मोहाली में पराली जलाने की होगी जांच:डीसी आशिका जैन ने दिए आदेश, 26 मामलों में से केवल 6 सही पाए गए

मोहाली में पराली जलाने की होगी जांच:डीसी आशिका जैन ने दिए आदेश, 26 मामलों में से केवल 6 सही पाए गए

मोहाली के डेराबस्सी क्षेत्र में पराली जलाने की घटनाओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए, डिप्टी कमिश्नर आशिका जैन ने इन मामलों की गहराई से जांच के आदेश दिए हैं। नोडल अधिकारियों के साथ बैठक के दौरान उन्होंने स्पष्ट किया कि किसानों द्वारा पराली जलाने के कारणों का पता लगाया जाएगा और सभी घटनाओं की रिपोर्ट साक्ष्यों के साथ तैयार की जाएगी। डिप्टी कमिश्नर ने बताया कि अब तक जिले में 26 पराली जलाने के मामले रिपोर्ट किए गए हैं, लेकिन इनमें से केवल 6 मामले ही सही पाए गए हैं, जिनमें जलने के निशान मिले हैं। ये सभी मामले डेराबस्सी क्षेत्र से संबंधित हैं। उन्होंने निर्देश दिया कि मुख्य कृषि अधिकारी बुधवार तक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे, जिसमें हर मामले की बारीकी से जानकारी होगी। इस रिपोर्ट में धान के तहत आने वाले क्षेत्र, उपलब्ध मशीनरी, आग लगने के कारण आदि शामिल होंगे, ताकि पराली जलाने की घटनाओं का विश्लेषण किया जा सके। फर्जी रिपोर्टिंग पर भी नजर डीसी आशिका जैन ने नोडल अधिकारियों को उन घटनाओं का भी विवरण प्रस्तुत करने के निर्देश दिए, जहां पंजाब रिमोट सेंसिंग सेंटर की रिपोर्ट में पराली जलाने की जानकारी दी गई थी, लेकिन मौके पर पहुंचने पर कोई जलने के निशान नहीं मिले। उन्होंने कहा कि कई बार रिपोर्ट की गई घटनाएं सही नहीं होतीं, और इस पर भी नजर रखने की जरूरत है। निगरानी और जागरूकता पर जोर डिप्टी कमिश्नर ने अधिकारियों को खेतों में आग लगने की घटनाओं पर तुरंत कार्रवाई करने के लिए अधिक सतर्क रहने का निर्देश दिया। साथ ही, उन्होंने किसानों को फसल अवशेषों के निपटारे के लिए उपलब्ध मशीनरी का उपयोग करने और पराली जलाने के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक करने पर जोर दिया। मोहाली के डेराबस्सी क्षेत्र में पराली जलाने की घटनाओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए, डिप्टी कमिश्नर आशिका जैन ने इन मामलों की गहराई से जांच के आदेश दिए हैं। नोडल अधिकारियों के साथ बैठक के दौरान उन्होंने स्पष्ट किया कि किसानों द्वारा पराली जलाने के कारणों का पता लगाया जाएगा और सभी घटनाओं की रिपोर्ट साक्ष्यों के साथ तैयार की जाएगी। डिप्टी कमिश्नर ने बताया कि अब तक जिले में 26 पराली जलाने के मामले रिपोर्ट किए गए हैं, लेकिन इनमें से केवल 6 मामले ही सही पाए गए हैं, जिनमें जलने के निशान मिले हैं। ये सभी मामले डेराबस्सी क्षेत्र से संबंधित हैं। उन्होंने निर्देश दिया कि मुख्य कृषि अधिकारी बुधवार तक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे, जिसमें हर मामले की बारीकी से जानकारी होगी। इस रिपोर्ट में धान के तहत आने वाले क्षेत्र, उपलब्ध मशीनरी, आग लगने के कारण आदि शामिल होंगे, ताकि पराली जलाने की घटनाओं का विश्लेषण किया जा सके। फर्जी रिपोर्टिंग पर भी नजर डीसी आशिका जैन ने नोडल अधिकारियों को उन घटनाओं का भी विवरण प्रस्तुत करने के निर्देश दिए, जहां पंजाब रिमोट सेंसिंग सेंटर की रिपोर्ट में पराली जलाने की जानकारी दी गई थी, लेकिन मौके पर पहुंचने पर कोई जलने के निशान नहीं मिले। उन्होंने कहा कि कई बार रिपोर्ट की गई घटनाएं सही नहीं होतीं, और इस पर भी नजर रखने की जरूरत है। निगरानी और जागरूकता पर जोर डिप्टी कमिश्नर ने अधिकारियों को खेतों में आग लगने की घटनाओं पर तुरंत कार्रवाई करने के लिए अधिक सतर्क रहने का निर्देश दिया। साथ ही, उन्होंने किसानों को फसल अवशेषों के निपटारे के लिए उपलब्ध मशीनरी का उपयोग करने और पराली जलाने के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक करने पर जोर दिया।   पंजाब | दैनिक भास्कर