हरियाणा के पानीपत जिले के थाना इसराना अंतर्गत गांव बुवाना लाखु में एक महिला के साथ छेड़छाड़ का मामला सामने आया है, आरोपी दो बताए जा रहे है। महिला ने आरोपियों के खिलाफ शिकायत देकर मामला दर्ज कराया। महिला को जबरदस्ती घसीटा गांव बुवाना लाखू की एक महिला ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि हम परिवार सहित रात को खाना खाकर अपने-अपने कमरे में चले गए थे। तभी किसी ने हमारे घर का दरवाजा खटखटाया, मैं जैसे ही दरवाजा खोलने के लिए उठी, तो उससे पहले मेरी जेठानी ने दरवाजा खोल कर देखा, तो गांव का ही एक युवक सामने खड़ा था। युवक ने जबरदस्ती मेरी जेठानी को अंदर घसीटने लगा। तीनों ने की पति की धुनाई मैं और मेरी जेठानी ने शोर मचाया, तो वह गली में कूद कर भाग गया। हमने देखा कि उसके साथ एक युवक और भाग रहा था। हमने दोनों को पहचान लिया। अगली सुबह करीब 9 बजे जब मेरा पति खेत में गया, तो उन्हीं दो युवकों के साथ एक और युवक ने रास्ता रोक लिया। जिन के हाथ में लाठी व डंडे थे। तुम तीनों ने मेरे पति को बहुत मारा पीटा और उसके सिर में लाठी मारी। मारने की धमकी देकर फरार तभी वहां पास में खेतों में आने जाने वाले लोग इकट्ठा होने लगे। तीनों ने जान से मारने की धमकी देकर वहां से भाग गए। जब हमें घर पर सूचना मिली तो हम भी मौका पर पहुंच गए और घायल को इसराना के प्राइवेट अस्पताल में दाखिल कराया। मामले की सूचना पाकर थाना इसराना पुलिस ने प्राइवेट हॉस्पिटल में पहुंचकर घायल के बयान लिए और मामला दर्ज किया। हरियाणा के पानीपत जिले के थाना इसराना अंतर्गत गांव बुवाना लाखु में एक महिला के साथ छेड़छाड़ का मामला सामने आया है, आरोपी दो बताए जा रहे है। महिला ने आरोपियों के खिलाफ शिकायत देकर मामला दर्ज कराया। महिला को जबरदस्ती घसीटा गांव बुवाना लाखू की एक महिला ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि हम परिवार सहित रात को खाना खाकर अपने-अपने कमरे में चले गए थे। तभी किसी ने हमारे घर का दरवाजा खटखटाया, मैं जैसे ही दरवाजा खोलने के लिए उठी, तो उससे पहले मेरी जेठानी ने दरवाजा खोल कर देखा, तो गांव का ही एक युवक सामने खड़ा था। युवक ने जबरदस्ती मेरी जेठानी को अंदर घसीटने लगा। तीनों ने की पति की धुनाई मैं और मेरी जेठानी ने शोर मचाया, तो वह गली में कूद कर भाग गया। हमने देखा कि उसके साथ एक युवक और भाग रहा था। हमने दोनों को पहचान लिया। अगली सुबह करीब 9 बजे जब मेरा पति खेत में गया, तो उन्हीं दो युवकों के साथ एक और युवक ने रास्ता रोक लिया। जिन के हाथ में लाठी व डंडे थे। तुम तीनों ने मेरे पति को बहुत मारा पीटा और उसके सिर में लाठी मारी। मारने की धमकी देकर फरार तभी वहां पास में खेतों में आने जाने वाले लोग इकट्ठा होने लगे। तीनों ने जान से मारने की धमकी देकर वहां से भाग गए। जब हमें घर पर सूचना मिली तो हम भी मौका पर पहुंच गए और घायल को इसराना के प्राइवेट अस्पताल में दाखिल कराया। मामले की सूचना पाकर थाना इसराना पुलिस ने प्राइवेट हॉस्पिटल में पहुंचकर घायल के बयान लिए और मामला दर्ज किया। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा कांग्रेस की 8 मेंबरी कमेटी का EVM पर फोकस:हुड्डा के समधी अध्यक्ष; राठौड़ बोले- कांग्रेस को पार्टी के लोगों ने ही नुकसान पहुंचाया
हरियाणा कांग्रेस की 8 मेंबरी कमेटी का EVM पर फोकस:हुड्डा के समधी अध्यक्ष; राठौड़ बोले- कांग्रेस को पार्टी के लोगों ने ही नुकसान पहुंचाया हरियाणा विधानसभा चुनाव में हार के बाद इसके कारणों को जानने के लिए प्रदेश कांग्रेस ने एक 8 सदस्यीय कमेटी बनाई है। यह कमेटी के कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान ने बनाई है और इसका अध्यक्ष पूर्व CM भूपेंद्र सिंह हुड्डा के समधी करण सिंह दलाल को बनाया गया है। आज मंगलवार को दोपहर 12 बजे इस कमेटी की पहली मीटिंग होगी। इस मीटिंग में तय होगा कि यह कमेटी काम कैसे करेगी, और हरियाणा में कांग्रेस की हार के कारणों का कैसे पता लगाएगी। 90 विधानसभाओं में कांग्रेस के विधायकों और प्रत्याशियों से मुलाकात की जाएगी। सभी मेंबर एक साथ एक टीम के रूप में विधानसभाओं में जाएंगे या विधानसभा क्षेत्र की रिपोर्ट के लिए अलग-अलग मेंबर जाएंगे, यह सब मीटिंग में ही तय होगा। बता दें कि कांग्रेस हाईकमान की भेजी फैक्ट फाइंडिंग कमेटी पहले ही हार के कारणों पर सभी नेताओं से वन टू वन बात कर चुकी है। हालांकि, उसकी रिपोर्ट सामने नहीं आई है। EVM से जुड़े मुद्दों पर फोकस करेगी कमेटी
अब यह नई 8 मेंबरी कमेटी विशेष रूप से EVM से जुड़े मुद्दों पर फोकस करेगी, जोकि देशभर में चर्चा का विषय बना हुआ है। इसके अलावा कांग्रेस ने माना है कि कुछ आंतरिक पार्टी विरोधी गतिविधियों ने भी पार्टी को नुकसान पहुंचाया है, जिन पर समिति की ओर से विचार किया जाएगा। समिति उन सभी विधायकों से बातचीत करेगी, जो चुनाव में जीतकर आए हैं और उन प्रत्याशियों से भी चर्चा करेगी, जो चुनाव हार गए। इसके साथ ही पार्टी में संगठन निर्माण में देरी और विपक्षी दल के प्रति जनता के असंतोष के मुद्दों पर भी समिति द्वारा विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जाएगी। यह समिति एक सप्ताह में रिपोर्ट सौंपेगी। इसके बाद पार्टी की ओर से आवश्यक कदम उठाए जाने की उम्मीद है। कमेटी में 5 हारे हुए नेता
हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से बनाई कमेटी में करण सिंह दलाल अध्यक्ष हैं। कमेटी के सदस्यों में पार्टी के लीगल सेल के अध्यक्ष केसी भाटिया और नूंह के विधायक आफताब अहमद के अलावा चुनाव हारने वाले 5 नेता शामिल हैं। इनमें घरौंडा सीट से कैंडिडेट रहे वीरेंद्र राठौड़, बड़खल से कैंडिडेट रहे विजय प्रताप सिंह, पानीपत सिटी से चुनाव हारे वीरेंद्र बुल्ले शाह, दादरी सीट से उम्मीदवार रहीं डॉ. मनीषा सांगवान और सोनीपत जिले की खरखौदा सीट से चुनाव हारे पूर्व विधायक जयवीर वाल्मीकि शामिल हैं। कमेटी के सदस्य वीरेंद्र राठौड़ ने बताया है कि EVM का मुद्दा पूरे देश में है। इस मुद्दे पर कमेटी का विशेष फोकस रहेगा। इसमें डाटा फाइल अपलोड करने का एक महत्वपूर्ण विषय है। दूसरा, कांग्रेस में कांग्रेस के ही लोगों ने पार्टी नेताओं का नुकसान किया। ऐसे मुद्दों पर एक विस्तृत रिपोर्ट कमेटी तैयार करेगी। राठौड़ बोले- 14 सीटों के रिजल्ट को मैन्युपुलेट किया गया
राठौड़ का कहना है कि हरियाणा की जनता बदलाव चाहती थी। हालांकि, अब यह बात कहना ठीक नहीं लगेगा, क्योंकि चुनावी परिणाम आ चुके हैं, लेकिन कुछ मुद्दे जरूर हैं जिन पर चर्चा होना जरूरी है। राठौड़ ने एक वॉट्सऐप मैसेज का जिक्र करते हुए कहा कि काउंटिंग शुरू होने से पहले मैसेज मिला, जिसमें लिखा था कि 14 ऐसी सीटें हैं, जिन्हें कांग्रेस जीत रही है, लेकिन डेटा फाइल्स को अपलोड कर इन 14 सीटों के रिजल्ट को मैन्युपुलेट कर दिया। हालांकि, मैं यह नहीं कह रहा कि इसमें पूरी सच्चाई है, लेकिन यह एक ऐसा प्रश्न चिह्न जरूर खड़ा करता है कि किसी भी व्यक्ति को गिनती शुरू होने से पहले उन 14 सीटों की जानकारी कैसे हुई कि यही 14 सीटें कांग्रेस हारेगी? यही 14 सीटें कांग्रेस हारी भी और इन्हीं सीटों की वजह से कांग्रेस की सरकार नहीं बन पाई। कहीं न कहीं सबूत इस तरफ इशारा जरूर कर रहे है। हालांकि, इस बात को साबित करना मुश्किल है, लेकिन सोचने पर जरूर मजबूर किया जा रहा है। ऐसा क्या हुआ कि इस प्रकार के नतीजे आए? भाजपा की कैबिनेट ही चुनाव हार गई
वीरेंद्र राठौर ने भाजपा के पक्ष में आए चुनावी नतीजों को लेकर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि अगर भाजपा कैबिनेट ने अच्छा काम किया होता तो अनिल विज को छोड़कर सभी कैबिनेट मंत्री क्यों चुनाव हारते? अगर विधायकों ने काम अच्छा काम किया होता तो 11 उम्मीदवारों की जमानत जब्त न होती। भाजपा 89 सीटों पर चुनाव लड़ी और 89 में से 10 कैबिनेट मंत्री चुनाव हारे और 11 लोगों की जमानत जब्त हो गई। फिर बचीं 69 सीटें। ऐसे में सवाल यह खड़ा होता है कि ऐसी कौन सी आंधी भाजपा की चल रही थी कि 69 में से 48 सीटें भाजपा जीत गई? आज भी लोग इस नतीजे को स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं। विकसित देश EVM का इस्तेमाल नहीं करते
राठौड़ ने कहा कि किसी भी चीज को साबित करने के लिए सबूत चाहिए, लेकिन जब टेक्नोलॉजी से फ्रॉड किए जाते हैं तो उन्हें साबित करना आसान नहीं होता। आज टेक्नोलॉजी उस लेवल पर है, जहां डेटा को मैन्युपुलेट करना कोई बड़ी बात नहीं है, लेकिन लोगों का विश्वास इलेक्शन कमीशन और EVM पर होना जरूरी है। देश की जनता कह रही है कि बैलट से इलेक्शन करवाए जाएं। विकसित देश EVM का इस्तेमाल नहीं करते। जाट और नॉन-जाट पॉलिटिक्स पर राठौड़ ने कहा कि यह सोशल मीडिया के माध्यम से प्रोपेगेट कर समाज को बांटने का काम भाजपा करती है। यहां वोटर बीजेपी के खिलाफ था। जो लोग BJP से त्रस्त थे, छोटा व्यापारी BJP की नीतियों से परेशान था। यहां जाट और नॉन-जाट का सवाल बेमाना है। वहीं, कांग्रेस के संगठन और नेता प्रतिपक्ष को लेकर राठौड़ करते हैं कि विपक्ष का नेता तो पार्टी हाईकमान ही तय करेगी। और संगठन भी जल्दी बन जाना चाहिए। बता दें कि हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हवा होने के बाद भी पार्टी को 37 सीटें मिली हैं। वहीं, भाजपा 48 सीटें जीतकर पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने में कामयाब रही।
हरियाणा के प्राइवेट-सरकारी स्कूलों में महीने के दूसरे शनिवार छुट्टी:शिक्षा विभाग का आदेश- बहाने से स्टूडेंट्स बुलाए तो कार्रवाई होगी
हरियाणा के प्राइवेट-सरकारी स्कूलों में महीने के दूसरे शनिवार छुट्टी:शिक्षा विभाग का आदेश- बहाने से स्टूडेंट्स बुलाए तो कार्रवाई होगी हरियाणा के सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों में महीने के दूसरे शनिवार को छुट्टी रहेगी। इसको लेकर शिक्षा विभाग के द्वारा आदेश जारी किए गए हैं। आदेशों में स्पष्ट कहा गया है कि 9 नवंबर 2024 को सेकेंड सेटरडे यानी दूसरे शनिवार के अवसर पर सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में अवकाश रहेगा। आदेशों में यह भी लिखा है, कि यह देखने में आ रहा है कि राजपत्रित स्थानीय अथवा अन्य घोषित छुटि्टयों के दौरान कुछ स्कूल पढ़ाई के अतिरिक्त अन्य क्रियाकलापों के लिए विद्यार्थियों को स्कूल में बुलाते हैं, जो कि गलत है। इसलिए सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को यह आदेश दिए गए हैं कि अवकाश के दौरान किसी भी क्रियाकलाप के लिए विद्यार्थियों को विद्यालय में न बुलाया जाए। यदि किसी विद्यालय द्वारा आदेशों की अवहेलना की जाती है तो उसका मामला विभागीय कार्रवाई हेतु उच्च अधिकारियों को भेज दिया जाएगा। इसको लेकर कोई भी कार्रवाई हुई तो संबंधित स्कूल के मुखिया-प्रशासन स्वयं इसके जिम्मेवार होंगे। ऑर्डर की कॉपी पढ़ें… पेरेंट्स एसोसिएशन ने स्कूल टाइमिंग बदलने की भी मांग की
हरियाणा के अधिकांश सरकारी स्कूलों में बच्चों की शाम 6 बजकर 15 मिनट पर छुट्टी होती है, जिसके कारण छात्रों को घर लौटते समय काफी अंधेरा हो जाता है। इससे अभिभावक बेहद चिंतित हैं, खासकर अब जब दिन जल्दी ढलने लगे हैं। स्कूल प्रशासन ने दो शिफ्टों में कक्षाएं संचालित कर रखी हैं, जिसमें पहली शिफ्ट सुबह 9वीं से 12वीं कक्षा के लिए और दूसरी शिफ्ट दोपहर में 6वीं से 8वीं कक्षा के लिए है। दूसरी शिफ्ट में स्कूल शाम 6:15 पर बंद होता है, जो पेरेंट्स के लिए एक समस्या बन गया है। पेरेंट्स एसोसिएशन ने शिक्षा विभाग से स्कूलों की टाइमिंग में बदलाव किए जाने की मांग की है।
सैलजा की चुप्पी से हरियाणा कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ीं:टिकट वितरण और जातिगत टिप्पणी से नाराज; प्रचार में नहीं दिख रहीं, 21 सीटों पर प्रभाव
सैलजा की चुप्पी से हरियाणा कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ीं:टिकट वितरण और जातिगत टिप्पणी से नाराज; प्रचार में नहीं दिख रहीं, 21 सीटों पर प्रभाव हरियाणा में सिरसा से कांग्रेस की सांसद कुमारी सैलजा की चुप्पी से इन दिनों पार्टी की टेंशन बढ़ गई है। उनके समर्थकों को विधानसभा टिकट बंटवारे में तवज्जो न मिलने और लगातार हुड्डा गुट के समर्थकों की ओर की गईं टिप्पणियों से वह आहत हैं, और अपने आपको हरियाणा चुनाव से दूर रखे हुए हैं। सैलजा की साइलेंस से हुड्डा खेमे में खलबली मची हुई है, क्योंकि उनकी चुप्पी का कांग्रेस को नुकसान उठाना पड़ सकता है, और हुड्डा खेमे को सत्ता पाने की चाहत से दूर कर सकता है। बता दें कि कुमारी सैलजा अनुसूचित जाति से आती हैं। वह हरियाणा में कांग्रेस का बड़ा दलित चेहरा हैं। हरियाणा में 17 रिजर्व सीटे हैं। इसके अलावा सिरसा और फतेहाबाद की विधानसभा सीटों पर भी सैलजा का प्रभाव है। ऐसे में करीब 21 विधानसभा सीटें हैं, जहां कुमारी सैलजा प्रभाव रखती हैं। हरियाणा में 12 सितंबर को नामांकन के अंतिम दिन कांग्रेस ने उम्मीदवारों की अंतिम सूची जारी की थी। तब से ही कुमारी सैलजा चुप हैं, और उन्होंने चुनावी कैंपेन से दूरी बना ली है। सैलजा के नाराज होने की 3 वजहें… 1. टिकट वितरण में अनदेखी : कुमारी सैलजा के नाराज होने की वजह टिकट वितरण को माना जा रहा है। सैलजा ने हरियाणा में 30 से 35 सीटें अपने समर्थकों के लिए मांगी थीं, लेकिन कांग्रेस हाईकमान ने हुड्डा समर्थकों को तवज्जो देते हुए 90 में से 72 सीटों पर उनके समर्थकों को टिकट दी। वहीं, सैलजा खेमे के हाथ केवल 4 सीटें लगीं। कांग्रेस महासचिव एवं सांसद कुमारी सैलजा अपने बेहद करीबी डॉ. अजय चौधरी को नारनौंद विधानसभा सीट से टिकट दिलाने में भी कामयाब नहीं हो पाईं। 2. जातिगत टिप्पणी : टिकट वितरण के अंतिम दिन नारनौंद में कांग्रेस उम्मीदवार जस्सी पेटवाड़ के नामांकन कार्यक्रम में एक समर्थक ने कुमारी सैलजा पर जातिगत टिप्पणी की थी। इस मामले ने तूल पकड़ा और जगह-जगह विरोध भी हुआ। दलित समाज सैलजा पर की गई टिप्पणी से आहत है। नारनौंद थाने में जस्सी पेटवाड़ समर्थक कांग्रेस कार्यकर्ता पर केस भी दर्ज हुआ है। 3. हुड्डा खेमे से तनातनी : हरियाणा कांग्रेस में दो गुट बने हुए हैं। एक गुट हुड्डा पिता-पुत्र का है, तो दूसरा गुट SRK से SRB हो गया है। किरण चौधरी भी हुड्डा की मनमानी से नाराज होकर भाजपा में चली गई हैं। इसके बाद बीरेंद्र सिंह सैलजा गुट के साथ नजर आने लगे हैं। चुनाव कैंपेन में पोस्टर से लेकर बयानबाजी तक में दोनों खेमे में साफ तौर पर तनातनी देखने मिली है। भूपेंद्र हुड्डा अब डैमेज कंट्रोल कर रहे
सांसद कुमारी सैलजा पर अभद्र टिप्पणी के बाद पूर्व CM भूपेंद्र हुड्डा उनके सपोर्ट में भी आए। उन्होंने कहा, “सैलजा पर की गई टिप्पणी मैनिपुलेटेड है। वह हमारी बहन भी हैं, और कांग्रेस की सम्मानित नेता हैं। कांग्रेस का कोई भी नेता या कार्यकर्ता उनके बारे में गलत टिप्पणी नहीं कर सकता। उनके बारे में यदि कोई भी, किसी प्रकार की गलत टिप्पणी करता है तो उसका कांग्रेस में कोई स्थान नहीं है। आज हर किसी के पास मोबाइल है और किसी को भी मैनिपुलेट कर कुछ भी बुलवाया जा सकता है, लेकिन ऐसी मानसिकता का समाज या राजनीति में कोई स्थान नहीं है। विरोधी दल जानबूझकर समाज को बांटने वाली साजिश रच रहे हैं।” हुड्डा-सैलजा में कांग्रेस संदेश यात्रा के दौरान दिखी तनातनी
हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी में CM कुर्सी की लड़ाई शुरू हो गई थी। पूर्व CM भूपेंद्र हुड्डा गुट के ‘हरियाणा मांगे हिसाब’ कैंपेन के बराबर सांसद कुमारी सैलजा ने ‘कांग्रेस संदेश यात्रा’ का ऐलान कर दिया था। सैलजा ने सोशल मीडिया पर 27 जुलाई से अपना कैंपेन शुरू करने को लेकर एक पोस्टर शेयर किया था। इससे बवाल मच गया था। क्योंकि इस पर पूर्व CM भूपेंद्र हुड्डा और प्रदेश अध्यक्ष उदयभान का फोटो नहीं था। हुड्डा गुट ने इसकी शिकायत कांग्रेस हाईकमान से की थी। इसके बाद सैलजा ने एक और पोस्टर रिलीज किया था, जिसमें हुड्डा और उदयभान के फोटो शामिल किए गए। सैलजा ने अपने पोस्टर में रणदीप सुरजेवाला और पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह को जगह दी थी।