सहारनपुर में यति नरसिंहानंद के विरोध में उतरीं मुस्लिम महिलाएं:बोलीं- नबी पर अभद्र टिप्पणी करना बर्दाश्त नहीं, आरोपियों पर हो सख्त कार्रवाई

सहारनपुर में यति नरसिंहानंद के विरोध में उतरीं मुस्लिम महिलाएं:बोलीं- नबी पर अभद्र टिप्पणी करना बर्दाश्त नहीं, आरोपियों पर हो सख्त कार्रवाई

देश में मुस्लिम महिलाएं बुर्का और हिजाब को लेकर सड़कों पर उतरती दिखाई देती रही है। लेकिन पहली मुस्लिम महिलाएं बुर्का पहनकर सड़क पर उतरी। जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर नरसिंहानंद के बयान का असर सबसे ज्यादा पश्चिमी यूपी में देखने को मिला। गाजियाबाद, मेरठ, बुलंदशहर और सहारनपुर में मुस्लिम समाज के लोग सड़कों पर उतरे। कई जगहों पर पथराव भी हुए। लेकिन अब मुस्लिम महिलाएं भी विरोध करने उतरी है। जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर नरसिंहानंद 29 सितंबर को गाजियाबाद में एक कार्यक्रम में पैगंबर मोहम्मद साहब को लेकर दिए गए विवादित बयान का असर यूपी में अब भी देखने को मिल रहा है। मुस्लिम युवकों के बाद अब बुर्कानशी महिलाएं भी सड़कों पर उतर गई है। महिलाओं ने मांग की है कि यति नरसिंहानंद की गिरफ्तारी की जाए। सहारनपुर के अंबेहटा पीर में महिलाओं ने सीएम को प्रेषित ज्ञापन पुलिस चौकी पर सौंपा। महिलाएं बोली-नबी की शान में गुस्ताखी बर्दाश्त नहीं
सहारनपुर में पिछले रविवार को शेखपुरा कदीम गांव में मुस्लिम युवकों ने पुलिस पर पथराव किया था। ”कश्मीर वाली स्ट्रैटेजी” पर नाबालिग बच्चों को आगे करके पथराव किया गया था। ये बवाल यति नरसिंहानंद के खिलाफ चौकी में ज्ञापन देने को लेकर हुआ। लेकिन बवाल में कोई भी जानमाल की हानि नहीं हुई। लेकिन ठीक सात दिन बाद फिर से यति नरसिंहानंद के खिलाफ सहारनपुर से आवाज बुलंद होना शुरू हो गई। बुर्का पहनकर महिलाएं सड़कों पर उतर गई। महिलाओं ने कहा-”नबी की शान में गुस्ताखी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसमें कोई भी हो।” महिलाओं ने कहा-”जब मुस्लिम समाज के लोग किसी भी धर्म और उनके महापुरुषों पर टिप्पणी नहीं करते हैं, तो हमारे धर्म और पैगम्बर पर क्यों टिप्पणी की जाती है। ये हमें बर्दाश्त नहीं है। देश में मुस्लिमों के खिलाफ माहौल बनाया जा रहा है। कोई न कोई बयानबाजी किसी न किसी धर्मगुरु के मुंह से मुस्लिमों के खिलाफ निकलती है। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की जाती है।” महिलाओं ने कहा-”हमारी देश की सरकार ने मुस्लिम महिलाओं के लिए बहुत से कानून बनाए है। जिसका उन्हें फायदा मिल रहा है। मुस्लिम महिलाओं के पक्ष में अहम निर्णय लिए गए है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी किसी भी धर्म-जाति को लेकर कोई टिप्पणी नहीं की है। लेकिन ये धर्मगुरु अपनी हरकतों से बाज नहीं आते हैं। ये लोग केंद्र और राज्य सरकार को बदनाम करना चाहते हैं। हमें विश्वास है कि धर्म के नाम पर अभद्र टिप्पणी करने वाले लोगों पर सरकार कार्रवाई जरूर करेगी।” देश में मुस्लिम महिलाएं बुर्का और हिजाब को लेकर सड़कों पर उतरती दिखाई देती रही है। लेकिन पहली मुस्लिम महिलाएं बुर्का पहनकर सड़क पर उतरी। जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर नरसिंहानंद के बयान का असर सबसे ज्यादा पश्चिमी यूपी में देखने को मिला। गाजियाबाद, मेरठ, बुलंदशहर और सहारनपुर में मुस्लिम समाज के लोग सड़कों पर उतरे। कई जगहों पर पथराव भी हुए। लेकिन अब मुस्लिम महिलाएं भी विरोध करने उतरी है। जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर नरसिंहानंद 29 सितंबर को गाजियाबाद में एक कार्यक्रम में पैगंबर मोहम्मद साहब को लेकर दिए गए विवादित बयान का असर यूपी में अब भी देखने को मिल रहा है। मुस्लिम युवकों के बाद अब बुर्कानशी महिलाएं भी सड़कों पर उतर गई है। महिलाओं ने मांग की है कि यति नरसिंहानंद की गिरफ्तारी की जाए। सहारनपुर के अंबेहटा पीर में महिलाओं ने सीएम को प्रेषित ज्ञापन पुलिस चौकी पर सौंपा। महिलाएं बोली-नबी की शान में गुस्ताखी बर्दाश्त नहीं
सहारनपुर में पिछले रविवार को शेखपुरा कदीम गांव में मुस्लिम युवकों ने पुलिस पर पथराव किया था। ”कश्मीर वाली स्ट्रैटेजी” पर नाबालिग बच्चों को आगे करके पथराव किया गया था। ये बवाल यति नरसिंहानंद के खिलाफ चौकी में ज्ञापन देने को लेकर हुआ। लेकिन बवाल में कोई भी जानमाल की हानि नहीं हुई। लेकिन ठीक सात दिन बाद फिर से यति नरसिंहानंद के खिलाफ सहारनपुर से आवाज बुलंद होना शुरू हो गई। बुर्का पहनकर महिलाएं सड़कों पर उतर गई। महिलाओं ने कहा-”नबी की शान में गुस्ताखी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसमें कोई भी हो।” महिलाओं ने कहा-”जब मुस्लिम समाज के लोग किसी भी धर्म और उनके महापुरुषों पर टिप्पणी नहीं करते हैं, तो हमारे धर्म और पैगम्बर पर क्यों टिप्पणी की जाती है। ये हमें बर्दाश्त नहीं है। देश में मुस्लिमों के खिलाफ माहौल बनाया जा रहा है। कोई न कोई बयानबाजी किसी न किसी धर्मगुरु के मुंह से मुस्लिमों के खिलाफ निकलती है। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की जाती है।” महिलाओं ने कहा-”हमारी देश की सरकार ने मुस्लिम महिलाओं के लिए बहुत से कानून बनाए है। जिसका उन्हें फायदा मिल रहा है। मुस्लिम महिलाओं के पक्ष में अहम निर्णय लिए गए है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी किसी भी धर्म-जाति को लेकर कोई टिप्पणी नहीं की है। लेकिन ये धर्मगुरु अपनी हरकतों से बाज नहीं आते हैं। ये लोग केंद्र और राज्य सरकार को बदनाम करना चाहते हैं। हमें विश्वास है कि धर्म के नाम पर अभद्र टिप्पणी करने वाले लोगों पर सरकार कार्रवाई जरूर करेगी।”   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर