हरियाणा के कैबिनेट मंत्री रणबीर सिंह शपथ लेते ही एक्शन दिखने वाले हैं। दरअसल, रणबीर गंगवा ने चुनाव प्रचार के दौरान जनसभा में जनता से वादा किया था कि चुनाव जीतने के बाद अधिकारियों को लेकर जनता के बीच आउंगा। अपने इसी वादे को निभाने के लिए रणबीर गंगवा ने आज बरवाला और हिसार में प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक बुलाई है। बरवाला के किसान रेस्ट हाउस सुबह 11 बजे और हिसार के पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस में दोपहर 1 बजे वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक लेंगे। रणबीर गंगवा अधिकारियों को जनता के बीच लेकर जाएंगे और यह संदेश देंगे कि जो चुनाव में वादा किया था उसे निभाने का काम सरकार कर रही है। इससे पहले मुख्यमंत्री नायब सैनी युवाओं को नौकरी और बाद में शपथ लेने का वादा अपना पूरा कर चुके हैं। इसी कड़ी में रणबीर गंगवा अपना वादा पूरा करने जा रहे हैं। जानिये कब, कहां और क्या कहा था गंगवा ने… रणबीर गंगवा ने बरवाला शहर में चुनाव प्रचार के दौरान श्रीराम चौक पर पंजाबी समुदाय की ओर से किए गए स्वागत और समर्थन कार्यक्रम में कहा था कि ” जब मैं चुनाव जीतने के बाद धन्यवाद करने इसी चौक पर आऊंगा तो अधिकारियों को लेकर आऊंगा और आप लोगों से यह पूछने का काम करूंगा कि दिक्कत परेशानी क्या है? बताने का काम आपका होगा और करवाने का काम मेरा होगा। यह मैं आपको विश्वास दिलाता हूं”। रणबीर गंगवा ने लगातार 3 चुनाव जीते हरियाणा के सीएम नायब सैनी की कैबिनेट में मंत्री बने रणबीर गंगवा ने राजनीतिक सफर की शुरुआत गांव की राजनीति से की थी। 4 मार्च 1964 को हिसार जिले में जन्मे रणबीर गंगवा ने 1990 में महज 26 साल की उम्र में अपने गांव में पंच का चुनाव लड़ा था। इसके बाद 2000 में उन्होंने जिला परिषद का चुनाव लड़ा, जिसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा। लेकिन 2005 में उन्होंने फिर से जिला परिषद का चुनाव जीतकर वाइस चेयरमैन का पद हासिल किया, जिससे वे राजनीतिक सुर्खियों में आए। वर्ष 2009 में नलवा विधानसभा क्षेत्र के गठन के बाद, रणबीर गंगवा ने इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) से चुनाव लड़ा, लेकिन कांग्रेस प्रत्याशी संपत सिंह के सामने हार गए। इसके बाद 2010 में इनेलो ने उन्हें राज्यसभा सांसद के रूप में मनोनीत किया। 2014 में उन्होंने नलवा से जीत हासिल की और 2019 में भारतीय जनता पार्टी में शामिल होकर फिर से नलवा से चुनाव जीता। इस जीत के बाद उन्हें हरियाणा विधानसभा का डिप्टी स्पीकर बनाया गया। 2024 में भाजपा ने उन्हें नलवा की बजाय बरवाला विधानसभा से उम्मीदवार बनाया, जहां उन्होंने पहली बार पार्टी को जीत दिलाई। हरियाणा के कैबिनेट मंत्री रणबीर सिंह शपथ लेते ही एक्शन दिखने वाले हैं। दरअसल, रणबीर गंगवा ने चुनाव प्रचार के दौरान जनसभा में जनता से वादा किया था कि चुनाव जीतने के बाद अधिकारियों को लेकर जनता के बीच आउंगा। अपने इसी वादे को निभाने के लिए रणबीर गंगवा ने आज बरवाला और हिसार में प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक बुलाई है। बरवाला के किसान रेस्ट हाउस सुबह 11 बजे और हिसार के पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस में दोपहर 1 बजे वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक लेंगे। रणबीर गंगवा अधिकारियों को जनता के बीच लेकर जाएंगे और यह संदेश देंगे कि जो चुनाव में वादा किया था उसे निभाने का काम सरकार कर रही है। इससे पहले मुख्यमंत्री नायब सैनी युवाओं को नौकरी और बाद में शपथ लेने का वादा अपना पूरा कर चुके हैं। इसी कड़ी में रणबीर गंगवा अपना वादा पूरा करने जा रहे हैं। जानिये कब, कहां और क्या कहा था गंगवा ने… रणबीर गंगवा ने बरवाला शहर में चुनाव प्रचार के दौरान श्रीराम चौक पर पंजाबी समुदाय की ओर से किए गए स्वागत और समर्थन कार्यक्रम में कहा था कि ” जब मैं चुनाव जीतने के बाद धन्यवाद करने इसी चौक पर आऊंगा तो अधिकारियों को लेकर आऊंगा और आप लोगों से यह पूछने का काम करूंगा कि दिक्कत परेशानी क्या है? बताने का काम आपका होगा और करवाने का काम मेरा होगा। यह मैं आपको विश्वास दिलाता हूं”। रणबीर गंगवा ने लगातार 3 चुनाव जीते हरियाणा के सीएम नायब सैनी की कैबिनेट में मंत्री बने रणबीर गंगवा ने राजनीतिक सफर की शुरुआत गांव की राजनीति से की थी। 4 मार्च 1964 को हिसार जिले में जन्मे रणबीर गंगवा ने 1990 में महज 26 साल की उम्र में अपने गांव में पंच का चुनाव लड़ा था। इसके बाद 2000 में उन्होंने जिला परिषद का चुनाव लड़ा, जिसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा। लेकिन 2005 में उन्होंने फिर से जिला परिषद का चुनाव जीतकर वाइस चेयरमैन का पद हासिल किया, जिससे वे राजनीतिक सुर्खियों में आए। वर्ष 2009 में नलवा विधानसभा क्षेत्र के गठन के बाद, रणबीर गंगवा ने इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) से चुनाव लड़ा, लेकिन कांग्रेस प्रत्याशी संपत सिंह के सामने हार गए। इसके बाद 2010 में इनेलो ने उन्हें राज्यसभा सांसद के रूप में मनोनीत किया। 2014 में उन्होंने नलवा से जीत हासिल की और 2019 में भारतीय जनता पार्टी में शामिल होकर फिर से नलवा से चुनाव जीता। इस जीत के बाद उन्हें हरियाणा विधानसभा का डिप्टी स्पीकर बनाया गया। 2024 में भाजपा ने उन्हें नलवा की बजाय बरवाला विधानसभा से उम्मीदवार बनाया, जहां उन्होंने पहली बार पार्टी को जीत दिलाई। हरियाणा | दैनिक भास्कर
Related Posts
IOA ने विनेश फोगाट के बढ़े वजन से पल्ला झाड़ा:अध्यक्ष पीटी उषा बोली- वेट मैनेजमेंट की जिम्मेदारी खुद खिलाड़ी-कोच की, हमारी टीम कसूरवार नहीं
IOA ने विनेश फोगाट के बढ़े वजन से पल्ला झाड़ा:अध्यक्ष पीटी उषा बोली- वेट मैनेजमेंट की जिम्मेदारी खुद खिलाड़ी-कोच की, हमारी टीम कसूरवार नहीं इंडियन ओलिंपिक एसोसिएशन (IOA) ने हरियाणा की रेसलर विनेश फोगाट के बढ़े वजन से पल्ला झाड़ लिया है। इस बारे में IOA की अध्यक्ष पीटी उषा ने कहा- ”वजन का मैनेजमेंट करना खिलाड़ी और कोच की जिम्मेदारी है। खासकर कुश्ती, वेटलिफ्टिंग, बॉक्सिंग और जूडो जैसे खेलों में। इनमें एथलीटों के वजन मैनेजमेंट की जिम्मेदारी प्रत्येक एथलीट और उसके कोच की है, न कि IOA द्वारा नियुक्त चीफ मेडिकल अफसर डॉ. दिनशॉ पारदीवाला और उनकी टीम की।” विनेश फोगाट ने पेरिस ओलिंपिक में 50kg भार वर्ग में हिस्सा लिया था। जापान की ओलिंपिक चैंपियन समेत एक दिन में 3 पहलवानों को हराने के बाद वह फाइनल में पहुंची थीं। हालांकि, फाइनल वाले दिन की सुबह उनका 100 ग्राम वजन ज्यादा आया। इसके बाद उन्हें अयोग्य करार दे दिया गया। विनेश न केवल फाइनल मुकाबला खेलने से वंचित हुई बल्कि सिल्वर मेडल से भी चूक गईं। हालांकि, सिल्वर मेडल के लिए विनेश ने खेल कोर्ट (CAS) में अपील की है। इस पर 13 अगस्त को फैसला आएगा। विवाद के बाद पहली बार दिखीं विनेश फोगाट
इस पूरे विवाद के बाद पेरिस में पहली बार विनेश फोगाट को ओलिंपिक विलेज के बाहर स्पॉट किया गया है। वहां से उनकी कुछ वीडियो और फोटो सामने आए हैं। इनमें विनेश बैग उठाकर जाने के लिए तैयार हैं। वह कल भारत पहुंच सकती हैं। पेरिस ओलिंपिक की क्लोजिंग सेरेमनी बीते रविवार को हुई। इसी के साथ पेरिस में ओलिंपिक खेलों का समापन हुआ। IOA की मेडिकल टीम का काम बताया
विनेश फोगाट के मामले में पीटी उषा ने कहा है कि ओलिंपिक में कुश्ती समेत कुछ अन्य खेलों में प्रत्येक भारतीय एथलीट की अपनी सपोर्ट टीम थी। ये सपोर्ट टीमें कई वर्षों से एथलीटों के साथ काम कर रही हैं। आईओए ने कुछ महीने पहले एक मेडिकल टीम नियुक्त की थी, जो मुख्य रूप से एक ऐसी टीम थी, जो प्रतियोगिता के दौरान और बाद में एथलीटों की रिकवरी और इंजरी में सहायता के लिए लगाई गई थी। यह टीम उन एथलीटों की सहायता करने के लिए भी बनाई की गई थी जिनके पास पोषण विशेषज्ञ और फिजियोथेरेपिस्ट की अपनी टीम नहीं थी। डॉ. उषा ने कहा कि आईओए मेडिकल टीम, विशेषकर डॉ. पारदीवाला की निंदा करना उचित नहीं है। उन्होंने उम्मीद जताई कि आईओए की मेडिकल टीम पर निर्णय लेने की जल्दबाजी करने वाले किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले सभी तथ्यों पर विचार करेंगे। विनेश के सिल्वर मेडल पर फैसला कल, IOA प्रेजिडेंट बोले- इसका पालन करेंगे
हरियाणा की रेसलर विनेश फोगाट को ओलिंपिक में सिल्वर मेडल मिलेगा या नहीं, इसका इंतजार और बढ़ गया है। खेल कोर्ट यानी कोर्ट ऑफ आरबिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स (CAS) ने फैसले के डेडलाइन बढ़ा दी है। अब 13 अगस्त को डॉ. एनाबेले बेनेट फैसला सुनाएंगी। इससे पहले विनेश के पक्ष में दलीलें दी गईं कि रेसलर ने कोई फ्रॉड नहीं किया। फाइनल में पहुंचने के बाद सिल्वर मेडल की वह कन्फर्म दावेदार थीं। इंटरनेशनल ओलिंपिक कमेटी (IOC) के प्रेजिडेंट थॉमस बाक ने कहा था कि वह CAS के फैसले का पालन करेंगे। विनेश फोगाट मामले में अब तक क्या- हुआ, सिलसिलेवार ढंग से पढ़ें… 1. ओलिंपिक में 1 दिन में 3 पहलवानों को हराया
विनेश फोगाट ने 50 किग्रा वेट कैटेगरी में मंगलवार को 3 मैच खेले। प्री-क्वार्टर फाइनल में उन्होंने टोक्यो ओलिंपिक की चैंपियन यूई सुसाकी को हरा दिया। क्वार्टर फाइनल में उन्होंने यूक्रेन और सेमीफाइनल में क्यूबा की रेसलर को पटखनी दी। विनेश फाइनल में पहुंचने वालीं पहली ही भारतीय महिला रेसलर बनीं थीं। 2. डाइट से वजन बढ़ा, पूरी रात कोशिश बेकार गई
सेमीफाइनल तक 3 मैच खेलने के दौरान उन्हें प्रोटीन और एनर्जी के लिए खाना-पानी दिया गया। जिससे उनका वजन 52.700 kg तक बढ़ गया। भारतीय ओलिंपिक टीम के डॉक्टर डॉक्टर दिनशॉ पारदीवाला के मुताबिक विनेश का वेट वापस 50KG पर लाने के लिए टीम के पास सिर्फ 12 घंटे थे। पूरी टीम रातभर विनेश का वजन कम करने की कोशिश में लगी रही। विनेश पूरी रात नहीं सोईं और वजन को तय कैटेगरी में लाने के लिए जॉगिंग, स्किपिंग और साइकिलिंग जैसी एक्सरसाइज करती रहीं। विनेश ने अपने बाल और नाखून तक काट दिए थे। उनके कपड़े भी छोटे कर दिए गए थे। 3. वजन 100 ग्राम ज्यादा मिला, वजन घटाने को सिर्फ 15 मिनट थे
बुधवार सुबह नियम के अनुसार दोबारा से विनेश के वजन की जांच की गई। उनका वजन ज्यादा निकला। उन्हें 15 मिनट मिले लेकिन आखिरी बार वजन में भी वह 100 ग्राम अधिक निकलीं। जिसके बाद उन्हें अयोग्य करार दे दिया गया। 4. विनेश ने अयोग्य करार देने के खिलाफ अपील की
इसके बाद विनेश ने अयोग्य करार देने पर खेल कोर्ट (CAS) में अपील की। जिसमें विनेश ने फाइनल मुकाबला खेलने देने की अपील की। यह संभव नहीं था तो विनेश ने अपील बदलकर कहा कि सेमीफाइनल तक उसका वजन नियमों के अनुरूप था। उसे संयुक्त सिल्वर मेडल दिया जाए। 5. विनेश ने संन्यास का ऐलान किया
विनेश फोगाट ने गुरुवार सुबह कुश्ती से संन्यास लेने का ऐलान कर दिया। उन्होंने गुरुवार सुबह 5.17 बजे सोशल मीडिया पोस्ट लिखी। विनेश ने लिखा- “मां कुश्ती मेरे से जीत गई, मैं हार गई। माफ करना आपका सपना, मेरी हिम्मत सब टूट चुके। इससे ज्यादा ताकत नहीं रही अब। अलविदा कुश्ती 2001-2024, आप सबकी हमेशा ऋणी रहूंगी। …माफी।”। विनेश फोगाट से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें…
रेवाड़ी में पैदल जा रहे शख्स को टैंकर ने कुचला:10 मीटर तक घसीटता ले गया; मौके से ड्राइवर फरार, अस्पताल में तोड़ा दम
रेवाड़ी में पैदल जा रहे शख्स को टैंकर ने कुचला:10 मीटर तक घसीटता ले गया; मौके से ड्राइवर फरार, अस्पताल में तोड़ा दम हरियाणा के रेवाड़ी शहर में शख्स को तेल टैंकर ने पहले टक्कर मारी और फिर उसे कुचलते हुए 10 मीटर तक घसीटते हुए ले गया। हादसे के बाद आरोपी चालक मौके से फरार हो गया। घायल को तुरंत ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया, जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। मॉडल टाउन थाना पुलिस ने फरार टैंकर चालक के खिलाफ केस दर्ज कर लिया हैं। मिली जानकारी के अनुसार, गुरुग्राम जिले के फरूखनगर में पड़ने वाले गांव सिवाड़ी निवासी कूड़ेराम की बेटी की शादी रेवाड़ी के गांव जीवड़ा में हुई हैं। उनके दोहयते की तबीयत खराब होने पर परिवार के लोगों ने शहर के रणबीर सिंह हुड्डा चौक स्थित एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया था। कूड़ेराम अपने दोहयते का हालचाल जानने के लिए रेवाड़ी के प्राइवेट अस्पताल में आए हुए थे। 10 मीटर से घसीटते हुए ले गया चालक दोपहर के समय अस्पताल से निकलकर वापस बस स्टैंड जा रहे थे। तभी रणबीर चौक हुड्डा चौक के समीप बाइपास की तरफ से आ रहे एक तेज रफ्तार तेल के टैंकर ने कूड़ेराम को जबरदस्त टक्कर मार दी। टक्कर लगने के बाद कूड़ेराम सड़क पर गिरे और टैंकर चालक उन्हें कुचलते हुए करीब 10 मीटर तक घसीटते हुए ले गया। इसके बाद भीड़ जमा हुई तो आरोपी चालक मौके से फरार हो गया। अस्पताल में तोड़ा दम अस्पताल में मौजूद कूड़ेराम के रिश्तेदारों ने तुरंत उन्हें गंभीर हालत में रेवाड़ी के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया, जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। वहीं सूचना के बाद मौके पर पहुंची मॉडल टाउन थाना पुलिस ने शव को कब्जे में लिया और कूड़ेराम के समधी धर्मबीर की शिकायत पर फरार टैंकर चालक के खिलाफ केस दर्ज कर लिया। साथ ही पोस्टमॉर्टम कराने के बाद शव परिजनों को सौंप दिया है।
रोहतक की छात्रा का अपहरण करने वाला डॉक्टर गिरफ्तार:संबंध बनाने के विरोध में की पिटाई, पीड़िता बोली- 7 माह से करता था परेशान
रोहतक की छात्रा का अपहरण करने वाला डॉक्टर गिरफ्तार:संबंध बनाने के विरोध में की पिटाई, पीड़िता बोली- 7 माह से करता था परेशान हरियाणा के रोहतक पीजीआई में BDS छात्रा को का अपहरण करके मारपीट करने वाले आरोपी सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। वहीं आरोपी डॉक्टर को अदालत में पेश करके 2 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया है। इस दौरान आरोपी से पूछताछ की जाएगी। वहीं इससे पहले मामले का पता लगते ही स्वास्थ्य मंत्री डॉ. कमल गुप्ता भी रोहतक पीजीआई में पहुंचे थे। जिन्होंने अधिकारियों से इस मामले में फीडबैक लिया और उचित कार्रवाई के निर्देश दिए। पीड़िता का एक वीडियो भी सामने आया है। जिसमें पीड़िता अपने घाव दिखाती नजर आ रही है। आरोप है कि आरोपी डॉक्टर उससे शादी करने का दबाव बना रहा। जबकि वह इससे इनकार कर रही थी। पीड़ित छात्रा बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी (बीडीएस) की फर्स्ट ईयर की छात्रा है। वहीं, एनाटॉमी विभाग का रेजिडेंट डॉक्टर मनिंदर छात्र-छात्राओं को पढ़ाता है। खुद पीजीआईएमएस से एमडी की डिग्री कर रहा था, जिसे अब हेल्थ यूनिवर्सिटी ने कैंसिल कर दिया है। मेडिकल कैंपस से ले गया, अंबाला-चंडीगढ़ घुमाता रहा पीड़ित छात्रा का आरोप है कि 16 अगस्त की शाम को आरोपी मनिंदर ने मेडिकल कैंपस से उसे अगवा कर लिया। रात को वह उसे अंबाला और चंडीगढ़ घुमाता रहा। आरोप है कि डॉक्टर ने शादी और संबंध बनाने का दबाव बनाया। विरोध करने पर को बुरी तरह पीटा। पिटाई से शरीर पर चोट के निशान बन गए। इसके बाद 17 अगस्त की शाम तकरीबन 3.30 बजे छात्रा को पीजीआईएमएस के गेट पर फेंककर फरार हो गया। इसके बाद छात्रा ने घटना की सूचना परिजनों को दी। उन्होंने पीजीआईएमएस प्रशासन और पुलिस को मामले से अवगत कराया। पुलिस ने अपहरण और मारपीट का मुकदमा दर्ज कर आरोपी डॉक्टर मनिंदर को गिरफ्तार कर लिया। 7 माह से पीछे पड़ा था डॉक्टर
पीड़ित छात्रा ने बताया कि सीनियर डॉक्टर 7 माह से पीछे पड़े हुए था। जब भी उनको बोलती कि उनके साथ नहीं रहना है तो मारपीट और टॉर्चर करता। उसका सामान छीन लिया जाता। यही नहीं सीनियर डॉक्टर धमकी देता कि अटेंडेंस शॉर्ट कर देंगे। परीक्षा में नहीं बैठने देंगे। डीएसपी वीरेंद्र सिंह ने बताया कि आरोपी से पूछताछ की जा रही है। पुलिस ने सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर की गिरफ्तारी के बाद वकील और परिजनों के सामने छात्रा की काउंसिलिंग कराई। इसके अलावा छात्रा का मेडिकल भी कराया गया, फिर छात्रा के मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान दर्ज कराए गए।