कवि कुमार विश्वास ने बांके बिहारी का आशीर्वाद लिया:श्रीकृष्ण जन्मस्थान केस में कहा- काशी, मथुरा और अयोध्या सनातन धर्म की आस्था के मूल बिंदु

कवि कुमार विश्वास ने बांके बिहारी का आशीर्वाद लिया:श्रीकृष्ण जन्मस्थान केस में कहा- काशी, मथुरा और अयोध्या सनातन धर्म की आस्था के मूल बिंदु

प्रख्यात कवि कुमार विश्वास एक कवि सम्मेलन में शिरकत करने मथुरा पहुंचे। जहां उन्होंने कवि सम्मेलन में शिरकत करने से पहले वृंदावन में भगवान बांके बिहारी जी के दर्शन किए। इस दौरान उन्होंने कहा कि दूसरा पक्ष राजनीति से उठकर यह समझेगा कि काशी,मथुरा और अयोध्या सनातन संस्कृति के आस्था के बिंदु हैं। बांके बिहारी जी के दर्शन कर की पूजा अर्चना कवि कुमार विश्वास सुरक्षा व्यवस्था के बीच बांके बिहारी मंदिर पहुंचे। यहां उन्होंने भगवान बांके बिहारी जी के दर्शन किए। इस दौरान मंदिर के पुजारी गोपी गोस्वामी और श्री नाथ गोस्वामी ने उनको पूजा अर्चना कराई। कुमार विश्वास 5 मिनट तक भगवान बांके बिहारी जी को निहारते रहे। कुमार विश्वास को भेंट किया प्रसाद और बांसुरी दर्शन करने के बाद कुमार विश्वास को मंदिर के पुजारी गोपी गोस्वामी ने भगवान का प्रसादी अंग वस्त्र माला और प्रसाद भेंट किया। इसके साथ ही भगवान की सेवा में अर्पित की गई बांसुरी भी भेंट की। जिसे कुमार विश्वास ने अपने सर पर लगाया। इस दौरान वह पूरी तरह भक्ति के रंग में रंगे नजर आए। कुमार विश्वास ने कहा मथुरा उनका घर दर्शन करने के बाद गोपी गोस्वामी की गद्दी पर मीडिया से रुबरू हुए कुमार विश्वास ने कहा कि मथुरा उनका घर है,परिवार है। अभी श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर अपने अपने श्याम का अवसर मिला वृंदावन की पावन भूमि पर । लेकिन लंबे समय बाद वह मथुरा में कवि सम्मेलन कर रहे हैं। उन्होंने कहा अयोध्या श्रद्धा की भूमि है काशी परमानंद की भूमि है ऐसे ही ब्रज रस और आनंद की भूमि है। यहां प्रवेश करते ही आदमी रस और आनंद में आ जाता हैं। मां की तबीयत खराब होने के कारण नहीं आ पाई कवि कुमार विश्वास ने कहा कि माताजी ने कहा वह नहीं आ सकती तबीयत खराब थी। उनकी तरफ से हाजिरी लगाने आया हूं,क्योंकि माता पिता का जो दायित्व है वह बच्चों को पूरा करना चाहिए। अब उनका स्वास्थ्य सही है तो वह अगले माह आएंगी। क्योंकि हर महीने परिवार से कोई न कोई आता है। में भगवान से कभी नहीं मांगता कुमार विश्वास ने कहा भगवान से कभी मांगता नहीं हूं। अगर इनसे भी मांगना पड़ा तो किसे समझाएंगे। हमारे भविष्य के लिए,देश के लिए,मानवता के लिए जो श्रेष्ठ है जो उत्तम होगा,चाहे सर्जना हो या संहार हो भगवान उसकी व्यवस्था करेंगे। मनुष्य बुद्धि के नाते हम उसकी व्याख्या नहीं कर पाते। हम को लगता है दुख है,कष्ट है,पर भगवान की जो दृष्टि है तीनों काल में जाती हुई उसे देखकर वह सही निर्णय लेते हैं। इसलिए उनके सामने सदा मौज लो। श्री कृष्ण जन्मस्थान मामले पर कहा कि दूसरे पक्ष को राजनीति से हटकर सोचना चाहिए कुमार विश्वास ने श्री कृष्ण जन्मस्थान मामले पर कहा कि वह आशा करते हैं कि जिस प्रकार वर्षों के संघर्ष के बाद भगवान राम अपने श्री विग्रह में पुनः विराजित हुए हैं,राजनीति से हटकर दूसरा पक्ष समझेगा चाहे काशी हो,अयोध्या हो या मथुरा हो ये सनातन धर्म की आस्था के मूल बिंदु हैं। यहां अगर उनको अपना स्थान देने का प्रयास अगर वह करेगा और पूर्व में बाहर से आए रेगिस्तानी विधर्मी लुटेरों के कारण जो कुछ भी अप कर्म यहां हो गया था उसका शुद्धिकरण अगर दूसरा पक्ष कर सके बिना किसी न्यायालय के वाद के बिना किसी राजनीतिक दबाव के बिना किसी जनमत के और बिना किसी चुनावी परिणाम के तो मुझे लगता है देश की सारभौम और समरस एकता के लिए अच्छा होगा। सांप्रदायिक सद्भाव के लिए अच्छा होगा। में वह दिन देख रहा हूं स्पष्ट कि दूसरे पक्ष में यह बुद्धि आयेगी,विवेक आएगा यह प्रेम आएगा। वह समय जल्दी आएगा,जिस तरह हमने भगवान राम को उन्मुक्त भाव के साथ बैठे देखा। जल्द ही भगवान श्री कृष्ण को पूरे परिसर में विराजमान देखेंगे। यति नरसिंहानंद के विरोध पर कहा कि धर्म का आदर करें यति नरसिंहानंद का बयान और उसको लेकर हो रहे विरोध पर कवि कुमार विश्वास ने कहा कि सनातन धर्म सिखाता है कि धर्म का आदर करें और किसी धर्म पर कोई टिप्पणी करने की आवश्यकता नहीं। मेरा धर्म इतना विराट है मेरी आस्था इतनी विराट है मेरी भारतीयता इतनी विराट है कि मुझे यह क्यों करना चाहिए। उन्होंने सभी पक्षों से अपील करते हुए कहा कि भारत की छवि जो विश्व भर में है और भारत की जो समरसता है उसको सुरक्षित रखें और सनातन धर्म की जय हो विजय हो। प्रख्यात कवि कुमार विश्वास एक कवि सम्मेलन में शिरकत करने मथुरा पहुंचे। जहां उन्होंने कवि सम्मेलन में शिरकत करने से पहले वृंदावन में भगवान बांके बिहारी जी के दर्शन किए। इस दौरान उन्होंने कहा कि दूसरा पक्ष राजनीति से उठकर यह समझेगा कि काशी,मथुरा और अयोध्या सनातन संस्कृति के आस्था के बिंदु हैं। बांके बिहारी जी के दर्शन कर की पूजा अर्चना कवि कुमार विश्वास सुरक्षा व्यवस्था के बीच बांके बिहारी मंदिर पहुंचे। यहां उन्होंने भगवान बांके बिहारी जी के दर्शन किए। इस दौरान मंदिर के पुजारी गोपी गोस्वामी और श्री नाथ गोस्वामी ने उनको पूजा अर्चना कराई। कुमार विश्वास 5 मिनट तक भगवान बांके बिहारी जी को निहारते रहे। कुमार विश्वास को भेंट किया प्रसाद और बांसुरी दर्शन करने के बाद कुमार विश्वास को मंदिर के पुजारी गोपी गोस्वामी ने भगवान का प्रसादी अंग वस्त्र माला और प्रसाद भेंट किया। इसके साथ ही भगवान की सेवा में अर्पित की गई बांसुरी भी भेंट की। जिसे कुमार विश्वास ने अपने सर पर लगाया। इस दौरान वह पूरी तरह भक्ति के रंग में रंगे नजर आए। कुमार विश्वास ने कहा मथुरा उनका घर दर्शन करने के बाद गोपी गोस्वामी की गद्दी पर मीडिया से रुबरू हुए कुमार विश्वास ने कहा कि मथुरा उनका घर है,परिवार है। अभी श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर अपने अपने श्याम का अवसर मिला वृंदावन की पावन भूमि पर । लेकिन लंबे समय बाद वह मथुरा में कवि सम्मेलन कर रहे हैं। उन्होंने कहा अयोध्या श्रद्धा की भूमि है काशी परमानंद की भूमि है ऐसे ही ब्रज रस और आनंद की भूमि है। यहां प्रवेश करते ही आदमी रस और आनंद में आ जाता हैं। मां की तबीयत खराब होने के कारण नहीं आ पाई कवि कुमार विश्वास ने कहा कि माताजी ने कहा वह नहीं आ सकती तबीयत खराब थी। उनकी तरफ से हाजिरी लगाने आया हूं,क्योंकि माता पिता का जो दायित्व है वह बच्चों को पूरा करना चाहिए। अब उनका स्वास्थ्य सही है तो वह अगले माह आएंगी। क्योंकि हर महीने परिवार से कोई न कोई आता है। में भगवान से कभी नहीं मांगता कुमार विश्वास ने कहा भगवान से कभी मांगता नहीं हूं। अगर इनसे भी मांगना पड़ा तो किसे समझाएंगे। हमारे भविष्य के लिए,देश के लिए,मानवता के लिए जो श्रेष्ठ है जो उत्तम होगा,चाहे सर्जना हो या संहार हो भगवान उसकी व्यवस्था करेंगे। मनुष्य बुद्धि के नाते हम उसकी व्याख्या नहीं कर पाते। हम को लगता है दुख है,कष्ट है,पर भगवान की जो दृष्टि है तीनों काल में जाती हुई उसे देखकर वह सही निर्णय लेते हैं। इसलिए उनके सामने सदा मौज लो। श्री कृष्ण जन्मस्थान मामले पर कहा कि दूसरे पक्ष को राजनीति से हटकर सोचना चाहिए कुमार विश्वास ने श्री कृष्ण जन्मस्थान मामले पर कहा कि वह आशा करते हैं कि जिस प्रकार वर्षों के संघर्ष के बाद भगवान राम अपने श्री विग्रह में पुनः विराजित हुए हैं,राजनीति से हटकर दूसरा पक्ष समझेगा चाहे काशी हो,अयोध्या हो या मथुरा हो ये सनातन धर्म की आस्था के मूल बिंदु हैं। यहां अगर उनको अपना स्थान देने का प्रयास अगर वह करेगा और पूर्व में बाहर से आए रेगिस्तानी विधर्मी लुटेरों के कारण जो कुछ भी अप कर्म यहां हो गया था उसका शुद्धिकरण अगर दूसरा पक्ष कर सके बिना किसी न्यायालय के वाद के बिना किसी राजनीतिक दबाव के बिना किसी जनमत के और बिना किसी चुनावी परिणाम के तो मुझे लगता है देश की सारभौम और समरस एकता के लिए अच्छा होगा। सांप्रदायिक सद्भाव के लिए अच्छा होगा। में वह दिन देख रहा हूं स्पष्ट कि दूसरे पक्ष में यह बुद्धि आयेगी,विवेक आएगा यह प्रेम आएगा। वह समय जल्दी आएगा,जिस तरह हमने भगवान राम को उन्मुक्त भाव के साथ बैठे देखा। जल्द ही भगवान श्री कृष्ण को पूरे परिसर में विराजमान देखेंगे। यति नरसिंहानंद के विरोध पर कहा कि धर्म का आदर करें यति नरसिंहानंद का बयान और उसको लेकर हो रहे विरोध पर कवि कुमार विश्वास ने कहा कि सनातन धर्म सिखाता है कि धर्म का आदर करें और किसी धर्म पर कोई टिप्पणी करने की आवश्यकता नहीं। मेरा धर्म इतना विराट है मेरी आस्था इतनी विराट है मेरी भारतीयता इतनी विराट है कि मुझे यह क्यों करना चाहिए। उन्होंने सभी पक्षों से अपील करते हुए कहा कि भारत की छवि जो विश्व भर में है और भारत की जो समरसता है उसको सुरक्षित रखें और सनातन धर्म की जय हो विजय हो।   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर