हिमाचल प्रदेश की राजधानी संजौली से उठा मस्जिद विवाद शांत होने नहीं दिख रहा। बेशक, संजौली मस्जिद कमेटी ने लिखित में अंडरटेकिंग देकर कोर्ट का फैसला आने पर मस्जिद का अवैध निर्माण तोड़ने की सहमति जताई है। मगर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) दिल्ली के अध्यक्ष शोएब जामाई ने संजौली मस्जिद पहुंचकर एक वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किया, जिसमें जामाई कह रहे हैं कि मस्जिद के वैध है या अवैध, यह कोर्ट तय करेगा। वह कोर्ट में जनहित याचिका (PIL) डालेंगे। शोएब जामाई वीडियो में कह रहे हैं कि संजौली मस्जिद के साथ बनी दूसरी बिल्डिंग की ऊंचाई दिखाकर कह कर रहे हैं कि जितनी ऊंचाई मस्जिद की है, उससे ज्यादा की ऊंचाई आसपास बने घरों की है। वह कह रहे हैं कि अगर मस्जिद अवैध है तो यहां बने घर कैसे वैध हो सकते हैं। कानून सबके लिए होना चाहिए। उन्होंने कहा, वह संविधान से हटकर बात नहीं कर रहे। मोहब्बत की दुकान यहां भी खुलनी चाहिए। शोएब जामाई कह रहे हैं कि मस्जिद के मौलाना ने अच्छे से हैंडल किया है। इतनी कम आबादी होने के बावजूद अच्छा फैसला लिया है। इतना सप्रोर्ट नहीं है। सरपरस्त ताकतें आवाज उठा रही है हर जगह। इंसाफ सभी के लिए होना चाहिए। प्रदेश में मस्जिद विवाद संजौली की इसी मस्जिद के कारण उपजा है। संजौली मस्जिद कमेटी द्वारा बीते 12 सितंबर को लिखित में नगर निगम आयुक्त को मस्जिद के अवैध निर्माण तोड़ने की पेशकश की गई। कमिश्नर ने बताया कि कोर्ट अगर ऑर्डर देगा तो मस्जिद का अवैध खुद तोड़ेंगे। फैसला आने तक मस्जिद की 3 मंजिल को सील कर दिया जाए। मस्जिद कमेटी इसके लिए तैयार है। इसके बाद शिमला में मस्जिद विवाद शांत हुआ। हालांकि प्रदेश के अन्य शहरों में संजौली मस्जिद के बाद प्रदर्शन जारी है। वहीं संजौली मस्जिद मामले में आगामी 5 अक्टूबर को नगर निगम आयुक्त कोर्ट में सुनवाई होनी है। विवादित संजौली मस्जिद 1947 में बनी थी, 3 मंजिल पर आपत्ति संजौली में मस्जिद 1947 से पहले बनी थी। तब यहां 2 मंजिला कच्ची मस्जिद होती थी। संजौली में नगर एवं ग्राम नियोजन एक्ट (TCP) लागू है। इसके तहत बिना मंजूरी और नक्शा पास कराए बगैर यहां निर्माण नहीं किया जा सकता है। मस्जिद कमेटी पर आरोप है कि इन्होंने बिना नक्शा पास कराए यहां 5 मंजिला मस्जिद खड़ी कर दी। साल 2010 में इसकी पक्की इमारत बनाने का काम शुरू हुआ। तब से लेकर नगर निगम 35 बार अवैध निर्माण तोड़ने का नोटिस दे चुका है। इस मामले में 45 बार नगर निगम कोर्ट में सुनवाई हो चुकी है। मस्जिद कमेटी के अनुसार, लोग मस्जिद के बाहर नमाज पढ़ते थे, जिससे नमाज पढ़ने में दिक्कत आती थी। इसे देखते हुए लोगों ने चंदा इकट्ठा किया और मस्जिद निर्माण किया। जमीन वक्फ बोर्ड की थी। मस्जिद की 2 मंजिल को लेकर मामला कोर्ट में चल रहा है। वक्फ बोर्ड इसकी लड़ाई लड़ रहा है। 31 अगस्त से शुरू हुआ विवाद ताजा विवाद 31 अगस्त से शुरू हुआ, जब 2 गुटों के बीच मारपीट हुई और 6 मुस्लिम लड़कों ने यशपाल नाम के स्थानीय कारोबारी की पिटाई कर दी। इसके बाद हिंदू संगठनों ने मस्जिद का अवैध निर्माण गिराने की मांग की। इसके बाद हिंदू संगठन भड़क उठे और मस्जिद तोड़ने की मांग को लेकर बुधवार को तीसरी बार प्रदर्शन किया। क्या बोले SP शिमला इसे लेकर जब पुलिस अधीक्षक शिमला संजीव गांधी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मस्जिद सील नहीं है। नमाज पढ़ने मुस्लिम यहां आ रहे हैं। शोएब जामाई कब आया और वीडियो कब बनाया, यह चेक किया जाएगा। हालांकि उन्होंने माना कि इससे माहौल खराब होगा। हिमाचल प्रदेश की राजधानी संजौली से उठा मस्जिद विवाद शांत होने नहीं दिख रहा। बेशक, संजौली मस्जिद कमेटी ने लिखित में अंडरटेकिंग देकर कोर्ट का फैसला आने पर मस्जिद का अवैध निर्माण तोड़ने की सहमति जताई है। मगर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) दिल्ली के अध्यक्ष शोएब जामाई ने संजौली मस्जिद पहुंचकर एक वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किया, जिसमें जामाई कह रहे हैं कि मस्जिद के वैध है या अवैध, यह कोर्ट तय करेगा। वह कोर्ट में जनहित याचिका (PIL) डालेंगे। शोएब जामाई वीडियो में कह रहे हैं कि संजौली मस्जिद के साथ बनी दूसरी बिल्डिंग की ऊंचाई दिखाकर कह कर रहे हैं कि जितनी ऊंचाई मस्जिद की है, उससे ज्यादा की ऊंचाई आसपास बने घरों की है। वह कह रहे हैं कि अगर मस्जिद अवैध है तो यहां बने घर कैसे वैध हो सकते हैं। कानून सबके लिए होना चाहिए। उन्होंने कहा, वह संविधान से हटकर बात नहीं कर रहे। मोहब्बत की दुकान यहां भी खुलनी चाहिए। शोएब जामाई कह रहे हैं कि मस्जिद के मौलाना ने अच्छे से हैंडल किया है। इतनी कम आबादी होने के बावजूद अच्छा फैसला लिया है। इतना सप्रोर्ट नहीं है। सरपरस्त ताकतें आवाज उठा रही है हर जगह। इंसाफ सभी के लिए होना चाहिए। प्रदेश में मस्जिद विवाद संजौली की इसी मस्जिद के कारण उपजा है। संजौली मस्जिद कमेटी द्वारा बीते 12 सितंबर को लिखित में नगर निगम आयुक्त को मस्जिद के अवैध निर्माण तोड़ने की पेशकश की गई। कमिश्नर ने बताया कि कोर्ट अगर ऑर्डर देगा तो मस्जिद का अवैध खुद तोड़ेंगे। फैसला आने तक मस्जिद की 3 मंजिल को सील कर दिया जाए। मस्जिद कमेटी इसके लिए तैयार है। इसके बाद शिमला में मस्जिद विवाद शांत हुआ। हालांकि प्रदेश के अन्य शहरों में संजौली मस्जिद के बाद प्रदर्शन जारी है। वहीं संजौली मस्जिद मामले में आगामी 5 अक्टूबर को नगर निगम आयुक्त कोर्ट में सुनवाई होनी है। विवादित संजौली मस्जिद 1947 में बनी थी, 3 मंजिल पर आपत्ति संजौली में मस्जिद 1947 से पहले बनी थी। तब यहां 2 मंजिला कच्ची मस्जिद होती थी। संजौली में नगर एवं ग्राम नियोजन एक्ट (TCP) लागू है। इसके तहत बिना मंजूरी और नक्शा पास कराए बगैर यहां निर्माण नहीं किया जा सकता है। मस्जिद कमेटी पर आरोप है कि इन्होंने बिना नक्शा पास कराए यहां 5 मंजिला मस्जिद खड़ी कर दी। साल 2010 में इसकी पक्की इमारत बनाने का काम शुरू हुआ। तब से लेकर नगर निगम 35 बार अवैध निर्माण तोड़ने का नोटिस दे चुका है। इस मामले में 45 बार नगर निगम कोर्ट में सुनवाई हो चुकी है। मस्जिद कमेटी के अनुसार, लोग मस्जिद के बाहर नमाज पढ़ते थे, जिससे नमाज पढ़ने में दिक्कत आती थी। इसे देखते हुए लोगों ने चंदा इकट्ठा किया और मस्जिद निर्माण किया। जमीन वक्फ बोर्ड की थी। मस्जिद की 2 मंजिल को लेकर मामला कोर्ट में चल रहा है। वक्फ बोर्ड इसकी लड़ाई लड़ रहा है। 31 अगस्त से शुरू हुआ विवाद ताजा विवाद 31 अगस्त से शुरू हुआ, जब 2 गुटों के बीच मारपीट हुई और 6 मुस्लिम लड़कों ने यशपाल नाम के स्थानीय कारोबारी की पिटाई कर दी। इसके बाद हिंदू संगठनों ने मस्जिद का अवैध निर्माण गिराने की मांग की। इसके बाद हिंदू संगठन भड़क उठे और मस्जिद तोड़ने की मांग को लेकर बुधवार को तीसरी बार प्रदर्शन किया। क्या बोले SP शिमला इसे लेकर जब पुलिस अधीक्षक शिमला संजीव गांधी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मस्जिद सील नहीं है। नमाज पढ़ने मुस्लिम यहां आ रहे हैं। शोएब जामाई कब आया और वीडियो कब बनाया, यह चेक किया जाएगा। हालांकि उन्होंने माना कि इससे माहौल खराब होगा। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल में मस्जिद विवाद में हिंदू संगठनों का प्रदर्शन आज:धारा 163 लागू, 5 लोगों को इकट्ठे चलने पर प्रतिबंध; कोर्ट की कार्यवाही से नाराज हिमाचल की राजधानी शिमला में अवैध मस्जिद मामला तूल पकड़ रहा है। संजौली में हिंदू संगठन आज सड़कों पर उतर कर मस्जिद गिराने को प्रदर्शन करेंगे। DC शिमला अनुपम कश्यप ने संजौली में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 लागू कर दी है। इसके तहत सुबह 7 बजे से रात 11:59 बजे तक पांच या इससे ज्यादा लोगों को इकट्ठे चलने की इजाजत नहीं होगी। संजौली के चप्पे चप्पे पर पुलिस तैनात कर दी गई है। मस्जिद के बाहर पुलिस का कड़ा पहरा लगा दिया गया है। धारा 163 लागू होते ही संजौली में किसी भी व्यक्ति को लाठी, बरछा, कुल्हाड़ी, साइकिल चेन, गंडासा, भाला, तलवार जैसे हथियार इत्यादि अस्त्र-शस्त्र तथा अन्य ज्वलनशील पदार्थों को लेकर चलने पर पूर्णतः प्रतिबन्ध रहेगा। DC शिमला ने कहा, उक्त क्षेत्र में सामान्य जन-जीवन पूरी तरह से सामान्य रहेगा। सरकारी व निजी कार्यालय, स्कूल तथा बाजार पूरी तरह से खुले रहेंगे। आम जनता को किसी भी प्रकार की परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा। क्षेत्र में कानून व्यवस्था बनाने के लिए प्रशासन सख्त कदम उठाने के लिए प्रयासरत है। धरना प्रदर्शन पर रहेगा पूर्ण प्रतिबंध DC ने कहा, क्षेत्र में किसी को भी धरना प्रदर्शन, नारेबाजी, हड़ताल करने की अनुमति प्रदान नहीं की गई। वहीं अस्पताल, कोर्ट, शिक्षण संस्थान और सार्वजनिक स्थानों पर लाउड स्पीकर के इस्तेमाल पर भी प्रतिबंध रहेगा। इस दौरान सांप्रदायिक, राष्ट्र, राज्य विरोधी भाषण नारे, दीवार लेखन, पोस्टर आदि पर भी पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाया गया है। नव बहार से लेकर ढली तक लागू रहेगी धारा 163 डीसी शिमला ने कहा, जारी आदेश नव बहार चौक से ढली टनल के ईस्टर्न पोर्टल, IGMC से संजौली चौक, संजौली चौक से चलौंठी, ढली (वाया संजौली चलौंठी जंक्शन) क्षेत्र में 11 सितंबर 2024 को सुबह 7 बजे से रात्रि 11.59 बजे तक जारी रहेंगे। MC कोर्ट की कार्यवाही से नाराज हिंदू संगठन अवैध मस्जिद मामले में हिंदू संगठन नगर निगम (MC) कमिश्नर कोर्ट की बीते शनिवार की कार्यवाही से नाराज है। कोर्ट ने इस मामले में 5 अक्टूबर को सुनवाई तय की है और संबंधित कनिष्ठ अभियंता (JE) को फ्रेश स्टेट्स रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है। सामाजिक कार्यकर्ता एवं बीजेपी नेता विकास थापटा ने बताया कि मामले को जान बूझकर लटकाया जा रहा है। इसी वजह से आज संजौली में विशाल प्रदर्शन बुलाया गया है। साल 2010 में शुरू हुआ विवाद मस्जिद मामले में पहली बार साल 2010 में नगर निगम के पास शिकायत पहुंची थी। यहां अवैध निर्माण करने के आरोप लगे थे। निगम प्रशासन के अनुसार, पहले मौके पर एक मंजिल और एटिक के रूप में मस्जिद थी, लेकिन साल 2024 तक यहां अब एटिक को मिलाकर 5 मंजिलें बन गई। साल 2010 से ही इस मामले में MC आयुक्त कोर्ट में केस चल रहा है। सुनवाई के दौरान भी अवैध निर्माण चलता रहा। MC ने कई बार काम रोकने के आदेश जारी किए। इस मामले में अब तक 45 पेशियां हो चुकी हैं। इमाम बोले- 1947 में बनी पुरानी मस्जिद मस्जिद के इमाम शहजाद ने इस मामले में कहा कि मस्जिद 1947 से पहले की है। पहले मस्जिद कच्ची थी और 2 मंजिल की थी। लोग मस्जिद के बाहर नमाज पढ़ते थे, जिससे नमाज पढ़ने में दिक्कत आती थी। इसे देखते हुए लोगों ने चंदा इकट्ठा किया और मस्जिद निर्माण शुरू किया। जमीन वक्फ बोर्ड की थी, जिस पर 2 मंजिल पहले से बनी थीं। मस्जिद की 2 मंजिल को लेकर मामला कोर्ट में चल रहा है। वक्फ बोर्ड इसकी लड़ाई लड़ रहा है। कानून का जो निर्णय होगा, वो सभी को मंजूर होगा। संजौली के बाद कुसुम्पटी-मंडी में भी प्रदर्शन संजौली से भड़की चिंगारी प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में भी फैल रहीं हैं। संजौली के बाद शिमला के कसुम्पटी और मंडी शहर में भी स्थानीय लोग मस्जिद को गिराने की मांग कर चुके हैं। कानून हाथ में लेने की किसी को इजाजत नहीं होगी: CM हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने कहा, प्रशासन हर चीज को देख रहा है। शांतिपूर्ण प्रदर्शन पर कोई रोक नहीं। हम सभी समुदाय का सम्मान करते हैं। उन्होंने कहा, कानून को हाथ में लेने की किसी को भी इजाजत नहीं दी जाएगी। राजनीतिक रंग देना ठीक नहीं है। उन्होंने कहा, सदन में कमेटी गठित कर दी गई है, जो कि स्ट्रीट वेंडर के लिए पैरामीटर तय करेगी। उन्होंने कहा, मस्जिद में कानून के हिसाब से कार्रवाई होगी। किसी को भी कानून हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जाएगी।
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न्यूज इन ब्रीफ@5PM:हरियाणा में छात्राओं से भरा ई-रिक्शा पलटा, पंजाब में पेड़ गिरने से छात्रा की मौत, राहुल बोले- स्मृति को गलत न कहें नमस्कार, आइए जानते हैं शाम 5 बजे तक की हरियाणा, पंजाब, हिमाचल, चंडीगढ़ समेत देश और दुनिया की 10 बड़ी खबरें… 1. जींद में छात्राओं से भरा ई-रिक्शा पलटा, स्कूल जा रही 8 छात्राएं घायल
हरियाणा के जींद में छात्राओं से भरे ई-रिक्शा को एक ट्रैक्टर ने पीछे से टक्कर मार दी। इससे रिक्शा पलट गया और इसमें बैठी 8 स्कूली छात्राएं व रिक्शा चालक नीचे दब गए। पास ही खेतों में धान रोपाई कर रही महिलाएं मौके पर पहुंची और रिक्शा को सीधा कर छात्राओं को बाहर निकाला। बताया जा रहा है कि छात्राएं गांव मलिकपुर से सफीदों राजकीय कन्या सीनियर सेकेंडरी स्कूल में पढ़ने के लिए आ रही थीं।
पूरी खबर पढ़ें… 2. गडकरी बोले- जो करेगा जात की बात, मारूंगा कसकर लात; कहा- मैं RSS वाला हूं
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने एक कार्यक्रम में कहा कि महाराष्ट्र में इस समय जातिवाद की पॉलिटिक्स हो रही है। मैं जात-पात को नहीं मानता। जो करेगा जात की बात, उसको कसकर मारूंगा लात। उन्होंने कहा कि मेरे निर्वाचन क्षेत्र में 40% मुसलमान हैं। उनको पहले ही कहा है, मैं RSS वाला हूं। वोट देने से पहले सभी सोच लें, बाद में पछताना ना पड़े। जो वोट देगा, मैं उसका काम करूंगा और जो नहीं देगा, मैं उसका भी काम करूंगा। अक्टूबर-नवंबर में महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव होने हैं।
पढ़ें पूरी खबर… 3. पलवल में दुकान कर्मचारी ने किया सुसाइड: 1 लाख रुपए के लिए दुकानदार कर रहा था प्रताड़ित
हरियाणा के पलवल में इलेक्ट्रॉनिक की दुकान पर कार्यरत कर्मचारी ने आत्महत्या कर ली। मरने से पहले उसने ने अपनी पत्नी को मोबाइल पर मैसेज भेजा। मैसेज में दुकान मालिक पर मारपीट करने, प्रताड़ित करने, जान से मारने की धमकी देने व जातिसूचक शब्दों से अपमानित करने का आरोप लगाया। पुलिस ने दुकान मालिक के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है।
पूरी खबर पढ़ें… 4. स्मृति ईरानी के बचाव में आए राहुल गांधी, कहा- उनके खिलाफ अपमानजनक भाषा ठीक नहीं
स्मृति ईरानी समेत चार पूर्व केंद्रीय मंत्रियों ने 11 जुलाई को लुटियंस दिल्ली में अपने सरकारी बंगले खाली कर दिए हैं। यह खबर सामने आने के बाद से लगातार सोशल मीडिया पर स्मृति को ट्रोल किया जा रहा था। यह देखकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भाजपा नेता स्मृति ईरानी का बचाव किया है। राहुल ने X पर पोस्ट किया- जीवन में हार-जीत होती रहती है। मैं सभी से अपील करता हूं कि वे स्मृति ईरानी या किसी और नेता के लिए अपमानजनक भाषा के इस्तेमाल और बुरा व्यवहार करने से बचें। लोगों को अपमानित करना कमजोरी की निशानी है, ताकत की नहीं।’
पढ़ें पूरी खबर… 5. 25 जून संविधान हत्या दिवस घोषित, केंद्र सरकार का ऐलान; 1975 में इसी दिन लगा था आपातकाल
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पंजाब के फरीदकोट में शुक्रवार की सुबह बारिश के कारण कार पर पेड़ गिर गया। इसके कारण 13 वर्षीय छात्रा की मौत हो गई। इस हादसे में 4 अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। जिन्हें उपचार के लिए फरीदकोट मेडिकल कॉलेज अस्पताल में दाखिल करवाया गया है। घटना कोटकपूरा-फरीदकोट हाईवे पर हुई। छात्र वजीफे का टेस्ट देने के लिए जा रहे थे।
पूरी खबर पढ़ें… 7. केजरीवाल के PA को जमानत नहीं, दिल्ली HC बोला- आपको राहत देने का कोई ग्राउंड नहीं
दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल के पीए बिभव कुमार को जमानत नहीं मिली। दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार 12 जुलाई को बिभव को बेल देने से इनकार कर दिया। जस्टिस अनूप कुमार मेंदीरत्ता ने कहा कि आपको जमानत देने का कोई ग्राउंड नहीं बनता। बिभव कुमार पर 13 मई को सीएम आवास पर AAP सांसद स्वाति मालीवाल से मारपीट का आरोप है। उन्हें 18 मई को गिरफ्तार किया गया था। तब से वे जेल में हैं। दिल्ली की एक अदालत ने 7 जुलाई को बिभव कुमार की न्यायिक हिरासत 16 जुलाई तक बढ़ाई थी।
पढ़ें पूरी खबर… 8. सोनीपत में सरकारी स्कूल में घुसा काला कोबरा, 4 फुट लंबा सांप देख स्टूडेंट्स डरे
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हिमाचल CM बोले- JOA-IT का रिजल्ट जल्द होगा जारी:आयोग को देंगे निर्देश; हमीरपुर में 6 दिन से धरने पर हैं पोस्ट कोड 817 के अभ्यर्थी
हिमाचल CM बोले- JOA-IT का रिजल्ट जल्द होगा जारी:आयोग को देंगे निर्देश; हमीरपुर में 6 दिन से धरने पर हैं पोस्ट कोड 817 के अभ्यर्थी हिमाचल प्रदेश में लंबे समय से रिजल्ट की मांग कर रहे JOA-IT पोस्ट कोड 817 के अभ्यर्थियों का इंतजार जल्द खत्म होने वाला है। शिमला में मीडिया से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि सरकार ने इनके रिजल्ट घोषित करने का फैसला लिया है। इनके डॉक्यूमेंटेशन पूरे हो चुके हैं। राज्य चयन आयोग को इनके रिजल्ट जल्द घोषित करने के निर्देश दिए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे हड़ताल पर बैठें या नहीं, इनके रिजल्ट घोषित होना तय है। बता दें कि JOA-IT 817 पोस्ट कोड के अभ्यर्थी जल्द रिजल्ट की मांग को लेकर हमीरपुर के पक्का भरो स्थित राज्य चयन आयोग कार्यालय के बाहर छह दिन से क्रमिक अनशन पर बैठे हैं। उनका कहना है कि जब तक उनके रिजल्ट घोषित नहीं हो जाते, वे अपना अनशन खत्म नहीं करेंगे। उधर, आयोग के मुख्य प्रशासक डा. आरके पुरुथी पहले ही कह चुके हैं कि रिजल्ट तैयार किया जा रहा है। इसके तकनीकी पहलू में कोई कमी न रहे, उसकी जांच जारी है और एक सप्ताह के भीतर यह घोषित कर दिया जाएगा। जानें क्यों हड़ताल पर बैठे हैं JOA-IT अभ्यर्थी बता दें कि JOA-IT 817 पोस्ट कोड के अभ्यर्थी चार साल से रिजल्ट निकलने का इंतजार कर रहे हैं। इनके 1867 पद साल 2020 में विज्ञापित किए गए थे। इनका यह मामला हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक गया। सुप्रीम कोर्ट ने भी हिमाचल सरकार को जल्दी रिजल्ट घोषित करने के आदेश दे रखे है। बीते सप्ताह की कैबिनेट में भी रिजल्ट निकालने की मंजूरी मिल गई है। इस परीक्षा में 1.70 लाख अभ्यर्थी बैठे थे। इनमें से 19 हजार बच्चों ने यह परीक्षा पास की, जबकि टाइपिंग टेस्ट लगभग 5600 बच्चों ने पास किया। ये बच्चे रिजल्ट निकालने की मांग को लेकर अनेकों पर सीएम और मंत्रियों से मिल चुके है। अब सीएम ने इनका रिजल्ट जल्दी निकालने का भरोसा दिया है।