अमृतसर में पंजाब पुलिस की काउंटर इंटेलिजेंस की टीम ने अंतरराष्ट्रीय स्तर के ड्रग सिंडिकेट का पर्दाफाश किया है। अमृतसर के बाबा बकाला कस्बे से दो ड्रग तस्करों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने इनके पास से करीब 105 किलो हेरोइन, 31.93 किलो कैफीन, 17 किलो डीएमआर, 5 विदेशी पिस्तौल और 1 देसी पिस्तौल बरामद की है। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान नवजोत सिंह और लवप्रीत कुमार के रूप में हुई है। आरोपियों का सरगना नवप्रीत सिंह उर्फ भुल्लर विदेश से उक्त नेटवर्क को चला रहा था। डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि उक्त सभी खेप सीमा पार पाकिस्तान से आई थी। बरामद ड्रग्स की अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत 500 करोड़ रुपए से ज्यादा है। बीते दिनों हुई रिकवरी से मिला था इस रिकवरी का इनपुट डीजीपी पंजाब गौरव यादव ने बताया कि अमृतसर स्टेट स्पेशल ऑपरेशन यूनियन (SSOC) में उक्त एफआईआर दर्ज की गई है। बीते दिन पुलिस द्वारा एक खेप पकड़ी गई थी, उक्त आरोपियों की पूछताछ में इस रिकवरी की इनपुट मिली थी। पुलिस पिछले काफी समय से उक्त एरिया में ट्रैप और रेकी कर रही थी। मिली जानकारी के अनुसार उक्त सारा नशा जलमार्ग के जरिए पंजाब तक पहुंचाया गया है। इस खेप के साथ टायरों की बड़ी रबर ट्यूब भी बरामद की गई हैं, जिससे संकेत मिलता है कि जलमार्गों के माध्यम से नशीले पदार्थों की तस्करी की जाती है। दीपावली के त्योहार से पहले ये पंजाब पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है। अमृतसर में पंजाब पुलिस की काउंटर इंटेलिजेंस की टीम ने अंतरराष्ट्रीय स्तर के ड्रग सिंडिकेट का पर्दाफाश किया है। अमृतसर के बाबा बकाला कस्बे से दो ड्रग तस्करों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने इनके पास से करीब 105 किलो हेरोइन, 31.93 किलो कैफीन, 17 किलो डीएमआर, 5 विदेशी पिस्तौल और 1 देसी पिस्तौल बरामद की है। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान नवजोत सिंह और लवप्रीत कुमार के रूप में हुई है। आरोपियों का सरगना नवप्रीत सिंह उर्फ भुल्लर विदेश से उक्त नेटवर्क को चला रहा था। डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि उक्त सभी खेप सीमा पार पाकिस्तान से आई थी। बरामद ड्रग्स की अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत 500 करोड़ रुपए से ज्यादा है। बीते दिनों हुई रिकवरी से मिला था इस रिकवरी का इनपुट डीजीपी पंजाब गौरव यादव ने बताया कि अमृतसर स्टेट स्पेशल ऑपरेशन यूनियन (SSOC) में उक्त एफआईआर दर्ज की गई है। बीते दिन पुलिस द्वारा एक खेप पकड़ी गई थी, उक्त आरोपियों की पूछताछ में इस रिकवरी की इनपुट मिली थी। पुलिस पिछले काफी समय से उक्त एरिया में ट्रैप और रेकी कर रही थी। मिली जानकारी के अनुसार उक्त सारा नशा जलमार्ग के जरिए पंजाब तक पहुंचाया गया है। इस खेप के साथ टायरों की बड़ी रबर ट्यूब भी बरामद की गई हैं, जिससे संकेत मिलता है कि जलमार्गों के माध्यम से नशीले पदार्थों की तस्करी की जाती है। दीपावली के त्योहार से पहले ये पंजाब पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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पंजाब के अग्निवीर का परिवार बोला-हमें 48 लाख मिले:राहुल गांधी ने कहा- कुछ नहीं मिला; रक्षामंत्री का दावा- 1 करोड़ देते हैं
पंजाब के अग्निवीर का परिवार बोला-हमें 48 लाख मिले:राहुल गांधी ने कहा- कुछ नहीं मिला; रक्षामंत्री का दावा- 1 करोड़ देते हैं संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर बोलते हुए विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने अग्निवीर योजना का मुद्दा उठाया। उन्होंने दावा किया कि अग्निवीरों के शहीद होने पर उनके परिवारों को कुछ नहीं मिलता। राहुल गांधी ने लोकसभा में अपनी बात रखते हुए खन्ना (पंजाब) के शहीद अग्निवीर अजय का उदाहरण भी दिया। इससे पहले लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान राहुल गांधी अजय के घर भी पहुंचे थे। राहुल गांधी ने दावा किया कि अग्निवीर अजय के परिवार को कुछ नहीं मिला। इस पर संसद में ही मौजूद रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने उन्हें टोकते हुए दावा किया था कि शहीद अग्निवीरों के परिवारों को एक-एक करोड़ रुपए दिए गए हैं। इस पूरे विवाद के बीच, मंगलवार को खन्ना में शहीद अग्निवीर अजय का परिवार सामने आया। अजय के पिता चरणजीत सिंह ने स्पष्ट किया कि उनके परिवार को पंजाब में भगवंत मान की अगुवाई वाली आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार की तरफ से एक करोड़ रुपए दिए गए। पंजाब सरकार ने उनकी बेटी को नौकरी का भरोसा भी दिया। सेना की तरफ से 48 लाख रुपए दिए गए लेकिन केंद्र सरकार ने कोई पैसा नहीं दिया। चरणजीत सिंह ने कहा कि रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में झूठ बोला। मंगलवार को ही पंजाब में बरनाला के शहीद अग्निवीर सुखविंदर सिंह का परिवार भी सामने आया। सुखविंदर के माता-पिता ने साफ किया कि उन्हें किसी भी सरकार की तरफ से कुछ नहीं मिला। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह बेशक सरकार की तरफ से एक करोड़ रुपए देने का दावा कर रहे हों लेकिन सच्चाई यही है कि उनके परिवार को आज तक ऐसी कोई रकम नहीं मिली। पहले पढ़िए संसद में अग्निवीर स्कीम पर राहुल गांधी और राजनाथ सिंह ने क्या कहा… सोमवार (1 जुलाई) को संसद सत्र के छठे दिन, नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने अग्निवीर योजना पर सवाल उठाते हुए कहा कि पूरा देश समझता है कि ये सेना की स्कीम है लेकिन सेना जानती है कि ये स्कीम उसकी नहीं, पीएम का ब्रेन चाइल्ड है। अगर कांग्रेस की सरकार आई तो इस स्कीम को हटा दिया जाएगा। अग्निवीर स्कीम भारतीय सेना और उसके जवानों के खिलाफ है। इस स्कीम के तहत भर्ती होने वाले फौजियों के परिवारों को शहादत के बाद कुछ नहीं मिलता। राहुल गांधी के यह दावा करते ही संसद में मौजूद रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने खड़े होकर इसे गलत बताया और कहा कि राहुल गांधी को गलत बयानबाजी करके सदन को गुमराह नहीं करना चाहिए। सरहद पर अगर कोई अग्निवीर शहीद होता है तो उसे सरकार की ओर से एक करोड़ रुपए दिए जाते हैं। राजनाथ सिंह के इस दावे पर राहुल गांधी ने कहा कि सच्चाई क्या है, ये अग्निवीर जानता है। इस पर सदन में मौजूद गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि राहुल गांधी की बात का सत्यापन किया जाना चाहिए और अगर वह इसे साबित नहीं कर पाते तो सदन और देश से माफी मांगनी चाहिए। अब दोनों अग्निवीर के बारे में पढ़िए…. जनवरी में शहीद हो गए थे अजय
खन्ना के गांव रामगढ़ सरदारां के अग्निवीर अजय सिंह (23) जनवरी 2024 में जम्मू-कश्मीर में शहीद हुए थे। राजौरी जिले के नौशेरा सेक्टर में बारूदी सुरंग में विस्फोट हो गया था। जिसकी चपेट में अजय सिंह आ गए थे। शहीद अजय सिंह के पिता चरणजीत सिंह ने बताया था कि 6 बेटियों के बाद उन्होंने बेटा देखा था। वे खुद मेहनत मजदूरी करते थे। कड़ी मेहनत करके बेटे का पालन पोषण किया। पत्नी भी काम करती थी। बेटियां भी प्राइवेट नौकरी करती थीं। बेटा खुद कभी पेंट करने जाता था तो कभी राजमिस्त्री के साथ दिहाड़ी पर जाता था। 12वीं पास करने के बाद फरवरी 2022 में बेटा भर्ती हुआ। अब आस थी कि बेटा परिवार का सहारा बन गया है, लेकिन उन्हें नहीं पता था कि ऐसे बेटा शहीद हो जाएगा। 25 दिसंबर 2022 को भर्ती हुए थे सुखविंदर
दूसरे अग्निवीर सुखविंदर सिंह 6 अप्रैल 2024 को शहीद हो गए थे। वह पंजाब के बरनाला के रहने वाले थे। उनकी मां रणजीत कौर ने कहा कि बेटा 25 दिसंबर 2022 को अग्निवीर योजना के माध्यम से भारतीय सेना में शामिल हुआ था। बेटे की शहादत की वजह अभी तक सामने नहीं आई। उनके पास सुखविंदर सिंह की मौत का सर्टिफिकेट आ चुका है। उसमे मौत का कारण नहीं दर्शाया गया। मां बोली- आज तक कोई वादा पूरा नहीं हुआ
मां ने कहा कि बेटे के अंतिम संस्कार में सलामी तक नहीं दी गई। उस मौके पर तमाम राजनीतिक दलों के नेता घर आए और परिवार से कई वादे किए, लेकिन आज तक कोई भी वादा पूरा नहीं हुआ। परिवार को मदद का आश्वासन दिया था, लेकिन बाद में कोई सुनवाई नहीं हुई। हमारा परिवार अग्निवीर योजना के खिलाफ है, क्योंकि इस योजना के तहत सेना में भर्ती हुए युवाओं को कोई सुविधा नहीं दी जाती। मेहता गांव की पूर्व सरपंच और सुखविंदर की दादी गुरदेव कौर ने कहा कि सुखविंदर के पिता सेना में थे। इसी वजह से उसका रुझान भी सेना की तरफ हुआ। हमारा बच्चा वापस नहीं आ सकता। मेरे बेटे को सेना में सेवा के दौरान सरकार ने पेंशन समेत सभी सुविधाएं मुहैया कराई गई, लेकिन मेरे पोते के शहीद होने के बाद भी सरकार ने कोई सुविधा नहीं दी। पूर्व सैनिक एक्शन ग्रुप पंजाब के प्रदेश अध्यक्ष गुरतेज सिंह दानगढ़ ने कहा कि अग्निवीर योजना ही गलत है, इसे बंद किया जाना चाहिए। सुखविंदर की शहादत के दौरान संगठन ने अधिकारियों से सवाल-जवाब किए थे, लेकिन उन्हें कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला। जवान के परिवार को पंजाब और केंद्र सरकार मुआवजा और सभी सुविधाएं दे। जम्मू की सिख लाइट इन्फेंट्री में तैनात थे
सुखविंदर सिंह (22) बरनाला के मेहता गांव के रहने वाले थे। उन्होंने घुन्नस स्थित गुरु नानक स्कूल से 12वीं कक्षा पास की और डिग्री के लिए कॉलेज में दाखिला लिया। इसी दौरान 25 दिसंबर 2022 को उनका सिलेक्शन अग्निवीर स्कीम के तहत भारतीय सेना में हो गया। इसके बाद उनकी तैनाती जम्मू के सिख लाइट इन्फेंट्री में हुई। मौत के कारणों का नहीं चला पता
सेना के अधिकारियों के मुताबिक, सुखविंदर शाम को ड्यूटी खत्म होने पर खाना खाने के बाद सोने वाली जगह पर चले गए थे। जब सुबह के लिए उसे उठाया गया तो सुखविंदर की मौत हो चुकी थी। अधिकारियों ने परिवार को यही बताया कि सुखविंदर ने सुसाइड किया है। जब सुखविंदर की डेडबॉडी पैतृक गांव मेहता लाई गई तो परिवार और सेना के अधिकारियों के बीच बहस भी हुई। परिवार ने आरोप लगाया कि बेटे के शरीर पर कोई भी निशान नहीं है। तब अधिकारियों ने उन्हें सुसाइड की ही बात कही। इस संबंध में बरनाला के डिप्टी कमिश्नर पूनमदीप कौर का कहना है कि सुखविंदर सिंह के परिवार को अभी तक सरकारी तौर पर कोई भी बेनिफिट नहीं दिया गया है। सैनिक भलाई विभाग की सिफारिश पर ही प्रशासन द्वारा बेनिफिट दिए जाते हैं। पिता रिटायर्ड सूबेदार, भाई कनाडा रहता है
सुखविंदर के घर में मां रणजीत कौर, पिता नायब सिंह, दादी गुरदेव कौर और भाई लखविंदर सिंह हैं। पिता नायब सिंह सेना में सूबेदार पद से रिटायर हो चुके हैं। भाई लखविंदर, सुखविंदर की मौत से 6 महीने पहले स्टडी वीजा पर कनाडा गया था। भाई के अंतिम संस्कार में भी लखविंदर शामिल नहीं हुआ था। अग्निवीर के परिवार को कितनी मिलती है सहायता राशि?
सेना की वेबसाइट के मुताबिक अगर अग्निवीर की ड्यूटी के दौरान मृत्यु होती है तो उन्हें 48 लाख का बीमा कवर, 44 लाख अनुग्रह राशि, 4 साल तक का पूर्ण वेतन और सेवा निधि के साथ सेवा निधि कोष में जमा राशि और सरकार का योगदान मिलता है। अगर अग्निवीर की मृत्यु ड्यूटी के दौरान नहीं होती है तो परिवार को 48 लाख का बीमा कवर और सेवा निधि कोष में जमा राशि और सरकार का योगदान मिलता है। वहीं, विकलांग होने की स्थिति में अग्निवीर को विकलांगता के स्तर (100%, 75% या 50%) के आधार पर 44 लाख, 25 लाख या 15 लाख रुपए की अनुग्रह राशि, 4 साल तक का पूर्ण वेतन और सेवा निधि, और सेवा निधि कोष में जमा राशि और सरकार का योगदान मिलता है। महाराष्ट्र के शहीद अग्निवीर अक्षय के पिता का दावा- 1.10 करोड़ मुआवजा मिल चुका
महाराष्ट्र के बुलढाणा के रहने वाले शहीद अग्निवीर अक्षय लक्ष्मण के पिता के मुताबिक, उन्हें सरकार से अब तक 1 करोड़ 10 लाख का मुआवजा मिल चुका है। पहले 48 लाख रुपए मिले और फिर 50 लाख रुपए दिए गए। महाराष्ट्र सरकार की ओर से भी 10 लाख रुपए दिए गए। 20 वर्षीय अक्षय दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन ग्लेशियर में तैनात थे, जहां अक्टूबर 2023 में हार्ट अटैक के कारण वह बीमार हो गए और इलाज के दौरान उनका निधन हो गया। ये खबर भी पढ़ें… भास्कर एक्सप्लेनर- 70% अग्निवीरों को स्थायी नौकरी: ज्यादा सैलरी और 7 साल का कार्यकाल; अग्निपथ योजना में क्या बदलाव कर सकती है मोदी सरकार 27 मई 2024 को बिहार के बख्तियारपुर में चुनावी रैली में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि हम सत्ता में आए तो अग्निवीर योजना खत्म कर देंगे। 2024 चुनाव में राहुल कमोबेश हर रैली में अग्निवीरों का मुद्दा उठाते रहे। राहुल गांधी सत्ता में तो नहीं आए, लेकिन मजबूत विपक्ष में जरूर आ गए। नतीजों के बाद 11 जून को राहुल ने कहा कि विपक्ष में ‘सेना’ बैठी है। हम अग्निवीर योजना को रद्द करवाकर रहेंगे। (पूरी खबर पढ़ें)
बठिंडा में भाजपाईयों ने मनाया जश्न:नरेंद्र मोदी के तीसरी बार पीएम बनने पर बांटे लड्डू, नेता बोले- 2027 में बनेगी सरकार
बठिंडा में भाजपाईयों ने मनाया जश्न:नरेंद्र मोदी के तीसरी बार पीएम बनने पर बांटे लड्डू, नेता बोले- 2027 में बनेगी सरकार केंद्र में तीसरी बार मोदी सरकार बनने की खुशी में भाजपा कार्यकर्ताओं ने लड्डू बांटकर जश्न मनाया गया। बठिंडा में भारतीय जनता पार्टी कार्यालय में पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं की एक सभा को संबोधित करते हुए जिला प्रधान सरूप चंद सिंगला ने सबसे पहले पूरे संगठन को बधाई दी। उन्होंने कहा कि, बठिंडा शहरी क्षेत्र में कई नए चेहरे शामिल होने से बीजेपी को बाहरी इलाकों में भी भारी संख्या में वोट मिले हैं। इस चुनाव में भाजपा का वोट प्रतिशत बढ़ा है और बीजेपी पंजाब की तीसरी बड़ी पार्टी बनी है। उन्होंने कहा कि जनता से मिले समर्थन और जज्बे से हमने अकाली दल को बुरी तरह हराया है। बीजेपी कार्यकर्ताओं का हौसला बुलंद है। 2027 पंजाब में भाजपा की सरकार बनेगी।
पंजाब के सांसद और मंत्री संसद में भिड़े:चन्नी बोले- अमृतपाल पर NSA लगाकर किया बंद, ईस्ट-इंडिया-कंपनी जैसी भाजपा, बिट्टू का पलटवार- सोनिया कहां से आईं
पंजाब के सांसद और मंत्री संसद में भिड़े:चन्नी बोले- अमृतपाल पर NSA लगाकर किया बंद, ईस्ट-इंडिया-कंपनी जैसी भाजपा, बिट्टू का पलटवार- सोनिया कहां से आईं पंजाब के जालंधर से सांसद चुने गए पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने गुरुवार को संसद में बजट को लेकर भाजपा सरकार पर जमकर निशाना साधा। उनकी बहस सरकार से शुरू होकर केंद्रीय राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू तक पहुंच गई। जिसके बाद दोनों के बीच तीखी बहस हुई और सदन की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी। चरणजीत सिंह चन्नी अपने भाषण के अंतिम चरण में थे, तभी उन्होंने लुधियाना से हारे केंद्रीय राज्य मंत्री रवनीत बिट्टू पर निशाना साधा। चन्नी ने सदन में सत्ता पक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि उनमें और ईस्ट इंडिया कंपनी में कोई अंतर नहीं है। उनमें सिर्फ रंग का अंतर है। इस पर बिट्टू ने सांसद चन्नी पर उंगली उठाई। जिसके बाद चन्नी ने सदन में कहा- बिट्टू के दादा पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह शहीद हुए थे, लेकिन वह उस दिन नहीं मरे, वह तो उस दिन मरे जिस दिन आपने कांग्रेस छोड़ी थी। इस दौरान सदन अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठी संध्या राय ने सीएम चन्नी को व्यक्तिगत टिप्पणी करने से रोका। लेकिन चन्नी ने जवाब दिया कि बिट्टू बीच में टोक रहे हैं और उन्हें परेशान कर रहे हैं। बिट्टू ने जवाब में चन्नी पर किया पलटवार इस पर रवनीत बिट्टू भी आक्रामक हो गए। उन्होंने चन्नी की ओर इशारा करते हुए कहा कि उनके दादा ने कांग्रेस के लिए नहीं, देश के लिए कुर्बानी दी थी। इसके साथ ही उन्होंने चन्नी पर पलटवार करते हुए कहा कि वह गरीबी की बात कर रहे हैं। पूरे पंजाब में देखा जाए तो उनसे ज्यादा अमीर और भ्रष्ट कोई आदमी नहीं है, तो वह अपना नाम बदल लें। उनका नाम मी-2 में है, सभी मामलों में उनका नाम है। हजारों करोड़ के मालिक यह चन्नी किसे गोरा कह रहे हैं। सोनिया गांधी पहले बताएं कि वह कहां से हैं। केंद्रीय बजट पर चन्नी ने साधा निशाना गुरुवार को अपने शुरुआती भाषण से ही चरणजीत सिंह चन्नी आक्रामक नजर आए। उन्होंने सत्ता पक्ष पर सवाल उठाते हुए कहा कि सदन में बजट पर बहस हो रही है, लेकिन सदन में न तो मंत्री, न ही वित्त मंत्री और न ही प्रधानमंत्री मौजूद हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि इस बजट में पंजाब के लिए कुछ नहीं दिया गया है। जालंधर का चमड़ा और खेल उद्योग डूब रहा है। स्वास्थ्य सुविधाओं का बुरा हाल है। रेलवे अंडर ब्रिज की कोई बात नहीं हुई। नशा इतना फैल चुका है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद कहा था कि आदमपुर एयरपोर्ट का नाम महर्षि वाल्मीकि के नाम पर रखा जाना चाहिए, लेकिन आज तक ऐसा नहीं किया गया। कर्ज पर केंद्र को घेरा चन्नी ने सदन में सवाल उठाया कि केंद्र ने बजट में 32 लाख करोड़ की आय और 48 करोड़ रुपए का खर्च बताया है। 16 लाख करोड़ का घाटा होगा, इसकी बर्बादी तय है। भाजपा के लोग उस बर्बादी को सुनिश्चित कर रहे हैं। सांसद चन्नी ने सवाल उठाया कि केंद्र इस साल 14 लाख करोड़ रुपए का कर्ज लेने की बात कर रहा है, ऐसे में अगर वह हर साल कर्ज लेगा तो देश कहां जाएगा। यह देश का फाइनेंशियल इमरजेंसी है। मूसेवाला, अमृतपाल और किसानों का मुद्दा चंद शब्दों में उठाया सांसद चन्नी ने सदन में मूसेवाला, अमृतपाल और किसानों का अहम मुद्दा चंद शब्दों में उठाया। चन्नी ने कहा कि देश में अघोषित आपातकाल है। देश में गायक मूसेवाला की गोली मारकर हत्या कर दी गई, उनका परिवार आज भी न्याय के लिए भटक रहा है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पंजाब में 20 लाख लोगों द्वारा सांसद चुने गए अमृतपाल सिंह पर एनएसए लगाकर उन्हें अंदर रखा गया है। वह यहां अपने क्षेत्र के लोगों की बात नहीं रख पा रहे हैं, यह इमरजेंसी है। उन्होंने किसानों का मुद्दा उठाते हुए कहा कि अगर किसान अपने हक की बात करते हैं तो उन्हें खालिस्तानी कहा जाता है। किसानों को दिल्ली आने से रोका जा रहा है। पेट्रोल की कीमतों पर उठाए सवाल सांसद चन्नी ने कहा कि पिछले 10 सालों में पेट्रोल की कीमत 23 रुपए और डीजल की कीमत 35 रुपए प्रति लीटर थी। जबकि मनमोहन सिंह के समय से कच्चे तेल की कीमत में 20 डॉलर प्रति बैरल की कमी आई है। पेट्रोल बढ़ रहा है या कंपनियों की आय बढ़ रही है? गरीबों को लूटा जा रहा है। चन्नी ने सवाल उठाया कि 50 लीटर पेट्रोल भरवाने पर सरकार को 2000 रुपए का घाटा होता है। हर व्यक्ति यात्रा के लिए सरकार को 4 रुपए प्रति किलोमीटर दे रहा है। लेकिन सरकार 16 लाख करोड़ रुपए के घाटे में बैठी है।