बहराइच हिंसा का आज 10वां दिन है। महराजगंज में सन्नाटा पसरा है। सड़कों पर जगह-जगह फोर्स तैनात है। हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने रविवार को बुलडोजर एक्शन पर 15 दिन की रोक लगा दी। वहीं, सरकार ने ASP ग्रामीण पवित्र मोहन त्रिपाठी को हटा दिया। उनकी जगह दुर्गा प्रसाद तिवारी को तैनाती दी गई है। पवित्र मोहन त्रिपाठी को DGP हेड हेडक्वार्टर से संबद्ध किया गया है। बहराइच हिंसा मामले में महसी से भाजपा विधायक ने बीजेपी नेता अर्पित श्रीवास्तव के खिलाफ केस दर्ज करवाया है। उन्होंने कहा- जब हम लोग शव को लेकर मॉर्च्युरी जाने लगे, तभी कुछ उपद्रवी, जिनमें अर्पित श्रीवास्तव, अनुज सिंह रैकवार, शुभम मिश्रा, कशमेंद्र चौधरी, मनीष चंद्र शुक्ल, पुंडरीक पांडेय (अध्यापक, श्रावस्ती), सुधांशु सिंह राणा शामिल थे, सैकड़ों लोगों के साथ मुर्दाबाद के नारे लगाने लगे। गाली-गलौज करते हुए जान से मारने की नीयत से हमारे ऊपर पत्थर फेंके। वहीं, अर्पित श्रीवास्तव ने कहा- विधायक ने झूठा मुकदमा दर्ज कराया है। इसी दौरान जगह-जगह चर्चाएं होने लगीं कि सुरेश्वर सिंह ने भाजपा नेताओं के खिलाफ दंगा कराने का आरोप लगाया है। इस बाबत जब दैनिक भास्कर के रिपोर्टर ने महसी विधायक से बात की तो उन्होंने स्पष्ट कहा कि मैंने कभी भी भाजपा नेताओं पर दंगा कराने का आरोप नहीं लगाया। जो भी खबरें चल रही हैं वह सरासर गलत हैं। सुरेश्वर सिंह ने कहा कि यह घटना तो दंगा ग्रस्त क्षेत्र की थी ही नहीं। इस संदर्भ में उन्होंने प्रेसवार्ता करने की भी बात कही है। आज मंगलवार को 11:30 बजे विधायक के बहराइच स्थित आवास पर प्रेस वार्ता आयोजित की जाएगी। इधर, भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा ने हिंसा में मारे गए राम गोपाल की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को लेकर दिए बयान पर माफी मांग ली। उन्होंने बुलंदशहर के एक कार्यक्रम में कहा था- राम गोपाल को 35 गोलियां मारी गईं। पेट फाड़ दिया गया था। नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय बहराइच जाना चाहते थे, उन्होंने प्रशासन से परमिशन मांगी। लेकिन, मौजूदा हालात का जिक्र करते हुए प्रशासन ने अनुमति नहीं दी। इसे लेकर सपा ने भाजपा पर निशाना साधा। राम गोपाल के घर के रास्ते में भी पुलिस ने बैरिकेडिंग कर रखी है। मीडिया को घर तक नहीं जाने दिया जा रहा। पल-पल की अपडेट्स के लिए नीचे ब्लॉग से गुजर जाइए… बहराइच हिंसा का आज 10वां दिन है। महराजगंज में सन्नाटा पसरा है। सड़कों पर जगह-जगह फोर्स तैनात है। हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने रविवार को बुलडोजर एक्शन पर 15 दिन की रोक लगा दी। वहीं, सरकार ने ASP ग्रामीण पवित्र मोहन त्रिपाठी को हटा दिया। उनकी जगह दुर्गा प्रसाद तिवारी को तैनाती दी गई है। पवित्र मोहन त्रिपाठी को DGP हेड हेडक्वार्टर से संबद्ध किया गया है। बहराइच हिंसा मामले में महसी से भाजपा विधायक ने बीजेपी नेता अर्पित श्रीवास्तव के खिलाफ केस दर्ज करवाया है। उन्होंने कहा- जब हम लोग शव को लेकर मॉर्च्युरी जाने लगे, तभी कुछ उपद्रवी, जिनमें अर्पित श्रीवास्तव, अनुज सिंह रैकवार, शुभम मिश्रा, कशमेंद्र चौधरी, मनीष चंद्र शुक्ल, पुंडरीक पांडेय (अध्यापक, श्रावस्ती), सुधांशु सिंह राणा शामिल थे, सैकड़ों लोगों के साथ मुर्दाबाद के नारे लगाने लगे। गाली-गलौज करते हुए जान से मारने की नीयत से हमारे ऊपर पत्थर फेंके। वहीं, अर्पित श्रीवास्तव ने कहा- विधायक ने झूठा मुकदमा दर्ज कराया है। इसी दौरान जगह-जगह चर्चाएं होने लगीं कि सुरेश्वर सिंह ने भाजपा नेताओं के खिलाफ दंगा कराने का आरोप लगाया है। इस बाबत जब दैनिक भास्कर के रिपोर्टर ने महसी विधायक से बात की तो उन्होंने स्पष्ट कहा कि मैंने कभी भी भाजपा नेताओं पर दंगा कराने का आरोप नहीं लगाया। जो भी खबरें चल रही हैं वह सरासर गलत हैं। सुरेश्वर सिंह ने कहा कि यह घटना तो दंगा ग्रस्त क्षेत्र की थी ही नहीं। इस संदर्भ में उन्होंने प्रेसवार्ता करने की भी बात कही है। आज मंगलवार को 11:30 बजे विधायक के बहराइच स्थित आवास पर प्रेस वार्ता आयोजित की जाएगी। इधर, भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा ने हिंसा में मारे गए राम गोपाल की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को लेकर दिए बयान पर माफी मांग ली। उन्होंने बुलंदशहर के एक कार्यक्रम में कहा था- राम गोपाल को 35 गोलियां मारी गईं। पेट फाड़ दिया गया था। नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय बहराइच जाना चाहते थे, उन्होंने प्रशासन से परमिशन मांगी। लेकिन, मौजूदा हालात का जिक्र करते हुए प्रशासन ने अनुमति नहीं दी। इसे लेकर सपा ने भाजपा पर निशाना साधा। राम गोपाल के घर के रास्ते में भी पुलिस ने बैरिकेडिंग कर रखी है। मीडिया को घर तक नहीं जाने दिया जा रहा। पल-पल की अपडेट्स के लिए नीचे ब्लॉग से गुजर जाइए… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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Bihar Teacher Transfer Posting: ‘परेशानी है तो…’, ट्रांसफर-पोस्टिंग पॉलिसी का विरोध करने वालों को शिक्षा मंत्री का जवाब
Bihar Teacher Transfer Posting: ‘परेशानी है तो…’, ट्रांसफर-पोस्टिंग पॉलिसी का विरोध करने वालों को शिक्षा मंत्री का जवाब <p style=”text-align: justify;”><strong>Bihar Teacher Transfer Posting Policy:</strong> बिहार में शिक्षकों की ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर पॉलिसी जारी हो गई है. हालांकि शिक्षक संघ इससे पूरी तरह खुश नहीं है. इसमें जो कमियां हैं उसे वह गिना रहे हैं. इस बीच विभाग की ओर से भी बड़ा बयान आया है. बिहार के शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने बुधवार (09 अक्टूबर) को ट्रांसफर-पोस्टिंग के मामले में शिक्षकों की आपत्ति पर कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर जनप्रतिनिधि ने भी अपनी बातों को रखा. हम लोग बहुत ही सोच समझकर ट्रांसफर पॉलिसी लेकर आए हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>किसी तरह की परेशानी है तो रखें बात: शिक्षा मंत्री</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>सुनील कुमार ने कहा, “जब भी कोई इस तरह की पॉलिसी आती है, तो हमने शुरू में कहा था कि कुछ लोग असंतुष्ट रहते हैं. इसी कारण से हम लोगों ने कहा कि अगर किसी तरह की कोई अन्य कोई भी विसंगति रह जाए, तो इसके लिए डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट के लेवल पर कमेटी है. कमिश्नर लेवल पर कमेटी है, एक मुख्यालय में कमेटी है. अगर व्यक्ति विशेष को फिर भी किसी तरह की परेशानी है, तो वो अपनी बातों को रख सकते हैं.”</p>
<p style=”text-align: justify;”>शिक्षा मंत्री ने आगे कहा, “इसके साथ ही 10 ऑप्शन दिए गए हैं. नियमावली में शिक्षकों के हितों को ध्यान में रखते हुए बातें रखी गई हैं. शीघ्र ही पोर्टल पर सभी अपलोड किए जाएंगे. अभी 10 ऑप्शन देंगे. साथ ही साथ दिसंबर में जब छुट्टी होगी तो उस दौरान जॉइनिंग होगी. सभी लोगों से अनुरोध है कि वो अनुशासित रहे, ताकि हम लोगों ने जो शिक्षा के लिए पहल किया है, उसे जमीन पर उतारा जाए. हमने महिलाओं की साक्षरता पर भी विशेष ध्यान दिया है. खासकर ड्रॉप आउट 12 फीसद से एक फीसद हो गया है. 30 फीसद बजट क्वालिटी एजुकेशन के लिए दिया गया है.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मंत्री ने कहा- दिसंबर में हो जाएगी सभी की जॉइनिंग</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>सुनील कुमार ने कहा कि सॉफ्टवेयर के तहत जो नीति बनी है उसके अनुसार हम लोग लिस्ट तैयार कर रहे हैं. यह लिस्ट शीघ्र तैयार हो जाएगी. कोई ह्यूमन कांटेक्ट की जरूरत नहीं है. वह अपलोड कर देंगे और पोर्टल पर सॉफ्टवेयर के अनुसार जो नीति बनी है उसी से काम हो जाएगा. दिसंबर में सभी की जॉइनिंग हो जाएगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यह भी पढ़ें- <a href=”https://www.abplive.com/states/bihar/teachers-union-is-not-happy-with-transfer-posting-policy-nitish-kumar-bihar-education-department-ann-2800102″>Bihar Teacher Transfer Policy: ट्रांसफर-पोस्टिंग पॉलिसी से शिक्षक संघ खुश नहीं, कहा- UP-झारखंड वालों को होगा फायदा</a><br /></strong></p>
पत्नी की मौत…एक घंटे बाद पति ने तोड़ा दम:गाजीपुर में रिटायर्ड लेखपाल और उनकी पत्नी की एक ही चिता पर अंतिम संस्कार
पत्नी की मौत…एक घंटे बाद पति ने तोड़ा दम:गाजीपुर में रिटायर्ड लेखपाल और उनकी पत्नी की एक ही चिता पर अंतिम संस्कार गाजीपुर में पत्नी की मौत के एक घंटे बाद पति ने भी दम तोड़ दिया। पत्नी की मौत की खबर सुनकर जमीन पर गिरे और मौत हो गई। गांव के सामने गंगा घाट पर पति-पत्नी का एक ही चिता पर अंतिम संस्कार किया गया। पूरे क्षेत्र में मौत की चर्चा है। मामला रामपुर उर्फ साधोपुर गांव का है। लेखपाल पद से रिटायर कामेश्वर उपाध्याय (87) और उनकी पत्नी चंम्पा उपाध्याय (85) पिछले कई दिनों से बीमार चल रहे थे, वाराणसी में उनका इलाज चल रहा था। कुछ आराम होने पर परिजन कामेश्वर उपाध्याय को घर ले आए थे। पत्नी की उपचार के दौरान शनिवार देर रात वाराणसी के एक हॉस्पिटल में मौत हो गई। रविवार को घर पर सूचना मिलने के एक घंटे बाद कामेश्वर उपाध्याय ने भी दम तोड़ दिया। पत्नी की मौत की सूचना मिलते ही जमीन पर गिर पड़े साधोपुर निवासी सीआरपीएफ जवान मृत्युंजय कुमार ने बताया कि माता- पिताजी तबीयत खराब थी। वाराणसी में इलाज चल रहा था। कुछ दिन पहले पिता कामेश्वर उपाध्याय को घर लाया गया, जबकि मां चम्पा उपाध्याय वहीं अस्पताल में भर्ती थीं। शनिवार को मां का निधन हो गया। यह बात हम लोगों ने पिता जी को नहीं बताई। रविवार सुबह हम लोगों ने जैसे ही मां की मौत होने की खबर पिता जी को दी, वैसे ही पिता जी जमीन पर गिर पड़े और उनकी भी मौत हो गई। एक साथ सजाई अर्थी मां के शव वाराणसी से लाया गया। दोनों लोगों की एक साथ अर्थी सजाई गई। माता-पिता की अर्थी एक साथ घर से निकाली। इसके बाद गांव के सामने गंगा तट किनारे दोनों लोगों का दाह संस्कार एक ही चिता पर किया गया है। तीनों बेटे सरकारी पदों पर
परिजनों के मुताबिक, मृतक कामेश्वर उपाध्याय अपने चार भाइयों में सबसे छोटे थे। उनके तीन बेटे हैं, जिनमें सबसे बडे़ बेटे दयानंद यूपी पुलिस में हैं, दूसरे नंबर के शिवजी उपाध्याय परमाणु ऊर्जा विभाग में वरिष्ठ प्रबंधक हैं, सबसे छोटे मृत्युंजय उपाध्याय सीआरपीएफ में हैं। ———————————- पति की मौत, 20 मिनट बाद पत्नी ने दम तोड़ा:रोते-रोते जमीन पर गिरीं; झांसी में एक चिता पर अंतिम संस्कार झांसी में पति की मौत के बाद पत्नी ने भी दम तोड़ दिया। पत्नी पति की मौत की खबर बर्दाश्त नहीं कर पाई और करीब 20 मिनट बाद ही उनकी मौत हो गई। घर से एक साथ दोनों की अर्थी उठी और एक ही चिता पर उनका अंतिम संस्कार किया गया। घटना पूंछ थाना क्षेत्र के धौरका गांव की है। पढ़ें पूरी खबर…
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रोहतक पहुंचे बाबा साहेब के पोते यशवंत अंबेडकर :12 पार्टियों ने मिलकर बनाया हरियाणा गठबंधन मोर्चा, कहा- 90 सीटों पर लड़ेंगे चुनाव ग्लोबल रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के पोते भीमराव यशवंत अंबेडकर रविवार को रोहतक पहुंचे। इस दौरान उन्होंने मिशन एकता पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष कांता आलड़िया के आवास पर पहुंचकर उनसे मुलाकात की। भीमराव यशवंत अंबेडकर ने कहा कि हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए 12 पार्टियों ने हरियाणा गठबंधन मोर्चा बनाया है। इस गठबंधन में उन्हीं पार्टियों को शामिल किया गया है, जो संविधान में आस्था रखती हैं और संविधान की विचारधारा पर चल रही हैं। इसलिए सभी पार्टियां मिलकर प्रदेश की 90 सीटों पर चुनाव लड़ेंगी। इसके लिए वह लगातार हरियाणा में जुटे हुए हैं। उन्होंने बीएसपी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि बीएसपी ने संविधान बदलने वाली पार्टी बीजेपी का साथ दिया है। अगर बीएसपी ने उत्तर प्रदेश में बीजेपी का साथ न दिया होता तो आज बीजेपी सत्ता से बाहर होती। उन्होंने कहा कि हरियाणा की जनता बीजेपी और कांग्रेस से तंग आ चुकी है। अब हरियाणा गठबंधन मोर्चा लोगों के लिए विकल्प बनकर उभरेगा। कांग्रेस-भाजपा निशाने पर मिशन एकता पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष कांता आलड़िया ने भी भाजपा और कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस भ्रष्टाचार की जननी है। अगर कांग्रेस भ्रष्टाचार न करती तो भाजपा सत्ता में नहीं आती। अब जनता भाजपा से भी तंग आ चुकी है। उन्होंने कहा कि कांग्रेसी आज संसद में संविधान लेकर जा रहे हैं और संविधान बचाने की बात कर रहे हैं। लेकिन जब पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने अपने शासनकाल में अपने पिता की समाधि बनवाई थी तो उस पर ‘संविधान निर्माता’ लिखवाया था। आज दीपेंद्र सिंह हुड्डा संविधान बचाने की बात कैसे कर सकते हैं? क्योंकि संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर हैं। खुद के पिता को संविधान निर्माता लिखना संविधान की हत्या है।