हिमाचल में सांप्रदायिक सौहार्द वाली याचिका पर HC का संज्ञान:मंत्री विक्रमादित्य, अनिरुद्ध, होम सेक्रेटरी, DGP समेत 7 को नोटिस; 3 सप्ताह बाद होगी सुनवाई

हिमाचल में सांप्रदायिक सौहार्द वाली याचिका पर HC का संज्ञान:मंत्री विक्रमादित्य, अनिरुद्ध, होम सेक्रेटरी, DGP समेत 7 को नोटिस; 3 सप्ताह बाद होगी सुनवाई

हिमाचल हाईकोर्ट ने संजौली मस्जिद विवाद के बाद सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वाले भड़काऊ बयानों पर कड़ा संज्ञान लिया है। कोर्ट ने एक एडवोकेट द्वारा दायर जनहित याचिका (PIL) पर शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह और पंचायतीराज मंत्री अनिरुद्ध सिंह को नोटिस जारी किए है। एक्टिंग चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने हिमाचल के होम सेक्रेटरी, DGP, SP शिमला, नगर निगम शिमला के अलावा देवभूमि जागरण मंच को भी नोटिस भेजकर पार्टी बनाया गया है। इस मामले में अगली सुनवाई अब 3 सप्ताह बाद होगी। विक्रमादित्य के दुकानों में पहचान वाले बयान पर आपत्ति PIL में संवैधानिक पदों पर बैठे मंत्रियों पर गैर जिम्मेदाराना बयान देकर सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के आरोप लगाए गए। इसमें कहा गया कि बीते 26 सितंबर को विक्रमादित्य सिंह ने बयान दिया कि भोजनालय, रेहड़ी-फड़ी वालों को दुकानों के बाहर अपनी पहचान लिखनी होगी। याचिका में कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट ने खाने-पीने की दुकानों के बाहर नाम लिखने पर रोक लगा रखी है। शीर्ष अदालत ने कहा है कि दुकानदार नाम लिखने को बाध्य नहीं हैं, जो खुद लिखना चाहें, वे लिखें। वहीं अनिरुद्ध सिंह ने संजौली मस्जिद के दौरान विधानसभा के मानसून सत्र में विवादित बयान दिया। याचिका ने देवभूमि जागरण मंच के बयानों का भी हवाला दिया गया, जिससे हिमाचल की शांति और कानून व्यवस्था को खतरा पैदा हो गया। याचिका में कहा गया कि धर्म के नाम पर पिछले कुछ समय से माहौल बिगाड़ा जा रहा है। संजौली मस्जिद विवाद में देवभूमि जागरण मंच ने पूरे प्रदेश में आंदोलन किया। इस दौरान कई नेताओं ने आपत्तिजनक बयान और नारेबाजी की। कुछ लोगों ने सोशल मीडिया में भड़काउ पोस्ट डालकर माहौल खराब किया कुछ लोगों ने सोशल मीडिया पर भड़काउ पोस्ट डालकर माहौल खराब किया। याचिका में कहा गया कि भड़काऊ पोस्ट से लोगों के अंदर एक दूसरे के प्रति नफरत फैल रही है। हिमाचल हाईकोर्ट ने संजौली मस्जिद विवाद के बाद सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वाले भड़काऊ बयानों पर कड़ा संज्ञान लिया है। कोर्ट ने एक एडवोकेट द्वारा दायर जनहित याचिका (PIL) पर शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह और पंचायतीराज मंत्री अनिरुद्ध सिंह को नोटिस जारी किए है। एक्टिंग चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने हिमाचल के होम सेक्रेटरी, DGP, SP शिमला, नगर निगम शिमला के अलावा देवभूमि जागरण मंच को भी नोटिस भेजकर पार्टी बनाया गया है। इस मामले में अगली सुनवाई अब 3 सप्ताह बाद होगी। विक्रमादित्य के दुकानों में पहचान वाले बयान पर आपत्ति PIL में संवैधानिक पदों पर बैठे मंत्रियों पर गैर जिम्मेदाराना बयान देकर सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के आरोप लगाए गए। इसमें कहा गया कि बीते 26 सितंबर को विक्रमादित्य सिंह ने बयान दिया कि भोजनालय, रेहड़ी-फड़ी वालों को दुकानों के बाहर अपनी पहचान लिखनी होगी। याचिका में कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट ने खाने-पीने की दुकानों के बाहर नाम लिखने पर रोक लगा रखी है। शीर्ष अदालत ने कहा है कि दुकानदार नाम लिखने को बाध्य नहीं हैं, जो खुद लिखना चाहें, वे लिखें। वहीं अनिरुद्ध सिंह ने संजौली मस्जिद के दौरान विधानसभा के मानसून सत्र में विवादित बयान दिया। याचिका ने देवभूमि जागरण मंच के बयानों का भी हवाला दिया गया, जिससे हिमाचल की शांति और कानून व्यवस्था को खतरा पैदा हो गया। याचिका में कहा गया कि धर्म के नाम पर पिछले कुछ समय से माहौल बिगाड़ा जा रहा है। संजौली मस्जिद विवाद में देवभूमि जागरण मंच ने पूरे प्रदेश में आंदोलन किया। इस दौरान कई नेताओं ने आपत्तिजनक बयान और नारेबाजी की। कुछ लोगों ने सोशल मीडिया में भड़काउ पोस्ट डालकर माहौल खराब किया कुछ लोगों ने सोशल मीडिया पर भड़काउ पोस्ट डालकर माहौल खराब किया। याचिका में कहा गया कि भड़काऊ पोस्ट से लोगों के अंदर एक दूसरे के प्रति नफरत फैल रही है।   हिमाचल | दैनिक भास्कर