हरियाणा के कैथल जिले में पराली के बंडलों से भरी ट्राली के नीचे आने से एक युवक की मौत हो गई। युवक की पहचान लखबीर सिंह (35) के रूप में हुई है, जो पंजाब के मानसा जिला में हीरोकलां का निवासी था। मृतक लखविंदर खरकड़ा गांव से पराली के बंडलों से भरी ट्राली लेकर सुबह 6 बजे कांगथली में बने पराली प्लान में आया था, जो अपनी बारी के इंतजार में अन्य ट्रैक्टरों की लाइन में लगाकर ट्राली के नीचे सो गया। इसके कुछ देर बाद किसी अज्ञात व्यक्ति ने ट्रैक्टर को चलाकर आगे कर दिया जिसके नीचे सोए लखविंदर के ऊपर से पराली के बंडलों से भरी ट्राली निकल गई और उसकी मौके पर ही मौत हो गई। घटना की सूचना मिलने के बाद सीवन थाना पुलिस मौके पर पहुंची कर कार्रवाई में जुटी है, उसके साथियों द्वारा मृतक के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए कैथल के नागरिक अस्पताल लाया गया। मृतक के घर में एक बूढ़ी मां, पत्नी और एक 10 साल का बेटा है। घर में कमाने वाला लखविंदर एकलौता था जो अपने परिवार का सहारा था। घटना के बाद पूरे परिवार में शोक का माहौल है। हरियाणा के कैथल जिले में पराली के बंडलों से भरी ट्राली के नीचे आने से एक युवक की मौत हो गई। युवक की पहचान लखबीर सिंह (35) के रूप में हुई है, जो पंजाब के मानसा जिला में हीरोकलां का निवासी था। मृतक लखविंदर खरकड़ा गांव से पराली के बंडलों से भरी ट्राली लेकर सुबह 6 बजे कांगथली में बने पराली प्लान में आया था, जो अपनी बारी के इंतजार में अन्य ट्रैक्टरों की लाइन में लगाकर ट्राली के नीचे सो गया। इसके कुछ देर बाद किसी अज्ञात व्यक्ति ने ट्रैक्टर को चलाकर आगे कर दिया जिसके नीचे सोए लखविंदर के ऊपर से पराली के बंडलों से भरी ट्राली निकल गई और उसकी मौके पर ही मौत हो गई। घटना की सूचना मिलने के बाद सीवन थाना पुलिस मौके पर पहुंची कर कार्रवाई में जुटी है, उसके साथियों द्वारा मृतक के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए कैथल के नागरिक अस्पताल लाया गया। मृतक के घर में एक बूढ़ी मां, पत्नी और एक 10 साल का बेटा है। घर में कमाने वाला लखविंदर एकलौता था जो अपने परिवार का सहारा था। घटना के बाद पूरे परिवार में शोक का माहौल है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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भाजपा ने बोगस पोलिंग पर जिला प्रमुखों से मांगी रिपोर्ट:मतदान के दिन बीजेपी के कंट्रोल रूम में आईं हजारों शिकायतें, धीमी वोटिंग कराने का आरोप
भाजपा ने बोगस पोलिंग पर जिला प्रमुखों से मांगी रिपोर्ट:मतदान के दिन बीजेपी के कंट्रोल रूम में आईं हजारों शिकायतें, धीमी वोटिंग कराने का आरोप हरियाणा में बोगस पोलिंग पर पूर्व CM मनोहर लाल के बयान के बाद पूरी भाजपा एक्टिव हो गई है। इस पर हरियाणा के CM नायब सिंह सैनी ने सभी भाजपा जिलाध्यक्षों से रिपोर्ट तलब की है। नायब सिंह सैनी ने 31 जून को सभी जिलाध्यक्षों को रिपोर्ट लेकर पंचकुला बुलाया है। इस रिपोर्ट में जिलाध्यक्षों को यह बताना होगा कि 25 मई को मतदान वाले दिन किस जगह पर कितना बोगस पोल हुआ, किन अधिकारियों ने धीमा मतदान करवाया, भाजपा को अधिक वोट मिलने वाले बूथों पर मतदान प्रतिशत में गिरावट क्यों हुई। इसके अलावा भी कई बिंदु हैं जिस पर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने रिपोर्ट मांगी है। आपको बता दें कि हरियाणा में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष का पद अब भी नायब सिंह सैनी के पास ही है। भाजपा जिलाध्यक्ष हिसार आशा खेदड़ का कहना है कि वह रिपोर्ट तैयार कर रही हैं। 31 जून को वह मीटिंग में अपनी रिपोर्ट रखेंगी। हर जिले में हेल्पलाइन नंबर जारी किया था
आपको बता दें भाजपा ने चुनाव से ठीक पहले एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया था। यह हेल्पलाइन नंबर हर जिले में वाट्सएप ग्रुप के माध्यम से जोड़ा गया था। इन हेल्पलाइन नंबरों पर 1000 से अधिक फोन आए हैं जिन पर बोगस पोलिंग और धीमा मतदान की सबसे ज्यादा शिकायतें दर्ज की गई। इसके अलावा सिरसा, फतेहाबाद, अंबाला, सोनीपत और कुरुक्षेत्र से धीमा मतदान करवाने की शिकायतें सबसे अधिक आईं। प्रदेश संगठन से इशारा मिलने के बाद जिलाध्यक्षों ने अपनी-अपनी रिपोर्ट बनानी शुरू कर दी है। हिसार के उदाहरण से समझिये…इस तरह कंट्रोल रूम के जरिये आई शिकायतें
भाजपा ने चुनाव से पहले 18001038437 टोल फ्री नंबर जारी किया था। इस नंबर पर कोई भी व्यक्ति मतदान से संबंधित शिकायत दर्ज करवा सकता था। इस कंट्रोल रूम में बैठे भाजपा के कार्यकर्ता हर जिलों के हिसाब से बनाए वॉट्सऐप ग्रुप में एक्टिव रहे। जैसे हिसार से कोई शिकायत टोल फ्री नंबर पर गई तो उस शिकायत को लॉक करके हिसार भाजपा के ग्रुप में डाला गया और शिकायत पर संज्ञान लेने को कहा। इसके बाद हिसार बैठी एक टीम उन एरिया के पन्ना प्रमुख व कार्यकर्ताओं से संपर्क कर बूथ पर पहुंच रही थी और शिकायत को क्रॉस चेक कर रही थी। हिसार में टोल फ्री नंबर पर बूथ कैप्चरिंग, धीमा मतदान जैसी शिकायतें आई। सबसे ज्यादा शिकायत आदमपुर, उचाना और हांसी से दर्ज की गई। सरकार जल्द ले सकती है एक्शन
चुनावों में भाजपा को हराने का सपना देखने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों की रिपोर्ट सरकार जिलाध्यक्ष के मार्फत लेकर उन पर जल्द कार्रवाई कर सकती है। सरकार इस मामले में कर्मचारियों पर कार्रवाई कर सकती है। इसमें नूंह में तबादला, डेपुटेशन पर भेजने और गृह जिले से दूर तैनाती जैसी कार्रवाई हो सकती है, ताकि अधिकारियों को सबक सिखाया जा सके। आपको बता दें कि हरियाणा की ब्यूरोक्रेसी से CM नायब सैनी और पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर नाराज चल रहे हैं। उनकी ये नाराजगी लगातार लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान दिखाई भी दी थी। पहले पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर और अब सीएम नायब सैनी लगातार अफसरों को निशाने पर ले रहे हैं। सही से काम करने की चेतावनी भी दे रहे हैं। चुनाव में विरोधियों की मदद का शक
लोकसभा चुनाव में कुछ अधिकारियों के द्वारा विरोधियों खासकर कांग्रेस और जजपा को मदद करने का भी इनपुट भाजपा की रिव्यू मीटिंग में मिला है। सरकार के सूत्रों का कहना है कि इस इनपुट के बाद पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल नाराज बताए जा रहे हैं। उन्होंने इस मामले में मुख्यमंत्री नायब सैनी से भी चर्चा की है। बताया जा रहा है कि इस चुनाव में पूर्व सीएम खट्टर को केंद्रीय नेतृत्व के द्वारा फ्री हैंड दिया गया था, इसलिए सभी सीटों का चुनावी प्रबंधन भी वही देख रहे थे। इस लापरवाही से यदि चुनाव में भाजपा को कुछ भी नुकसान होता है तो सरकार इसमें सख्त फैसला लेगी। अधिकारियों से सरकार स्पष्टीकरण मांगेगी
भाजपा की रिव्यू मीटिंग में लोकसभा कैंडिडेट्स ने CM को इनपुट दिया कि अधिकारियों का फील्ड में रवैया ठीक नहीं था। लोगों के प्रति और भाजपा कार्यकर्ताओं के प्रति उनका रवैया नकारात्मक रहा। इससे कई बार चुनाव में असहज स्थिति बनी। इसको भी सरकार ने गंभीरता से लिया है और सभी कैंडिडेट्स को ऐसे अधिकारियों के खिलाफ लिखित शिकायत देने को कहा है। 4 जून के बाद ऐसे अधिकारियों से सरकार स्पष्टीकरण मांगेगी।
हरियाणा में पार्टी छोड़ने वालों की BJP में एंट्री मुश्किल:गुपचुप चक्कर काट लॉबिंग कर रहे; CM सैनी ने केंद्रीय नेतृत्व से परमिशन को कहा
हरियाणा में पार्टी छोड़ने वालों की BJP में एंट्री मुश्किल:गुपचुप चक्कर काट लॉबिंग कर रहे; CM सैनी ने केंद्रीय नेतृत्व से परमिशन को कहा हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का माहौल देख पार्टी छोड़ने वालों की BJP में एंट्री मुश्किल हो गई है। प्रदेश में फिर सरकार बनने के बाद ऐसे नेता 5 साल तक विपक्ष के बजाय फिर से सत्ता पक्ष में आना चाहते हैं। हालांकि CM नायब सैनी ने इन नेताओं की एंट्री पर फुल स्टॉप लगा दिया है। उन्होंने प्रदेश के संगठन को दो टूक कह दिया है कि ऐसे नेताओं की पार्टी में वापसी का फैसला केंद्रीय नेतृत्व करेगा। जिससे BJP में वापसी का जुगाड़ लगा रहे या लॉबिंग में जुटे नेताओं को झटका लगा है। माना जा रहा है कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव के बीच पार्टी को धोखा देने वालों से केंद्रीय नेतृत्व खासा नाराज है। यही वजह है कि अब इन पर फैसला केंद्रीय नेतृत्व ने अपने हाथ में लिया है। ऐसे में उनकी एंट्री मुश्किल ही मानी जा रही है। कौन से नेता वापसी की कोशिश में
BJP से जुड़े सूत्रों के मुताबिक पार्टी में वापसी की कोशिश में टिकट न मिलने पर नाराज होने से लेकर बागी चुनाव लड़ने और पूर्व सांसद-पूर्व मंत्री भी शामिल हैं। जो प्रदेश के नेताओं के जरिए केंद्रीय नेतृत्व में अपनी पैरवी चाहते थे। संगठन को मजबूत दिखाने के लिए प्रदेश के कुछ नेता एक्टिव भी हो चुके थे। हालांकि जैसे ही CM नायब सैनी को इसकी भनक लगी तो उन्होंने साफ कह दिया कि पार्टी में आने के इच्छुक पहले केंद्रीय नेतृत्व से परमिशन लेकर आएं। प्रदेश में चुनाव के बीच पार्टी छोड़ने वाले 3 बड़े चेहरे पूर्व सांसद बृजेंद्र सिंह: पूर्व सांसद बृजेंद्र सिंह पूर्व मंत्री बीरेंद्र सिंह के बेटे हैं। वह लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस में शामिल हो गए। उन्हें भाजपा के हिसार से टिकट कटने का डर था। हालांकि कांग्रेस ने उनकी हिसार-सोनीपत की दावेदारी खारिज कर लोकसभा टिकट ही नहीं दी। विधानसभा चुनाव में उन्हें जींद की उचाना सीट से उतारा लेकिन वह भाजपा उम्मीदवार देवेंद्र अत्री से चुनाव हार गए। रणजीत चौटाला: पूर्व डिप्टी PM देवीलाल के बेटे रणजीत चौटाला ने विधानसभा चुनाव से ठीक पहले बीजेपी से बगावत की। जब बीजेपी ने उन्हें रानियां से टिकट देने से इनकार कर दिया तो वह नाराज होकर बागी तेवर दिखाने लगे। हालांकि वह 5 साल BJP सरकार में ही बिजली मंत्री रहे। लोकसभा चुनाव में भी भाजपा ने कुलदीप बिश्नोई की दावेदारी को दरकिनार कर हिसार से लोकसभा चुनाव लड़वाया था लेकिन वह हार गए। विधानसभा चुनाव में बगावत करने के बाद उन्होंने JJP के समर्थन के साथ रानियां से चुनाव लड़ा, लेकिन वह हार गए। अशोक तंवर: तंवर के भाजपा छोड़ने की सबसे दिलचस्प कहानी है। वह भाजपा उम्मीदवार के लिए रैली कर रहे थे। उसी दिन राहुल गांधी की महेंद्रगढ़ में रैली थी। चुनाव प्रचार के आखिरी दौर के बीच वह अचानक मंच पर पहुंचे और राहुल गांधी की मौजूदगी में कांग्रेस जॉइन कर ली। हालांकि उनकी जॉइनिंग से भूपेंद्र हुड्डा खासे खुश नजर नहीं आ रहे थे। तंवर पहले भी कांग्रेस में थे लेकिन 2019 में टिकट बंटवारे को लेकर हुड्डा से अनबन के बाद उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी। इसके बाद वह ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस और AAP में भी गए लेकिन बाद में भाजपा में आ गए। भाजपा ने लोकसभा चुनाव में सिरसा से सिटिंग सांसद सुनीता दुग्गल की टिकट काटकर तंवर को दी लेकिन वह हार गए। मगर, वोटिंग से 2 दिन पहले वह कांग्रेस में वापस लौट आए। 2 बागी जो चुनाव जीते लेकिन उनकी वापसी में कानूनी पेंच… भाजपा से बागी होकर चुनाव लड़ने वालीं देश की सबसे अमीर महिला सावित्री जिंदल और गन्नौर से होटेलियर देवेंद्र कादियान जीत गए। वह भाजपा को समर्थन दे चुके हैं लेकिन पार्टी में शामिल होने पर उनका कानूनी पेंच है। हरियाणा के राजनीतिक विश्लेषक और कानूनी मामलों के जानकार हेमंत कुमार कहते हैं … निर्दलीयों की बीजेपी में जॉइनिंग पर उनकी सदस्यता जा सकती है। हालांकि वह सरकार या किसी राजनीतिक दल को बाहर से समर्थन दे सकते हैं। सरकार में वह मंत्री या अन्य लाभ के पद पर भी रह सकते हैं, लेकिन पार्टी में शामिल होने पर स्पीकर उनकी सदस्यता खारिज कर सकता है। बागी होकर चुनाव जीते निर्दलीय विधायकों के बारे में जानें… BJP सांसद की मां सावित्री जिंदल
विधानसभा चुनाव में हरियाणा की हिसार विधानसभा सीट इस बार सुर्खियों में रही। इसकी वजह थी, यहां से देश की सबसे अमीर महिला और कुरुक्षेत्र से बीजेपी सांसद नवीन जिंदल की मां सावित्री जिंदल निर्दलीय चुनाव लड़ी थीं। सावित्री जिंदल बीजेपी से टिकट मांग रही थीं, लेकिन बीजेपी ने पूर्व मंत्री डॉ. कमल गुप्ता को दोबारा उम्मीदवार बना दिया था। हालांकि बीजेपी उम्मीदवार यहां से चुनाव हार गए। इसके बाद अब सावित्री जिंदल बीजेपी को समर्थन दे रही हैं। सूत्रों का कहना है कि उनकी वापसी में कोई रोड़ा नहीं है, वह पहले भी भाजपा में ही थीं। सबसे अहम बात यह है कि बागी चुनाव लड़ने के बाद भी उन्हें पार्टी ने निष्कासित नहीं किया था। कभी राहुल गांधी के करीबी रहे देवेंद्र कादियान
देवेंद्र कादियान मन्नत ग्रुप होटल्स के चेयरमैन हैं। उन्होंने राजनीति की शरुआत युवा कांग्रेस में की। वे राहुल गांधी के करीबी रहे हैं। युवा कांग्रेस में राष्ट्रीय महासचिव भी रह चुके हैं। 2018 में कांग्रेस छोड़ कर उन्होंने भाजपा जॉइन कर ली थी। 2019 में मनोहर लाल खट्टर ने रथ यात्रा निकली थी। तब कादियान ने गन्नौर में रथ यात्रा का भव्य स्वागत किया था, इस दौरान भी वे गन्नौर भाजपा में टिकट के प्रबल दावेदार थे, लेकिन भाजपा ने टिकट निर्मल चौधरी को दे दी। इसके बाद कादियान बागी हो गए। तब मनोहर लाल खट्टर ने उन्हें मनाया था। इस बार भी उनकी टिकट काट दी गई, जिसके बाद उन्होंने निर्दलीय चुनाव जीता। अब कादयान ने बीजेपी को समर्थन दिया है। BJP ने 8 नेताओं को 6 साल के लिए निकाला था
हरियाणा विधानसभा चुनाव में बागी हुए 8 नेताओं पर भाजपा ने कार्रवाई की थी। उन्हें 6 साल के लिए पार्टी से निकाला गया था। इनमें बिजली मंत्री रहे रणजीत चौटाला, गन्नौर विधानसभा से निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले देवेंद्र कादियान, लाडवा से संदीप गर्ग, असंध से जिलेराम शर्मा, सफीदों से बच्चन सिंह आर्य, महम से राधा अहलावत, गुरुग्राम से नवीन गोयल और हथीन से केहर सिंह रावत शामिल हैं।
पानीपत में महिला के साथ 21 लाख की ठगी:बेटी को ऑस्ट्रेलिया भेजने के नाम पर रिश्तेदारों ने हड़पी राशि; वापस मांगने पर दी धमकी
पानीपत में महिला के साथ 21 लाख की ठगी:बेटी को ऑस्ट्रेलिया भेजने के नाम पर रिश्तेदारों ने हड़पी राशि; वापस मांगने पर दी धमकी हरियाणा के पानीपत जिले के इसराना उपमंडल की रहने वाली एक विधवा महिला को उसके ही रिश्तेदारों ने ठग लिया। उन्होंने उसकी बेटी को ऑस्ट्रेलिया भेजने के नाम पर 21 लाख की ठगी की है। रुपए वापस मांगने पर आरोपियों ने उसे जान से मारने की धमकी भी दी है। जिसकी शिकायत महिला ने पुलिस को दी है। पुलिस ने शिकायत के आधार पर एक महिला आरोपी समेत तीन के खिलाफ धारा 420, 406 व 120B के तहत केस दर्ज कर लिया है।
आरोपियों ने कहा था- उनके पास विदेश भेजने का लाइसेंस है
इसराना थाना पुलिस को दी शिकायत में विधवा महिला मोनिका ने बताया कि वह गांव जौंधन कला की रहने वाली है। उसके दूर के रिश्तेदार विक्रम, निर्मला और रीनू है। महिला ने बताया कि वह अपनी बेटी शालू को पढ़ाई के लिए विदेश भेजना चाहती थी। इस बारे में उसके रिश्तेदारों को ज्ञान था। इसी सिलसिले में 3 अगस्त को तीनों उससे मिले। जिन्होंने कहा कि उनके पास विदेश भेजने का लाइसेंस है। वे कानून के अनुसार पढ़ाई के लिए आस्ट्रेलिया का वीजा लगवाकर बेटी को भेज देंगे। अलग-अलग खातों में लिए रुपए
महिला ने उन्हें 2 लाख रुपए कैश और बेटी के दस्तावेज दे दिए। इसके अलावा उसी दिन यानी 3 अगस्त 2023 को 6 लाख रुपए निर्मला के खाते में, 5 लाख 50 हजार रुपए रीनू के खाते में भेज दिए। विक्रम के कहने पर लाख रुपए 4 अगस्त को टूर एवं ट्रेवल्स के खाते में, 1 लाख रुपए विकास के खाते में व उसके भाई विकास के खाते में डेढ लाख रुपए डाल दिए।
आरोपियों ने कुल 21 लाख रुपए शालू को विदेश भेजने के नाम पर ले लिए। 30 दिन के भीतर वीजा लगवाने की बात कही थी। जब निर्धारित समय पर वीजा नहीं लगा, तो उनसे संपर्क किया गया। जिन्होंने बहाने बनाकर उसे टाल दिया। फिर उसके फोन उठाने बंद कर दिए।
आरोपियों ने 7-7 लाख रुपए के दो चेक उसे दिए, जोकि बाउंस हो गए। महिला ने अपने तौर पर जानकारी जुटाई, तो पता लगा कि आरोपियों के पास विदेश भेजने का कोई लाइसेंस नहीं है। आरोपियों ने उन्हें जान से मारने की भी धमकी दी है।