‘मैंने लंबी उम्र के लिए व्रत रखा…फिर क्यों छीना बेटा’:मां बोली-हे अहोई माता उसे जिंदा कर दो; कानपुर में हार्टअटैक से दरोगा की गई थी जान

‘मैंने लंबी उम्र के लिए व्रत रखा…फिर क्यों छीना बेटा’:मां बोली-हे अहोई माता उसे जिंदा कर दो; कानपुर में हार्टअटैक से दरोगा की गई थी जान

हे अहोई मां मैने अपने बेटे की लम्बी उम्र के लिए व्रत रखा। पूजा पाठ नियम अनुसार किया। उसके बाद भी आपने उसे मुझसे छीन लिया। मां मेरी पूजा में जरा सी भी शक्ति है, तो मेरे बेटे को जिंदा कर दीजिए। मां मेरे तप को ऐसे जाया न जाने दीजिए। मैं कैसे अपने लाल के बिना रहूंगी। कानपुर के पोस्टमॉर्टम हाउस कैंपस में ऐसा बोलते हुए दरोगा विष्णु शर्मा की मां गिर पड़ती है। वह रोते-बिलखते चिल्लाती हैं, कहती हैं- बस मेरा बेटा वापस लौटा दो। सुबह तो हंसते-खेलते हुए बाहर निकला था। शुक्रवार को जिम से लौटते समय विष्णु शर्मा की हार्ट अटैक से मौत हो गई। दरोगा को कॉर्डियोलॉजी ले जाया गया। यहां चेकअप के बाद उन्हें डेड घोषित कर दिया गया। जिम से लौटकर दूध पिया था, फिर सीने में होने लगी जलन दारोगा ने जिम से घर लौटकर दूध पिया और इसके बाद पत्नी से सीने में जलन होने की बात कही। हालत बिगड़ते ही पत्नी ने अपार्टमेंट में रहने वाले साथी दारोगाओं को जानकारी दी। इसके बाद सभी उन्हें कॉर्डियोलाजी ले गए, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। घटना की सूचना पर डीसीपी पश्चिम, सेन्ट्रल समेत एसीपी ने भी कॉर्डियोलाजी पहुंचकर पूरी जानकारी ली। मूलरूप से बुलंदशहर जनपद के आलमपुर जरिया निवासी दारोगा विष्णु कुमार शर्मा पीरोड स्थित विजय टावर अपार्टमेंट में पत्नी रजनी और बेटों कनिष्क और तनिष्क के साथ रहते थे। 4 साल पहले विष्णु शहर आए थे, तब उन्हें जवाहर नगर चौकी इंचार्ज के तौर पर तैनाती मिली थी। 16 अक्टूबर 2024 में उन्हें काकादेव में तैनात किया गया। साथी दारोगा प्रशांत ने बताया- सुबह करीब 11 बजे विष्णु जिम करके घर लौटे दूध पिया, इसके बाद दारोगा कल्पेश को फोन कर उन्हें जानकारी दी। सीसामऊ थाने से गाड़ी मंगवाकर उन्हें कॉर्डियोलाजी ले जाया गया। 8 घंटे बाद पत्नी और बच्चों को दी गई जानकारी
पुलिस कर्मी ने उनकी पत्नी रजनी को 8 घंटे बाद मौत की सूचना दी। पत्नी और दोनों बेटों को पुलिस ने कॉर्डियोलॉजी में ही बैठाए रखा। जब पोस्टमॉर्टम हुआ, तब जाकर पत्नी को जानकारी दी। बेसुध हालत में पत्नी पोस्टमॉर्टम हाउस पहुंची। रात में ही डीएम से अनुमति के बाद रात में ही दरोगा का पोस्टमॉर्टम करा दिया गया। उसके बाद अंतिम सलामी के लिए उनके शव को पुलिस लाइन ले जाया गया। जहां से परिवार वाले शव को लेकर मूल निवास ग्राम जरिया आलमपुर बुलंदशहर रवाना हो गए। लंबी उम्र के लिए रख रही थी मां
दरोगा के रिश्तेदार ने बताया-उनकी मां काफी सालों से बेटे की लम्बी उम्र के लिए अहोई माता का व्रत रखती आ रही है। जब माता उषा और पिता नरेश चन्द्र शर्मा को विष्णु की मौत का पता चला, तो वह लोग बुलंदशहर से रवाना हो गए। रात में कानपुर पोस्टमॉर्टम हाउस पहुंच गए। साथी पुलिस कर्मियों ने विष्णु की पत्नी रजनी को और दोनों बेटों को कॉर्डियोलॉजी में ही बैठा रखा था। उन्हें जानकारी दी गई थी कि उसका अभी इलाज चल रहा है। जब पोस्टमॉर्टम की प्रक्रिया आधी हो गई। तब लगभग साढ़े सात बजे साथी पुलिस कर्मियों ने पत्नी को मौत की जानकारी दी। पत्नी रजनी को यकीन नहीं हो रहा था
विष्णु की मौत का पता चलने के बाद रजनी चीखने चिल्लाने लगी। उनकी आंखों से आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे। दोनों बेटे और रिश्तेदार उन्हें ढाढंस बंधाने में लगे थे। उन्हें किसी तरह से कार के पास लाया गया। रजनी चिल्ला रही थी यह झूठ है। वह गाड़ी में बैठने को तैयार नहीं थी। वह कह रहीं थी कि अभी तो बताया गया कि इलाज चल रहा है। ऐसा कैसे हो गया। यह गलत है। मकान मालिक बोले-विष्णु बहुत अच्छे थे
विष्णु शर्मा पत्नी और दोनों बेटों के साथ पी रोड स्थित विजय टावर में एडवोकेट बृजेन्द्र शुक्ला के फ्लैट में बतौर किराएदार रहते थे। उनके मकान मालिक बृजेन्द्र शुक्ला ने बताया-विष्णु का व्यवहार पुलिस वालों की तरह कभी नहीं रहा। वह बहुत सौम्य थे। वह बिल्कुल बेटे जैसा था। उसने कभी किसी से ऊंची आवाज में बात नहीं की। बहुत की व्यवहार कुशल था। वह कभी होटल का खाना नहीं खाता था। न परिवार को खाने देता था। वह घर के शुद्ध खाने पर ही यकीन रखता था। सेहत को लेकर वह विशेष सतर्क रहता था। क्या होता है अहोई माता का व्रत
अहोई अष्टमी का व्रत, माताएं अपने बच्चों की लम्बी उम्र और खुशहाली के लिए रखती हैं। इस दिन व्रत रखने वाली महिलाएं दिन भर उपवास रखती हैं। शाम को तारों को देखकर व्रत का पारण करती हैं। इस दिन अहोई माता की पूजा की जाती है। अहोई माता को पार्वती माता का रूप माना गया है। इससे जुड़ी खबर भी पढ़ें :- कानपुर में जिम से लौटते ही दरोगा को हार्ट अटैक, मौत : दूध पीते ही सीने में दर्द हुआ था काकादेव थाने में तैनात दरोगा की हार्ट अटैक से गुरुवार सुबह मौत हो गई। दरोगा जिम करके घर लौटे थे। घर पर उन्होंने दूध पीया। पत्नी से सीने में जलन होने की बात कही। दरोगा की हालत बिगड़ते ही पत्नी ने अपार्टमैंट में रहने वाले साथी पुलिस वालों को इसकी जानकारी दी। जिसके बाद सभी उन्हें लेकर कार्डियोलॉजी पहुंचे। जहां पर उनकी मौत हो गई। पढ़ें पूरी खबर हे अहोई मां मैने अपने बेटे की लम्बी उम्र के लिए व्रत रखा। पूजा पाठ नियम अनुसार किया। उसके बाद भी आपने उसे मुझसे छीन लिया। मां मेरी पूजा में जरा सी भी शक्ति है, तो मेरे बेटे को जिंदा कर दीजिए। मां मेरे तप को ऐसे जाया न जाने दीजिए। मैं कैसे अपने लाल के बिना रहूंगी। कानपुर के पोस्टमॉर्टम हाउस कैंपस में ऐसा बोलते हुए दरोगा विष्णु शर्मा की मां गिर पड़ती है। वह रोते-बिलखते चिल्लाती हैं, कहती हैं- बस मेरा बेटा वापस लौटा दो। सुबह तो हंसते-खेलते हुए बाहर निकला था। शुक्रवार को जिम से लौटते समय विष्णु शर्मा की हार्ट अटैक से मौत हो गई। दरोगा को कॉर्डियोलॉजी ले जाया गया। यहां चेकअप के बाद उन्हें डेड घोषित कर दिया गया। जिम से लौटकर दूध पिया था, फिर सीने में होने लगी जलन दारोगा ने जिम से घर लौटकर दूध पिया और इसके बाद पत्नी से सीने में जलन होने की बात कही। हालत बिगड़ते ही पत्नी ने अपार्टमेंट में रहने वाले साथी दारोगाओं को जानकारी दी। इसके बाद सभी उन्हें कॉर्डियोलाजी ले गए, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। घटना की सूचना पर डीसीपी पश्चिम, सेन्ट्रल समेत एसीपी ने भी कॉर्डियोलाजी पहुंचकर पूरी जानकारी ली। मूलरूप से बुलंदशहर जनपद के आलमपुर जरिया निवासी दारोगा विष्णु कुमार शर्मा पीरोड स्थित विजय टावर अपार्टमेंट में पत्नी रजनी और बेटों कनिष्क और तनिष्क के साथ रहते थे। 4 साल पहले विष्णु शहर आए थे, तब उन्हें जवाहर नगर चौकी इंचार्ज के तौर पर तैनाती मिली थी। 16 अक्टूबर 2024 में उन्हें काकादेव में तैनात किया गया। साथी दारोगा प्रशांत ने बताया- सुबह करीब 11 बजे विष्णु जिम करके घर लौटे दूध पिया, इसके बाद दारोगा कल्पेश को फोन कर उन्हें जानकारी दी। सीसामऊ थाने से गाड़ी मंगवाकर उन्हें कॉर्डियोलाजी ले जाया गया। 8 घंटे बाद पत्नी और बच्चों को दी गई जानकारी
पुलिस कर्मी ने उनकी पत्नी रजनी को 8 घंटे बाद मौत की सूचना दी। पत्नी और दोनों बेटों को पुलिस ने कॉर्डियोलॉजी में ही बैठाए रखा। जब पोस्टमॉर्टम हुआ, तब जाकर पत्नी को जानकारी दी। बेसुध हालत में पत्नी पोस्टमॉर्टम हाउस पहुंची। रात में ही डीएम से अनुमति के बाद रात में ही दरोगा का पोस्टमॉर्टम करा दिया गया। उसके बाद अंतिम सलामी के लिए उनके शव को पुलिस लाइन ले जाया गया। जहां से परिवार वाले शव को लेकर मूल निवास ग्राम जरिया आलमपुर बुलंदशहर रवाना हो गए। लंबी उम्र के लिए रख रही थी मां
दरोगा के रिश्तेदार ने बताया-उनकी मां काफी सालों से बेटे की लम्बी उम्र के लिए अहोई माता का व्रत रखती आ रही है। जब माता उषा और पिता नरेश चन्द्र शर्मा को विष्णु की मौत का पता चला, तो वह लोग बुलंदशहर से रवाना हो गए। रात में कानपुर पोस्टमॉर्टम हाउस पहुंच गए। साथी पुलिस कर्मियों ने विष्णु की पत्नी रजनी को और दोनों बेटों को कॉर्डियोलॉजी में ही बैठा रखा था। उन्हें जानकारी दी गई थी कि उसका अभी इलाज चल रहा है। जब पोस्टमॉर्टम की प्रक्रिया आधी हो गई। तब लगभग साढ़े सात बजे साथी पुलिस कर्मियों ने पत्नी को मौत की जानकारी दी। पत्नी रजनी को यकीन नहीं हो रहा था
विष्णु की मौत का पता चलने के बाद रजनी चीखने चिल्लाने लगी। उनकी आंखों से आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे। दोनों बेटे और रिश्तेदार उन्हें ढाढंस बंधाने में लगे थे। उन्हें किसी तरह से कार के पास लाया गया। रजनी चिल्ला रही थी यह झूठ है। वह गाड़ी में बैठने को तैयार नहीं थी। वह कह रहीं थी कि अभी तो बताया गया कि इलाज चल रहा है। ऐसा कैसे हो गया। यह गलत है। मकान मालिक बोले-विष्णु बहुत अच्छे थे
विष्णु शर्मा पत्नी और दोनों बेटों के साथ पी रोड स्थित विजय टावर में एडवोकेट बृजेन्द्र शुक्ला के फ्लैट में बतौर किराएदार रहते थे। उनके मकान मालिक बृजेन्द्र शुक्ला ने बताया-विष्णु का व्यवहार पुलिस वालों की तरह कभी नहीं रहा। वह बहुत सौम्य थे। वह बिल्कुल बेटे जैसा था। उसने कभी किसी से ऊंची आवाज में बात नहीं की। बहुत की व्यवहार कुशल था। वह कभी होटल का खाना नहीं खाता था। न परिवार को खाने देता था। वह घर के शुद्ध खाने पर ही यकीन रखता था। सेहत को लेकर वह विशेष सतर्क रहता था। क्या होता है अहोई माता का व्रत
अहोई अष्टमी का व्रत, माताएं अपने बच्चों की लम्बी उम्र और खुशहाली के लिए रखती हैं। इस दिन व्रत रखने वाली महिलाएं दिन भर उपवास रखती हैं। शाम को तारों को देखकर व्रत का पारण करती हैं। इस दिन अहोई माता की पूजा की जाती है। अहोई माता को पार्वती माता का रूप माना गया है। इससे जुड़ी खबर भी पढ़ें :- कानपुर में जिम से लौटते ही दरोगा को हार्ट अटैक, मौत : दूध पीते ही सीने में दर्द हुआ था काकादेव थाने में तैनात दरोगा की हार्ट अटैक से गुरुवार सुबह मौत हो गई। दरोगा जिम करके घर लौटे थे। घर पर उन्होंने दूध पीया। पत्नी से सीने में जलन होने की बात कही। दरोगा की हालत बिगड़ते ही पत्नी ने अपार्टमैंट में रहने वाले साथी पुलिस वालों को इसकी जानकारी दी। जिसके बाद सभी उन्हें लेकर कार्डियोलॉजी पहुंचे। जहां पर उनकी मौत हो गई। पढ़ें पूरी खबर   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर