पंजाब में साल 2012 में हुए प्रोविडेंड फंड घोटाले मामले में ईडी द्वारा जांच की जा रही थी, इसे लेकर आज कोर्ट ने तीन डॉक्टरों सहित 6 लोगों को सजा सुना दी है। इसी जानकारी एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) जालंधर के पूर्व अधिकारी निरंजन सिंह ने दी है। आखिरी कोर्ट हेयरिंग के दिन निरंजन सिंह आरोपियों को सजा करवाने के लिए जालंधर सेशन कोर्ट पहुंचे थे। जालंधर सेशन कोर्ट ने मुख्यारोपी करमपाल गोयल को पांच साल शैलेंद्र सिंह को 4 साल और तीन डॉक्टरों को तीन तीन साल की सजा सुनाई गई है। डॉक्टर की पहचान युवराज सिंह, कृष्ण लाल, हरदेव सिंह के रूप में हुई है। वहीं केस में हरदेव सिंह की पत्नी निर्मला देवी को भी चार साल की सजा हुई है। निरंजन सिंह बोले- केस में सभी आरोपियों को सजा हुई पूर्व ईडी अधिकारी निरंजन सिंह ने कहा- साल 2012 में हमारी टीम ने एक चार्जशीट फाइल की थी। इस केस में पंजाब सरकार के अधिकारी और कुछ डॉक्टर शामिल थे। सभी आरोपियों ने हम सलाह होकर खुद के ही कर्मचारियों और अधिकारियों का प्रोविडेंड फंड (EPFO) को बताए बिना विड्राल किया और उन पैसों की संपत्ति बनाई गई। इस केस में आज यानी 24 अक्टूबर को कोर्ट ने फैसला सुनाया है और जो लोग इस केस में शामिल थे, उन्हें सजा हो गई है। कुछ आरोपी कस्टडी में, अब वे जेल जाएंगे निरंजन सिंह ने आगे कहा- जो संपत्ति केस में अटैच की गई थी, वो अभी भी अटैच है। केस में नामजद हुए डॉक्टर उस वक्त के अस्पतालों को इंचार्ज थे। डॉक्टर युवराज सिंह, कृष्ण लाल, हरदेव सिंह और हरदेव सिंह की पत्नी निर्मला देवी को भी केस में सजा हुई है। आगे निरंजन सिंह कहा- फिलहाल सभी आरोप पैरोल पर बाहर थे और जिन्हें तीन से ज्यादा सजा हुई है, पहले ही कस्टडी में हैं और वह अब जेल जाएंगे। इस केस में कुछ 6 आरोपियों की भूमिका सबसे मुख्य पाई गई थी। सभी को कोर्ट ने एविडेंस के आधार पर सजा दी है। निरंजन सिंह ने आगे बताया कि आरोपियों ने कई जगह पर प्लाट और घर बनवाए हुए थे। बैकों में भी इनकम से ज्यादा अमाउंट आता जाता था और इनके कई बैंक खाते भी थे। ऐसे में उन्होंने पैसा खर्च भी बहुत किया। सभी आरोपी केस में नवांशहर जिले में तैनात थे। पंजाब में साल 2012 में हुए प्रोविडेंड फंड घोटाले मामले में ईडी द्वारा जांच की जा रही थी, इसे लेकर आज कोर्ट ने तीन डॉक्टरों सहित 6 लोगों को सजा सुना दी है। इसी जानकारी एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) जालंधर के पूर्व अधिकारी निरंजन सिंह ने दी है। आखिरी कोर्ट हेयरिंग के दिन निरंजन सिंह आरोपियों को सजा करवाने के लिए जालंधर सेशन कोर्ट पहुंचे थे। जालंधर सेशन कोर्ट ने मुख्यारोपी करमपाल गोयल को पांच साल शैलेंद्र सिंह को 4 साल और तीन डॉक्टरों को तीन तीन साल की सजा सुनाई गई है। डॉक्टर की पहचान युवराज सिंह, कृष्ण लाल, हरदेव सिंह के रूप में हुई है। वहीं केस में हरदेव सिंह की पत्नी निर्मला देवी को भी चार साल की सजा हुई है। निरंजन सिंह बोले- केस में सभी आरोपियों को सजा हुई पूर्व ईडी अधिकारी निरंजन सिंह ने कहा- साल 2012 में हमारी टीम ने एक चार्जशीट फाइल की थी। इस केस में पंजाब सरकार के अधिकारी और कुछ डॉक्टर शामिल थे। सभी आरोपियों ने हम सलाह होकर खुद के ही कर्मचारियों और अधिकारियों का प्रोविडेंड फंड (EPFO) को बताए बिना विड्राल किया और उन पैसों की संपत्ति बनाई गई। इस केस में आज यानी 24 अक्टूबर को कोर्ट ने फैसला सुनाया है और जो लोग इस केस में शामिल थे, उन्हें सजा हो गई है। कुछ आरोपी कस्टडी में, अब वे जेल जाएंगे निरंजन सिंह ने आगे कहा- जो संपत्ति केस में अटैच की गई थी, वो अभी भी अटैच है। केस में नामजद हुए डॉक्टर उस वक्त के अस्पतालों को इंचार्ज थे। डॉक्टर युवराज सिंह, कृष्ण लाल, हरदेव सिंह और हरदेव सिंह की पत्नी निर्मला देवी को भी केस में सजा हुई है। आगे निरंजन सिंह कहा- फिलहाल सभी आरोप पैरोल पर बाहर थे और जिन्हें तीन से ज्यादा सजा हुई है, पहले ही कस्टडी में हैं और वह अब जेल जाएंगे। इस केस में कुछ 6 आरोपियों की भूमिका सबसे मुख्य पाई गई थी। सभी को कोर्ट ने एविडेंस के आधार पर सजा दी है। निरंजन सिंह ने आगे बताया कि आरोपियों ने कई जगह पर प्लाट और घर बनवाए हुए थे। बैकों में भी इनकम से ज्यादा अमाउंट आता जाता था और इनके कई बैंक खाते भी थे। ऐसे में उन्होंने पैसा खर्च भी बहुत किया। सभी आरोपी केस में नवांशहर जिले में तैनात थे। पंजाब | दैनिक भास्कर
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होशियारपुर में खूनी झड़प-3 की मौत:पुरानी रंजिश में भिड़े दो गुट, तेजधार हथियार और गोलियां चली, एक घायल होशियारपुर में गढ़शंकर के गांव मोरवाली उस समय दहशत फैल गई जब दो गुटों में दो गुटों में झड़प हो गई। दोनों ओर से चले धारदार हथियार और फायरिंग में तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि दूसरे गुट का एक व्यक्ति गंभीर रूप में घायल हो गया। हालांकि पुलिस अभी तक गोलियां चलने की बात का नकार रही है। गांव मोरावाली में करीब साढ़े 11 बजे गुरप्रीत सिंह अपने साथियों के साथ एक राजनीतिक पार्टी की रैली में जाने के लिए अपने वाहनों में सवार होकर रवाना हुए थे। जैसे ही वह अपने घर से सौ मीटर की दूरी पर गए तो उनकी मनप्रीत सिंह उर्फ मनी के घर के बाहर झड़प हो गई। जिसके बाद गुरप्रीत सिंह पाथियों ने मनप्रीत सिंह की हवेली में घुसकर मनप्रीत सिंह पुत्र बलबीर सिंह, सुखतियार सिंह उर्फ सुख्खा पुत्र जगतार सिंह और शरणदीप सिंह पुत्र सुखजिंदर सिंह पर तेजधार हथियारों से हमला कर और घर के बाहर खड़े दो बुलेट मोटरसाइकिलों का क्षतिग्रस्त कर दिया। एक युवक हायर सेंटर रेफर जिसके बाद गुरप्रीत सिंह के साथी वहां से फरार हो गए। इसके बाद लोगो ने इस झड़प में गंभीर रूप से घायल हुए। गंभीर रुप से घायल हुए मनप्रीत सिंह, सुखतियार सिंह और दीप सिंह युवकों को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां पर डाक्टरों ने तीनों को मृतक करार दे दिया। वहीं, दूसरे गुट के गुरप्रीत सिंह उर्फ गोपी इस झड़प में घायल हो गया। जिसे सिविल अस्पताल गढ़शंकर ले जाया गया, जहां से डाक्टरों ने उसे पीजीआई के लिए रेफर कर दिया।
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