लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा से जुड़ी ‘गुल्लक टीम’ के सदस्यों ने सोमवार को हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से भेंट की। इस अवसर पर टीम के सदस्यों ने मुख्यमंत्री सुखाश्रय कोष के लिए एक प्रतीकात्मक गुल्लक भेंट किया। मुख्यमंत्री सुक्खू ने इस टीम के उदार अंशदान के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, यह धनराशि प्रदेश सरकार द्वारा ‘चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट’ के रूप में गोद लिए गए अनाथ बच्चों की सहायता के लिए समर्पित की जाएगी। इस दौरान मुख्यमंत्री ने मध्य प्रदेश की गुल्लक टीम के सदस्यों से संवाद किया। यह भेंट सीएम के सरकारी आवास ओक ओवर में की गई। इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री डॉ. (कर्नल) धनीराम शांडिल, मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी, विधायक हरीश जनारथा, प्रधान सलाहकार (मीडिया) नरेश चौहान भी उपस्थित रहे। गुल्लक टीम के सदस्यों ने 3 दिन पहले राज्य सचिवालय में मुख्यमंत्री के विशेष कार्य अधिकारी (OSD) रितेश कपरेट से भी मुलाकात की थी। तब इन्होंने सीएम सिंह सुक्खू से मिलने का समय मांगा था। यह टीम पिछले दिनों हरियाणा में प्रचार कर रही थी। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान ये बच्चे मध्य प्रदेश से जम्मू-कश्मीर तक की यात्रा कर चुके हैं। इनका उद्देश्य सामाजिक जागरूकता और एकजुटता को बढ़ावा देना था। गुल्लक टीम के सदस्य जतिन परमार: 11वीं कक्षा का छात्र यशराज परमार: 7वीं कक्षा का छात्र राजकुमार परमार: 12वीं कक्षा का छात्र जिया परमार: 12वीं कक्षा की छात्रा लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा से जुड़ी ‘गुल्लक टीम’ के सदस्यों ने सोमवार को हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से भेंट की। इस अवसर पर टीम के सदस्यों ने मुख्यमंत्री सुखाश्रय कोष के लिए एक प्रतीकात्मक गुल्लक भेंट किया। मुख्यमंत्री सुक्खू ने इस टीम के उदार अंशदान के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, यह धनराशि प्रदेश सरकार द्वारा ‘चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट’ के रूप में गोद लिए गए अनाथ बच्चों की सहायता के लिए समर्पित की जाएगी। इस दौरान मुख्यमंत्री ने मध्य प्रदेश की गुल्लक टीम के सदस्यों से संवाद किया। यह भेंट सीएम के सरकारी आवास ओक ओवर में की गई। इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री डॉ. (कर्नल) धनीराम शांडिल, मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी, विधायक हरीश जनारथा, प्रधान सलाहकार (मीडिया) नरेश चौहान भी उपस्थित रहे। गुल्लक टीम के सदस्यों ने 3 दिन पहले राज्य सचिवालय में मुख्यमंत्री के विशेष कार्य अधिकारी (OSD) रितेश कपरेट से भी मुलाकात की थी। तब इन्होंने सीएम सिंह सुक्खू से मिलने का समय मांगा था। यह टीम पिछले दिनों हरियाणा में प्रचार कर रही थी। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान ये बच्चे मध्य प्रदेश से जम्मू-कश्मीर तक की यात्रा कर चुके हैं। इनका उद्देश्य सामाजिक जागरूकता और एकजुटता को बढ़ावा देना था। गुल्लक टीम के सदस्य जतिन परमार: 11वीं कक्षा का छात्र यशराज परमार: 7वीं कक्षा का छात्र राजकुमार परमार: 12वीं कक्षा का छात्र जिया परमार: 12वीं कक्षा की छात्रा हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल में मणिमहेश यात्रा, श्रद्धालुओं की आवाजाही:झील में कर रहे स्नान, गर्मी के चलते आ रहे यात्री, कार्तिक स्वामी मंदिर बर्फ से ढका हिमाचल प्रदेश के भरमौर में गर्मी का सीजन शुरू होने के साथ ही पवित्र एवं ऐतिहासिक मणिमहेश डल झील की तरफ श्रद्धालुओं का आना-जाना शुरू हो गया है। यहां पर करीब ढाई से तीन फीट बर्फ होने के बावजूद अब तक सैकड़ों श्रद्धालु बर्फ से ढकी झील में स्नान कर चुके हैं। आपको बता दें कि हर साल कृष्ण जन्माष्टमी से लेकर राधाअष्टमी तक पवित्र मणिमहेश यात्रा चलती है। लेकिन इससे पहले ही इस यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं का आना जाना शुरू हो गया है। मणिमहेश यात्रा के दौरान देश-विदेश से आने वो श्रद्धालु पवित्र मणिमहेश डल झील में शाही स्नान करते हैं। लेकिन निचले क्षेत्रों में अत्यधिक गर्मी व हीटवेव बढ़ जाने के कारण यहां पर श्रद्धालुओं का एकाएक आना-जाना बढ़ गया है। हर रोज पहुंच रहे दर्जनों श्रद्धालु निचले क्षेत्रों में तापमान में एकाएक बढ़ोतरी होने पर्यटकों के साथ-साथ हर रोज दर्जनों श्रद्धालु मणिमहेश की पवित्र डल झील की तरफ रख करके स्नान कर रहे हैं। हालांकि यहां पर अभी तक आधिकारिक रूप से इस यात्रा की घोषणा नहीं हुई है। बावजूद इसके स्थानीय लोगों द्वारा हडसर से लेकर मणिमहेश तक रहने व खाने-पीने का बंदोबस्त भी कर दिया है। जिसके लिए स्थानीय लोगों द्वारा रास्ते में टैंट लगाकर रहने की व्यवस्था भी शुरू कर दी गई है। लिहाजा यहां पर पर्यटक व श्रद्धालु गाइड के सहारे पहुंच कर पवित्र मणिमहेश के दर्शन कर रहे हैं और यहां बर्फ से जमी झील में स्नान कर रहे हैं। कार्तिक स्वामी का मंदिर बर्फ से ढका यहां पर स्थित कार्तिक स्वामी और भगवान भोलेनाथ का मंदिर बर्फ के बीच में ही ढके हुए हैं। बावजूद इसके अब तक यहां पर सैकड़ों श्रद्धालु पवित्र मणिमहेश के दर्शन करके इस पवित्र डल झील में स्नान करके वापस लौटे रहे हैं। यहां पहुंचने से परहेज करें यात्री : एसडीएम एडीएम भरमौर कुलबीर सिंह राणा ने कहा है कि प्रशासन की ओर से यहां पर यात्रा करने की पूरी तरह से पाबंदी है। उन्होंने कहा है गर्मियों का सीजन होने के चलते यहां पर बर्फ तेजी से पिघल रही है। लिहाजा यहां पर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए लगातार खतरा है। उन्होंने सभी श्रद्धालुओं से अपील की है कि जब तक प्रशासन की ओर से यहां पर आने-जाने के लिए पूरी तरह से व्यवस्था नहीं कर दी जाती है तब तक यहां पर यात्रा से परहेज किया जाए।
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हिमाचल: ढली मंडी का तीसरी बार शिलान्यास आज:2 बार पहले लाखों फूंके जा चुके; विस्तारीकरण के नाम पर एक इंट भी नहीं लगाई हिमाचल प्रदेश की सबसे बढ़ी ढली सब्जी मंडी का तीसरी बार शिलान्यास किया जा रहा है। मुख्यमंत्री सुखविंदरसुक्खू कुछ देर बाद इसका फाउंडेशन स्टोन रखेंगे। राज्य का मार्केटिंग बोर्ड और कृषि उपज विपणन समिति (APMC) शिमला किन्नौर दो बार पहले शिलान्यास पर लाखों रुपए फूंक चुका है। अब तीसरी बार लाखों फूंकने की तैयारी है। बता दें कि साल 2017 में सबसे पहले पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने चुनावी साल में 2017 में ढली सब्जी मंडी के विस्तारीकरण का शिलान्यास किया। इसके बाद APMC शिमला-किन्नौर ने यह प्रोजेक्ट ठंडे बस्ते में डाल दिया। किसानों और आढ़तियों की बार-बार मांग के बावजूद APMC ने मंडी का विस्तार नहीं किया। प्रदेश में लगभग तीन महीने बाद सत्ता परिवर्तन हुए। तब जयराम ठाकुर मुख्यमंत्री बने। पूर्व बीजेपी सरकार के कार्यकाल में मार्केटिंग बोर्ड और APMC ने दोबारा शिलान्यास कराया। मगर फाउंडेशन स्टोन लगाने के अलावा मंडी में विस्तारीकरण के नाम पर एक इंट नहीं लगाई गई। 36 करोड़ से मंडी बनाने का दावा अब सूबे के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू हैं। इनसे तीसरी बार शिलान्यास करवाया जा रहा है। दावा किया जा रहा है कि मंडी के विस्तारीकरण का काम लगभग 36 करोड़ रुपए की लागत से किया जाएगा। ढली में आधुनिक सुविधाओं से लैस मंडी बनाई जाएगी। मंडी में नई दुकानें और पार्किंग का निर्माण किया जाएगा। बजट होने के बावजूद मंडी का निर्माण नहीं हैरानी इस बात की है कि APMC शिमला-किन्नौर बजट होने के बावजूद मंडी का निर्माण नहीं किया जा रहा है। APMC का सबसे अहम जरिया सेब है। सेब पर APMC द्वारा एक फीसदी मार्केट फीस ली जाती है। इससे APMC को करोड़ों रुपए की इनकम होती है। इसी मंडी से एपीएमसी को सबसे ज्यादा इनकम होती है। अच्छी फसल होने पर यह 50 करोड़ से ज्यादा की हो जाती है। इसी तरह मंडियों से भी APMC करोड़ों रुपए कमाता है। मगर मंडी के विस्तारीकरण के नाम पर बार बार किसानों और आढ़तियों को बेवकूफ बनाया जा रहा है। पूर्व दो मुख्यमंत्रियों द्वारा लगाई गई शिलान्यास पट्टिकाएं हटाकर तीसरी लगा दी गई है। प्रदेश की सबसे बड़ी मंडी, इसलिए विस्तारीकरण जरूरी: देवानंद APMC शिमला किन्नौर के चेयरमैन देवानंद वर्मा से जब इसे लेकर पूछा गया तो उन्होंने बताया कि पहले दो बार शिलान्यास जरूर हुए है। मगर मंडी बनाने को पहल नहीं की गई, जबकि यह सबसे जरूरी मंडी है। इसलिए विस्तारीकरण किया जा रहा है।