठे रेप केस में फंसाने का आरोप, पिता बोले- बेटे का करियर बर्बाद किया हरियाणा की रोहतक पुलिस ने झज्जर की युवती पर झूठे रेप केस में फंसाने का केस दर्ज किया है। कबड्डी के नेशनल प्लेयर के पिता का आरोप है कि युवती ने पहले बेटे को प्रेम जाल में फंसाया, इसके बाद रेप करने के झूठे आरोप जड़ दिए। युवती ने उसके बेटे के खिलाफ 11 मई को महिला थाने में रेप समेत विभिन्न धाराओं में केस दर्ज करा दिया। इससे उसके बेटे का करियर खराब हो गया। रोहतक के एक गांव निवासी व्यक्ति ने अर्बन स्टेट थाना पुलिस को दी शिकायत में बताया कि रेप केस दर्ज होने के बाद 2 जून को उसके बेटे को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। जब उसने अपने बेटे से पूछा तो बेटे ने बताया कि युवती ने जनवरी 2022 में उसे प्रेम जाल में फंसाया। युवती ने अपनी उम्र साढ़े 17 साल बताकर उसे ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया। जिसके बाद कैश, कपड़े व गहनों की मांग करने लगी। 8 लाख रुपए मांगे
व्यक्ति ने बताया कि युवती अपने घर अफेयर की बात बताने का डर दिखाकर बेटे को मारने भी लगी। परेशान होकर 2023 में उसने युवती को सोने का कड़ा बनवाकर दिया। बेटे के दोस्त के खिलाफ भी युवती ने 5 दिसंबर 2023 को गलत संबंध बनाने की शिकायत दी। दोस्त ने समझौते के नाम पर उसे 2 लाख रुपए दे दिए। इसके बाद युवती ने उसके बेटे से भी 8 लाख रुपए मांगने शुरू कर दिए। पैसे न देने पर परिवार को बताने की धमकी दी। साथ ही कहा कि वह रेप केस में फंसा देगी। बीए के एग्जाम नहीं दे पाया कबड्डी खिलाड़ी ने डर की वजह से 8 लाख रुपए का शपथ पत्र तैयार करवाया। बावजूद इसके युवती ने रेप केस दर्ज करा दिया। व्यक्ति ने बताया कि वह आरोपों से बेटा इतना परेशान हो गया कि वह बीए फाइनल के एग्जाम भी नहीं दे पाया।
हरियाणा सरकार को हाईकोर्ट से झटका:सरकारी नौकरियों में आरक्षण खारिज, 5 नंबर असंवैधानिक करार, नई नियुक्तियों का रास्ता साफ
हरियाणा सरकार को हाईकोर्ट से झटका:सरकारी नौकरियों में आरक्षण खारिज, 5 नंबर असंवैधानिक करार, नई नियुक्तियों का रास्ता साफ हरियाणा सरकार को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट से शुक्रवार को बड़ा झटका मिला है। सरकारी नौकरियों में सामाजिक-आर्थिक आधार पर दिए जाने वाले आरक्षण को हाईकोर्ट ने असंवैधानिक करार दिया है। हाईकोर्ट के इस फैसले से सूबे की रुकी हुई नियुक्तियों का रास्ता साफ हो गया है। सरकार ने नौकरियों में सामाजिक व आर्थिक आधार पर पिछले आवेदकों को 5 अंक देने का प्रावधान किया था। इस प्रावधान को चुनौती देने वाली याचिका के निपटारे के साथ ही प्रदेश में हजारों नियुक्तियों का रास्ता साफ हो गया है। सरकार के फैसले में क्या?
हाईकोर्ट में सरकार के सामाजिक-आर्थिक आरक्षण के विरोध में एक याचिका दाखिल की गई थी। इस याचिका में बताया गया था कि प्रदेश सरकार ने संविधान के खिलाफ जाकर सामाजिक-आर्थिक आधार पर आरक्षण दिया है। इस आरक्षण के तहत जिस परिवार में कोई भी सरकारी नौकरी पर न हो और परिवार की आमदनी कम हो तो ऐसे परिवार से आने वाले आवेदक को सामाजिक व आर्थिक आधार पर 5 अतिरिक्त अंकों का लाभ देने का प्रावधान किया गया था। HC ने आरक्षण को संविधान के खिलाफ बताया
हाईकोर्ट में दाखिल याचिका में कहा गया था कि संविधान के अनुरूप सामाजिक व आर्थिक आधार पर आरक्षण का लाभ नहीं दिया जा सकता। हाईकोर्ट ने सामाजिक व आर्थिक आधार पर आरक्षण को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए नियुक्तियों पर रोक लगा दी थी। हाईकोर्ट ने इस मामले में अपना फैसला सुनाते हुए यह स्पष्ट कर दिया कि सामाजिक आर्थिक आधार पर आरक्षण का फैसला संविधान के खिलाफ है। इस प्रावधान को रद्द करते हुए याचिका का निपटारा कर दिया। याचिका के निपटारे के साथ ही प्रदेश में हजारों नियुक्तियों का रास्ता साफ हो गया है। इन भर्तियों पर पड़ा असर
हाईकोर्ट के इस फैसले से हरियाणा में ग्रुप सी और डी के अलावा टीजीटी भर्ती पर असर पड़ेगा। इन भर्तियों में अब 5 नंबर का फायदा नहीं मिलेगा। वहीं इन नंबरों के आधार पर जिन भर्तियों में नियुक्ति मिल चुकी है, उन पर भी दोबारा परीक्षा हो सकती है।
हरियाणा में किसानों ने टोल फ्री कराया:बोले- किसान यूनियन के झंडे-कार्ड वाली गाड़ियां फ्री निकालो; टोलकर्मी पंचायत में आकर माफी मांगें
हरियाणा में किसानों ने टोल फ्री कराया:बोले- किसान यूनियन के झंडे-कार्ड वाली गाड़ियां फ्री निकालो; टोलकर्मी पंचायत में आकर माफी मांगें हरियाणा के जींद में किसानों ने उनकी गाड़ियों से टैक्स वसूली करने पर दिल्ली-चंडीगढ़ नेशनल हाईवे (NH-352) पर बने टोल प्लाजा बंद करा दिया। यह टोल नेशनल हाईवे पर गांव खटकड़ के पास है। किसान यहां दरी बिछाकर बैठ गए हैं। उनका कहना है कि जब तक टोल वाले हमारी गाड़ियों को फ्री नहीं निकालते, तब तक टोल अनिश्चितकाल के लिए बंद रहेगा। भारतीय किसान यूनियन की प्रदेश प्रवक्ता प्रियंका खरकरा ने कहा कि टोल वाले लगातार आम जनता एवं किसान नेताओं के साथ गुंडागर्दी कर रहे हैं। प्रदर्शन करने वाले किसानों का कहना है कि उनकी यूनियन की झंडे और आईकार्ड वाली गाड़ियों को टोल से फ्री निकाला जाए। टोल वाले कार्ड को फर्जी बताकर किसानों को परेशान करते हैं। हम टकराव नहीं चाहते लेकिन कार्ड-झंडे वाली गाड़ियों को टोल टैक्स के लिए नहीं रोका जाना चाहिए। इस खटकड़ टोल पर कार के एक तरफ के लिए 120 रुपए और कॉमर्शियल गाड़ी के लिए 595 रुपए वसूले जाते हैं। किसानों के टोल फ्री करने के बाद टोल मैनेजर के साथ उनकी मीटिंग हुई। हालांकि इसका कोई हल नहीं निकला। किसान नेता रवि आजाद ने कहा कि किसानों का धरना जारी रहेगा। गडकरी के ऐलान के मुताबिक 41 अवैध टोल हटाएं
भाकियू प्रवक्ता प्रिंयका खरकरा ने कहा कि परिवहन मंत्री ने कहा था कि हरियाणा में 41 अवैध टोल हैं, उन्हें हटाया जाना चाहिए। सरकार के संज्ञान में भी यह बात है लेकिन फिर भी जनता की जेब काटी जा रही है। हरियाणा की भाजपा सरकार नितिन गडकरी के 60 किलोमीटर के दायरे में एक ही टोल वाले बयान के आधार पर कार्रवाई करे। 20 किमी दायरे में टोल वसूली बंद करें
किसान नेताओं ने कहा कि टोल टैक्स वाले 20 किलोमीटर के दायरे में टोल टैक्स की वसूली बंद करें। उन्होंने कहा कि टोल के आसपास वाले गांवों से भी टोल टैक्स वसूला जा रहा है। इसके अलावा किसानों से बदसलूकी करने वाले टोल कर्मी धरने पर आकर उनकी पंचायत के सामने माफी मांगें। रवि आजाद बोले- टोल फ्री और माफी न मांगने तक धरना चलेगा
रवि आजाद ने बताया है कि जब तक 20 किलोमीटर के दायरे में आने वाले गांव का टोल फ्री नहीं होगा और टोल कर्मी आकर माफी नहीं मांगेंगे और समस्या का समाधान नहीं करेंगे तब तक यह धरना यही पर चलता रहेगा