हरियाणा में पराली जलाने वाले किसानों पर अब सीधी FIR होगी। यही नहीं, ऐसे किसान अगले 2 सीजन मंडियों में फसल भी नहीं बेच पाएंगे। इसके लिए उनके ‘मेरी फसल-मेरा ब्यौरा’ के रिकॉर्ड में रेड एंट्री की जाएगी। कृषि और किसान कल्याण विभाग के निदेशक ने इस बारे में सभी जिलों के डिप्टी कमिश्नरों और कृषि विभाग के डिप्टी डायरेक्टरों को आदेश जारी किए हैं। सरकार ने इसका मकसद पराली जलाने की घटनाओं को रोकना बताया है। यह आदेश CM नायब सैनी की अगुआई वाली नई सरकार के शपथग्रहण के दिन यानी 17 अक्टूबर को जारी किए गए हैं। वहीं कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने इसका विरोध करते हुए कहा कि हरियाणा में भाजपा सरकार बनने के पहले दिन ही किसान की MSP खत्म करने का फरमान जारी किया गया है। FIR भी अलग दर्ज होगी। BJP को वोट न देने की सजा दी जा रही है। सरकार इस तुगलकी आदेश को वापस ले, वरना आंदोलन होगा। आदेश में लिखी 2 अहम बातें 1. पराली जला चुके या जलाने वालों पर हो केस
पराली जलाने और जला चुके किसानों के खिलाफ FIR दर्ज की जानी चाहिए। उनके खिलाफ संबंधित कानून के तहत मुकदमा चलाया जाना चाहिए। यह कार्रवाई 15 सितंबर 2024 से लागू होगी। 2. रेड एंट्री हो ताकि ई-खरीद पर फसल न बेच पाएं
पराली जलाने वाले किसानों के मेरी फसल-मेरा ब्यौरा (MFMB) रिकॉर्ड में रेड एंट्री करनी चाहिए। इस बारे में डिप्टी डायरेक्टर के लॉगइन में पहले ही प्रोविजन दिए जा चुके हैं। ऐसा करने से किसान अगले 2 सीजन के लिए ई-खरीद पोर्टल से मंडी में अपनी फसल नहीं बेच पाएंगे। यह अनिवार्य है। आदेश की कॉपी… कैथल जिले में 97 मामले आए सामने
इस पूरे मामले पर कृषि विभाग के डिप्टी डायरेक्टर डॉ. बाबु लाल ने जानकारी देते हुए कहा- कैथल जिले में इसके लिए ब्लॉक और गांव लेवल पर टीमें गठित कर दी गई हैं। ये टीमें गांव-गांव जाकर किसानों को जागरूक कर रही हैं, इसके अलावा हमारी मोबाइल वैन भी चल रही हैं जो जागरूकता अभियान चला रही हैं। अभी तक कैथल जिले में 97 मामले सामने आए हैं। 59 पर हमने फाइन लगा दिया है और 32 की रिपोर्ट हेडक्वार्टर को भेज दी गई है। साथ ही उन्होंने बताया कि किसानों को लगातार जागरूक कर रहे हैं फिर भी किसान कहीं ना कहीं जला देते है तो उनपर कार्रवाई कर रहे हैं। कांग्रेस सांसद सुरजेवाला ने सरकार से 7 सवाल पूछे
रणदीप सुरजेवाला ने इस बारे में CM नायब सैनी से इस बारे में 7 सवाल पूछे हैं। सुरजेवाला ने पूछा कि क्या MSP की गारंटी को खत्म करने का यह सीधा षड्यंत्र नहीं? 2 साल तक MSP पर खरीद ना करने का क्या औचित्य है?। पराली ना जलाने का क्या विकल्प है?। कितने किसानों को हैपी सीडर मशीन दी गई हैं?। 50% सब्सिडी देने के बाद भी किसान को हैपी सीडर मशीन का 80 हजार रुपए देना पड़ता है, किसान ये पैसा कैसे देगा?। क्या BJP सरकार नहीं जानती कि हैपी सीडर मशीन के लिए 65 हॉर्स पॉवर से बड़े ट्रैक्टर की जरूरत है, तो किसान इतना बड़ा ट्रैक्टर कहां से लाए?। क्या BJP सरकार नहीं जानती कि अगर पराली में पार्शियल (आंशिक) नमी भी है तो हैपी सीडर मशीन 15-20 मीटर के बाद रुक जाती है, तो किसान क्या करे?। क्या BJP सरकार नहीं जानती कि हरियाणा-पंजाब का किसान बार-बार कहता आया है कि हैपी सीडर मशीन से खेती की उत्पादकता पर असर पड़ता है? क्या सरकार ने इस पर कोई जांच या शोध करवाया? क्या ये सही है कि पंजाब कृषि विश्वविद्यालय ने यह शुरू में स्वीकार किया था? हरियाणा में पराली जलाने वाले किसानों पर अब सीधी FIR होगी। यही नहीं, ऐसे किसान अगले 2 सीजन मंडियों में फसल भी नहीं बेच पाएंगे। इसके लिए उनके ‘मेरी फसल-मेरा ब्यौरा’ के रिकॉर्ड में रेड एंट्री की जाएगी। कृषि और किसान कल्याण विभाग के निदेशक ने इस बारे में सभी जिलों के डिप्टी कमिश्नरों और कृषि विभाग के डिप्टी डायरेक्टरों को आदेश जारी किए हैं। सरकार ने इसका मकसद पराली जलाने की घटनाओं को रोकना बताया है। यह आदेश CM नायब सैनी की अगुआई वाली नई सरकार के शपथग्रहण के दिन यानी 17 अक्टूबर को जारी किए गए हैं। वहीं कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने इसका विरोध करते हुए कहा कि हरियाणा में भाजपा सरकार बनने के पहले दिन ही किसान की MSP खत्म करने का फरमान जारी किया गया है। FIR भी अलग दर्ज होगी। BJP को वोट न देने की सजा दी जा रही है। सरकार इस तुगलकी आदेश को वापस ले, वरना आंदोलन होगा। आदेश में लिखी 2 अहम बातें 1. पराली जला चुके या जलाने वालों पर हो केस
पराली जलाने और जला चुके किसानों के खिलाफ FIR दर्ज की जानी चाहिए। उनके खिलाफ संबंधित कानून के तहत मुकदमा चलाया जाना चाहिए। यह कार्रवाई 15 सितंबर 2024 से लागू होगी। 2. रेड एंट्री हो ताकि ई-खरीद पर फसल न बेच पाएं
पराली जलाने वाले किसानों के मेरी फसल-मेरा ब्यौरा (MFMB) रिकॉर्ड में रेड एंट्री करनी चाहिए। इस बारे में डिप्टी डायरेक्टर के लॉगइन में पहले ही प्रोविजन दिए जा चुके हैं। ऐसा करने से किसान अगले 2 सीजन के लिए ई-खरीद पोर्टल से मंडी में अपनी फसल नहीं बेच पाएंगे। यह अनिवार्य है। आदेश की कॉपी… कैथल जिले में 97 मामले आए सामने
इस पूरे मामले पर कृषि विभाग के डिप्टी डायरेक्टर डॉ. बाबु लाल ने जानकारी देते हुए कहा- कैथल जिले में इसके लिए ब्लॉक और गांव लेवल पर टीमें गठित कर दी गई हैं। ये टीमें गांव-गांव जाकर किसानों को जागरूक कर रही हैं, इसके अलावा हमारी मोबाइल वैन भी चल रही हैं जो जागरूकता अभियान चला रही हैं। अभी तक कैथल जिले में 97 मामले सामने आए हैं। 59 पर हमने फाइन लगा दिया है और 32 की रिपोर्ट हेडक्वार्टर को भेज दी गई है। साथ ही उन्होंने बताया कि किसानों को लगातार जागरूक कर रहे हैं फिर भी किसान कहीं ना कहीं जला देते है तो उनपर कार्रवाई कर रहे हैं। कांग्रेस सांसद सुरजेवाला ने सरकार से 7 सवाल पूछे
रणदीप सुरजेवाला ने इस बारे में CM नायब सैनी से इस बारे में 7 सवाल पूछे हैं। सुरजेवाला ने पूछा कि क्या MSP की गारंटी को खत्म करने का यह सीधा षड्यंत्र नहीं? 2 साल तक MSP पर खरीद ना करने का क्या औचित्य है?। पराली ना जलाने का क्या विकल्प है?। कितने किसानों को हैपी सीडर मशीन दी गई हैं?। 50% सब्सिडी देने के बाद भी किसान को हैपी सीडर मशीन का 80 हजार रुपए देना पड़ता है, किसान ये पैसा कैसे देगा?। क्या BJP सरकार नहीं जानती कि हैपी सीडर मशीन के लिए 65 हॉर्स पॉवर से बड़े ट्रैक्टर की जरूरत है, तो किसान इतना बड़ा ट्रैक्टर कहां से लाए?। क्या BJP सरकार नहीं जानती कि अगर पराली में पार्शियल (आंशिक) नमी भी है तो हैपी सीडर मशीन 15-20 मीटर के बाद रुक जाती है, तो किसान क्या करे?। क्या BJP सरकार नहीं जानती कि हरियाणा-पंजाब का किसान बार-बार कहता आया है कि हैपी सीडर मशीन से खेती की उत्पादकता पर असर पड़ता है? क्या सरकार ने इस पर कोई जांच या शोध करवाया? क्या ये सही है कि पंजाब कृषि विश्वविद्यालय ने यह शुरू में स्वीकार किया था? हरियाणा | दैनिक भास्कर