पंजाब में आज (शुक्रवार) को किसानों द्वारा आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायकों-मंत्रियों और भाजपा नेताओं के घरों के बाहर पक्का मोर्चा लगाया जाएगा। किसानों का आरोप है कि मंडियों में धान की खरीद उचित तरीके से नहीं हो रही है। इस वजह से किसान परेशान हैं। जबकि केंद्र और पंजाब सरकार इस मामले को गंभीरता से नहीं ले रही है। इससे पहले कल किसानों ने 14 जिलों में 25 टोल प्लाजा फ्री करवाए गए थे, जो आज भी फ्री रहेंगे। वहां पर भी किसान डटे हुए हैं। यह प्रदर्शन भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां की अगुवाई में चल रहा है। संघर्ष दिन-रात जारी रहेगा किसान नेता जोगिंदर सिंह उगराहां और महासचिव सुखदेव सिंह कोकरी कलां ने बताया कि संगठन की 5 सदस्यीय प्रदेश नेतृत्व टीम ने यह फैसला लिया है। फैसले के अनुसार दोनों तरह के मार्च दिन-रात जारी रहेंगे। किसानों और मजदूरों की कई मांगें हैं। इनमें से एक मांग एमएसपी पर धान की निर्बाध खरीद शुरू करना है। इसके अलावा कई अन्य मांगें भी इसमें शामिल हैं। जिन पर केंद्र की भाजपा सरकार और राज्य की आप सरकार गंभीरता नहीं दिखा रही है। दोनों सरकारों पर अनदेखी का आरोप किसान नेताओं ने केंद्र और पंजाब सरकार पर किसानों की इन जायज मांगों की अनदेखी करने का आरोप लगाया है। वे कॉरपोरेट समर्थक विश्व व्यापार संगठन की खुले बाजार नीति के खिलाफ हैं। उन्होंने सभी गांवों के किसानों और मजदूरों से अपील की है कि वे केंद्र और राज्य सरकार के इस घातक हमले को विफल करने के लिए दिन-रात काम करें। उसी ताकत के साथ इन मोर्चों पर पहुंचें। पंजाब में आज (शुक्रवार) को किसानों द्वारा आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायकों-मंत्रियों और भाजपा नेताओं के घरों के बाहर पक्का मोर्चा लगाया जाएगा। किसानों का आरोप है कि मंडियों में धान की खरीद उचित तरीके से नहीं हो रही है। इस वजह से किसान परेशान हैं। जबकि केंद्र और पंजाब सरकार इस मामले को गंभीरता से नहीं ले रही है। इससे पहले कल किसानों ने 14 जिलों में 25 टोल प्लाजा फ्री करवाए गए थे, जो आज भी फ्री रहेंगे। वहां पर भी किसान डटे हुए हैं। यह प्रदर्शन भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां की अगुवाई में चल रहा है। संघर्ष दिन-रात जारी रहेगा किसान नेता जोगिंदर सिंह उगराहां और महासचिव सुखदेव सिंह कोकरी कलां ने बताया कि संगठन की 5 सदस्यीय प्रदेश नेतृत्व टीम ने यह फैसला लिया है। फैसले के अनुसार दोनों तरह के मार्च दिन-रात जारी रहेंगे। किसानों और मजदूरों की कई मांगें हैं। इनमें से एक मांग एमएसपी पर धान की निर्बाध खरीद शुरू करना है। इसके अलावा कई अन्य मांगें भी इसमें शामिल हैं। जिन पर केंद्र की भाजपा सरकार और राज्य की आप सरकार गंभीरता नहीं दिखा रही है। दोनों सरकारों पर अनदेखी का आरोप किसान नेताओं ने केंद्र और पंजाब सरकार पर किसानों की इन जायज मांगों की अनदेखी करने का आरोप लगाया है। वे कॉरपोरेट समर्थक विश्व व्यापार संगठन की खुले बाजार नीति के खिलाफ हैं। उन्होंने सभी गांवों के किसानों और मजदूरों से अपील की है कि वे केंद्र और राज्य सरकार के इस घातक हमले को विफल करने के लिए दिन-रात काम करें। उसी ताकत के साथ इन मोर्चों पर पहुंचें। पंजाब | दैनिक भास्कर
Related Posts
बौद्धिक दिव्यांग के वोकेशनल सेंटर में सुखमनी साहिब का पाठ कराया
बौद्धिक दिव्यांग के वोकेशनल सेंटर में सुखमनी साहिब का पाठ कराया जालंधर| शुक्रवार को वडाला में बौद्धिक दिव्यांग व्यक्तियों के लिए संचालित संस्था चानण एसोसिएशन फॉर एमआर चिल्ड्रन के वोकेशनल सेंटर में सरबत द भले की अरदास की गई। इस मौके पर रोशन सिंह मक्कड़ और सरदारनी गुरबचन कौर मक्कड़ की याद में सुखमनी साहिब का पाठ िकया। श्री सुखमनी साहिब सेवा सोसायटी की तरफ से प्रमुख तौर पर नगमा मक्कड़ एवं अन्य उपस्थित रहे। नगमा मक्कड़ में परिवार ने वोकेशनल सेंटर को दो हीटर एवं एक खाना गर्म करने का हीटर दिया। संस्था के महासचिव मनीष अग्रवाल ने बताया कि वोकेशनल सेंटर में विद्यार्थियों द्वारा दीवाली के लिए रंगदार दिए, डांडिया, करवाचौथ की ट्रे सेट, गिफ्ट पैक, सजावटी गिफ्ट, शगुन लिफाफे और सभी तरह के चानण मसाले तैयार किए गए हैं, जिन्हें अलग-अलग जगह प्रदर्शनी लगाकर बेचा जाता है। इस मौके पर तेज पाल सिंह, डॉ. कुलदीप सिंह, अरविंदर सिंह, दविंदर सिंह आनंद, राहुल, गौतम, सुखम, रेणु व अन्य मौजूद रहे।
मोहाली में पंजाब का पहला मदर मिल्क बैंक:माताओं का सहयोग नवजातों के लिए बना जीवनदान, दूध डोनेट करने पहुंच रही महिलाएं
मोहाली में पंजाब का पहला मदर मिल्क बैंक:माताओं का सहयोग नवजातों के लिए बना जीवनदान, दूध डोनेट करने पहुंच रही महिलाएं मोहाली के डा. बीआर अंबेडकर स्टेट इंस्टीच्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (एम्स) में स्थापित मदर मिल्क बैंक ने हाल के महीनों में उल्लेखनीय सफलता हासिल की है। इस बैंक का उद्देश्य नवजात शिशुओं को आवश्यक मातृ दूध प्रदान करना है। खासकर उन बच्चों के लिए जिनकी माताएं किसी कारणवश दूध पिलाने में असमर्थ हैं। प्रिंसिपल डायरेक्टर भारती के अनुसार, मदर मिल्क बैंक को फ्रेंडली बनाने का पूरा प्रयास किया गया है। मदर एंड चाइल्ड केयर यूनिट में बच्चों के इलाज के लिए हर संभव सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। इस बैंक की शुरुआत के कुछ ही महीनों में इसका अच्छा रिस्पांस देखने को मिल रहा है और प्रतिमाह 50 से 60 महिलाएं यहां आकर दूध डोनेट कर रही हैं। 3 से 4 बच्चों को प्रतिदिन दूध की जरूरत अस्पताल में प्रतिदिन औसतन 500 एमएल दूध इकट्ठा किया जा रहा है, जो नवजात शिशुओं के लिए वरदान साबित हो रहा है। अधिकारियों के मुताबिक, 3 से 4 बच्चों को प्रतिदिन दूध की जरूरत पड़ती है, और यह बैंक उन बच्चों के लिए जीवनदान बन रहा है, जिनकी मां दूध पिलाने में असमर्थ हैं। मोहाली प्रशासन की एडीसी सोनम चौधरी द्वारा बीते महीने कुछ महिलाओं को उनके अद्वितीय योगदान के लिए सम्मानित भी किया गया था। अधिकारियों ने उम्मीद जताई है कि आने वाले दिनों में डोनेशन के लिए और भी अधिक महिलाएं आगे आएंगी, जिससे बैंक की सेवाओं का विस्तार होगा।
गुरदासपुर की छात्रा की कनाडा में मौत:कार में सवार होकर सहेलियों के साथ जा रही थी, 10 महीने पहले गई थी पढ़ाई करने
गुरदासपुर की छात्रा की कनाडा में मौत:कार में सवार होकर सहेलियों के साथ जा रही थी, 10 महीने पहले गई थी पढ़ाई करने कनाडा से आए दिन भारतीय छात्रों और युवाओं की मौत की खबरें सुनने को मिल रही हैं। वहीं, अब एक ऐसा ही मामला ब्रैंपटन से सामने आया है, जहां गुरदासपुर के गांव सुख्खा चिड़ा की रहने वाली 21 साल की लड़की लखविंदर कौर ऊर्फ कोमल की सड़क हादसे में मौत हो गई। हादसे के दौरान उसकी सहेलियां भी उसके साथ थीं। कोमल 10 महीने पहले स्टडी वीजा पर विदेश गई थी इस संबंध में मृतक लड़की के चाचा नरिंदर सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि उनकी 21 वर्षीय भतीजी लखविंदर कौर उर्फ कोमल पुत्री बलविंदर सिंह 10 महीने पहले कनाडा में पढ़ाई करने गई थी। उन्होंने बताया कि वह अपने चार दोस्तों के साथ कार में सवार होकर किसी काम के लिए जा रही थी। इस दौरान कार असंतुलित होकर एक पेड़ से टकरा गई। इस हादसे में कोमल सहित तीन अन्य लड़कियों की मौत हो गई, जबकि एक लड़का गंभीर घायल हो गया। परिजनों का रो रोकर बुरा हाल इस हादसे की पुष्टि कनाडा पुलिस की तरफ से की गई है। इस दुर्घटना के बाद से परिवार के लोगों का रो-रोकर बुरा हाल है। गांव में शोक की लहर फैल गई। वहीं इस मौके समाज सेवी बलदेव सिंह बल्ला सुखा छिद्दा ने कहा कि मृतक लड़की के पिता ने कड़ी मेहनत करने और कुछ कर्ज लेने के बाद अपनी बेटी का भविष्य सुरक्षित करने के लिए लगभग 10 महीने पहले उसे कनाडा में पढ़ने के लिए भेजा था। अभी पास किए थे दो ही सेमेस्टर कोमल ने अभी दो सेमेस्टर ही पास किए थे और उसे अभी कालज से 4 महीने की छुट्टियां पड़ी हुई थी, इस लिए वह अपना खर्चा निकालने के लिए काम कर रही थी और इस हादसे में उसकी मौत हो गई। वही परिवार ने मां की है कि उनकी बेटी के मृतक शव को जल्द भारत भेजा जाए