शिमला जिले के लुहरी में निर्माणाधीन हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट में इंटक (इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस) ने प्रोजेक्ट का निर्माण कर रही कंपनी पर 450 मजदूरों की एक साथ गैर कानूनी तरीके से छटनी के आरोप लगाए है। मजदूर संगठन का कहना है कि SJVNL ने पटेल कंपनी को प्रोजेक्ट का कार्य दिया हुआ है, और पटेल कंपनी के अंतर्गत प्रोजेक्ट 587 मजदूर काम कर रहे थे। लेकिन कंपनी ने 450 से ज्यादा मजदूरों को एक साथ नौकरी से निकाल दिया है। कांग्रेस के मजदूर संगठन इंटक ने प्रदेश सरकार से मामले में हस्तक्षेप करके इस मामले को जल्द से जल्द सुलझाने की मांग की है। इसी कड़ी में मजदूरों ने आज डीसी शिमला अनुपम कश्यप के साथ बैठक की है। जिसमें कांग्रेस के 2 विधायक भी शामिल हुए। कंपनी ने की 450 मजदूरों की छटनी इंटक प्रदेश उपाध्यक्ष विहारी सेवगी ने शिमला में पत्रकार वार्ता करते हुए कहा कि शिमला के निकट में रामपुर के पास निर्माणाधीन 210 मेगावाट के इस प्रोजेक्ट में गैर कानूनी तरीके से करीब 450 लोगो की छटनी की गई है। प्रोजेक्ट का निर्माण कर रही कंपनी ने 16 अगस्त को प्रोजेक्ट में कार्यरत 500 कर्मचारियों में से एक साथ 450 मजदूरों को निकाल दिया है। उन्होंने कहा कि निकाले गए कर्मचारियों को अंतिम 2 महीनों के वेतन तक नहीं दिया गया है। बिना नोटिस पीरियड दिए निकाल दिए मजदूर सेवगी ने कहा कि कंपनी ने मजदूरों का बिना नोटिस पीरियड दिए नौकरी से निकाल दिया है, ना ही मजदूरों को कोई मुआवजा दिया है। इंटक का मानना है कि इस प्रकार की छटनी गैर कानूनी है, और कंपनी द्वारा मजदूरों के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। DC शिमला के समक्ष रखा मजदूरों का पक्ष उन्होंने कहा कि लुहरी प्रोजेक्ट से निकाले गए मजदूरों को लेकर आज बैठक बुलाई थी। इस बैठक में प्रभावित विधानसभा क्षेत्रों के विधायकों जिसमें रामपुर और ठियोग के विधायक भी शामिल रहे। उन्होंने कहा कि डीसी शिमला और दोनों विधायकों के सामने उन्होंने मजदूरों का पक्ष रखा है उन्हें उम्मीद है कि सरकार इस मामले का जल्द से जल्द समाधान निकालेगी । उन्होंने कहा कि डीसी शिमला के समक्ष प्रभावित मजदूरों को उनकी वितीय देनदारियां कंपनी से दिलवाने के निर्देश देने की मांग की है। । शिमला जिले के लुहरी में निर्माणाधीन हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट में इंटक (इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस) ने प्रोजेक्ट का निर्माण कर रही कंपनी पर 450 मजदूरों की एक साथ गैर कानूनी तरीके से छटनी के आरोप लगाए है। मजदूर संगठन का कहना है कि SJVNL ने पटेल कंपनी को प्रोजेक्ट का कार्य दिया हुआ है, और पटेल कंपनी के अंतर्गत प्रोजेक्ट 587 मजदूर काम कर रहे थे। लेकिन कंपनी ने 450 से ज्यादा मजदूरों को एक साथ नौकरी से निकाल दिया है। कांग्रेस के मजदूर संगठन इंटक ने प्रदेश सरकार से मामले में हस्तक्षेप करके इस मामले को जल्द से जल्द सुलझाने की मांग की है। इसी कड़ी में मजदूरों ने आज डीसी शिमला अनुपम कश्यप के साथ बैठक की है। जिसमें कांग्रेस के 2 विधायक भी शामिल हुए। कंपनी ने की 450 मजदूरों की छटनी इंटक प्रदेश उपाध्यक्ष विहारी सेवगी ने शिमला में पत्रकार वार्ता करते हुए कहा कि शिमला के निकट में रामपुर के पास निर्माणाधीन 210 मेगावाट के इस प्रोजेक्ट में गैर कानूनी तरीके से करीब 450 लोगो की छटनी की गई है। प्रोजेक्ट का निर्माण कर रही कंपनी ने 16 अगस्त को प्रोजेक्ट में कार्यरत 500 कर्मचारियों में से एक साथ 450 मजदूरों को निकाल दिया है। उन्होंने कहा कि निकाले गए कर्मचारियों को अंतिम 2 महीनों के वेतन तक नहीं दिया गया है। बिना नोटिस पीरियड दिए निकाल दिए मजदूर सेवगी ने कहा कि कंपनी ने मजदूरों का बिना नोटिस पीरियड दिए नौकरी से निकाल दिया है, ना ही मजदूरों को कोई मुआवजा दिया है। इंटक का मानना है कि इस प्रकार की छटनी गैर कानूनी है, और कंपनी द्वारा मजदूरों के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। DC शिमला के समक्ष रखा मजदूरों का पक्ष उन्होंने कहा कि लुहरी प्रोजेक्ट से निकाले गए मजदूरों को लेकर आज बैठक बुलाई थी। इस बैठक में प्रभावित विधानसभा क्षेत्रों के विधायकों जिसमें रामपुर और ठियोग के विधायक भी शामिल रहे। उन्होंने कहा कि डीसी शिमला और दोनों विधायकों के सामने उन्होंने मजदूरों का पक्ष रखा है उन्हें उम्मीद है कि सरकार इस मामले का जल्द से जल्द समाधान निकालेगी । उन्होंने कहा कि डीसी शिमला के समक्ष प्रभावित मजदूरों को उनकी वितीय देनदारियां कंपनी से दिलवाने के निर्देश देने की मांग की है। । हिमाचल | दैनिक भास्कर
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शिमला में कार बैक करते समय खाई में गिरी:हादसे में ड्राइवर की मौत, दो घायल; काम से लौट रहे थे घर शिमला जिला के रोहड़ू के अंद्रेवठी कैंची के पास दर्दनांक सड़क हादसा पेश आया है। इस सड़क हादसे में व्यक्ति की मौत और दो गंभीर घायल हो गए है। रोहड़ू के अंद्रेवठी कैंची के पास काम से लौट रहे कार चालक ने अपना नियंत्रण खो दिया जिससे कार खेत में गिर गई। हादसे में ड्राइवर की मौत हो गई, वहीं दो अन्य लोग घायल हुए हैं। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार घटना शुक्रवार देर शाम 7 बजे के आस पास की बताई जा रही है। भमनोली निवासी बागवान भूमि देव अपने दो कामगारों के साथ बगीचे से काम करके लौट रहे थे।मिली जानकारी के मुताबिक धन-बहादुर ने पुलिस को बताया कि वह और लीला राम भूमिदेव के पास काम करते हैं। शुक्रवार को बगीचे का काम खत्म करके वह बगीचे से भूमिदेव के साथ उनकी ही गाड़ी से उनके गांव भमनोली लौट रहे थे। तभी रास्ते में ये हादसा हो गया। भूमिदेव शर्मा चला रहा था गाड़ी उन्होंने पुलिस को बताया कि भूमिदेव अपनी गाड़ी चला रहा था और वह दोनों पीछे बैठे हुए थे। गाड़ी जब अंद्रेवठी कैंची के पास पहुंची तो भूमिदेव ने समरकोट से आ रही दूसरी गाड़ी को पास देने के लिए अपनी गाड़ी पीछे की। कार को पीछे करते समय भूमिदेव ने गाड़ी से नियंत्रण खो दिया और गाड़ी उसके बाईं ओर खेतों में जाकर गिरी। इसमें उन तीनों को चोटें आई है। तीनों को उपचार के लिए रोहड़ू हॉस्पिटल पहुँचाया गया। पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक उपचार के दौरान भूमिदेव शर्मा ने दम तोड़ दिया। उसकी उम्र 54 साल थी, जो भमनौली रोहड़ू शिमला का रहने वाला था। वहीं पुलिस धन बहादुर के बयान के आधार पर मामले की जांच कर रही है।
हिमाचल में आर्थिक संकट के बीच सैलरी-पेंशन पर संकट:कल दिनभर इंतजार करते रहे कर्मचारी-पेंशनर; पहली बार 1 तारीख को नहीं मिली
हिमाचल में आर्थिक संकट के बीच सैलरी-पेंशन पर संकट:कल दिनभर इंतजार करते रहे कर्मचारी-पेंशनर; पहली बार 1 तारीख को नहीं मिली हिमाचल प्रदेश में आर्थिक संकट के बीच कर्मचारी-पेंशनर की सैलरी व पेंशन पर संकट आ गया है। प्रदेश में पहली बार ऐसा हुआ है जब कर्मचारियों व पेंशनरों को 1 तारीख को सैलरी-पेंशन नहीं मिली। इससे राज्य के 2 लाख से ज्यादा कर्मचारियों और लगभग 1.50 लाख पेंशनरों की चिंताएं बढ़ गई है। कर्मचारी-पेंशनर बीते कल को दिनभर सैलरी-पेंशन के मैसेज का इंतजार करते रहे। मगर देर रात तक मैसेज नहीं आया। हालांकि बीते कल रविवार था। मगर पहले भी रविवार को कर्मचारी-पेंशनर को सैलरी-पेंशन मिलती रही है। एक तारीख को यदि रविवार आ रहा हो तो उस सूरत में सरकार शनिवार को ही ट्रैज़री में सैलरी-पेंशन डाल देती थी और रविवार को सैलरी-पेंशन क्रेडिट हो जाती थी। मगर आर्थिक संकट के बीच इस बार ऐसा नहीं हुआ। अगस्त महीने की सैलरी-पेंशन के लिए कर्मचारी-पेंशनर इंतजार में है। यह गंभीर आर्थिक संकट का इशारा है। पेंशनर वेलफेयर एसोसिएशन शिमला शहरी इकाई के महासचिव सुभाष वर्मा ने बताया कि आज तक ऐसा कभी नहीं हुआ, जब उन्हें एक तारीख को सैलरी और पेंशन न मिली हो। उन्होंने बताया कि पेंशनर कल दिनभर पेंशन का इंतजार करते रहे। उन्होंने सरकार से आज पेंशन का जल्द भुगतान करने की मांग की है। आर्थिक संकट के बीच सैलरी डैफर कर चुके CM-मंत्री-CPS आर्थिक संकट के बीच मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू, कैबिनेट मंत्री व मुख्य संसदीय सचिवों (CPS) ने 2 महीने का वेतन डैफर कर चुके हैं। यानी अगस्त और सितंबर की सैलरी अक्टूबर महीने में लेंगे। CM सुक्खू का दावा है कि इससे अर्थव्यवस्था को बूस्ट मिलेगा। सीएम आर्थिक संकट जैसी स्थिति से साफ इनकार कर चुके हैं। इससे डगमगा रही अर्थव्यवस्था हिमाचल की अर्थव्यवस्था बढ़ते कर्ज और रेवेन्यू डेफिसिएट ग्रांट (RDG) के निरंतर कम होने से डगमगा रही है। 14वें वित्त आयोग में हिमाचल को RDG में 40624 करोड़ रुपए मिले थे। 15वें वित्त आयोग में यह बढ़ने के बजाय कम होकर 37199 करोड़ रह गया। साल 2021-22 में RDG में हिमाचल को केंद्र से 10249 करोड़ मिले। जो कि अगले वित्त वर्ष 2025-26 में 3257 करोड़ की रह जाएगी। GTS प्रतिपूर्ति राशि और NPS मैचिंग ग्रांट भी बंद GST प्रतिपूर्ति राशि भी भारत सरकार ने जून 2022 में बंद कर दी है, जोकि देश में GST लागू होने के बाद से हर साल 3000 करोड़ रुपए से ज्यादा मिल रही थी। न्यू पेंशन स्कीम (NPS) के बदले हिमाचल को हर साल मिलने वाली मैचिंग ग्रांट भी केंद्र सरकार ने बंद कर दी है। राज्य सरकार हर साल मार्च में 1780 करोड़ रुपए NPA के तौर पर PFRDA के पास जमा कराता था, लेकिन बीते साल अप्रैल से हिमाचल में ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) बहाल कर दी गई है। इसलिए अप्रैल 2023 से NPA में स्टेट और कर्मचारियों का शेयर PFRDA के पास जमा नहीं होगा। इसे देखते हुए केंद्र ने इसकी मैचिंग ग्रांट भी रोक दी है। लोन लेने की सीमा 5% से 3.5% की पूर्व BJP सरकार के कार्यकाल में हिमाचल को सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का 5% तक लोन लेने की छूट थी, जो अब घटाकर 3.5% कर दी गई है। केंद्र ने हिमाचल में सत्ता परिवर्तन के बाद ही कर्ज लेने की सीमा को घटा दिया था। यानी 2022 तक हिमाचल को लगभग 14,500 करोड़ रुपए सालाना का लोन लेने की छूट थी। मगर अब 9000 करोड़ रुपए सालाना लोन लेने की छूट है। 94 हजार करोड़ पहुंचा कर्च छोटे से पहाड़ी राज्य हिमाचल पर लगभग 94 हजार करोड़ रुपए का कर्ज हो गया है। 10 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की कर्मचारियों की देनदारी बकाया है। इससे प्रति व्यक्ति 1.17 लाख रुपए कर्ज चढ़ चुका है, जो कि देश में अरुणाचल प्रदेश के बाद दूसरा सबसे ज्यादा है। इसलिए आय का ज्यादातर हिस्सा पुराना कर्ज चुकाने, ब्याज देने, कर्मचारियों-पेंशनर की सैलरी पर पर खर्च हो रहा है। विकास कार्य के लिए बहुत कम पैसा बच पा रहा है। इससे आमदन्नी अठन्नी और खर्चा रुपया वाली स्थिति हो गई। इन सब वजह से हिमाचल की अर्थव्यवस्था डगमगा लगी है। चिंता इस बात की है कि कर्मचारियों-पेंशनर का लगभग 10 हजार करोड़ रुपए का एरियर सरकार के पास बकाया है। प्रदेश की पूर्व सरकार ने सभी कर्मचारियों-पेंशनर को जनवरी 2016 से नए वेतनमान के लाभ तो दे दिए। मगर इसका एरियर अभी भी बकाया पड़ा है। दिसंबर 2022 में विधानसभा चुनाव से पहले 30 से 40 हजार रुपए की एरियर की एक किश्त जरूर दी गई है। मगर यह ऊंट के मुंह में जीरा समान है। कई कर्मचारियों व पेंशनर का तीन-चार लाख रुपए से भी ज्यादा का एरियर बकाया है। जिसका कर्मचारी-पेंशनर बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। सुक्खू सरकार ने 75 साल या इससे अधिक आयु के पेंशनर को जरूर एरियर देने की नोटिफिकेशन की है। ऐसे बढ़ रहा कर्ज राज्य सरकार द्वारा बजट सत्र के दौरान लाए गए व्हाइट पेपर के अनुसार, पूर्व वीरभद्र सरकार के कार्यकाल तक प्रदेश पर लगभग 47 हजार करोड़ का कर्ज था। जब प्रदेश की सत्ता से पूर्व बीजेपी सरकार बाहर हुई तो राज्य पर लगभग 76 हजार करोड़ का कर्ज चढ़ चुका था। 10 हजार करोड़ की कर्मचारियों की देनदानी बकाया था। अब यह कर्ज लगभग 94 हजार करोड़ हो गया है।
हिमाचल में भारी बारिश और लैंडस्लाइड की चेतावनी:अगले 48 घंटे अलर्ट रहने की सलाह; मानसून में अब तक 433 करोड़ की संपत्ति नष्ट
हिमाचल में भारी बारिश और लैंडस्लाइड की चेतावनी:अगले 48 घंटे अलर्ट रहने की सलाह; मानसून में अब तक 433 करोड़ की संपत्ति नष्ट हिमाचल प्रदेश में आज और कल भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। आज के लिए 3 जिलों ऊना, कांगड़ा, सिरमौर जिले में चेतावनी जारी की गई है, जबकि कल 5 जिलों ऊना, हमीरपुर, बिलासपुर, शिमला और सिरमौर में भारी बारिश का पूर्वानुमान है। इससे इन जिलों में भूस्खलन और अचानक बाढ़ की घटनाएं हो सकती हैं। इसे देखते हुए प्रदेश के लोगों के साथ-साथ पहाड़ों पर आने वाले पर्यटकों को एहतियात बरतने की सलाह दी गई है। परसों यानी 2 अगस्त को मानसून फिर कमजोर पड़ जाएगा। 4 अगस्त को प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में फिर बारिश हो सकती है। पिछले तीन दिनों से प्रदेश में मानसून सक्रिय हो गया है। इसके चलते 29 जुलाई को प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में अच्छी बारिश हुई है। 29 जुलाई की रात को कुल्लू जिले में दो और किन्नौर में एक जगह बादल फटने की घटनाएं हुई हैं। इससे भारी नुकसान हुआ है। मानसून सीजन में 36 फीसदी कम बारिश पूरे मानसून सीजन में राज्य में सामान्य से 36 फीसदी कम बारिश हुई है। ऐसा एक भी जिला नहीं है, जहां पूरे सीजन में सामान्य से ज्यादा बारिश हुई हो। 1 जून से 30 जुलाई तक सामान्य बारिश 348.6 मिमी होती है, लेकिन इस बार 224.4 मिमी बारिश हुई है। 433 करोड़ की संपत्ति नष्ट इस मानसून सीजन में राज्य में 433 करोड़ की सरकारी और निजी संपत्ति नष्ट हो गई है। भारी बारिश के कारण 19 घर पूरी तरह जमींदोज हो गए हैं, जबकि 95 घरों को आंशिक नुकसान पहुंचा है। इसी तरह 1 दुकान, 87 गौशालाएं और 5 लेबर शेड भी बारिश की भेंट चढ़ गए हैं।