जिले के सबसे बड़े सिविल हॉस्पिटल में पिछले सालों के दौरान बेड की संख्या में तो इजाफा हुआ है, लेकिन उस संख्या के बढ़ने के साथ स्पेशलिस्ट के पदों की जो रिविजन होनी चाहिए थी वो आज तक नहीं हो सकी है। वहीं, जिन विभागों में मरीजों की भीड़ रहती है और मरीजों को इलाज की ज्यादा जरूरत होती है। उनमें भी पहले से सैंक्शन पोस्टों पर डॉक्टर तैनात करवाने में सेहत विभाग सफल नहीं हो सका। सिविल हॉस्पिटल में 300 बेड की क्षमता है। जहां महीने में 24 से 30 हजार की ओपीडी रहती हैं, लेकिन यह लंबे समय से डॉक्टरों की कमी से जूझ रहा है। जब भी सेहत मंत्री निरीक्षण करने आते हैं तो सिर्फ डॉक्टरों के खाली पद भरने का आश्वासन देकर चले जाते हैं। आज तक कोई भर्ती नहीं हुई। सिविल हॉस्पिटल के सर्जरी विभाग में पिछले एक साल से सिर्फ एक ही सर्जन की पोस्ट भरी हुई है। पिछले साल एक सर्जन की डेपुटेशन पर ड्यूटी लगाई गई थी, लेकिन इस साल की शुरुआत से वो डेपुटेशन भी नहीं रही और अब एक ही सर्जन जिम्मेदारी निभा रहे हैं। मेडिसिन के लिए सिर्फ एक रेगुलर डॉक्टर हैं। यहां दो डॉक्टर डेपुटेशन पर तैनात किए गए हैं। इसी तरह रेडियोलॉजिस्ट के लिए भी एक ही डॉक्टर हैं जो अपनी सेवाएं दे रहे हैं। सर्जरी विभाग में हर महीने 20-22 मेजर सर्जरी होती हैं, लेकिन सर्जन की कमी होने के कारण कई बार पोस्टमॉर्टम, वीआईपी ड्यूटी और अन्य जिम्मेदारियों के चलते सर्जरी रद्द भी होती हैं। डॉक्टर के मुताबिक 100 बेड के मुताबिक ही स्पेशलिस्ट की पोस्ट है। ईएमओ की पोस्ट रिवाइज, पर स्पेशलिस्ट नहीं मिला हॉस्पिटल में ऑर्थों की दो पोस्ट, सर्जरी की दो पोस्ट, मेडिसिन की दो पोस्ट, आई स्पेशलिस्ट की एक पोस्ट, ईएनटी की एक पोस्ट है। एक डॉक्टर दिन में 150 से 250 मरीज देखता है। मेडिसिन की दो पोस्ट में से एक की ही तैनाती है और एक डॉक्टर डेपुटेशन पर आते हैं। आंखों के माहिर में भी परमानेंट डॉक्टर नहीं हैं और डेपुटेशन पर ही डॉक्टर को लगाया गया है। पंजाब सिविल मेडिकल सर्विस एसोसिएशन द्वारा लंबे समय से इन खाली पोस्ट को भरने की मांग और पोस्टों को रिवाइज करने की मांग की जा रही है, लेकिन ऐसा संभव अब तक भी नहीं हुआ है। हाल ही में सरकार द्वारा एमरजेंसी मेडिकल अफसरों की पोस्ट को रिवाइज किया गया है। इसमें पहले 294 के तकरीबन पोस्ट थी, जिन्हें बढ़ा कर 813 किया गया और कुल 1107 ईएमओ की पोस्ट होगी, लेकिन स्पेशलिस्ट की पोस्ट के लिए कोई रिविजन नहीं हुई है। जिले के सबसे बड़े सिविल हॉस्पिटल में पिछले सालों के दौरान बेड की संख्या में तो इजाफा हुआ है, लेकिन उस संख्या के बढ़ने के साथ स्पेशलिस्ट के पदों की जो रिविजन होनी चाहिए थी वो आज तक नहीं हो सकी है। वहीं, जिन विभागों में मरीजों की भीड़ रहती है और मरीजों को इलाज की ज्यादा जरूरत होती है। उनमें भी पहले से सैंक्शन पोस्टों पर डॉक्टर तैनात करवाने में सेहत विभाग सफल नहीं हो सका। सिविल हॉस्पिटल में 300 बेड की क्षमता है। जहां महीने में 24 से 30 हजार की ओपीडी रहती हैं, लेकिन यह लंबे समय से डॉक्टरों की कमी से जूझ रहा है। जब भी सेहत मंत्री निरीक्षण करने आते हैं तो सिर्फ डॉक्टरों के खाली पद भरने का आश्वासन देकर चले जाते हैं। आज तक कोई भर्ती नहीं हुई। सिविल हॉस्पिटल के सर्जरी विभाग में पिछले एक साल से सिर्फ एक ही सर्जन की पोस्ट भरी हुई है। पिछले साल एक सर्जन की डेपुटेशन पर ड्यूटी लगाई गई थी, लेकिन इस साल की शुरुआत से वो डेपुटेशन भी नहीं रही और अब एक ही सर्जन जिम्मेदारी निभा रहे हैं। मेडिसिन के लिए सिर्फ एक रेगुलर डॉक्टर हैं। यहां दो डॉक्टर डेपुटेशन पर तैनात किए गए हैं। इसी तरह रेडियोलॉजिस्ट के लिए भी एक ही डॉक्टर हैं जो अपनी सेवाएं दे रहे हैं। सर्जरी विभाग में हर महीने 20-22 मेजर सर्जरी होती हैं, लेकिन सर्जन की कमी होने के कारण कई बार पोस्टमॉर्टम, वीआईपी ड्यूटी और अन्य जिम्मेदारियों के चलते सर्जरी रद्द भी होती हैं। डॉक्टर के मुताबिक 100 बेड के मुताबिक ही स्पेशलिस्ट की पोस्ट है। ईएमओ की पोस्ट रिवाइज, पर स्पेशलिस्ट नहीं मिला हॉस्पिटल में ऑर्थों की दो पोस्ट, सर्जरी की दो पोस्ट, मेडिसिन की दो पोस्ट, आई स्पेशलिस्ट की एक पोस्ट, ईएनटी की एक पोस्ट है। एक डॉक्टर दिन में 150 से 250 मरीज देखता है। मेडिसिन की दो पोस्ट में से एक की ही तैनाती है और एक डॉक्टर डेपुटेशन पर आते हैं। आंखों के माहिर में भी परमानेंट डॉक्टर नहीं हैं और डेपुटेशन पर ही डॉक्टर को लगाया गया है। पंजाब सिविल मेडिकल सर्विस एसोसिएशन द्वारा लंबे समय से इन खाली पोस्ट को भरने की मांग और पोस्टों को रिवाइज करने की मांग की जा रही है, लेकिन ऐसा संभव अब तक भी नहीं हुआ है। हाल ही में सरकार द्वारा एमरजेंसी मेडिकल अफसरों की पोस्ट को रिवाइज किया गया है। इसमें पहले 294 के तकरीबन पोस्ट थी, जिन्हें बढ़ा कर 813 किया गया और कुल 1107 ईएमओ की पोस्ट होगी, लेकिन स्पेशलिस्ट की पोस्ट के लिए कोई रिविजन नहीं हुई है। पंजाब | दैनिक भास्कर
Related Posts

पिता को ढूंढने जापान से पंजाब पहुंचा युवक:17 साल पहले मां से तलाक हुआ, कॉलेज प्रोजेक्ट से खोजने का मन बनाया; फोटो लेकर घूमा
पिता को ढूंढने जापान से पंजाब पहुंचा युवक:17 साल पहले मां से तलाक हुआ, कॉलेज प्रोजेक्ट से खोजने का मन बनाया; फोटो लेकर घूमा तारीख : 19 अगस्त 2024 (रक्षाबंधन) पंजाब के अमृतसर में लोहारका रोड पर रहने वाले सुखपाल सिंह को घर से फोन आया। उसे पता चला कि उसका बेटा जापान से ढूंढता हुआ आया है। चंद सेकेंड में सुखपाल सिंह के सामने 19 साल पहले की लाइफ फ्लैश बैक हुई। सुखपाल सिंह कुछ मिनटों में घर पहुंच गया। घर पहुंचा तो वहां 22 वर्षीय रिन ताकाहाता खड़ा था। सुखपाल ने देखते ही उसे गले लगा लिया। रिन ताकाहाता 19 अगस्त को ही अमृतसर पहुंचा था। वह अपने पिता की 19 साल पहले की फोटो लेकर फतेहगढ़ चूड़ियां रोड की गलियों में घूम रहा था। तभी एक दुकानदार फोटो देखकर सुखपाल सिंह को पहचान लिया और रिन को उसके घर का पता बताया। कॉलेज प्रोजेक्ट के बाद पिता को खोजने का मन बनाया रिन ताकाहाता ने बताया कि वह ओसाका यूनिवर्सिटी ऑफ ऑर्ट्स में पढ़ रहा है। कॉलेज की तरफ से फेमिली ट्री बनाने की असाइनमेंट दी गई थी। फैमिली ट्री में मां साची ताकाहाता व परिवार की पूरी जानकारी भर ली, लेकिन पिता और उनके परिवार के बारे में उसे कुछ नहीं पता था। इसके बाद उसने पिता सुखपाल सिंह को खोजने की ठान ली। घर आते ही उसने मां साची ताकाहाता से पिता सुखपाल सिंह के बारे में पूछा। घर पर पिता की एक तस्वीर मिली, जो 19 साल पुरानी थी। मां को पिता सुखपाल का पुराने घर का पता याद था, जो अमृतसर के फतेहगढ़ चूड़ियां रोड पर था। इसके बाद रिन ताकाहाता पिता को ढूंढने के लिए जापान से भारत आ गया। थाईलैंड एयरपोर्ट पर हुई थी दोनों की मुलाकात सुखपाल सिंह ने बताया कि साची ताकाहाटा से उसकी मुलाकात थाईलैंड एयरपोर्ट पर हुई थी। साची भारत आ रही थी और वह अपने घर अमृतसर लौट रहे थे। प्लेन में दोनों की सीट साथ थीं। सुखपाल ने साची को गोल्डन टेंपल व वाघा बॉर्डर दिखाने का वादा किया। साची कई दिन उनके फतेहगढ़ चूड़ियां रोड स्थित पुराने घर पर ही रहीं। इसी बीच दोनों में प्यार हो गया। साची जापान वापस चली गईं। इसके बाद साची ने उसे जापान बुला लिया। साल 2002 में दोनों ने जापान में शादी की और 2003 में रिन ताकाहाता का जन्म हुआ। तलाक के बाद दूसरी शादी की सुखपाल बताते हैं कि जब उन्होंने साची से शादी की, वह 19 साल के थे। परिवार को वे संभाल नहीं पाए। शादी में कठिनाइयां सामने आईं और 2004 में भारत लौट आए। साची उन्हें मनाने अमृतसर भी आई थी और अपने साथ वापस ले गईं। फिर भी शादी ज्यादा दिन नहीं चली और तलाक के बाद 2007 में वह भारत लौट आए। भारत आकर उन्होंने गुरविंदरजीत कौर से शादी कर ली। दूसरी शादी के बाद उन्हें बेटी अवलीन पन्नू है। सोशल मीडिया पर ढूंढने की कोशिश की रिन ताकाहाता ने बताया कि उन्होंने पिता को सोशल मीडिया पर खोजने की बहुत कोशिश की, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। अब पिता के साथ उन्हें पूरा परिवार मिल गया है। जापान में खुद को अकेला समझता था, लेकिन अब पिता के साथ उन्हें एक बहन भी मिल गई। रक्षाबंधन के त्योहार पर अवलीन ने उसे राखी बांधी। मां-पिता को एक साथ देखना चाहता है रिन ताकाहाता रिन ने कहा कि वह अपने माता-पिता को दोबारा एक साथ देखना चाहता है। उसने पिता से वादा किया है कि वह नियमित रूप से अमृतसर आता रहेगा और अपने पिता व भारतीय परिवार साथ अमृतसर में रहेगा।

फाजिल्का में करंट लगने से किसान की मौत:खेत में पानी लगाने गया था मृतक, पड़ोसी ने परिवार को दी सूचना
फाजिल्का में करंट लगने से किसान की मौत:खेत में पानी लगाने गया था मृतक, पड़ोसी ने परिवार को दी सूचना फाजिल्का के गांव मुहार खीवा मनसा में करंट लगने से किसान की मौत का मामला सामने आया है। जिसके बाद मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए फाजिल्का के सरकारी अस्पताल की मोर्चरी में रखवा दिया गया है। हालांकि परिजनों को पड़ोसी के बताने पर पता चला कि किसान सुरजीत की मौत हो गई है। फिलहाल परिजन आर्थिक मदद की गुहार लगा रहे हैं। सरकारी अस्पताल पहुंचे सिद्वास सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि किसान सुरजीत सिंह (करीब 60 वर्षीय) सुबह खेतों में पौधों को पानी देने के लिए गया था। जहां करंट लगने से उसकी मौत हो गई। किसान का शव काफी देर तक खेत में पड़ा रहा। शव को मॉर्च्युरी में रखवाया जब उसके पड़ोस के लोगों ने देखा कि किसान सुरजीत सिंह खेत में पड़ा है तो उन्होंने जाकर देखा तो सुरजीत सिंह की मौत हो चुकी थी। जिसके बाद परिजन मृतक के शव को सरकारी अस्पताल ले गए हैं जहां उसका पोस्टमार्टम किया जाना है। और पुलिस को सूचना दे दी गई है। फिलहाल पीड़ित परिवार इस मामले में सरकार से आर्थिक मदद की गुहार लगा रहा है।

जालंधर में 4 जगहों पर रेल रोको आंदोलन:दोपहर 3 बजे तक चलेगा, 100 से ज्यादा ट्रेनें प्रभावित, GRP अलर्ट पर
जालंधर में 4 जगहों पर रेल रोको आंदोलन:दोपहर 3 बजे तक चलेगा, 100 से ज्यादा ट्रेनें प्रभावित, GRP अलर्ट पर किसान आंदोलन के समर्थन में आज पंजाब भर में किसानों द्वारा ट्रेनें रोकी जा रही हैं। दोपहर करीब 12 बजे जारी यह विरोध प्रदर्शन दोपहर 3 बजे तक चलेगा। पंजाब भर में किसानों द्वारा कुल 48 स्थानों को यह प्रदर्शन किया जा रहा है। जालंधर में कुल चार स्थानों पर किसानों द्वारा ट्रेनें रोकी जा रही है। सबसे प्रमुख रेलवे क्रॉसिंग जालंधर कैंट रेलवे स्टेशन से सटी धन्नोवाली रेलवे क्रॉसिंग पर यह प्रदर्शन किया जा रहा है। यहां रोजाना जम्मू और अमृतसर जाने वाली 100 से ज्यादा ट्रेनें गुजरती हैं। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने 14 दिसंबर को रेल रोको आंदोलन की घोषणा की थी। लोहिया, फिल्लौर और ढिलवां में भी प्रदर्शन बता दें कि जालंधर सिटी के साथ साथ कस्बा फिल्लौर, लोहिया खास और गांव ढिलवां के पास भी अलग अलग किसान जत्थेबंदियों द्वारा ट्रेनें रोकी जा रही है। इन रूटों पर भी 50 से ज्यादा ट्रेनों का रोजाना आवागमन होता है। ऐसे में यात्रियों को काफी परेशानियों का सामान करना पड़ रहा है। पुलिस ने इस सारे घटनाक्रम को देखते हुए सुरक्षा बढ़ा दी है। साथ ही जीआरपी पुलिस को भी अलर्ट किया गया है।