<p style=”text-align: justify;”><strong>Hrayana Assembly Election Result 2024:</strong> आम आदमी पार्टी के एक सांसद हैं. नाम है राघव चड्ढा. बड़े नेता हैं. हरियाणा चुनाव के नतीजे आने के बाद उन्होंने सोशल मीडिया साइट एक्स पर कुछ तुकबंदी लिखी है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>तुकबंदी कुछ यूं है, ”हमारी आरज़ू की फिक्र करते तो कुछ और बात होती, हमारी हसरत का ख्याल रखते तो एक अलग शाम होती”. ”आज वो भी पछता रहा होगा मेरा साथ छोड़कर,अगर साथ-साथ चलते तो कुछ और बात होती”</p>
<blockquote class=”twitter-tweet”>
<p dir=”ltr” lang=”hi”>हमारी आरज़ू की फिक्र करते तो कुछ और बात होती, <br />हमारी हसरत का ख्याल रखते तो एक अलग शाम होती<br /><br />आज वो भी पछता रहा होगा मेरा साथ छोड़कर,<br />अगर साथ-साथ चलते तो कुछ और बात होती</p>
— Raghav Chadha (@raghav_chadha) <a href=”https://twitter.com/raghav_chadha/status/1843658899729330213?ref_src=twsrc%5Etfw”>October 8, 2024</a></blockquote>
<p>
<script src=”https://platform.twitter.com/widgets.js” async=”” charset=”utf-8″></script>
</p>
<p><iframe title=”YouTube video player” src=”https://www.youtube.com/embed/SE55HFibXfk?si=1Uo9acJE4zQRIk3X” width=”560″ height=”315″ frameborder=”0″ allowfullscreen=”allowfullscreen”></iframe></p>
<p style=”text-align: justify;”>जाहिर है कि राघव चड्ढा का इशारा कांग्रेस और राहुल गांधी की तरफ है, जिनके साथ हरियाणा में गठबंधन नहीं हो पाया. और नतीजे आए तो आम आदमी पार्टी तो डूबी ही डूबी कांग्रेस लगातार तीसरी बार सत्ता से बाहर हो गई. लेकिन क्या कांग्रेस और आम आदमी पार्टी मिलकर चुनाव लड़ते तो सच में रिजल्ट कुछ और होता. क्या जिस आम आदमी पार्टी को पूरे हरियाणा में 1.79 फीसदी वोट ही मिले हैं, वो कांग्रेस के साथ आती तो बाजी पलट जाती. आखिर क्या है आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ने पर जीतने की जमीनी हकीकत, बात करेंगे विस्तार से. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>महज 0.85 फीसदी वोट ही ज्यादा मिले हैं बीजेपी को कांग्रेस से</strong><br />हरियाणा चुनाव के अंतिम नतीजों में बीजेपी के पास 48 सीटें हैं और कांग्रेस के पास 37. यानी कि बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीटों का अंतर भले ही 11 सीटों का हो, लेकिन वोट प्रतिशत के लिहाज से बीजेपी को कांग्रेस से महज 0.85 फीसदी वोट ही ज्यादा मिले हैं. यानी कि जीतने वाली पार्टी और हारने वाली पार्टी के बीच वोट प्रतिशत का अंतर एक फीसदी का भी नहीं है. वहीं आम आदमी पार्टी को हरियाणा चुनाव में कुल 1.79 फीसदी वोट मिले हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>अब अगर ये वोट कांग्रेस के खाते में जुड़ जाते हैं तो कांग्रेस और आप के वोट मिलकर बीजेपी से ज्यादा हो जाते हैं. और इस लिहाज से कहने वाले कह सकते हैं कि अगर दोनों साथ मिलकर चुनाव लड़ते तो जीत गठबंधन की होती.</p>
<p style=”text-align: justify;”>लेकिन राजनीति में हमेशा दो और दो चार नहीं होते हैं. वोट प्रतिशत में आगे रहने वाली पार्टी भी सीटों के मामले में पिछड़ जाती है. हरियाणा में भी ऐसा ही है. यहां पर कम से कम 5 सीटें ऐसी हैं, जहां कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के वोट को जोड़ दिया जाए, तो वो बीजेपी से ज्यादा हो जाता है. उदाहरण के तौर पर</p>
<ul>
<li style=”text-align: justify;”>असंध, जहां कांग्रेस 2306 वोट से हारी जबकि आप को 4290 वोट मिले थे.</li>
<li style=”text-align: justify;”>डबवाली में कांग्रेस 610 वोट से हारी, जबकि आप को 4290 वोट मिले थे.</li>
<li style=”text-align: justify;”>उचाना कलां में कांग्रेस महज 32 वोट से हार गई, जबकि आप को कुल 2495 वोट मिले</li>
<li style=”text-align: justify;”>रानियां में कांग्रेस 4100 वोट से हारी, जबकि AAP को मिले 4697 वोट</li>
<li style=”text-align: justify;”>दादरी में कांग्रेस 1957 वोट से हारी, जबकि AAP को 1339 वोट मिले</li>
</ul>
<p style=”text-align: justify;”>लेकिन ये बस पांच ही सीटें हैं, जहां कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के वोट जोड़ने पर बीजेपी से ज्यादा हो जाते हैं. अगर एक बात को मान भी लें कि ये पांचों सीटें गठबंधन जीत जाता तो भी कांग्रेस-आप के पास 42 सीटें ही होती. वहीं इन पांच सीटों में से दो सीटें रानियां और डबवाली पर बीजेपी नहीं बल्कि इंडियन नेशनल लोक दल ने जीती है. तो अगर बीजेपी की सीटें घटती भी तो तीन ही घटती और उनका आंकड़ा 45 पर तो रहता ही रहता. और तब भी बीजेपी कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के गठबंधन से ज्यादा ही रहती.<br /> <br />लिहाजा ये कहना कि अगर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस मिलकर चुनाव लड़त तो तस्वीर कुछ और होती, पूरी तरह से सही नहीं है. साथ मिलकर लड़ने में कांग्रेस को कुछ सीटें छोड़नी भी पड़तीं, जहां आप का उम्मीदवार होता. और ये जरूरी नहीं है कि गठबंधन में होने के बावजूद कांग्रेस का वोटर आम आदमी पार्टी को वोट कर ही दे. क्योंकि कोर वोटर का वोट ट्रांसफर करवाना इतना आसान नहीं होता है और 2019 के <a title=”लोकसभा चुनाव” href=”https://www.abplive.com/topic/lok-sabha-election-2024″ data-type=”interlinkingkeywords”>लोकसभा चुनाव</a> में सपा-बसपा गठबंधन में वोट ट्रांसफर के तरीके पर पूरी दुनिया ही बात कर चुकी है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”हरियाणा में कांग्रेस क्यों हारी? पूर्व प्रभारी मारग्रेट अल्वा बोलीं, ‘झूठी शेखी बघारना और…'” href=”https://www.abplive.com/states/haryana/haryana-election-result-2024-margaret-alva-reaction-on-congress-converting-sure-win-into-loss-2800576″ target=”_self”>हरियाणा में कांग्रेस क्यों हारी? पूर्व प्रभारी मारग्रेट अल्वा बोलीं, ‘झूठी शेखी बघारना और…'</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Hrayana Assembly Election Result 2024:</strong> आम आदमी पार्टी के एक सांसद हैं. नाम है राघव चड्ढा. बड़े नेता हैं. हरियाणा चुनाव के नतीजे आने के बाद उन्होंने सोशल मीडिया साइट एक्स पर कुछ तुकबंदी लिखी है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>तुकबंदी कुछ यूं है, ”हमारी आरज़ू की फिक्र करते तो कुछ और बात होती, हमारी हसरत का ख्याल रखते तो एक अलग शाम होती”. ”आज वो भी पछता रहा होगा मेरा साथ छोड़कर,अगर साथ-साथ चलते तो कुछ और बात होती”</p>
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<p dir=”ltr” lang=”hi”>हमारी आरज़ू की फिक्र करते तो कुछ और बात होती, <br />हमारी हसरत का ख्याल रखते तो एक अलग शाम होती<br /><br />आज वो भी पछता रहा होगा मेरा साथ छोड़कर,<br />अगर साथ-साथ चलते तो कुछ और बात होती</p>
— Raghav Chadha (@raghav_chadha) <a href=”https://twitter.com/raghav_chadha/status/1843658899729330213?ref_src=twsrc%5Etfw”>October 8, 2024</a></blockquote>
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<p><iframe title=”YouTube video player” src=”https://www.youtube.com/embed/SE55HFibXfk?si=1Uo9acJE4zQRIk3X” width=”560″ height=”315″ frameborder=”0″ allowfullscreen=”allowfullscreen”></iframe></p>
<p style=”text-align: justify;”>जाहिर है कि राघव चड्ढा का इशारा कांग्रेस और राहुल गांधी की तरफ है, जिनके साथ हरियाणा में गठबंधन नहीं हो पाया. और नतीजे आए तो आम आदमी पार्टी तो डूबी ही डूबी कांग्रेस लगातार तीसरी बार सत्ता से बाहर हो गई. लेकिन क्या कांग्रेस और आम आदमी पार्टी मिलकर चुनाव लड़ते तो सच में रिजल्ट कुछ और होता. क्या जिस आम आदमी पार्टी को पूरे हरियाणा में 1.79 फीसदी वोट ही मिले हैं, वो कांग्रेस के साथ आती तो बाजी पलट जाती. आखिर क्या है आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ने पर जीतने की जमीनी हकीकत, बात करेंगे विस्तार से. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>महज 0.85 फीसदी वोट ही ज्यादा मिले हैं बीजेपी को कांग्रेस से</strong><br />हरियाणा चुनाव के अंतिम नतीजों में बीजेपी के पास 48 सीटें हैं और कांग्रेस के पास 37. यानी कि बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीटों का अंतर भले ही 11 सीटों का हो, लेकिन वोट प्रतिशत के लिहाज से बीजेपी को कांग्रेस से महज 0.85 फीसदी वोट ही ज्यादा मिले हैं. यानी कि जीतने वाली पार्टी और हारने वाली पार्टी के बीच वोट प्रतिशत का अंतर एक फीसदी का भी नहीं है. वहीं आम आदमी पार्टी को हरियाणा चुनाव में कुल 1.79 फीसदी वोट मिले हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>अब अगर ये वोट कांग्रेस के खाते में जुड़ जाते हैं तो कांग्रेस और आप के वोट मिलकर बीजेपी से ज्यादा हो जाते हैं. और इस लिहाज से कहने वाले कह सकते हैं कि अगर दोनों साथ मिलकर चुनाव लड़ते तो जीत गठबंधन की होती.</p>
<p style=”text-align: justify;”>लेकिन राजनीति में हमेशा दो और दो चार नहीं होते हैं. वोट प्रतिशत में आगे रहने वाली पार्टी भी सीटों के मामले में पिछड़ जाती है. हरियाणा में भी ऐसा ही है. यहां पर कम से कम 5 सीटें ऐसी हैं, जहां कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के वोट को जोड़ दिया जाए, तो वो बीजेपी से ज्यादा हो जाता है. उदाहरण के तौर पर</p>
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<li style=”text-align: justify;”>असंध, जहां कांग्रेस 2306 वोट से हारी जबकि आप को 4290 वोट मिले थे.</li>
<li style=”text-align: justify;”>डबवाली में कांग्रेस 610 वोट से हारी, जबकि आप को 4290 वोट मिले थे.</li>
<li style=”text-align: justify;”>उचाना कलां में कांग्रेस महज 32 वोट से हार गई, जबकि आप को कुल 2495 वोट मिले</li>
<li style=”text-align: justify;”>रानियां में कांग्रेस 4100 वोट से हारी, जबकि AAP को मिले 4697 वोट</li>
<li style=”text-align: justify;”>दादरी में कांग्रेस 1957 वोट से हारी, जबकि AAP को 1339 वोट मिले</li>
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<p style=”text-align: justify;”>लेकिन ये बस पांच ही सीटें हैं, जहां कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के वोट जोड़ने पर बीजेपी से ज्यादा हो जाते हैं. अगर एक बात को मान भी लें कि ये पांचों सीटें गठबंधन जीत जाता तो भी कांग्रेस-आप के पास 42 सीटें ही होती. वहीं इन पांच सीटों में से दो सीटें रानियां और डबवाली पर बीजेपी नहीं बल्कि इंडियन नेशनल लोक दल ने जीती है. तो अगर बीजेपी की सीटें घटती भी तो तीन ही घटती और उनका आंकड़ा 45 पर तो रहता ही रहता. और तब भी बीजेपी कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के गठबंधन से ज्यादा ही रहती.<br /> <br />लिहाजा ये कहना कि अगर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस मिलकर चुनाव लड़त तो तस्वीर कुछ और होती, पूरी तरह से सही नहीं है. साथ मिलकर लड़ने में कांग्रेस को कुछ सीटें छोड़नी भी पड़तीं, जहां आप का उम्मीदवार होता. और ये जरूरी नहीं है कि गठबंधन में होने के बावजूद कांग्रेस का वोटर आम आदमी पार्टी को वोट कर ही दे. क्योंकि कोर वोटर का वोट ट्रांसफर करवाना इतना आसान नहीं होता है और 2019 के <a title=”लोकसभा चुनाव” href=”https://www.abplive.com/topic/lok-sabha-election-2024″ data-type=”interlinkingkeywords”>लोकसभा चुनाव</a> में सपा-बसपा गठबंधन में वोट ट्रांसफर के तरीके पर पूरी दुनिया ही बात कर चुकी है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”हरियाणा में कांग्रेस क्यों हारी? पूर्व प्रभारी मारग्रेट अल्वा बोलीं, ‘झूठी शेखी बघारना और…'” href=”https://www.abplive.com/states/haryana/haryana-election-result-2024-margaret-alva-reaction-on-congress-converting-sure-win-into-loss-2800576″ target=”_self”>हरियाणा में कांग्रेस क्यों हारी? पूर्व प्रभारी मारग्रेट अल्वा बोलीं, ‘झूठी शेखी बघारना और…'</a></strong></p> हरियाणा हरियाणा की हार पर सहयोगी दिखा रहे कांग्रेस को आईना, अब शरद पवार गुट ने कही बड़ी बात