हरियाणा के हिसार जिले के गांव बीड़ बबरान में देसी मुर्गे को लेकर मर्डर हो गया। झगड़ा मुर्गे बेचने पर मिले रुपयों को लेकर हुआ। पैसे के लेनदेन को लेकर दो पक्षों में झगड़ा हो गया। जिसमें तलवंडी राणा निवासी कृष्ण की तेजधार हथियार से वार कर हत्या कर दी गई। मृतक के स्वजन और रिश्तेदार भड़के घटना सोमवार देर रात की है सूचना मिलने पर सदर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए हिसार के नागरिक अस्पताल में भिजवा दिया। फिलहाल पुलिस मृतक के परिजनों के बयान दर्ज कर रही है। वहीं आरोपियों पर कार्रवाई नहीं होने से मृतक के स्वजन और रिश्तेदार भड़क गए और उन्होंने सिविल अस्पताल के सामने जाम लगा दिया। जाम से वाहनों की लंबी कतार लग गई। पुलिस परिजनों को समझाने का प्रयास कर रही है। वापस मांग रहे थे पैसे मिली जानकारी के अनुसार तलवंडी राणा निवासी मृतक कृष्ण से बीड़ बबरान के कर्ण ने देसी मुर्गा खरीदा था। जिसके पैसे के लेनदेन को लेकर झगड़ा चल रहा था। इस दौरान मुर्गा बीमार हो गया था, जब कर्ण बीमार मुर्गा को वापस लौटाने गया, तो उन्होंने मना कर दिया और इस दौरान दोनों के बीच रंजिश हो गई। सोमवार रात को तलवंडी राणा निवासी कृष्ण और उसका भाई मिश्री बीड़ बबरान में कर्ण के घर पहुंचे। कर्ण अपने घर बेटे और पत्नी मीरा के साथ था। इस दौरान दोनों पक्षों के बीच झगड़ा शुरू हो गया। तेजधार हथियार से किया हमला झगड़े के दौरान कर्ण ने तेजधार हथियार से कृष्ण और उसके भाई मिश्री पर हमला कर दिया। हमले में कृष्ण की मौत हो गई। वहीं उसके भाई मिश्री घायल हो गया वहीं दूसरी तरफ कर्ण की पत्नी मीरा को भी चोट आई हैं जिसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। फिलहाल पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है। वहीं पुलिस मृतक के परिजनों के बयान दर्ज हिसार के नागरिक अस्पताल में शव का पोस्टमॉर्टम किया गया। परिवार वालों ने नागरिक अस्पताल के बाहर शव रखकर आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की। हरियाणा के हिसार जिले के गांव बीड़ बबरान में देसी मुर्गे को लेकर मर्डर हो गया। झगड़ा मुर्गे बेचने पर मिले रुपयों को लेकर हुआ। पैसे के लेनदेन को लेकर दो पक्षों में झगड़ा हो गया। जिसमें तलवंडी राणा निवासी कृष्ण की तेजधार हथियार से वार कर हत्या कर दी गई। मृतक के स्वजन और रिश्तेदार भड़के घटना सोमवार देर रात की है सूचना मिलने पर सदर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए हिसार के नागरिक अस्पताल में भिजवा दिया। फिलहाल पुलिस मृतक के परिजनों के बयान दर्ज कर रही है। वहीं आरोपियों पर कार्रवाई नहीं होने से मृतक के स्वजन और रिश्तेदार भड़क गए और उन्होंने सिविल अस्पताल के सामने जाम लगा दिया। जाम से वाहनों की लंबी कतार लग गई। पुलिस परिजनों को समझाने का प्रयास कर रही है। वापस मांग रहे थे पैसे मिली जानकारी के अनुसार तलवंडी राणा निवासी मृतक कृष्ण से बीड़ बबरान के कर्ण ने देसी मुर्गा खरीदा था। जिसके पैसे के लेनदेन को लेकर झगड़ा चल रहा था। इस दौरान मुर्गा बीमार हो गया था, जब कर्ण बीमार मुर्गा को वापस लौटाने गया, तो उन्होंने मना कर दिया और इस दौरान दोनों के बीच रंजिश हो गई। सोमवार रात को तलवंडी राणा निवासी कृष्ण और उसका भाई मिश्री बीड़ बबरान में कर्ण के घर पहुंचे। कर्ण अपने घर बेटे और पत्नी मीरा के साथ था। इस दौरान दोनों पक्षों के बीच झगड़ा शुरू हो गया। तेजधार हथियार से किया हमला झगड़े के दौरान कर्ण ने तेजधार हथियार से कृष्ण और उसके भाई मिश्री पर हमला कर दिया। हमले में कृष्ण की मौत हो गई। वहीं उसके भाई मिश्री घायल हो गया वहीं दूसरी तरफ कर्ण की पत्नी मीरा को भी चोट आई हैं जिसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। फिलहाल पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है। वहीं पुलिस मृतक के परिजनों के बयान दर्ज हिसार के नागरिक अस्पताल में शव का पोस्टमॉर्टम किया गया। परिवार वालों ने नागरिक अस्पताल के बाहर शव रखकर आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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आयुष यूनिवर्सिटी के कुलपति की कार्यप्रणाली के खिलाफ शिक्षकों ने राज्यपाल को लिखा पत्र विकास बत्तान | कुरुक्षेत्र श्रीकृष्ण आयुष यूनिवर्सिटी कुरुक्षेत्र के कई शिक्षकों ने सामूहिक रूप से राज्यपाल को कुलपति की कार्यप्रणाली और यूनिवर्सिटी में शिक्षकों के साथ भेदभाव करने के आरोप लगाते हुए पत्र लिखा है। 10 प्वॉइंट के इस सामूहिक पत्र में शिक्षकों ने विभिन्न विभागों के मुद्दों को उठाते हुए यूनिवर्सिटी प्रशासन द्वारा किए जा रहे भेदभाव के बारे में बताया है। शिक्षकों ने सबसे पहले प्वॉइंट में लिखा है कि यूनिवर्सिटी के एक विभाग की वरिष्ठ महिला प्रोफेसर को पहले विभाग के शिक्षकों में आपसी मनमुटाव होने को आधार बताकर विभागाध्यक्ष के पद से हटाया गया। इसके बाद विभाग कॉलेज प्राचार्य को विभागाध्यक्ष का पदभार सौंपा लेकिन यूनिवर्सिटी प्रशासन ने अब प्राचार्य से पदभार वापस लेकर विभाग के ही एक जूनियर शिक्षक को विभागाध्यक्ष बना दिया। शिक्षकों ने कहा कि यह मामला सीधे तौर पर वरिष्ठता के नियमों के खिलाफ है। इतना ही नहीं शिक्षकों ने कहा कि जिस शिक्षक को विभागाध्यक्ष बनाया, उनके खिलाफ पुलिस में केस भी लंबित है। दूसरे प्वॉइंट में शिक्षकों ने द्रव्यगुण विभाग की टीचिंग फैकल्टी डॉ. संगीता नेहरा से एमडी का गाइड पद छीनने को भी पूरी तरह से गलत बताया। शिक्षकों ने कहा कि जब एनसीआईएसएम की ओर से डॉ. संगीता नेहरा को टीचिंग कोड मिला हुआ है तो उनसे एमडी का गाइड पद छीनना भेदभाव को दिखाता है। इसके साथ ही तीसरे प्वॉइंट में कुलपति पर नियमों को दरकिनार कर पीएचडी गाइड बनने के बारे में लिखा है। शिक्षकों ने अपने सामूहिक पत्र के चौथे प्वॉइंट में पीएचडी की परीक्षा के दौरान मोबाइल में फोटो खींचने के आरोपी शिक्षक को पकड़कर उनका मोबाइल जब्त करने वाले परीक्षा नियंत्रक को हटाने और मोबाइल में फोटो खींचने वाले शिक्षक को डीन बनाने का मामला उठाया है। इसके साथ ही 5वें प्वॉइंट में यूनिवर्सिटी में पीएचडी कार्यक्रम यूजीसी गाइडलाइन के अनुरूप न चलने के आरोप लगाए गए हैं। छठे प्वॉइंट में शिक्षकों ने लिखा कि कुलपति के निर्देश पर चहेते शिक्षक की हाजिरी कॉलेज के हाजिरी रजिस्टर में न लगवाकर अलग रजिस्टर में लगवाई जा रही है। जबकि उनका वेतन कॉलेज से शिक्षक पद का ही जारी हो रहा है न कि कुलपति द्वारा दिए गए अतिरिक्त कार्यभार का। 7वें प्वॉइंट में शिक्षकों ने कौमार भृत्य विभाग की वरिष्ठता को दरकिनार कर जूनियर को सीनियर और सीनियर को जूनियर बनाने के मामले में यूनिवर्सिटी प्रशासन पर सवाल उठाए हैं। 8वें प्वॉइंट में शिक्षकों ने एनसीआईएसएम के नियमों का हवाला देते हुए गैर शिक्षक वर्ग से चिकित्सा प्रभारी बनाने की बात कही जबकि यूनिवर्सिटी प्रशासन की ओर से शिक्षक वर्ग से चिकित्सा प्रभारी बनाया गया है। 9वें प्वॉइंट में शिक्षकों ने कहा कि जो शिक्षक पीएचडी नहीं हैं उन्हें पीएचडी सैल इंचार्ज जैसे महत्वपूर्ण पद दिए गए हैं। इतना ही नहीं जो शिक्षक खुद पीएचडी नहीं है या खुद पीएचडी कर रहा है उसे भी पीएचडी का गाइड यूनिवर्सिटी में बनाया गया है। वहीं 10वें प्वॉइंट में शिक्षकों ने कहा कि भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाने पर यूनिवर्सिटी प्रशासन की ओर से एसीआर भी खराब की जा सकती है। सामूहिक रूप से पत्र लिखकर की जांच की मांग श्रीकृष्ण आयुष यूनिवर्सिटी के शिक्षक व आयुर्वेदिक शिक्षक संघ के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष डॉ. अशोक राणा ने बताया कि 5 शिक्षकों की ओर से राज्यपाल को सामूहिक रूप से पत्र लिखकर यूनिवर्सिटी में नियमों के विरुद्ध हो रहे कार्यों की जांच की मांग की गई है। डॉ. राणा ने कहा कि इन सभी मामलों में वे यूनिवर्सिटी प्रशासन से जांच की मांग पहले भी कर चुके हैं लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। जिसके चलते अब शिक्षकों ने एकजुट होकर यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति राज्यपाल को सामूहिक पत्र लिखा है।
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