1985 एयर इंडिया कनिष्का बम विस्फोट मामले में बरी हुए खालिस्तानी आतंकी रिपुदमन सिंह मलिक की हत्या के मामले में कनाडा की एक अदालत ने दो आरोपियों को दोषी करार दिया है। टैनर फॉक्स और जोस लोपेज ने ब्रिटिश कोलंबिया सुप्रीम कोर्ट में यह स्वीकार किया कि उन्हें मलिक की हत्या के लिए पैसे दिए गए थे। 14 जुलाई 2022 को मलिक की ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में उनके घर के बाहर कई गोलियां मारकर हत्या कर दी गई थी। वैंकूवर सन की एक रिपोर्ट के अनुसार जब दोनों आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया तो दोनों ही एक दूसरे से उलझ गए और एक दूसरे को थप्पड़ व मुक्के मारने लगे। जिसके बाद शेरिफ ने दोनों को एक दूसरे से दूर किया। विवादों में रहा है रिपुदमन सिंह मलिक भारत में खालिस्तानी आतंकी घोषित मलिक विवादास्पद व्यक्ति रहा है। जिसे 2005 में एयर इंडिया फ्लाइट 182 को बम से उड़ाने के आरोपों से बरी कर दिया गया था। इस पूरे घटनाक्रम को खालिस्तानी चरमपंथियों ने अंजाम दिया था। इस हादसे में 329 लोग मारे गए थे। हालांकि, उसकी हत्या का 1985 के बम विस्फोट से प्रत्यक्ष संबंध नहीं पाया गया है। इस मामले के संदिग्ध के रूप में देखा जाता रहा है। मास्टरमाइंड तक नहीं पहुंची पुलिस अदालत में पेश किए गए तथ्यों के अनुसार, फॉक्स और लोपेज को इस हत्या के लिए पैसे दिए गए थे। इन दोनों के पीछे के मास्टरमाइंड का अभी तक पता नहीं चल पाया है। मलिक के परिवार ने हत्या की साजिश रचने वालों को पकड़ने की अपील की है। मलिक के परिवार ने स्थानीय मीडिया से कहा कि इस बात के आभारी हैं कि हत्यारों को न्याय के कटघरे में लाया गया है, लेकिन इस प्रकार से एक परिवार के सदस्य को खोने का दर्द कभी खत्म नहीं होगा। इसके साथ ही उन्होंने मांग की कि वे लोग भी पकड़ में आएं जिन्होंने इन हत्यारों को काम पर रखा था 31 अक्टूबर को सुनाई जाएगी सजा कोर्ट में दोनों आरोपियों को दोषी करार दिए जाने के बाद जेल भेज दिया गया। कोर्ट ने सजा सुनाने की अगली तारीख 31 अक्टूबर 2024 निर्धारित की है। जिसमें दोनों आरोपियों को कम से कम 20 साल जेल की सजा सुनाई जा सकती है। 1985 एयर इंडिया कनिष्का बम विस्फोट मामले में बरी हुए खालिस्तानी आतंकी रिपुदमन सिंह मलिक की हत्या के मामले में कनाडा की एक अदालत ने दो आरोपियों को दोषी करार दिया है। टैनर फॉक्स और जोस लोपेज ने ब्रिटिश कोलंबिया सुप्रीम कोर्ट में यह स्वीकार किया कि उन्हें मलिक की हत्या के लिए पैसे दिए गए थे। 14 जुलाई 2022 को मलिक की ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में उनके घर के बाहर कई गोलियां मारकर हत्या कर दी गई थी। वैंकूवर सन की एक रिपोर्ट के अनुसार जब दोनों आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया तो दोनों ही एक दूसरे से उलझ गए और एक दूसरे को थप्पड़ व मुक्के मारने लगे। जिसके बाद शेरिफ ने दोनों को एक दूसरे से दूर किया। विवादों में रहा है रिपुदमन सिंह मलिक भारत में खालिस्तानी आतंकी घोषित मलिक विवादास्पद व्यक्ति रहा है। जिसे 2005 में एयर इंडिया फ्लाइट 182 को बम से उड़ाने के आरोपों से बरी कर दिया गया था। इस पूरे घटनाक्रम को खालिस्तानी चरमपंथियों ने अंजाम दिया था। इस हादसे में 329 लोग मारे गए थे। हालांकि, उसकी हत्या का 1985 के बम विस्फोट से प्रत्यक्ष संबंध नहीं पाया गया है। इस मामले के संदिग्ध के रूप में देखा जाता रहा है। मास्टरमाइंड तक नहीं पहुंची पुलिस अदालत में पेश किए गए तथ्यों के अनुसार, फॉक्स और लोपेज को इस हत्या के लिए पैसे दिए गए थे। इन दोनों के पीछे के मास्टरमाइंड का अभी तक पता नहीं चल पाया है। मलिक के परिवार ने हत्या की साजिश रचने वालों को पकड़ने की अपील की है। मलिक के परिवार ने स्थानीय मीडिया से कहा कि इस बात के आभारी हैं कि हत्यारों को न्याय के कटघरे में लाया गया है, लेकिन इस प्रकार से एक परिवार के सदस्य को खोने का दर्द कभी खत्म नहीं होगा। इसके साथ ही उन्होंने मांग की कि वे लोग भी पकड़ में आएं जिन्होंने इन हत्यारों को काम पर रखा था 31 अक्टूबर को सुनाई जाएगी सजा कोर्ट में दोनों आरोपियों को दोषी करार दिए जाने के बाद जेल भेज दिया गया। कोर्ट ने सजा सुनाने की अगली तारीख 31 अक्टूबर 2024 निर्धारित की है। जिसमें दोनों आरोपियों को कम से कम 20 साल जेल की सजा सुनाई जा सकती है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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केंद्रीय राज्य मंत्री बिट्टू को राज्यसभा भेजने की तैयारी:12 सीटों के लिए 3 सितंबर को चुनाव, हरियाणा-राजस्थान से हो सकती है एंट्री चुनाव आयोग ने बुधवार को राज्यसभा की 12 खाली सीटों के लिए 3 सितंबर 2024 को चुनाव कराने की घोषणा की है। जिसके बाद लुधियाना से हारने के बावजूद केंद्रीय राज्य मंत्री बने रवनीत सिंह बिट्टू को राज्यसभा भेजने की तैयारी शुरू हो गई है। कयास लगाए जा रहे हैं कि रवनीत बिट्टू को हरियाणा और राजस्थान से राज्यसभा सीटों पर उतारा जा सकता है। रवनीत बिट्टू की हरियाणा से एंट्री गेम चेंजर साबित हो सकती है। ऐसा करके भाजपा हरियाणा विधानसभा के साथ-साथ पंजाब की 4 उपचुनाव वाली सीटों पर भी नजर रख रही है। वहीं, राजस्थान में भी पंजाब की सीमा से सटे जिलों में सिख मतदाताओं का खासा प्रभाव है, इसे देखते हुए भाजपा राजस्थान से भी उनकी एंट्री करवा सकती है। मौजूदा स्थिति की बात करें तो उच्च सदन में भाजपा के 87 सदस्य हैं और उसे कांग्रेस, राजद और बीजू जनता दल की कीमत पर चार सीटें मिलने की संभावना है। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, सर्बानंद सोनोवाल और ज्योतिरादित्य सिंधिया समेत मौजूदा सदस्यों के लोकसभा में चुने जाने से राज्यसभा की दस सीटें खाली हो गईं। इसके अलावा मौजूदा सदस्यों में से दो के. केशव राव और ममता मोहंता ने दलबदल के कारण इस्तीफा दे दिया। हुड्डा और वेणुगोपाल की सीटों पर भाजपा को बढ़त कांग्रेस नेता दीपेंद्र हुड्डा की हरियाणा और राजस्थान की खाली हुई सीटों पर भाजपा को लाभ मिलने की संभावना है। के.सी. वेणुगोपाल की वजह से खाली हुई सीटों पर भाजपा रवनीत बिट्टू को उतारने की योजना बना रही है। हरियाणा से रवनीत बिट्टू को मैदान में उतारने की संभावना के बीच स्थानीय नेताओं में विरोध भी शुरू हो गया है। कुछ नेता इसको लेकर जोड़-तोड़ में जुटे हैं। जानिए कब जारी होगी राजपत्रित अधिसूचना भारत निर्वाचन आयोग के आदेशानुसार 14 अगस्त को अधिसूचना जारी होगी। 21 अगस्त नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि होगी और 22 अगस्त को नामांकन पत्रों की जांच होगी। नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि 27 अगस्त होगी। 3 सितंबर को मतदान होगा और 3 सितंबर को शाम 5:00 बजे नतीजे घोषित किए जाएंगे। हरियाणा से भी कई चेहरे दौड़ में रोहतक से दीपेंद्र हुड्डा के लोकसभा सांसद चुने जाने के बाद यह सीट खाली हुई है। रवनीत बिट्टू के अलावा रामबिलास शर्मा, कैप्टन अभिमन्यु, ओपी धनखड़, संजय भाटिया, मनीष ग्रोवर, कुलदीप बिश्नोई और सुनीता दुग्गल समेत कई वरिष्ठ नेता भी दावेदार हैं। हाल ही में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुईं किरण चौधरी भी इस दौड़ में हैं। जानिए कौन हैं रवनीत बिट्टू इस लोकसभा चुनाव में रवनीत सिंह बिट्टू कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए हैं। भाजपा ने उन्हें लुधियाना सीट से मैदान में उतारा था, लेकिन उन्हें पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग से हार का सामना करना पड़ा था। इसके बावजूद भाजपा ने उन्हें केंद्रीय रेल और खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री बनाया। रवनीत सिंह बिट्टू पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के पोते हैं, जिनकी 1995 में आतंकवादियों ने हत्या कर दी थी।