मंगलवार को पंजाब के फतेहगढ़ साहिब पहुंचे पंजाब के उद्योग एवं पंचायत मंत्री तरूणप्रीत सिंह सौंद ने कहा कि, जब देश को अनाज की जरूरत थी, तब पंजाब ने दिन-रात मेहनत करके देश के लिए अनाज पैदा किया। लेकिन आज उस सारी मेहनत को नजरअंदाज करते हुए केंद्र सरकार राज्य से फसल न उठाकर पंजाब के साथ सौतेली मां जैसा व्यवहार कर रही है। केंद्र सरकार नहीं हल कर रही समस्याएं फतेहगढ़ साहिब के अमलोह में मीडिया से बातचीत में कैबिनेट मंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार ने भी लगातार केंद्र को पत्र लिखे। सीएम भगवंत सिंह मान खुद जाकर केंद्रीय मंत्रियों के साथ बैठकें कर चुके हैं, लेकिन इसके बावजूद केंद्र, पंजाब से फसल नहीं उठा रहा है। उन्होंने कहा कि, केंद्र सरकार को भी पता था कि धान का सीजन आ रहा है। इसके बावजूद केंद्र की ओर से कोई कार्रवाई नहीं गई। पंजाब में गोदामों को खाली नहीं किया गया। दूसरी ओर, किसानों और आढ़तियों की जो समस्याएं पंजाब से जुड़ी थीं, उन्हें पंजाब सरकार ने बहुत सहज माहौल में बातचीत के जरिए हल कर लिया, लेकिन केंद्र की बात करें तो पंजाब की समस्याएं केंद्र से हल नहीं हो रही हैं। जख्मों पर नमक लगा रही केंद्र सरकार कैबिनेट मंत्री ने कहा कि प्रदेश के किसान लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं और केंद्र सरकार पहले ही उनका दिल तोड़ चुकी है। इसलिए केंद्र सरकार को किसानों के जख्मों पर नमक छिड़कने की बजाय मरहम लगाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार हर परिस्थिति में किसानों और किसान संगठनों के साथ खड़ी है। मंगलवार को पंजाब के फतेहगढ़ साहिब पहुंचे पंजाब के उद्योग एवं पंचायत मंत्री तरूणप्रीत सिंह सौंद ने कहा कि, जब देश को अनाज की जरूरत थी, तब पंजाब ने दिन-रात मेहनत करके देश के लिए अनाज पैदा किया। लेकिन आज उस सारी मेहनत को नजरअंदाज करते हुए केंद्र सरकार राज्य से फसल न उठाकर पंजाब के साथ सौतेली मां जैसा व्यवहार कर रही है। केंद्र सरकार नहीं हल कर रही समस्याएं फतेहगढ़ साहिब के अमलोह में मीडिया से बातचीत में कैबिनेट मंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार ने भी लगातार केंद्र को पत्र लिखे। सीएम भगवंत सिंह मान खुद जाकर केंद्रीय मंत्रियों के साथ बैठकें कर चुके हैं, लेकिन इसके बावजूद केंद्र, पंजाब से फसल नहीं उठा रहा है। उन्होंने कहा कि, केंद्र सरकार को भी पता था कि धान का सीजन आ रहा है। इसके बावजूद केंद्र की ओर से कोई कार्रवाई नहीं गई। पंजाब में गोदामों को खाली नहीं किया गया। दूसरी ओर, किसानों और आढ़तियों की जो समस्याएं पंजाब से जुड़ी थीं, उन्हें पंजाब सरकार ने बहुत सहज माहौल में बातचीत के जरिए हल कर लिया, लेकिन केंद्र की बात करें तो पंजाब की समस्याएं केंद्र से हल नहीं हो रही हैं। जख्मों पर नमक लगा रही केंद्र सरकार कैबिनेट मंत्री ने कहा कि प्रदेश के किसान लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं और केंद्र सरकार पहले ही उनका दिल तोड़ चुकी है। इसलिए केंद्र सरकार को किसानों के जख्मों पर नमक छिड़कने की बजाय मरहम लगाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार हर परिस्थिति में किसानों और किसान संगठनों के साथ खड़ी है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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चंडीगढ़ में मेट्रो के अलावा पॉड टैक्सी भी विकल्प:केंद्रीय मंत्री खट्टर ने अधिकारियों के साथ मीटिंग की, बोले- निजीकरण का फैसला प्रशासन पर केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने आज (शुक्रवार) को चंडीगढ़ प्रशासन के अधिकारियों से मीटिंग की। इस दौरान मेट्रो रेल से लेकर चंडीगढ़ में बिजली के निजीकरण समेत कई मुद्दों पर चर्चा हुई। मंत्री ने कहा कि मेट्रो के मुद्दे को लेकर कुछ जानकारियां उनके पास पहले ही थीं, लेकिन कुछ नई जानकारियां मिली हैं। प्रोजेक्ट को लेकर डीपीआर बन रही है। उसी आधार पर हम दिल्ली में बैठकर इस विषय पर स्ट्रेटजी बनाएंगे। उन्होंने साफ किया कि चंडीगढ़ हैरिटज सिटी है। ऐसे में मेट्रो एलिवेटडेट हो या फिर अंडरग्राउंड इस चीज पर भी मंथन किया जा रहा है। वहीं, उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ में राइडरशिप उतनी ज्यादा नहीं मिल रही है, जितनी मेट्रो के लिए चाहिए। जब उनसे पूछा गया कि मीटिंग में कोई और सुझाव भी आया है तो उन्होंने जबाब दिया कि पाॅड टैक्सी का सुझाव आया है। जो कि सड़क के सेंटर वर्ग गज या ग्रीन एरिया में चलाई जा सकती है। जिससे हैरिटेज सिटी को नुकसान नहीं होगा। जिस पर आगे विचार किया जा सकता है। जब पत्रकारों ने कहा कि इसका मतलब है कि मेट्रो नहीं चलेगी। उन्होंने कहा कि ऐसी बात नहीं है। सभी चीजों पर मंथन किया जा रहा है। ऐसी कोई बात नहीं है। वहीं, उन्होंने कहा कि बिजली को लेकर चंडीगढ़ में कोई समस्या नहीं है । आने वाले 5-10 सालों के दौरान जितनी बिजली की जरूरत चंडीगढ़ को होगी वो डिमांड पूरी की जाएगी। हालांकि चंंडीगढ़ में बिजली पैदा नहीं होती है, लेकिन यूटी के बिजली को लेकर अच्छे समझौते हुए हैं। चंडीगढ़ ने 100 इलेक्ट्रिक बसों की मांग रखी
ट्राइसिटी में लोग राेजाना आते जाते हैं। चंडीगढ़, पंचकूला और मोहाली एक कलस्टर है। पच्चीस तीस लाख की आबादी तीनों एरिया की है। ऐसे में इस एरिया पर ज्यादा ई बसें चलाई जा सकती हैं। पंजाब की मीटिंग में इस बारे में सुझाव आया था। जो कि लोगों के लिए फायदेमंद रहेगा। वहीं, चंडीगढ़ ने पंद्रह साल पुरानी बसों की जगह सौ नई इलेक्टिक बसों की मांग रखी है। उन्होंने उनकी मांग का पूरा समर्थन किया है। निजीकरण का फैसला यूटी को लेना है
बिजली विभाग के निजीकरण के मामले पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हाईकोर्ट में अपना आदेश दे दिया है। निजीकरण में अगले स्टेप क्या होंगे, इस बारे यूटी प्रशासन अपना निर्णय लेगा। यूटी प्रशासन निजीकरण करना चाहता है। हालांकि इसमें पहले से काम कर रहे मुलाजिमों का नुकसान नहीं होगा। उन्हें पूरे लाभ दिए जाएंगे। मीटिंग में लाल डोरा प्रोजेक्ट के मुद्दे पर भी चर्चा हुई है। चंडीगढ़ के कूडे़ से बनाएंगे चारकोल
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मुलाजिमों की हाउसिंग स्कीम पर फैसला कोर्ट के आदेश के मुताबिक लिया जाएगा। वहीं, वेस्ट मैनेजमेंट पर यहां काम चल रहा है। एक डंपिंग साइट पर लोगों को दिक्कत है। इसलिए यहां पर प्रोसेसिंग प्लांट लगाने पर विचार किया जाएगा। वेस्ट से चारकोल बनाने की प्रक्रिया एनटीपीसी करता है। इसको लेकर प्लानिंग की जाएगी। साथ ही चारकोल बनाकर दूसरे इलाकों को भेजा जाएगा। जम्मू कश्मीर से धारा 370 वापस आने की संभावना नहीं
इससे पहले हरियाणा सचिवालय में मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर की विधानसभा में अनुच्छेद 370 वापस आने की कोई संभावना नहीं है। अगर यह किसी की साजिश है तो इसे कभी सफल नहीं होने दिया जाएगा। केंद्रीय मंत्री बनने के बाद पहली मीटिंग
मनोहर लाल खट्टर की चंडीगढ़ प्रशासन के अधिकारियों से यह पहली मीटिंग थी। मीटिंग काफी अच्छे माहौल में हुई है। इससे पहले 14 मार्च 2023 को चंडीगढ़ के तत्कालीन प्रशासक बनबारी लाल पुरोहित ने जब पंजाब और हरियाणा की मीटिंग बुलाई थी। तो मनोहर लाल हरियाणा के सीएम के रूप में मीटिंग में शामिल हुए थे। साथ ही उन्होंने मेट्रो प्रोजेक्ट में दिलचस्पी दिखाई थी।