<p style=”text-align: justify;”><strong>Tejashwi Yadav Targeted Minister Mangal Pandey:</strong> बिहार के बेगूसराय सदर अस्पताल से स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के सर्जिकल कैप की जगह पॉलिथीन की कैप पहने तस्वीर अब राजनीतिक गलियारे में चर्चा का विषय बन गई है. विपक्ष भी सरकार पर निशाना साधने का कोई मौका नहीं छोड़ता. मंत्री मंगल पांडेय के अस्पताल के निरीक्षण वाली शू-कवर की तस्वीर पर नेता प्रतिपक्ष ने तेजस्वी यादव ने भी निशाना साधा है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>तेजस्वी यादव ने पोस्ट कर लिखआ है, “तस्वीर में दिख रहे शख़्स बिहार के स्वास्थ्य मंत्री श्री मंगल पांडे जी हैं. स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों ने अस्पताल में इन्हें सर्जिकल हेड कवर की बजाय सिर पर शू-कवर पहना दिया. मंत्री जी को भी अंतर मालूम नहीं” आगे ये भी लिखा कि “अब आप बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था की बस कल्पना करिए. ये बिहार के अब तक के सबसे नाकारा और असफल स्वास्थ्य मंत्री रहे है”</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Tejashwi Yadav Targeted Minister Mangal Pandey:</strong> बिहार के बेगूसराय सदर अस्पताल से स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के सर्जिकल कैप की जगह पॉलिथीन की कैप पहने तस्वीर अब राजनीतिक गलियारे में चर्चा का विषय बन गई है. विपक्ष भी सरकार पर निशाना साधने का कोई मौका नहीं छोड़ता. मंत्री मंगल पांडेय के अस्पताल के निरीक्षण वाली शू-कवर की तस्वीर पर नेता प्रतिपक्ष ने तेजस्वी यादव ने भी निशाना साधा है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>तेजस्वी यादव ने पोस्ट कर लिखआ है, “तस्वीर में दिख रहे शख़्स बिहार के स्वास्थ्य मंत्री श्री मंगल पांडे जी हैं. स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों ने अस्पताल में इन्हें सर्जिकल हेड कवर की बजाय सिर पर शू-कवर पहना दिया. मंत्री जी को भी अंतर मालूम नहीं” आगे ये भी लिखा कि “अब आप बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था की बस कल्पना करिए. ये बिहार के अब तक के सबसे नाकारा और असफल स्वास्थ्य मंत्री रहे है”</p> बिहार UP News: उपचुनाव और त्योहारों के बीच यूपी के 20 लाख कर्मचारियों को योगी सरकार का तोहफा
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यूपी पुलिस के पूर्व मुखिया का दावा उड़ा देगा सबकी नींद, खुद की नियुक्ति पर ही खड़े किए सवाल <p style=”text-align: justify;”><strong>Lucknow News:</strong> उत्तर प्रदेश में पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) के चयन को लेकर योगी कैब‍िनेट के फैसले पर सियासत गरमाई हुई है. इसी बीच अब उत्तर प्रदेश में डीजीपी बनाने के कैबिनेट के फैसले पर पूर्व डीजीपी और हाई कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता सुलखान सिंह का बयान चर्चा का विषय बना हुआ है. यूपी के डीजीपी रह चुके सुलखान सिंह माना है कि डीजीपी पद पर उनकी नियुक्ति भी यूपीएससी के पैनल के माध्यम से नहीं हुई थी. </p>
<p>पूर्व डीजीपी रहे सुलखान सिंह ने एबीपी लाइव से बातचीत करते हुए दावा किया कि उनकी खुद की नियुक्ति भी यूपीएससी के पैनल के माध्यम से नहीं हुई थी. एक तरफ अखिलेश यादव जो मौजूदा सरकार पर केंद्र और राज्य के बीच के द्वंद्व की चर्चाएं पर कटाक्ष करते हुए डीजीपी के नियुक्ति पर तमाम सवाल खड़े करते रहे. वहीं अब सुलखान सिंह ने अखिलेश यादव के कार्यकाल पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं.</p>
<p>सुलखान सिंह ने बताया कि अखिलेश यादव के समय पर भी नियुक्ति यूपीएससी से नहीं होती थी. अखिलेश यादव अपने हिसाब से मनचाहे लोगों को डीजीपी बनाते थे. उनसे पहले जगमोहन यादव को भी 14 लोगों को सुपरसीड कर डीजीपी बनाया गया था. हालांकि सुलखान सिंह ने अपने बारे में बात करते हुए कहा कि जब वह डीजीपी बने तब सीनियर मोस्ट अफसर थे, तो अगर यूपीएससी पैनल जाता भी तब भी उन्हें कोई दिक्कत नहीं होती. सुलखान सिंह ने कहा कि अधिकतर सरकार है बिना यूपीएससी के पैनल के अपना डीजीपी बनाये हैं. उन्होंने कहा की लंबे समय बाद उत्तर प्रदेश में हितेश चंद्र अवस्थी सही तरीके से पैनल से डीजीपी बनाए गए थे. </p>
<p style=”text-align: justify;”>बता दें कि 1980 बैच के आईपीएस अफसर सुलखान सिंह उत्तर प्रदेश में 37 साल की सेवा के बाद 31 दिसंबर 2017 को पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश के पद से सेवानिवृत हुए.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>क्या है नई नियमावली</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>योगी सरकार ने पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) पद पर तैनाती के लिए नई नियमावली तैयार की है और कैबिनेट ने इस पर मुहर भी लगा दी है. इस नई नियमावली के अनुसार डीजीपी के चयन और नियुक्ति के लिए हाई कोर्ट के एक रिटायर न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक समिति गठित की जाएगी. इसमें प्रदेश के मुख्य सचिव के साथ-साथ संघ लोक सेवा आयोग द्वारा नामित एक प्रतिनिधि, उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष या एक नामित प्रतिनिधि, गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव और राज्य के एक सेवानिवृत पुलिस महानिदेशक सदस्य होंगे.</p>
<p><strong>जानें क्या कहती है पुरानी नियमावली</strong></p>
<p>अभी तक यूपी में डीजीपी चयन के लिए प्रदेश की सरकार पुलिस सेवा में 30 साल पूरा करने वाले अफसरों का नाम यूपीएससी को भेजती थी. ये वह अफसर होते थे जिनका कम से कम छह महीने का कार्यकाल शेष बचा हो. इसके बाद यूपीएससी इन नामों पर चर्चा करके प्रदेश सरकार को तीन अफसरों के नाम का पैनल भेजा करती था, फिर सरकार किसी एक अफसर को डीजीपी बनाती थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/meerapur-by-election-samajwadi-party-candidate-sumbul-rana-without-permission-public-meeting-police-dozens-people-filed-fir-ann-2817628″>UP ByPolls 2024: यूपी उपचुनाव में सपा प्रत्याशी समेत कई लोगों पर FIR, पुलिस ने बताई ये वजह, बढ़ी सरगर्मी</a></strong></p>
साईं प्रतिमा हटाने वाले अजय बोले-चांद मियां नहीं पूजे जाएंगे:काशी में मूर्ति बनेगी न बिकेगी; मंदिरों में गैर हिंदुओं की एंट्री पर रोक लगवाएंगे
साईं प्रतिमा हटाने वाले अजय बोले-चांद मियां नहीं पूजे जाएंगे:काशी में मूर्ति बनेगी न बिकेगी; मंदिरों में गैर हिंदुओं की एंट्री पर रोक लगवाएंगे काशी के 14 मंदिरों से साईं प्रतिमाएं हटाने वाले अजय मिश्रा जेल से छूट गए हैं। 7 दिन से वह अपना इलाज करवा रहे हैं। अयोध्या में हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास उनसे मिलने भी आए। द्वारका शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती ने उनके काम की सराहना की। साईं प्रतिमाओं को हटाने को महाराष्ट्र चुनाव से जोड़ने पर अजय कहते हैं – हम सनातनी हैं, कोई राजनेता नहीं। मंदिरों को लेकर कुछ नया करने की प्लानिंग शेयर करते हुए कहते हैं- हम मंदिरों में शिलापट लगवाएंगे कि गैर सनातनी इस परिसर में न आएं। जिन साई प्रतिमाओं को हटाया, वे कहां हैं? इस पर वह कहते हैं- हमने किसी मूर्ति को तोड़ा नहीं। कुछ प्रतिमाओं को जल समाधि जरूर दे दी, क्योंकि साईं संत थे और सनातन में संतों की जलसमाधि ही होती है। दैनिक भास्कर ने अजय मिश्रा से मंदिर, सनातन धर्म और साईं प्रतिमाओं को लेकर बातचीत की, पढ़िए… सवाल : साईं मूर्तियां हटाने के बाद पुलिस की कार्रवाई पर क्या कहेंगे?
जवाब : सनातनी काम के बाद अपराधियों जैसी गिरफ्तारी को लेकर अचंभित हूं। धर्म के काम के लिए पुलिस रोक रही है, यह बड़े ताज्जुब की बात है। अपने मंदिर में हम किसकी पूजा करेंगे? क्या इसके लिए पुलिस की अनुमति लेनी होगी। शास्त्र ही बताएंगे कि कैसे पूजा की जाएगी। सवाल : आप बीमार थे, जेल में रहने के दौरान क्या परेशानियां हुईं?
जवाब : मैं हार्ट पेशेंट हूं, गिरफ्तारी के दौरान पुलिस का व्यवहार ठीक नहीं था। रातभर दवा नहीं मिली, चाय-खाना या नाश्ता भी नहीं हुआ। इसके चलते शुगर बढ़ गया था। 2 दिन बाद तबीयत बिगड़ गई। सवाल : गिरफ्तारी के बाद आप सीधे जेल गए, कोर्ट नहीं। कहीं कोई पेशी हुई?
जवाब : हमारे ऊपर एक भी मुकदमा नहीं था, पहली बार जेल गए। फिल्मों में जिस तरह अपराधियों को ले जाते दिखाया जाता था, उसी तरीके से पूरे शहर में घुमाया गया। फिर एक दरोगा कचहरी गेट पर हमसे कहा कि उतर जाओ, बाद में फिर अंदर खींचकर ले गए। हमें किसी जज के सामने पेश नहीं किया गया। पुलिस सीधे मुझे जिला कारागार ले गई। सवाल : काशी से साईं प्रतिमाएं हटाने को लेकर आपका असली मकसद क्या है?
जवाब : साईं प्रतिमा हटाना एक संदेश है कि हम आने वाली पीढ़ी के लिए कुछ करना चाहते हैं। उनके वजूद को मजबूत रखने के लिए सनातन को सुरक्षित करना चाहते हैं। हिंदू-मुस्लिम नहीं, आने वाली पीढ़ियों का मसला है। क्या पिक्चर या सीरियल की वजह से भगवान चलेंगे? आने वाली पीढ़ी को बर्बाद किया जा रहा है, हम लोग शुद्धि पर निकले हैं, अपनी चीजों को शुद्ध करेंगे। अब हम लोग हम अपने मंदिरों की, धर्मस्थलों की सफाई कर रहे हैं। सवाल : साईं की आस्था या पूजा पर सवाल क्यों?
जवाब : 1984 में हम लोग रामायण देखकर बड़े हुए, आज हम राम जी को स्मरण करते हैं। राम मंदिर में किसी संत या महापुरुष को लाकर ऊंचाई पर बैठा दो, तो यह गलत है। अगर पूजा करनी है तो साईं मंदिर में करो, चांद मियां शिव मंदिर में नहीं पूजे जाएंगे। संकट मोचन की स्थापना करने वाले तुलसीदास तो काशी में नहीं पूजे जाते, वो भी संत थे। संकट मोचन मंदिर तो दूर की बात, किसी हनुमान मंदिर में उनकी मूर्ति नहीं है। हिंदू घर में जन्म लिए, मुस्लिम घर में पले कबीरदास जी के अनुयायी हैं, लोग वहां जाते हैं, किसी ने कबीर को मंदिर में स्थापित नहीं करना चाहा। रैदास के प्रेमी वहां जाते हैं, जहां उनका अपना स्थल है। सवाल : काशी में देवी-देवताओं की पूजा-पाठ के लिए क्या आधार मानते हैं?
जवाब : काशी ही सबका आधार है। काशी में जो पूजित हैं, वह काशी खंड में वर्णित है। काशी खंड में कहीं भी साईं पूजा का उल्लेख नहीं है। भगवान श्रीकृष्ण ने श्रीमद् भागवत गीता के अध्याय 9 में श्लोक संख्या 29 में कहा है कि जो जिसको पूजता है, उसको प्राप्त होता है। पितृ को पूजेंगे तो पितृ और प्रेत को पूजेंगे तो प्रेत को प्राप्त होंगे। प्रेत पूजने से आपको क्या होगा, भय को प्राप्त होंगे, अकाल मृत्यु होगी और भुखमरी आएगी। सवाल : मंदिरों से हटाई मूर्तियां कहां हैं, क्या सभी को सहमति से हटाया गया?
जवाब : बड़ा गणेश मंदिर से लेकर अन्य तमाम मंदिरों के पुजारियों ने खुद साईं यानी चांद मियां पर कपड़ा ढका और उन्हें हटाया। हम गैर सनातनी मूर्तियां आगे भी मंदिर में नहीं पूजने देंगे, मंदिरों के महंतों की सहमति से हटाएंगे। जो प्रतिमाएं हटाईं गईं, उनमें से ज्यादातर को हमने मंदिर के सुपुर्द कर दिया। हमने किसी मूर्ति को तोड़ा नहीं। उसे मंदिर ने अपने अनुसार कहीं रखा होगा। इसके अलावा कुछ प्रतिमाओं को जल समाधि दे दी, क्योंकि साईं संत थे और सनातन में संतों की जलसमाधि ही होती है। चौक में केस दर्ज कराने वाले तो खुद कह रहे कि हमने अपनी मूर्ति पर खुद कपड़ा ढका है, वो शपथपत्र भी देने वाले हैं। सवाल : काशी में आपका साईं मूर्ति हटाओ अभियान जारी रहेगा?
जवाब : देखिए हम सनातन धर्मी हैं, राजनेता नहीं हैं। हम अपने घर में जो शास्त्र कहते हैं, उसके अनुसार ही काम करते हैं। अभियान को जनसमर्थन है, अभी सारे मंदिरों में हम संवाद कर रहे हैं। अभियान जारी रहेगा, अभी बाइपास सर्जरी हुई और जेल में थोड़ा स्वास्थ्य गड़बड़ा गया। हार्ट की जांच कराई तो अभी महज 55% काम कर रहा है। घर-परिवार मित्र आदि लोग चिंतित हैं, उनका कहना है 20% और बढ़ जाए तब कुछ काम करिए। शंकराचार्यों, महंतों, महामंडलेश्वरों का समर्थन और आशीर्वाद मिला है। सवाल : काशी में सभी मंदिरों को लेकर भी आप कुछ नया करने वाले हैं, स्पष्ट करिए?
जवाब : मेरा अगला अभियान भी सनातन, धर्म की रक्षा के लिए है। काशी के मंदिरों में गैर-सनातनियों का प्रवेश रोकने को हम शिलापट लगाएंगे। यह नया नहीं है, बल्कि काशी के धार्मिक स्थलों की परंपरा थी, जो आधुनिकता में कम हो गई। अन्नपूर्णा मंदिर के महंत शंकरपुरी जी से मुलाकात हुई, वार्ता हुई और तय किया कि काशी के सभी मंदिरों में इन शिलापटों को लगवाया जाएगा। दूसरा, मूर्तिकारों से मुलाकात कर अपील और स्वप्रेरित करेंगे कि साईं की मूर्ति ना बनाएं और ना बेचें। सवाल : लाखों हिंदू भी साईं मंदिर जाते हैं, तो आप कैसे कह सकते हैं कि मुस्लिमों के देवता हैं?
जवाब : हमारे देश के सर्वोच्च चार शंकराचार्य और माननीय सर्वोच्च न्यायालय हैं। धर्म के प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति भगवान शंकर हैं और उनके प्रतिनिधि मेरे शंकराचार्य ने साईं को स्पष्ट तौर पर चांद मियां कहा। मेरी गिरफ्तारी के बाद भी बयान दिया है। रामभद्राचार्य ने भी उनको चांद मियां कहा। साल 2014 में शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद ने बयान दिया कि वो एक मुस्लिम संत थे। उनकी हिंदू देवता की तरह पूजा नहीं की जा सकती। सुप्रीम कोर्ट में दाखिल एक याचिका में भी उन्हें मुस्लिम बताया गया था। अब अगर चांद मियां करने पर कार्रवाई हो रही है तो सारे साधु संत, सारे अखाड़े कह रहे हैं तो फिर उनको भी गिरफ्तार कर लो। सवाल : इसे महाराष्ट्र में होने वाले चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है। शिरडी साईं ट्रस्ट ने कड़ी आपत्ति जताई है, क्या कहेंगे?
जवाब : साईं बाबा एक संत और लोगों के आध्यात्मिक गुरु बन गए थे, 1918 में उनकी मृत्यु के बाद उनकी मूर्तियां स्थापित की गईं। साईं ट्रस्ट की जांच कराई जाए तो नई बात सामने आएगी, काशी में पांच से 15 और 25 लाख देकर मूर्ति स्थापित होने तक चर्चा है। इन मंदिरों को साईं ट्रस्ट भोग प्रसाद के लिए हर महीने आठ-दस हजार रुपए देता है। हमें महाराष्ट्र चुनाव से क्या मतलब, हम राजनेता तो हैं नहीं। ——————————————— यह भी पढ़िए… वाराणसी के 14 मंदिरों से साईंबाबा की मूर्तियां हटाईं, सनातन रक्षक दल ने 100 मंदिरों की लिस्ट बनाई, सपा बोली- माहौल बिगाड़ रहे वाराणसी में सनातन रक्षक दल ने मंगलवार, 1 अक्टूबर को 14 मंदिरों से साईं बाबा की मूर्तियां हटा दीं। दल के प्रदेश अध्यक्ष का कहना है कि सनातन मंदिर में सनातन देवी-देवता होने चाहिए। समाजवादी पार्टी ने कहा- ये लोग काशी का माहौल खराब कर रहे हैं। पढ़िए पूरी खबर…
‘भारतीय उपमहाद्वीप में पहली बार हुई कुत्ते की सफल हार्ट सर्जरी’, दिल्ली के डॉक्टरों का दावा
‘भारतीय उपमहाद्वीप में पहली बार हुई कुत्ते की सफल हार्ट सर्जरी’, दिल्ली के डॉक्टरों का दावा <p style=”text-align: justify;”><strong>Delhi News:</strong> दिल्ली के पशु चिकित्सालय में डॉक्टरों ने जटिल हृदय रोग से पीड़ित एक कुत्ते की हार्ट सर्जरी (न्यूनतम आक्रामक हृदय सर्जरी) को सफलतापूर्वक अंजाम दिया. पशु चिकित्सकों का दावा है कि यह भारतीय उपमहाद्वीप में निजी चिकित्सकों द्वारा की जाने वाली पहली ऐसी हार्ट सर्जरी है. सर्जरी के दो दिन बाद ही पालतू कुत्ते को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई.</p>
<p style=”text-align: justify;”>दिल्ली के ईस्ट ऑफ कैलाश स्थित मैक्स पेटजेड अस्पताल में कार्यरत छोटे जानवरों के इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. भानु देव शर्मा के अनुसार सात साल की बीगल जूलियट पिछले दो वर्षों से माइट्रल वाल्व रोग से पीड़ित थी. कुत्तों में यह स्थिति माइट्रल वाल्व लीफलेट में उत्पन्न परेशानियों की वजह से होती है. माइट्रल वाल्व लीफलेट बीमारी में हृदय के बाएं साइड के ऊपरी हिस्से में रक्त का प्रवाह शुरू हो जाता है. इस बीमारी के बढ़ने कंजेस्टिव हार्ट फेलियर होने का खतरा होता है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>मैक्स पेटजेड अस्पताल के सर्जनों ने 30 मई को वाल्व क्लैंप का उपयोग कर ट्रांसकैथेटर एज-टू-एज रिपेयर प्रक्रिया के तहत इस आपरेशन को अंजाम दिया. डॉ. भानु देव शर्मा के अनसुार, “इसे हाइब्रिड सर्जरी कहा जाता है, क्योंकि यह माइक्रो सर्जरी और इंटरवेंशनल प्रक्रिया का संयोजन है. इस प्रक्रिया के बारे में सबसे अच्छी बात यह है कि यह न्यूनतम इनवेसिव है, क्योंकि यह एक धड़कते हुए दिल की प्रक्रिया है और ओपन हार्ट सर्जरी की तरह नहीं है, जिसमें हार्ट लंग बाईपास मशीन की आवश्यकता होती है.”</p>
<p style=”text-align: justify;”>डॉ. भानु देव शर्मा ने बताया कि पालतू जानवरों के माता-पिता के अनुसार वे पिछले एक साल से जूलियट को हृदय संबंधी दवाएं दे रहे थे. उन्हें इस प्रक्रिया के बारे में अमेरिका की अपनी यात्रा से पता चला, जहां दो साल पहले कोलोराडो स्टेट यूनिवर्सिटी में इस सर्जरी की शुरुआत हुई थी.<br /> <br /><strong>80 फीसदी कुत्तों की इसी बीमारी से होती है मौत </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>दरअसल, माइट्रल वाल्व रोग भारत और दुनिया के बाकी हिस्सों में कुत्तों में सबसे आम हृदय रोग है. भारत और दुनिया भर में कुत्तों में होने वाली सभी हृदय बीमारियों में से 80 प्रतिशत मौतें इसी बीमारी के कारण होती हैं. पशु चिकित्सालय के मुताबिक डॉ. शर्मा की टीम एशिया की पहली और निजी चिकित्सकों में दुनिया भर में दूसरी ऐसी टीम है जिसने सफलतापूर्वक हार्ट सर्जरी को अंजाम दिया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a title=”दिल्ली में नाबालिग क्यों हो रहे बेलगाम? वाहन से जुड़े अपराध पर ट्रैफिक पुलिस के आंकड़ों ने बढ़ाई चिंता” href=”https://www.abplive.com/states/delhi-ncr/delhi-traffic-police-fined-101-minors-573-percent-increase-in-illegal-driving-cases-2705903″ target=”_blank” rel=”noopener”>दिल्ली में नाबालिग क्यों हो रहे बेलगाम? वाहन से जुड़े अपराध पर ट्रैफिक पुलिस के आंकड़ों ने बढ़ाई चिंता</a></strong></p>