पंजाब के तरनतारन में भारत-पाकिस्तान बार्डर से सटे थाना खालड़ा की पुलिस को उसे समय बड़ी सफलता मिली जब विदेश में बैठे आतंकी लखबीर सिंह लंडा का गुर्गा गुरलाल सिंह निवासी बैंका पुलिस के हत्थे चढ़ गया। आरोपी गुरलाल सिंह के पास से एक राइफल, दो पिस्टल, मैगज़ीन और जिंदा कारतूस बरामद हुए हैं। गिरफ्तार आरोपी के खिलाफ आधा दर्जन से अधिक केस दर्ज हैं। गुरलाल सिंह इस साल जनवरी में जमानत पर बाहर आया था और जेल से बाहर निकलने के बाद उसने कई आपराधिक वारदातों को अंजाम दिया। एसएसपी गौरव तूरा ने बताया कि पुलिस को सूचना मिली थी कि गुरलाल सिंह इलाके में वारदात को अंजाम देने की फिराक में है। इसी सूचना के आधार पर नाकेबंदी की गई थी। भिक्खीविंड बस स्टैंड के नजदीक नाकेबंदी के दौरान एक थार को रुकने का इशारा किया, लेकिन थार चालक ने भागने की कोशिश की जिसे काबू किया गया। पूछताछ करने पर पता चला कि कार चालक गुरलाल सिंह है। गुरलाल सिंह की निशानदेही पर पुलिस ने एक राइफल, दो पिस्टल, मैगजीन और जिंदा कारतूस बरामद हुए। एसएसपी गौरव तूरा ने बताया कि आरोपी से पूछताछ की जा रही है। पंजाब के तरनतारन में भारत-पाकिस्तान बार्डर से सटे थाना खालड़ा की पुलिस को उसे समय बड़ी सफलता मिली जब विदेश में बैठे आतंकी लखबीर सिंह लंडा का गुर्गा गुरलाल सिंह निवासी बैंका पुलिस के हत्थे चढ़ गया। आरोपी गुरलाल सिंह के पास से एक राइफल, दो पिस्टल, मैगज़ीन और जिंदा कारतूस बरामद हुए हैं। गिरफ्तार आरोपी के खिलाफ आधा दर्जन से अधिक केस दर्ज हैं। गुरलाल सिंह इस साल जनवरी में जमानत पर बाहर आया था और जेल से बाहर निकलने के बाद उसने कई आपराधिक वारदातों को अंजाम दिया। एसएसपी गौरव तूरा ने बताया कि पुलिस को सूचना मिली थी कि गुरलाल सिंह इलाके में वारदात को अंजाम देने की फिराक में है। इसी सूचना के आधार पर नाकेबंदी की गई थी। भिक्खीविंड बस स्टैंड के नजदीक नाकेबंदी के दौरान एक थार को रुकने का इशारा किया, लेकिन थार चालक ने भागने की कोशिश की जिसे काबू किया गया। पूछताछ करने पर पता चला कि कार चालक गुरलाल सिंह है। गुरलाल सिंह की निशानदेही पर पुलिस ने एक राइफल, दो पिस्टल, मैगजीन और जिंदा कारतूस बरामद हुए। एसएसपी गौरव तूरा ने बताया कि आरोपी से पूछताछ की जा रही है। पंजाब | दैनिक भास्कर
Related Posts
लुधियाना में BJP का AAP सरकार के खिलाफ प्रदर्शन:सड़क पर लगाया जाम, नौकरी की तलाश में घर बैठे युवाओं की फूंकी डिग्री
लुधियाना में BJP का AAP सरकार के खिलाफ प्रदर्शन:सड़क पर लगाया जाम, नौकरी की तलाश में घर बैठे युवाओं की फूंकी डिग्री पंजाब के लुधियाना में शनिवार को बीजेपी युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने आप सरकार खिलाफ प्रदर्शन किया और जमकर नारेबाजी की। युवाओं ने आरोप लगाया कि युवा सरकार की रीड की हड्डी होते हैं। लेकिन शर्म की बात है कि आज पंजाब का युवा सड़कों पर रोल रहा है। जगराओं पुल पर लगाया जाम शनिवार को बीजेपी युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने जगराओं पुल पर जाम लगाया और सरकार खिलाफ रोष जताया। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने नौकरी की तलाश में घर बैठे युवाओं की डिग्रियां भी फूंकी और कहा कि आज का युवा डिग्रियां लेकर घर बैठने को मजबूर है और युवा नौकरी की तलाश में पंजाब छोड़ बाहर जा रहे हैं। सरकार नाम की कोई चीज नहीं इस मौके बोलते युवा मोर्चा के प्रवक्ता अमन सैनी ने कहा कि पंजाब में सरकार नाम की कोई चीज नहीं है। आज पंजाब में केवल नशे का ही बोलबाला है। युवा घर बैठा है और नशे का शिकार हो रहा है। लेकिन सरकार युवाओं को रोजगार देने की बजाय उन्हें सड़कों पर रोल रही है। पंजाब में अमन कानून की स्थिति बेहद खराब आप सरकार को घेरते मीठू चड्ढा ने कहा कि पंजाब में अमन कानून की स्थिति बिलकुल खराब हो चुकी है। इस समय पंजाब में नशा, फिरौती, बेअदबी, गुंडागर्दी का बोलबाला है। उन्होंने कहा कि आज पंजाब पुलिस भी सरकार के दबाव नीचे काम कर रही है अगर सरकार पुलिस को फुल पावर दे तो एक मंदिर के बाहर चप्पल भी चोरी नहीं हो सकती। लेकिन आज पंजाब में जो माहौल बनता जा रहा है, उसे लेकर हम सभी को एकजुट होने की जरूरत है।
लुधियाना में नौकर ने की मालिक की हत्या:एक दिन पहले हुई थी बहसबाजी; सो रहे बुजुर्ग पर किया चारपाई के बाले से हमला
लुधियाना में नौकर ने की मालिक की हत्या:एक दिन पहले हुई थी बहसबाजी; सो रहे बुजुर्ग पर किया चारपाई के बाले से हमला लुधियाना में कस्बा जगराओं के गांव काउंके कलां में एक बुजुर्ग की चारपाई का बाला (पावा) मारकर हत्या कर दी गई। बुजुर्ग अपने कमरे में सो रहा था। तभी उसका नौकर कमरे में आया और उसने बेरहमी से उसके सिर पर लगातार कई वार किए। बुजुर्ग को चिखने या चिल्लाने तक का समय नहीं मिला, उसने मौके पर दम तोड़ दिया। 22 साल से काम कर रहा था नौकर मरने वाले का नाम चरण सिंह (60) है। चरण सिंह का एक बेटा सुखविंदर सिंह है। पूरा परिवार खेतीबाड़ी करता है। करीब 22 साल से उनके घर पर शंभू नामक नौकर काम करता है। एक दिन पहले आपस में शंभू को काम के सिलसिले में चरण सिंह ने डांट दिया था। उसी बात का शंभू ने गुस्सा कर लिया। सिर पर किए नौकर ने ताबड़तोड़ वॉर इस बात की मन में रंजिश रख कर शंभू ने सो रहे चरण सिंह पर वार कर दिया। एएसआई सुरजीत सिंह ने कहा कि मृतक चरण सिंह के बेटे सुखविंदर सिंह ने शंभू को हत्या करके हुए देख लिया। जिसके बाद उसने शोर मचाया। मौके पर पुलिस पार्टी पहुंची। फिलहाल शंभू अभी घटना स्थल से फरार है जिसे जल्द काबू कर लिया जाएगा।
परमात्मा की राह पर चलने और मन को बस में करने के लिए सत्संग करना जरूरी
परमात्मा की राह पर चलने और मन को बस में करने के लिए सत्संग करना जरूरी मानव के सभी दुखों और दुर्गुणों का कारण मन की चंचलता और इंद्रियों का विकार है। यही सब उसे भक्ति और सेवा मार्ग पर चलने में बाधा पैदा करते हैं। इनसे मुक्ति पाना है और परमात्मा की राह पर चलना है तो सत्संग करना जरूरी है। सत्संग से मन और मन से इंद्रियों पर नियंत्रण किया जा सकता है। यह व्याख्यान महा मंडलेश्वर 1008 मनकामनेश्वर महाराज जी महाराज श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाण ने मंदिर माता महाकाली गुफावाला में शनिवार के सांध्य सत्संग में दिए। महा मंडलेश्वर ने फरमाया कि मानव को अपने जीवन को सफल बनाने के लिए इंद्रियों पर संयम रखना चाहिए। जिसने इंद्रियों पर संयम रखा, उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। उन्होंने कहा कि इंद्रियां पशुओं के समान होती है। जिस प्रकार पशुओं को किस खेत में खाना है। क्या खाना हैं कब खाना है इसकी जानकारी नहीं होती है। इसी प्रकार मनुष्य की इंद्रियों को अच्छा, बुरा, भला और खराब की जानकारी नहीं होती है। ऐसे में ये इंद्रियां गलत काम करती हैं। जिसके कारण भगवान इस जीव आत्मा को दोषी मानते हुए सजा देता है। इसी सीख को मानते हुए मनुष्य को अपनी इंद्रियों पर संयम रखकर भगवान की भक्ति करनी चाहिए। आगे वह कहते हैं कि यह सब तभी संभव है जब हम संतों का साथ करते हैं अर्थात सत्संग का हिस्सा बनते हैं। वह कहते हैं कि इंद्रियों को वश में किया जा सकता है केवल मन पर कंट्रोल करके। क्योंकि मन ही हमारे शरीर को संचालन कर रहा है या यूं कहें कि चलते रथ की बागडोर मन के हाथ में है। वह अपने इशारे से इस शरीर को चला रहा है। उनके मुताबिक यदि मन पर काबू किया गया और मन को समझाया गया तो, इंद्रियां अपने आप मान जाएंगी। वह कहते हैं कि मन को बस में करने के लिए सत्संग जरूरी है। क्योंकि “बिन सत्संग विवेक न होई” बिना सत्संग की हमें विवेक पैदा नहीं हो सकता है। जब तक हम पूर्व महात्माओं का सत्संग नहीं सुनेंगे, उनके उदाहरण को नहीं समझेंगे, उनके बताए हुए रास्ते पर नहीं चलेंगे। तब तक हम अपने मन को काबू में नहीं कर सकते हैं।