हिमाचल प्रदेश के पड़ोसी राज्य हरियाणा के चुनावी नतीजों ने कांग्रेस को बेकफुट पर ला दिया है। हरियाणा के साथ हिमाचल प्रदेश में भी राजनीति गरमा गई है। हरियाणा में कांग्रेस की हार के लिए भाजपा हिमाचल की कांग्रेस सरकार को जिम्मेदार ठहरा रही है। हिमाचल भाजपा का शीर्ष नेतृत्व दावा कर रहा है कि कांग्रेस द्वारा हिमाचल प्रदेश की जनता को दिए गए झूठे वादे ही हरियाणा में कांग्रेस की हार का कारण बने हैं। भाजपा के इन दावों पर पलटवार करते हुए राज्य सरकार के उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने इसे पूरी तरह से खारिज किया। स्थानीय मुद्दों पर लड़े जाते हैं चुनाव हर्षवर्धन चौहान ने भाजपा पर पलटवार करते हुए विपक्ष के दावों को खारिज किया। उन्होंने कहा कि हरियाणा में चुनाव परिणाम उम्मीदों के विपरीत रहे हैं। सभी रिपोर्ट कांग्रेस के पक्ष में थीं। हार के कारणों पर पार्टी हाईकमान विचार-विमर्श करेगा। मगर कल से प्रदेश में भाजपा नेता यह दिखाने की कोशिश कर रहे हैं कि हिमाचल की गारंटियों का हरियाणा चुनाव पर असर पड़ा है, लेकिन ऐसा कुछ नहीं है। चौहान ने कहा कि राज्यों में चुनाव स्थानीय मुद्दों और नेताओं के रिपोर्ट कार्ड पर लड़े जाते हैं। जम्मू-कश्मीर में इंडिया गठबंधन की सरकार बन रही है। मीडिया का आकलन भी कांग्रेस के पक्ष में था मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि हरियाणा में नतीजे उम्मीद के मुताबिक नहीं रहे। मीडिया का आकलन भी कांग्रेस के पक्ष में था। इसके बावजूद वे चुनाव नहीं जीत पाए। हरियाणा में वे चुनाव क्यों हारे, इसका आकलन करने की जरूरत है और पार्टी हाईकमान इसका आकलन जरूर करेगा। इस बीच, भाजपा प्रवक्ता संदीप भारद्वाज ने प्रेस को जारी बयान में हरियाणा में भाजपा की जीत के लिए मुख्यमंत्री सुखविंदर सुखू का आभार जताया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुक्खू के हरियाणा दौरे के बाद भाजपा के चुनाव प्रचार को उस समय बल मिला जब हरियाणा की जनता को पता चला कि हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस द्वारा दी गई सभी 10 गारंटी झूठी थीं। हिमाचल प्रदेश की जनता ठगा हुआ महसूस कर रही है और हरियाणा की जनता समझ गई है कि कांग्रेस के सभी चुनावी हथकंडे लोगों को गुमराह करने के लिए चुनावी हथकंडे थे। हिमाचल प्रदेश के पड़ोसी राज्य हरियाणा के चुनावी नतीजों ने कांग्रेस को बेकफुट पर ला दिया है। हरियाणा के साथ हिमाचल प्रदेश में भी राजनीति गरमा गई है। हरियाणा में कांग्रेस की हार के लिए भाजपा हिमाचल की कांग्रेस सरकार को जिम्मेदार ठहरा रही है। हिमाचल भाजपा का शीर्ष नेतृत्व दावा कर रहा है कि कांग्रेस द्वारा हिमाचल प्रदेश की जनता को दिए गए झूठे वादे ही हरियाणा में कांग्रेस की हार का कारण बने हैं। भाजपा के इन दावों पर पलटवार करते हुए राज्य सरकार के उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने इसे पूरी तरह से खारिज किया। स्थानीय मुद्दों पर लड़े जाते हैं चुनाव हर्षवर्धन चौहान ने भाजपा पर पलटवार करते हुए विपक्ष के दावों को खारिज किया। उन्होंने कहा कि हरियाणा में चुनाव परिणाम उम्मीदों के विपरीत रहे हैं। सभी रिपोर्ट कांग्रेस के पक्ष में थीं। हार के कारणों पर पार्टी हाईकमान विचार-विमर्श करेगा। मगर कल से प्रदेश में भाजपा नेता यह दिखाने की कोशिश कर रहे हैं कि हिमाचल की गारंटियों का हरियाणा चुनाव पर असर पड़ा है, लेकिन ऐसा कुछ नहीं है। चौहान ने कहा कि राज्यों में चुनाव स्थानीय मुद्दों और नेताओं के रिपोर्ट कार्ड पर लड़े जाते हैं। जम्मू-कश्मीर में इंडिया गठबंधन की सरकार बन रही है। मीडिया का आकलन भी कांग्रेस के पक्ष में था मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि हरियाणा में नतीजे उम्मीद के मुताबिक नहीं रहे। मीडिया का आकलन भी कांग्रेस के पक्ष में था। इसके बावजूद वे चुनाव नहीं जीत पाए। हरियाणा में वे चुनाव क्यों हारे, इसका आकलन करने की जरूरत है और पार्टी हाईकमान इसका आकलन जरूर करेगा। इस बीच, भाजपा प्रवक्ता संदीप भारद्वाज ने प्रेस को जारी बयान में हरियाणा में भाजपा की जीत के लिए मुख्यमंत्री सुखविंदर सुखू का आभार जताया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुक्खू के हरियाणा दौरे के बाद भाजपा के चुनाव प्रचार को उस समय बल मिला जब हरियाणा की जनता को पता चला कि हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस द्वारा दी गई सभी 10 गारंटी झूठी थीं। हिमाचल प्रदेश की जनता ठगा हुआ महसूस कर रही है और हरियाणा की जनता समझ गई है कि कांग्रेस के सभी चुनावी हथकंडे लोगों को गुमराह करने के लिए चुनावी हथकंडे थे। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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इससे पहले 2013, 2017, 2019, 2020, 2021 और नवंबर 2022 में भी झील में रिसाव हो चुका है। बता दें कि आसपास के पहाड़ों की गाद ने इसकी गहराई कम कर दी थी। झील का लगभग आधा क्षेत्र गाद से भरा हुआ है, जिसे घास के मैदान में बदल दिया गया है। झील से गाद निकालने के लिए 2011 में स्थानीय लोगों की मदद से एक बड़ा अभियान शुरू किया गया था। गाद का उपयोग मंदिर क्षेत्र के पास पार्किंग बनाने के लिए किया गया था। तब से झील तेजी से सूख रही है। क्लाइमेट चेंज झील के सूखने का मुख्य कारण
क्लाइमेट चेंज से तापमान बढ़ता है, जिससे वाष्पीकरण की दर बढ़ती है और झीलों का स्तर कम होता जाता है। ग्लोबल वार्मिंग से बारिश का मौसम छोटा हो गया है। अध्ययन में पाया गया कि क्लाइमेट चेंज झीलों के सूखने का मुख्य कारण है जैसे-जैसे ग्रह गर्म होता है, वाष्पीकरण दर बढ़ती है, जिससे झीलों का स्तर कम होता जाता है। झीलों के सूखने से जैव विविधता का भी नुकसान हो सकता है, क्योंकि पौधों और जानवरों की कई प्रजातियां जलीय वातावरण में रहने के लिए अनुकूलित होती हैं। क्या कहते हैं स्थानीय पर्यावरण प्रेमी…
काल्डेन चोफेल का कहना है कि दुनिया भर में ग्लेशियर, झीलें, नदियां सूख रही हैं और इसके परिणाम अकल्पनीय हैं। बचपन के दिनों से हम झील को उफनते और जीवन से भरपूर देखते थे। यह कल्पना करना दर्दनाक है कि यह पर्यटन स्थल नहीं बल्कि इसके आसपास के सभी वन्य जीवन के लिए है। तेंजिन थिनले का कहना है कि यह डल लेक नहीं अब यह सूखी लेक है। सोनम त्सेरिंग ने कहा कि अधिकारियों की उपस्थिति में शाहपुर के विधायक ने 12 सितंबर को सार्वजनिक रूप से कहा था कि डल महोत्सव के बाद त्वरित जीर्णोद्धार परियोजना शुरू होगी। लेकिन आज तक कुछ नहीं हुआ और पानी छोड़ने और मछलियों को उसमें स्थानांतरित करने के लिए दो तालाब बनाने के अलावा कुछ भी नहीं किया। एक तरह से, ऐसा लगता है कि सभी बदकिस्मत मछलियां अपने पिछले जन्म में संचित अपने पाप कर्मों को पूरा करने या दूर करने के लिए इस डल झील में पैदा हुई हैं। उपमुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया ने कहा कि ऐतिहासिक डल लेक के सौंदर्यीकरण तथा पानी के रिसाव को रोकने के लिए डेढ़ महीने के भीतर डीपीआर तैयार की जाएगी। इस के लिए लेक मैन ऑफ इंडिया आनंद मल्लिगावाद ने निरीक्षण के दौरान डल लेक के पानी के रिसाव की समस्या गहनता से अध्ययन किया है तथा जिला प्रशासन, वन विभाग, आईपीएच विभाग के अधिकारियों को सुझाव भी दिए हैं। उपमुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने डल लेक के सौंदर्यीकरण और संरक्षण के लिए कारगर कदम उठाने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिए हैं जिसके चलते ही लेक मैन ऑफ इंडिया आनंद मल्लिगावाद को डल लेक के निरीक्षण के लिए सरकार की ओर से आमंत्रित किया गया है।