<p style=”text-align: justify;”><strong>Bihar bypoll 2024:</strong> बिहार उपचुनाव में बेलागंज सीट से जेडीयू ने प्रत्याशी के नाम की घोषणा कर दी. बेलागंज से जेडीयू की उम्मीदवार मनोरमा देवी होंगी. मनोरम देवी पूर्व विधान परिषद सदस्य हैं.</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Bihar bypoll 2024:</strong> बिहार उपचुनाव में बेलागंज सीट से जेडीयू ने प्रत्याशी के नाम की घोषणा कर दी. बेलागंज से जेडीयू की उम्मीदवार मनोरमा देवी होंगी. मनोरम देवी पूर्व विधान परिषद सदस्य हैं.</p> बिहार बदरीनाथ-केदारनाथ धाम के लिए मुकेश अंबानी ने खोला खजाना, दर्शन के बाद इतने करोड़ का किया दान
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हिमाचल के हवलदार सुरेश कुमार लेह में राष्ट्रसेवा के दौरान शहीद, पत्नी ने सेल्यूट कर दी आखिरी विदाई
हिमाचल के हवलदार सुरेश कुमार लेह में राष्ट्रसेवा के दौरान शहीद, पत्नी ने सेल्यूट कर दी आखिरी विदाई <p style=”text-align: justify;”><strong>Martyr Suresh Kumar Himachal Pradesh:</strong> हिमाचल प्रदेश के रहने वाले हवलदार सुरेश कुमार ने राष्ट्र सेवा के दौरान सर्वोच्च बलिदान दिया. सुरेश कुमार 18, डोगरा रेजीमेंट में भर हवलदार अपनी सेवाएं दे रहे थे. वे जिला मंडी के तहसील सदर के बग्गी तुंगल गांव के निवासी थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>हिमाचल प्रदेश के जिला मंडी के हवलदार सुरेश कुमार का गुरुवार को सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार हुआ. सुरेश कुमार की धर्मपत्नी धनी देवी ने गर्व के साथ सेल्यूट कर आखिरी विदाई दी. हवलदार सुरेश कुमार की बलिदान होने की जानकारी मिलने के बाद से ही प्रदेश भर में शोक की लहर है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बीते दिनों नायब सूबेदार राकेश कुमार हुए थे बलिदान</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>बैटल फील्ड में ड्यूटी के दौरान उनके अचानक तबियत बिगड़ने की वजह से वह इस संसार को छोड़कर चले गए. हवलदार सुरेश कुमार की उम्र 42 साल थी और वे बीते 25 सालों से भारतीय सेवा में अपनी सेवाएं दे रहे थे. चार दिन पहले ही जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में आतंकियों से मुठभेड़ में नायब सूबेदार राकेश कुमार बलिदान हुए थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>वे मंडी जिला के नाचन विधानसभा क्षेत्र की छम्यार पंचायत के बरनोग गांव के रहने वाले थे. राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने बलिदानी हवलदार सुरेश कुमार के बलिदान पर शोक व्यक्त किया है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सर्वोच्च बलिदान को राष्ट्र सदैव रखेगा याद</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>शोक संतप्त परिजनों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि हवलदार सुरेश कुमार के सर्वोच्च बलिदान को राष्ट्र सदैव याद रखेगा और वह सभी के लिए प्रेरणास्रोत रहेंगे. वहीं मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि शोक की इस घड़ी में पूरा राज्य शोक संतप्त परिवार के सदस्यों के साथ खड़ा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा कि सुरेश कुमार के अदम्य साहस और बलिदान को कृतज्ञ राष्ट्र हमेशा याद रखेगा. मुख्यमंत्री ने ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति और शोक संतप्त परिवार को इस अपूर्णीय क्षति को सहन करने की प्रार्थना की है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इसे भी पढ़ें: </strong><a href=”https://www.abplive.com/states/himachal-pradesh/pratibha-singh-said-those-in-government-should-resign-from-their-positions-in-party-2823360″><strong>Himachal Politics: प्रतिभा सिंह का बड़ा बयान, ‘जो नेता सरकार में पद संभाल रहे हैं उन्हें पार्टी में…</strong>'</a></p>
ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं का हंगामा, कर्मचारियों पर लगाए ये आरोप
ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं का हंगामा, कर्मचारियों पर लगाए ये आरोप <p style=”text-align: justify;”><strong>Omkareshwar Temple News:</strong> मध्य प्रदेश के खंडवा जिले की धार्मिक तीर्थ नगरी ओंकारेश्वर स्थित ज्योतिर्लिंग मंदिर परिसर में रविवार को श्रद्धालुओं ने जमकर हंगामा कर दिया. मंदिर में मौजूद सामान्य लाइनों में लगे भक्तों ने वीआईपी दर्शन के विरोध में जमकर नारेबाजी की. आइये जानते है क्या है पूरा मामला.<br /><br />धार्मिक तीर्थ नगरी ओंकारेश्वर में रविवार को प्रदेश सहित देशभर से श्रद्धालु भगवान ओंकार के दर्शन करने पहुंचे थे. इसी बीच मंदिर परिसर में मौजूद कर्मचारी कुछ लोगों को अलग रास्ते से बगैर लाइन के दर्शन करा रहे थे. जिसे देख घंटों अपनी बारी का इंतजार करते कतारों में लगे महाकाल के भक्तों के सब्र का बांध टूट पड़ा, और वे इसके विरोध में हंगामा करने लगे. इसको लेकर सामान्य लाइन में लगे श्रद्धालुओं ने नारेबाजी शुरू कर दी, जो करीब घंटा भर चलती रही.</p>
<blockquote class=”twitter-tweet”>
<p dir=”ltr” lang=”hi”>मध्य प्रदेश: तीर्थ नगरी ओंकारेश्वर स्थित ज्योतिर्लिंग मंदिर परिसर में आज श्रद्धालुओं ने जमकर हंगामा कर दिया । मंदिर में मौजूद सामान्य लाइनों में लगे भक्तों ने वीआईपी दर्शन के विरोध में जमकर नारेबाजी की । आरोप है कि मंदिर के कर्मचारी रुपया लेकर दर्शन करा रहे हैं <a href=”https://twitter.com/hashtag/madhyapradeah?src=hash&ref_src=twsrc%5Etfw”>#madhyapradeah</a> <a href=”https://t.co/mBOyQFNERe”>pic.twitter.com/mBOyQFNERe</a></p>
— Shaikh Shakeel (@Shaikh0733) <a href=”https://twitter.com/Shaikh0733/status/1794691119886090691?ref_src=twsrc%5Etfw”>May 26, 2024</a></blockquote>
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</p>
<div style=”text-align: justify;”><strong>रविवार के चलते पहुंचे थे बड़ी संख्या में श्रद्धालु</strong><br />श्रद्धालु नारे लगा रहे थे कि “वीआईपी दर्शन बंद करो, बंद करो”. वहीं कुछ श्रद्धालुओं ने मंदिर के कर्मचारियों पर रुपया लेकर दर्शन कराने के भी आरोप लगाए. उनका कहना था कि कर्मचारी तीन सौ तीन सौ रु लेकर अलग रास्ते से बगैर लाइन के दर्शन करा रहे हैं. जिसके चलते सामान्य लाइन में लगे भक्तों को घंटों इंतजार करना पड़ रहा है. बता दें कि रविवार के चलते बड़ी संख्या में श्रद्धालु भगवान ओमकार के दर्शन करने ज्योतिर्लिंग मंदिर परिसर में पहुंचे थे.<br /><br /><strong>300 रुपये का टोकन लेकर कराए जाते हैं वीआईपी दर्शन</strong><br />इस मामले में पुनासा एसडीएम शिवम प्रजापति ने बताया कि उन्हें अभी मीडिया के माध्यम से मालूम चला कि मंदिर परिसर में कुछ हंगामा हुआ था, हालांकि कर्मचारियों ने कुछ देर में मामला शांत कर दिया था. वहीं उनका कहना था कि मंदिर ट्रस्ट की ओर से ही 300 रुपये का टोकन लेकर वीआईपी दर्शन कराए जाते हैं.<br /><br /><strong>नहीं ली जाती है दर्शन के नाम पर अवैध राशि</strong><br />संभवतः ऐसे ही कुछ लोग टोकन लेकर दर्शन करने गए होंगे, जिन्हें देखकर सामान्य लाइनों में लगे लोगों के द्वारा आपत्ति ली गई होगी, और हंगामा किया गया होगा. हालांकि मंदिर परिसर में किसी से दर्शन के नाम पर अवैध राशि नहीं ली जाती है, और जो ऐसा करते हैं उन्हें पहले भी जेल भेजा गया है, और अभी भी यदि ऐसी कोई शिकायत मिलेगी, तो उस पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी.</div>
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<div style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”Bhojshala Survey: भोजशाला का रहस्य आएगा बाहर? ASI ने हैदराबाद से आधुनिक मशीन मंगाकर शुरू किया सर्वे” href=”https://www.abplive.com/states/madhya-pradesh/bhojshala-asi-survey-by-modern-machine-ordering-from-hyderabad-dhar-news-ann-2699253″ target=”_self”>Bhojshala Survey: भोजशाला का रहस्य आएगा बाहर? ASI ने हैदराबाद से आधुनिक मशीन मंगाकर शुरू किया सर्वे</a></strong></div>
गुरुग्राम-बादशाहपुर सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला:राव नरबीर को चुनौती देने आए वर्धन; मोहित ग्रोवर के सामने भी कई चुनौती, निर्दलीय बढ़ाएंगे परेशानी
गुरुग्राम-बादशाहपुर सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला:राव नरबीर को चुनौती देने आए वर्धन; मोहित ग्रोवर के सामने भी कई चुनौती, निर्दलीय बढ़ाएंगे परेशानी हरियाणा में कांग्रेस ने बहुत ही सधे अंदाज में गुरुग्राम से मोहित ग्रोवर व बादशाहपुर से वर्धन यादव पर दांव लगाकर बीजेपी के सामने कड़ी चुनौती पेश कर दी है। कांग्रेस इनके जरिए यूथ वोटर्स में अपनी पकड़ मजबूत बनाने की कोशिश में है। इसके चलते गुरुग्राम-बादशाहपुर दोनों ही विधानसभा सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबले की स्थिति बन रही है। हालांकि आप का कांग्रेस से गठबंधन हो गया तो फिर गुरुग्राम में बीजेपी के लिए कुछ राहत की खबर हो सकती है। फिलहाल गुरुग्राम सीट पर बीजेपी से बागी होकर चुनावी रण में उतरे नवीन गोयल ने बीजेपी प्रत्याशी की परेशानी बढ़ा रखी है। पंजाबी वोटर्स को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस ने एक माह पहले पार्टी में आए मोहित ग्रोवर पर दांव लगाया है। बादशाहपुर में राव नरबीर सिंह के कद के आगे वर्धन यादव उनको कड़ी चुनौती देने में शायद ही सफल होंगे। गुरुग्राम में कड़े मुकाबले की संभावनाएं बन रहीं हैं, तो बादशाहपुर में नरबीर सिंह के सामने भीतरघात से निपटना एक बड़ी चुनौती है। भाजपा ब्राह्मण चेहरे पर दांव सबसे पहले गुरुग्राम सीट की बात करें तो बीजेपी ने शायद पहली बार ब्राह्मण चेहरे मुकेश शर्मा पर दांव लगाया है। जबकि उसके मूल कैडर वोटर्स पंजाबी व वैश्य हैं। वहीं कांग्रेस ने करीब एक लाख वोटर्स वाले पंजाबी चेहरे मोहित ग्रोवर पर दांव लगाकर बीजेपी को घेरने की कोशिश की है। कांग्रेस की सोच है कि पंजाबी चेहरे के नाम पर पूरा समाज एकजुट होगा और पार्टी सिंबल होने से मोहित आसानी से जीत हासिल कर लेंगे। 2019 में मोहित दे चुके कड़ी चुनौती 2019 के चुनाव में मोहित ने निर्दलीय चुनाव लड़कर करीब 25 प्रतिशत वोट हासिंल कर बीजेपी के सुधीर सिंगला के बाद दूसरा स्थान हासिल किया था। जबकि कांग्रेस प्रत्याशी पूर्व खेल मंत्री सुखबीर कटारिया तीसरे नंबर पर रहे थे। इसी के चलते सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने एक माह पहले ही मोहित ग्रोवर को कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कराई और अब टिकट थमा बीजेपी की धड़कने बड़ा दी हैं। हालांकि बीजेपी से बागी होकर निर्दलीय चुनावी रण में नवीन गोयल के कारण यहां पर इस समय त्रिकोणीय मुकाबला बनता नजर आ रहा है। वर्धन यादव के सामने कई चुनौती बादशाहपुर हलका में कांग्रेस ने भले ही यूथ चेहरे वर्धन यादव पर दांव लगाया है, लेकिन वह पूर्व मंत्री व प्रदेश के बड़े नेता राव नरबीर सिंह के कद के सामने कहीं टिकते नजर नहीं आते हैं। वैसे भी वर्धन का यह पहला चुनाव है और चुनाव लड़ने का भी उनको अनुभव नहीं है। साथ ही उनके पास सीमित टीम व वर्कर्स हैं। लोकसभा चुनाव में भी वह टिकट के दावेदार थे, लेकिन राजबब्बर के कारण उनका नाम पीछे रह गया था। हालांकि वह अपनी बादशाहपुर विधानसभा से भी राजबब्बर को नहीं जीता पाए थे और इसी के चलते साफ है कि यहां पर उनको अपनी मजबूत पकड़ बनाने के लिए काफी पसीना बहाना पड़ेगा। दीपेंद्र हुड्डा व राहुल गांधी के करीबी होने के साथ ही यूथ चेहरे के कारण उनको कांग्रेस ने टिकट तो दे दिया, लेकिन राव नरबीर को चुनौती देना उनके लिए बड़ा टॉस्क है। नरबीर बादशाहपुर से दूसरी बार चुनाव लड़ रहे हैं और इसके पहले वह अलग-अलग विधानसभाओं से चुनाव लड़ते आए हैं। 2019 में नरबीर की टिकट कटने के बाद भी वह बादशाहपुर में सक्रिय हैं और बीजेपी ही नहीं बल्कि उनकी अपनी खुद की मजबूत टीम क्षेत्र में सक्रिय है। वहीं यहां पर 2019 में निर्दलीय चुनाव जीतने वाले स्व. राकेश दौलताबाद की पत्नी कुमुदनी जाट चेहरे के रूप में निर्दलीय चुनावी रण में हैं। हालांकि राकेश दौलताबाद वाली बात तो नहीं है लेकिन सहानुभूति के सहारे वह यहां पर त्रिकोणीय मुकाबला बनाने में जुटी हुईं हैं। गुरुग्राम कांग्रेस के जाट नेता नाराज
पूर्व खेल मंत्री सुखबीर कटारिया पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा के करीबी थे और गुरुग्राम से वह प्रबल दावेदार थे। हालांकि 2014 में निर्दलीय व 2019 में कांग्रेस टिकट से हारने के कारण कांग्रेस हाईकमान ने उनके नाम पर विचार नहीं किया। वहीं दीपेंद्र हुड्डा एक महीने पहले मोहित ग्रोवर को कांग्रेस में लाए और टिकट भी दिला दी। अब कांग्रेस के जाट नेता इसको हजम नहीं कर पा रहे हैं। हालांकि सुखबीर कटारिया खुलकर कुछ नहीं कह रहे और मोहित ग्रोवर की मदद की बात कर रहे हैं, लेकिन टिकट कटने से अंदरखाने तो सब ठीक नहीं चल रहा होगा। वहीं पूर्व चेयरमैन कुलदीप कटारिया जो कि गुरुग्राम गांव से आते हैं वह अपने राजस्थान के माध्यम से टिकट की दावेदारी कर रहे थे लेकिन उनको सफलता नहीं मिली। वह दीपेंद्र हुड्डा के भी करीबी हैं और अब टिकट कटने पर समर्थकों की बैठक बुलाकर आगे की रणनीति बना रहे हैं। जाट भले ही बीजेपी से नाराज हो लेकिन कांग्रेस में टिकट नहीं मिलने से वह भी व्यथित नजर आ रहा है। बीजेपी की पंजाबी नेताओं पर नजर
गुरुग्राम पंजाबी बाहुल्य सीट है और यहां पर कांग्रेस का एकाधिकार भी रहा है। इस बार कांग्रेस ने पंजाबी चेहरे पर दांव लगाया है लेकिन सभी की नजर बीजेपी पंजाबी नेताओं पर है। बीजेपी से पंजाबी चेहरे में पूर्व सीनियर डिप्टी मेयर यशपाल बत्रा, पूर्व जिलाध्यक्ष गार्गी कक्कड़, स्वामी धर्मदेव, बोधराज सिकरी, सीमा पाहूजा आदि टिकट की रेस में थे। अब यह समाज के साथ जाएंगे या फिर बीजेपी संग खड़े रहेंगे यह देखना दिलचस्प होगा। हालांकि ब्राह्मण चेहरे मुकेश शर्मा को लेकर पंजाबी नेताओं में खासी नाराजगी है। ओबीसी यादव वोट बंटने पर कुमुदनी देख रहीं अपना फायदा
बादशाहपुर सीट पर बीजेपी-कांग्रेस दोनों ने ही ओबीसी यानि यादव वोट पर विश्वास जताया है। बीजेपी में यादव समाज की ओर से 2019 का चुनाव लड़ने वाले मनीष यादव, पूर्व सीएम के ओएसडी रहे जवाहर यादव भी टिकट रेस में थे। अब यह दोनों नरबीर का कितना साथ देंगे या फिर 2019 की कहानी दोहराई जाएगी इस पर सभी की नजर है। 2019 चुनाव निर्दलीय जीतने वाले स्व. राकेश दौलताबाद की पत्नी कुमुदनी को उम्मीद है कि कांग्रेस-बीजेपी के दोनों प्रत्याशी यादव हैं, तो यह वोट बंटेगा। वहीं जाट के साथ ही 2019 में राकेश दौलताबाद का साथ देने वाला वोटर सहानुभूति के साथ इस बार पहले से भी अधिक साथ देगा। निर्दलीय ही चुनावी रण में कूदेंगे बीर सिंह आप नेता बीर सिंह राणा उर्फ बीरू सरपंच बादशाहपुर सीट पर लगातार सक्रिय हैं। बड़े-बड़े प्रोग्राम के साथ बड़े स्तर पर जनसंपर्क अभियान कर वह लोगों तक अपनी पहुंच बनाने में लगे हैं। हालांकि आप-कांग्रेस का गठबंधन नहीं हुआ है और कांग्रेस ने बादशाहपुर से प्रत्याशी उतार दिया है, तो साफ है कि बीर सिंह यहां से निर्दलीय चुनावी रण में उतरेंगे। बीर सिंह बताते हैं कि क्षेत्र में उनकी अपनी पहचान है और जनहित के मुद्दे उठाने के साथ ही लोगों की समस्याओं को लेकर उनकी संस्था लगातार सक्रिय है। खुद क्षेत्र के लोग उनको निर्दलीय चुनाव लड़ने का प्रेशर बना रहे हैं। इसके चलते वह जनता के निशान पर चुनाव लड़ेंगे। गुरुग्राम में मोहित का मजबूत पक्ष… -कांग्रेस पार्टी का सिंबल और हुड्डा खेमे की मदद
-पंजाबी चेहरा होने से समाज के वोट एकजुट होने की उम्मीद
-यूवा होने के चलते यूथ वोटर्स में मजबूत पकड़
-पिता स्व. मदन लाल ग्रोवर की पंजाबी समाज में पकड़ मोहित के कमजोर पहलू… -कांग्रेस पार्टी की गुटबाजी
-टिकट कटने से नाराज नेताओं की नाराजगी
-जाट समाज को साथ लाना
-2019 के चुनाव के बाद निष्क्रिय
-लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी राजबब्बर का साथ नहीं देने के आरोप वर्धन यादव का मजबूत पक्ष… -राहुल गांधी व दीपेंद्र हुड्डा से नजदीकी
-युवा होने के चलते यूथ वोटर्स में पकड़
-एनएसयूआई के राष्ट्रीय महासचिव व प्रदेशाध्यक्ष होने से यूथ टीम मजबूत वर्धन का कमजोर पहलू… -चुनाव लड़ने का अनुभव नहीं
-लोकसभा चुनाव में टिकट कटने पर प्रचार से दूर रहना
-कांग्रेस के साथ ही खुद की सीमित टीम
-बादशाहपुर विधानसभा क्षेत्र में मजबूत पकड़ नहीं