<p style=”text-align: justify;”><strong>Bihar Land Survey:</strong> बिहार में जमीन सर्वे हो रहा है. इस बीच राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की ओर से जमीन मापी करने वाले अमीनों के लिए एक टेंशन वाला आदेश जारी हो गया है. शुक्रवार (25 अक्टूबर) को राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने बैठक की. इसमें राजस्व संबंधी विषयों की समीक्षा हुई. बैठक में पाया गया कि ई-मापी का डिस्पोजल रेट बढ़ा है लेकिन उसे और बढ़ाने की जरूरत है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>अमीनों की मापी संख्या से खुश नहीं विभाग</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>बैठक में निर्णय लिया गया कि हर अमीन के काम की जांच की जाएगी कि वो तय मापदंडों एवं विभागीय दिशा-निर्देशों के अनुरूप है या नहीं. अमीनों की ओर से की जा रही मापी की संख्या से भी विभाग खुश नहीं है. इसमें और वृद्धि करने के लिए कहा गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने कहा कि रिजेक्ट किए गए आवेदनों में से सैंपल लेकर जांच करने की आवश्यकता है कि उसका (रिजेक्ट करने का) आधार सही है या नहीं. ऑनलाइन आ रहे आवेदनों में बड़ी संख्या में आवेदन अंचल स्तर पर अस्वीकृत किए जा रहे हैं. अब तक प्राप्त आवेदनों में से एक चौथाई आवेदनों के अस्वीकृत होने के कारण यह निर्णय लिया गया है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>रैयतों को अपना मोबाइल नंबर डालने का निर्देश</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>बैठक में यह भी निर्देश दिया गया कि जिलावार अमीनों के कार्यों का आउटपुट निकाला जाए, ताकि यह पता चल सके कि एक अमीन एक महीने में औसत कितनी मापी कर रहा है. विभाग के आईटी सेक्शन को कहा गया कि ई-मापी पोर्टल पर यह सूचना डालें कि रैयत मापी में अपना मोबाइल नंबर डालें, साइबर कैफे का नहीं ताकि सही सूचना और जानकारी उन तक पहुंच सकें. ऐसा नहीं होने पर कई जरूरी सूचनाएं उन तक नहीं पहुंच पा रही हैं. </p>
<p style=”text-align: justify;”>समीक्षा में पाया गया कि अब तक ई-मापी के कुल 86 हजार 500 आवेदन विभाग को प्राप्त हुए हैं. इनमें से 40 हजार से अधिक आवेदकों ने ऑनलाइन तरीके से सरकार के खाते में भुगतान किया. जिन लोगों ने ऑनलाइन तरीके से भुगतान किया है उनमें से 38 हजार से अधिक आवेदकों को मापी की तारीख ऑनलाइन मिल चुकी है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>वहीं जिन रैयतों ने ऑनलाइन तरीके से मापी कराई है उनमें से 22 हजार 274 मापी प्रतिवेदन को आवेदक के पास ऑनलाइन भेज दिया गया है. बाकियों को भी भेजा जा रहा है. कई आवेदन अंचल अधिकारी के स्तर पर लंबित हैं जिन्हें शीघ्र भेजने का निर्देश भी आज दिया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यह भी पढ़ें- <a href=”https://www.abplive.com/states/bihar/bihar-by-elections-2024-will-prashant-kishor-and-asaduddin-owaisi-spoil-the-game-of-rjd-jdu-and-bjp-ann-2810494″>बिहार उपचुनाव 2024: क्या RJD, JDU और BJP का खेल बिगाड़ेंगे प्रशांत किशोर और असदुद्दीन ओवैसी?</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Bihar Land Survey:</strong> बिहार में जमीन सर्वे हो रहा है. इस बीच राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की ओर से जमीन मापी करने वाले अमीनों के लिए एक टेंशन वाला आदेश जारी हो गया है. शुक्रवार (25 अक्टूबर) को राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने बैठक की. इसमें राजस्व संबंधी विषयों की समीक्षा हुई. बैठक में पाया गया कि ई-मापी का डिस्पोजल रेट बढ़ा है लेकिन उसे और बढ़ाने की जरूरत है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>अमीनों की मापी संख्या से खुश नहीं विभाग</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>बैठक में निर्णय लिया गया कि हर अमीन के काम की जांच की जाएगी कि वो तय मापदंडों एवं विभागीय दिशा-निर्देशों के अनुरूप है या नहीं. अमीनों की ओर से की जा रही मापी की संख्या से भी विभाग खुश नहीं है. इसमें और वृद्धि करने के लिए कहा गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने कहा कि रिजेक्ट किए गए आवेदनों में से सैंपल लेकर जांच करने की आवश्यकता है कि उसका (रिजेक्ट करने का) आधार सही है या नहीं. ऑनलाइन आ रहे आवेदनों में बड़ी संख्या में आवेदन अंचल स्तर पर अस्वीकृत किए जा रहे हैं. अब तक प्राप्त आवेदनों में से एक चौथाई आवेदनों के अस्वीकृत होने के कारण यह निर्णय लिया गया है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>रैयतों को अपना मोबाइल नंबर डालने का निर्देश</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>बैठक में यह भी निर्देश दिया गया कि जिलावार अमीनों के कार्यों का आउटपुट निकाला जाए, ताकि यह पता चल सके कि एक अमीन एक महीने में औसत कितनी मापी कर रहा है. विभाग के आईटी सेक्शन को कहा गया कि ई-मापी पोर्टल पर यह सूचना डालें कि रैयत मापी में अपना मोबाइल नंबर डालें, साइबर कैफे का नहीं ताकि सही सूचना और जानकारी उन तक पहुंच सकें. ऐसा नहीं होने पर कई जरूरी सूचनाएं उन तक नहीं पहुंच पा रही हैं. </p>
<p style=”text-align: justify;”>समीक्षा में पाया गया कि अब तक ई-मापी के कुल 86 हजार 500 आवेदन विभाग को प्राप्त हुए हैं. इनमें से 40 हजार से अधिक आवेदकों ने ऑनलाइन तरीके से सरकार के खाते में भुगतान किया. जिन लोगों ने ऑनलाइन तरीके से भुगतान किया है उनमें से 38 हजार से अधिक आवेदकों को मापी की तारीख ऑनलाइन मिल चुकी है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>वहीं जिन रैयतों ने ऑनलाइन तरीके से मापी कराई है उनमें से 22 हजार 274 मापी प्रतिवेदन को आवेदक के पास ऑनलाइन भेज दिया गया है. बाकियों को भी भेजा जा रहा है. कई आवेदन अंचल अधिकारी के स्तर पर लंबित हैं जिन्हें शीघ्र भेजने का निर्देश भी आज दिया गया है.</p>
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