देश के पूर्व केंद्रीय मंत्री और हमीरपुर से लोकसभा सांसद अनुराग ठाकुर इंटर पॉर्लियामेंटरी यूनियन (IPU) के सदस्य चुने गए। स्विटजरलैंड के जेनेवा में बीते रविवार को IPU की मीटिंग में सभापति ने अनुराग ठाकुर के नाम का प्रस्ताव रखा। जिस पर सभी सदस्यों ने सहमति जताई और अनुराग निर्विरोध IPU के सदस्य चुने गए। बता दें कि अनुराग ठाकुर, 12 अक्तूबर से 18 अक्तूबर तक IPU की विभिन्न बैठकों में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए स्विटजरलैंड के जेनेवा दौरे पर हैं। बीते रविवार को IPU के एशिया पैसेफिक ग्रुप की बैठक जेनेवा में हुई जिसमें IPU की स्टेंडिंग कमेटी ऑन UN अफेयर की खाली पड़ी सीट को भरने के लिए सदस्य के नाम पर चर्चा हुई और अनुराग ठाकुर IPU की स्टेंडिंग कमेटी ऑन UN अफेयर के सदस्य चुने गए। दुनियाभर के देशों के सांसदों का वैश्विक संगठन है IPU IPU दुनिया भर के विभिन्न देशों के सांसदों का वैश्विक संगठन है, जिसका प्राथमिक उद्देश्य अपने सदस्यों के बीच लोकतांत्रिक शासन, अंतरराष्ट्रीय महत्व के मुद्दों पर सांसदों के बीच मित्रता, समझ और सहयोग स्थापित करके मंत्रियों, राजदूतों और अन्य राज्य अधिकारियों द्वारा अंतर-सरकारी स्तर पर संचालित अंतरराष्ट्रीय संबंधों को पूरक बनाना है। IPU संगठन की स्थापना 130 साल पहले दुनिया के पहले बहुपक्षीय राजनीतिक संगठन के रूप में की गई थी, जो सभी देशों के बीच सहयोग और संवाद को प्रोत्साहित करता है। आज, IPU में 179 सदस्य संसद और 13 एसोसिएट सदस्य शामिल हैं। यह लोकतंत्र को बढ़ावा देता है और सांसदों को अधिक मजबूत, युवा, लिंग-संतुलित और अधिक विविधतापूर्ण बनाने में मदद करता है। APG ने भी अपनी सिफारिश IPU को भेजी APG ( एशिया पैसेफिक ग्रुप) ने भी अनुराग ठाकुर के इस चयन की अपनी सिफ़ारिश IPU को भेज दी है, जिस पर 17 अक्तूबर को IPU की जनरल असेम्बली की बैठक में IPU इसे अपनी अनुमति प्रदान करेगा। देश के पूर्व केंद्रीय मंत्री और हमीरपुर से लोकसभा सांसद अनुराग ठाकुर इंटर पॉर्लियामेंटरी यूनियन (IPU) के सदस्य चुने गए। स्विटजरलैंड के जेनेवा में बीते रविवार को IPU की मीटिंग में सभापति ने अनुराग ठाकुर के नाम का प्रस्ताव रखा। जिस पर सभी सदस्यों ने सहमति जताई और अनुराग निर्विरोध IPU के सदस्य चुने गए। बता दें कि अनुराग ठाकुर, 12 अक्तूबर से 18 अक्तूबर तक IPU की विभिन्न बैठकों में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए स्विटजरलैंड के जेनेवा दौरे पर हैं। बीते रविवार को IPU के एशिया पैसेफिक ग्रुप की बैठक जेनेवा में हुई जिसमें IPU की स्टेंडिंग कमेटी ऑन UN अफेयर की खाली पड़ी सीट को भरने के लिए सदस्य के नाम पर चर्चा हुई और अनुराग ठाकुर IPU की स्टेंडिंग कमेटी ऑन UN अफेयर के सदस्य चुने गए। दुनियाभर के देशों के सांसदों का वैश्विक संगठन है IPU IPU दुनिया भर के विभिन्न देशों के सांसदों का वैश्विक संगठन है, जिसका प्राथमिक उद्देश्य अपने सदस्यों के बीच लोकतांत्रिक शासन, अंतरराष्ट्रीय महत्व के मुद्दों पर सांसदों के बीच मित्रता, समझ और सहयोग स्थापित करके मंत्रियों, राजदूतों और अन्य राज्य अधिकारियों द्वारा अंतर-सरकारी स्तर पर संचालित अंतरराष्ट्रीय संबंधों को पूरक बनाना है। IPU संगठन की स्थापना 130 साल पहले दुनिया के पहले बहुपक्षीय राजनीतिक संगठन के रूप में की गई थी, जो सभी देशों के बीच सहयोग और संवाद को प्रोत्साहित करता है। आज, IPU में 179 सदस्य संसद और 13 एसोसिएट सदस्य शामिल हैं। यह लोकतंत्र को बढ़ावा देता है और सांसदों को अधिक मजबूत, युवा, लिंग-संतुलित और अधिक विविधतापूर्ण बनाने में मदद करता है। APG ने भी अपनी सिफारिश IPU को भेजी APG ( एशिया पैसेफिक ग्रुप) ने भी अनुराग ठाकुर के इस चयन की अपनी सिफ़ारिश IPU को भेज दी है, जिस पर 17 अक्तूबर को IPU की जनरल असेम्बली की बैठक में IPU इसे अपनी अनुमति प्रदान करेगा। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल में आज बिजली कर्मचारी-इंजीनियरों का प्रदर्शन:अभियंताओं के 51 पद समाप्त करने, 81 ड्राइवर को नौकरी से हटाने पर भड़के; ब्लैक आउट की चेतावनी हिमाचल में बिजली बोर्ड कर्मचारी आज प्रदेशभर में प्रदर्शन करेंगे। विद्युत कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना (OPS) व इंजीनियरों के समाप्त किए गए 51 पदों की बहाली और नौकरी से हटाए गए 81 आउटसोर्स ड्राइवरों को वापस नौकरी पर रखने की मांग को लेकर प्रदर्शन करेंगे। राज्य सरकार इनकी मांगे नहीं मानती है तो दिवाली के बाद बिजली कर्मचारी प्रदेश में ब्लैक आउट करेंगे। बिजली बोर्ड कर्मचारियों और इंजीनियरों के संयुक्त मोर्चे पहले ही इसकी चेतावनी दे चुका हैं। जाहिर है कि इससे आने वाले दिनों में बिजली बोर्ड और कर्मचारियों में टकराव देखने को मिलेगा। बता दें कि आर्थिक स्थिति को देखते हुए सरकार ने हाल ही में बिजली बोर्ड में इंजीनियरों के 51 पद गैर जरूरी बताकर समाप्त करने का फैसला लिया है। इसी तरह 10 से 15 सालों से आउटसोर्स पर सेवाएं दे रहे 81 ड्राइवरों को नौकरी से निकाल दिया गया है। बोर्ड कर्मचारी और इंजीनियर इससे तिलमिला उठे हैं और आर पार की लड़ाई के लिए तैयार हो गए हैं। फिलहाल आज सांकेतिक धरना है। आंदोलन की अगली रणनीति का ऐलान आज किया जाएगा। फैसला वापस नहीं लिया तो उग्र आंदोलन करेंगे: वर्मा संयुक्त मोर्चे के सह संयोजक हीरा लाल वर्मा ने कहा कि बिजली बोर्ड के कर्मचारी 21 महीने से पुरानी पेंशन योजना की लड़ाई लड़ रहे हैं। इस बीच सरकार ने दो ऐसे फैसले लिए हैं, जिससे बिजली बोर्ड के कर्मचारियों में रोष है। उन्होंने बताया कि इंजीनियरों के 51 पद समाप्त करने और 81 ड्राइवरों को नौकरी से हटाने का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है। इसे वापस नहीं लिया गया तो कर्मचारी काम छोड़कर उग्र आंदोलन करेंगे। इससे प्रदेश में ब्लैक आउट की स्थिति पनप सकती है। बिजली बोर्ड को बांटने की तैयारी हीरालाल वर्मा ने कहा कि 4 दिन पहले प्रदेश सरकार द्वारा मंत्री राजेश धर्माणी की अध्यक्षता में गठित कैबिनेट सब कमेटी के साथ जॉइंट फ्रंट की बैठक हुई है, जिसमें सरकार की तरफ बिजली बोर्ड की कई इकाइयों को विघटित करने की बात हो रही है। जिसमें संचार लाइन व उप केंद्र तथा अन्य संपत्तियों को बिजली बोर्ड से अलग करने की तैयारी है। AIEPF भी समर्थन में उतरी हिमाचल सरकार के इस फैसले पर ऑल इंडिया इंजीनियर पावर फेडरेशन (AIEPF) में भी हैरानी जताई और मीडिया को जारी बयान में कहा यदि सरकार इंजीनियरों के 51 पद समाप्त करने और नौकरी से निकाले गए ड्राइवरों को नौकरी पर वापस नहीं रखती तो AIEPF भी आंदोलन के समर्थन में उतरेगी।