100 की स्पीड में ट्रेन से गिरी मथुरा की बच्ची:मां-पिता 10 किमी आगे निकल गए, दो घंटे झाड़ियों में रोती रही; बोली- रात में बहुत डर लगा

100 की स्पीड में ट्रेन से गिरी मथुरा की बच्ची:मां-पिता 10 किमी आगे निकल गए, दो घंटे झाड़ियों में रोती रही; बोली- रात में बहुत डर लगा

जाको राखे साइयां, मार सके न कोय… यह कहावत मथुरा के वृंदावन में रहने वाली एक बेटी पर सटीक बैठती है। 8 साल की इस मासूम ने मौत को मात देकर अपना जीवन बचाया। मां-पिता और भाई के साथ सफर करते समय बच्ची ट्रेन की इमरजेंसी विंडो से नीचे गिर गई। ट्रेन के 10 किमी आगे पहुंच जाने पर पिता को पता चला बेटी गायब है। फिर रात में ट्रेन जंगल में रोकी गई। करीब 17 किमी की दूरी में छानबीन की तो बच्ची झाड़ी में घायल मिली। बच्ची रविवार देर शाम घर पहुंच गई है। उसके पैर में फ्रैक्चर है। दैनिक भास्कर रिपोर्टर ने बच्ची और उसके मां-पिता से बात कर पूरी घटना समझी। पहले बच्ची और फिर मां-पिता का दर्द जानते हैं… गौरी बोली- 2 घंटे झाड़ी में पड़ी रोती रही
बच्ची का नाम गौरी है। उसने बताया- मैं ट्रेन की खिड़की के पास बैठी थी। भाई के साथ खेल रही थी। ट्रेन की खिड़की खुली थी। अचानक मोड़ आया और तेज हवा के कारण खिड़की से बाहर गिर गई। मेरे पैर में चोट थी। इस कारण खड़ी नहीं हो सकी। झाड़ी में करीब 2 घंटे तक पड़ी रोती रही। अंधेरा होने से डर लग रहा था। मम्मी-पापा रोते हुए बोले- नवरात्रि में मां ने चमत्कार किया
बेटी को सकुशल वापस पाकर परिवार में खुशी है। मां अंजली उस पल को याद कर रो पड़ीं। माता-पिता ने कहा- नवरात्रि में देवी मां की कृपा है। चमत्कार हुआ, जिसे कभी नहीं भूल पाएंगे। मेरी बेटी का दूसरा जन्म हुआ है। अब आगे पूरी घटना बताते हैं… MP के टीकमगढ़ में नवरात्रि पर गांव गए थे
वृंदावन के रंगनाथ मंदिर के पास रहने वाले अरविंद तिवारी, पत्नी अंजलि तिवारी और 8 साल की बेटी गौरी, 5 साल के बेटे मृदुल के साथ मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जिला स्थित पैतृक गांव में नवरात्रि मनाने के लिए गए थे। परिवार ने नवरात्रि उत्सव मनाया। फिर अष्टमी की पूजा कर वापस मथुरा आने के लिए शुक्रवार को गीता जयंती एक्सप्रेस ट्रेन से रवाना हुए। रात 10 बजे गौरी और मृदुल खिड़की के पास खेल रहे थे
अरविंद तिवारी परिवार के साथ टीकमगढ़ स्टेशन से गीता जयंती एक्सप्रेस ट्रेन से मथुरा के लिए रवाना हुए। उनका रिजर्वेशन S3 कोच में था। परिवार ने ट्रेन में मस्ती की। खाना खाया। इसके बाद अरविंद रात करीब 10 बजे सोने की तैयारी करने लगे। इस दौरान बेटी गौरी और बेटा मृदुल इमरजेंसी खिड़की की तरफ बैठे खेल रहे थे। बेटी नहीं दिखी तो चेन पुलिंग कर जंगल में रोकी ट्रेन
अरविंद तिवारी बेटे मृदुल को S3 कोच में ही दूसरी सीट पर मां के पास सुलाने के लिए छोड़ने गए। इसके तुरंत बाद वह वापस अपनी सीट पर आए तो बेटी गायब मिली। उन्होंने बेटी की तलाश में पूरी ट्रेन छान ली। जिस समय गौरी गायब हुई, उस समय ट्रेन की स्पीड करीब 100 किलोमीटर प्रति घंटा थी। ट्रेन में बेटी नहीं मिली तो अरविंद ने चेन पुलिंग कर ट्रेन को जंगल में ही रोक दिया। इमरजेंसी खिड़की से गिर गई थी मासूम
बेटी को तलाश करते समय अरविंद का ध्यान उनकी सीट की तरफ बनी इमरजेंसी खिड़की की तरफ गया। खिड़की पूरी खुली थी, इसे देखते ही उनको समझते देर नहीं लगी कि बेटी इसी खिड़की से गिर गई होगी। उन्होंने चेन पुलिंग की तो ट्रेन रुक गई, लेकिन हादसा वाली जगह से करीब 10 किलोमीटर आगे ट्रेन आ चुकी थी। ललितपुर स्टेशन से पुलिस ट्रैक की छानबीन करते आगे बढ़ी
बेटी की तलाश में रेलवे ट्रैक पर दौड़े। इसी दौरान ट्रेन में मौजूद GRP और अन्य पुलिस कर्मियों ने उनकी समस्या जानी। मदद का भरोसा देते हुए ललितपुर GRP को सूचना दी। सूचना मिलते ही ललितपुर रेलवे स्टेशन से GRP और RPF सहित सिविल पुलिस ट्रैक की छानबीन करते हुए ट्रेन की ओर आगे बढ़ी। इधर से भी GRP और परिवार के लोग खोजते हुए जा रहे थे। 16 किलोमीटर लंबे ट्रैक पर तलाश किया
अरविंद से पूरे मामले की जानकारी मिलने पर GRP ललितपुर थाना प्रभारी ने 16 किलोमीटर के रेल ट्रैक पर गौरी की तलाश के लिए तत्काल 4 टीमें बनाई। इसके बाद जल्द ही रेलवे पुलिस को सफलता हाथ लग गई। जहां जंगल में ट्रेन रोकी गई, उससे 10 किमी दूर बच्ची ट्रैक किनारे झाड़ियों में रोती मिली। गौरी के हाथ-पैर और शरीर पर चोट के निशान थे। गौरी को पाते ही मां-पिता सीने से लगाकर रो पड़े। मालगाड़ी रोकी, बच्ची को लेकर ललितपुर स्टेशन पहुंचे
गौरी को सकुशल बरामद करने के बाद रेलवे पुलिस कर्मियों ने वहां से गुजर रही एक मालगाड़ी रोकी। फोर्स, गौरी और उसके परिवार के लोग मालगाड़ी में सवार होकर ललितपुर रेलवे स्टेशन पहुंचे। गौरी को स्टेशन पर डॉक्टरों ने प्राथमिक इलाज दिया। इसके बाद उसे जिला अस्पताल ले जाया गया। जहां बच्ची के पैर में प्लास्टर चढ़ाया। शनिवार तड़के उसे जिला अस्पताल में एडमिट कराया। अगले दिन डिस्चार्ज होकर रविवार शाम वह घर पहुंच गई। ————————————– ये खबर भी पढ़िए- बहराइच में मूर्ति विसर्जन में फायरिंग, युवक की मौत: रात में दो बार लाठीचार्ज, एसओ और चौकी इन्चार्ज सस्पेंड उत्तर प्रदेश में बहराइच के हरदी इलाके में रविवार को मां दुर्गा की विसर्जन यात्रा के दौरान गैर समुदाय के युवकों ने पथराव कर दिया और 20 राउंड से ज्यादा फायरिंग भी की। इसमें दो युवकों को गोली लगी। इनमें से एक की मौत हो गई, दूसरे की हालत गंभीर है। मृतक गोपाल मिश्रा (22) की 4 महीने पहले ही शादी हुई थी। घायल होने वाला शख्स राजन (25) है। युवक की मौत के बाद लोग आक्रोशित हो गए। तोड़फोड़ शुरू कर दी। बहराइच-सीतापुर हाईवे पर जाम लगा दिया। बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स और पीएसी पहुंची। हालात पर काबू पाने के लिए लाठीचार्ज किया। पढ़ें पूरी खबर… जाको राखे साइयां, मार सके न कोय… यह कहावत मथुरा के वृंदावन में रहने वाली एक बेटी पर सटीक बैठती है। 8 साल की इस मासूम ने मौत को मात देकर अपना जीवन बचाया। मां-पिता और भाई के साथ सफर करते समय बच्ची ट्रेन की इमरजेंसी विंडो से नीचे गिर गई। ट्रेन के 10 किमी आगे पहुंच जाने पर पिता को पता चला बेटी गायब है। फिर रात में ट्रेन जंगल में रोकी गई। करीब 17 किमी की दूरी में छानबीन की तो बच्ची झाड़ी में घायल मिली। बच्ची रविवार देर शाम घर पहुंच गई है। उसके पैर में फ्रैक्चर है। दैनिक भास्कर रिपोर्टर ने बच्ची और उसके मां-पिता से बात कर पूरी घटना समझी। पहले बच्ची और फिर मां-पिता का दर्द जानते हैं… गौरी बोली- 2 घंटे झाड़ी में पड़ी रोती रही
बच्ची का नाम गौरी है। उसने बताया- मैं ट्रेन की खिड़की के पास बैठी थी। भाई के साथ खेल रही थी। ट्रेन की खिड़की खुली थी। अचानक मोड़ आया और तेज हवा के कारण खिड़की से बाहर गिर गई। मेरे पैर में चोट थी। इस कारण खड़ी नहीं हो सकी। झाड़ी में करीब 2 घंटे तक पड़ी रोती रही। अंधेरा होने से डर लग रहा था। मम्मी-पापा रोते हुए बोले- नवरात्रि में मां ने चमत्कार किया
बेटी को सकुशल वापस पाकर परिवार में खुशी है। मां अंजली उस पल को याद कर रो पड़ीं। माता-पिता ने कहा- नवरात्रि में देवी मां की कृपा है। चमत्कार हुआ, जिसे कभी नहीं भूल पाएंगे। मेरी बेटी का दूसरा जन्म हुआ है। अब आगे पूरी घटना बताते हैं… MP के टीकमगढ़ में नवरात्रि पर गांव गए थे
वृंदावन के रंगनाथ मंदिर के पास रहने वाले अरविंद तिवारी, पत्नी अंजलि तिवारी और 8 साल की बेटी गौरी, 5 साल के बेटे मृदुल के साथ मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जिला स्थित पैतृक गांव में नवरात्रि मनाने के लिए गए थे। परिवार ने नवरात्रि उत्सव मनाया। फिर अष्टमी की पूजा कर वापस मथुरा आने के लिए शुक्रवार को गीता जयंती एक्सप्रेस ट्रेन से रवाना हुए। रात 10 बजे गौरी और मृदुल खिड़की के पास खेल रहे थे
अरविंद तिवारी परिवार के साथ टीकमगढ़ स्टेशन से गीता जयंती एक्सप्रेस ट्रेन से मथुरा के लिए रवाना हुए। उनका रिजर्वेशन S3 कोच में था। परिवार ने ट्रेन में मस्ती की। खाना खाया। इसके बाद अरविंद रात करीब 10 बजे सोने की तैयारी करने लगे। इस दौरान बेटी गौरी और बेटा मृदुल इमरजेंसी खिड़की की तरफ बैठे खेल रहे थे। बेटी नहीं दिखी तो चेन पुलिंग कर जंगल में रोकी ट्रेन
अरविंद तिवारी बेटे मृदुल को S3 कोच में ही दूसरी सीट पर मां के पास सुलाने के लिए छोड़ने गए। इसके तुरंत बाद वह वापस अपनी सीट पर आए तो बेटी गायब मिली। उन्होंने बेटी की तलाश में पूरी ट्रेन छान ली। जिस समय गौरी गायब हुई, उस समय ट्रेन की स्पीड करीब 100 किलोमीटर प्रति घंटा थी। ट्रेन में बेटी नहीं मिली तो अरविंद ने चेन पुलिंग कर ट्रेन को जंगल में ही रोक दिया। इमरजेंसी खिड़की से गिर गई थी मासूम
बेटी को तलाश करते समय अरविंद का ध्यान उनकी सीट की तरफ बनी इमरजेंसी खिड़की की तरफ गया। खिड़की पूरी खुली थी, इसे देखते ही उनको समझते देर नहीं लगी कि बेटी इसी खिड़की से गिर गई होगी। उन्होंने चेन पुलिंग की तो ट्रेन रुक गई, लेकिन हादसा वाली जगह से करीब 10 किलोमीटर आगे ट्रेन आ चुकी थी। ललितपुर स्टेशन से पुलिस ट्रैक की छानबीन करते आगे बढ़ी
बेटी की तलाश में रेलवे ट्रैक पर दौड़े। इसी दौरान ट्रेन में मौजूद GRP और अन्य पुलिस कर्मियों ने उनकी समस्या जानी। मदद का भरोसा देते हुए ललितपुर GRP को सूचना दी। सूचना मिलते ही ललितपुर रेलवे स्टेशन से GRP और RPF सहित सिविल पुलिस ट्रैक की छानबीन करते हुए ट्रेन की ओर आगे बढ़ी। इधर से भी GRP और परिवार के लोग खोजते हुए जा रहे थे। 16 किलोमीटर लंबे ट्रैक पर तलाश किया
अरविंद से पूरे मामले की जानकारी मिलने पर GRP ललितपुर थाना प्रभारी ने 16 किलोमीटर के रेल ट्रैक पर गौरी की तलाश के लिए तत्काल 4 टीमें बनाई। इसके बाद जल्द ही रेलवे पुलिस को सफलता हाथ लग गई। जहां जंगल में ट्रेन रोकी गई, उससे 10 किमी दूर बच्ची ट्रैक किनारे झाड़ियों में रोती मिली। गौरी के हाथ-पैर और शरीर पर चोट के निशान थे। गौरी को पाते ही मां-पिता सीने से लगाकर रो पड़े। मालगाड़ी रोकी, बच्ची को लेकर ललितपुर स्टेशन पहुंचे
गौरी को सकुशल बरामद करने के बाद रेलवे पुलिस कर्मियों ने वहां से गुजर रही एक मालगाड़ी रोकी। फोर्स, गौरी और उसके परिवार के लोग मालगाड़ी में सवार होकर ललितपुर रेलवे स्टेशन पहुंचे। गौरी को स्टेशन पर डॉक्टरों ने प्राथमिक इलाज दिया। इसके बाद उसे जिला अस्पताल ले जाया गया। जहां बच्ची के पैर में प्लास्टर चढ़ाया। शनिवार तड़के उसे जिला अस्पताल में एडमिट कराया। अगले दिन डिस्चार्ज होकर रविवार शाम वह घर पहुंच गई। ————————————– ये खबर भी पढ़िए- बहराइच में मूर्ति विसर्जन में फायरिंग, युवक की मौत: रात में दो बार लाठीचार्ज, एसओ और चौकी इन्चार्ज सस्पेंड उत्तर प्रदेश में बहराइच के हरदी इलाके में रविवार को मां दुर्गा की विसर्जन यात्रा के दौरान गैर समुदाय के युवकों ने पथराव कर दिया और 20 राउंड से ज्यादा फायरिंग भी की। इसमें दो युवकों को गोली लगी। इनमें से एक की मौत हो गई, दूसरे की हालत गंभीर है। मृतक गोपाल मिश्रा (22) की 4 महीने पहले ही शादी हुई थी। घायल होने वाला शख्स राजन (25) है। युवक की मौत के बाद लोग आक्रोशित हो गए। तोड़फोड़ शुरू कर दी। बहराइच-सीतापुर हाईवे पर जाम लगा दिया। बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स और पीएसी पहुंची। हालात पर काबू पाने के लिए लाठीचार्ज किया। पढ़ें पूरी खबर…   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर