भास्कर न्यूज | जालंधर/नवांशहर रंग-बिरंगी मोमबत्तियों की रोशनी से इस बार शहर जगमगाएगा। क्योंकि इस वर्ष पहली बार रोशनी के त्योहार दिवाली का रोमांच नए रंग रूप की मोमबत्तियों व रंग बिरंगी लाइटों से बढ़ रहा है। पहले सिर्फ दीपमाला के लिए मोमबित्तयां की खरीददारी होती थी। लेकिन अब मोमबत्तियां बनाने वालों ने वेल्यू एडीशन की है। नए रूप रंग की इन मोमबत्तियां को दुकानदार स्पेशल गिफ्ट पैक में शामिल करके बेच रहे हैं। पारंपरिक डिजाइन की बजाय नए रंग रूप में मोम को सांचे में डालकर सुंदर मोमबत्तियां बनाई गई हैं। लोग इन्हें सजावट के लिए खरीद रहे हैं। इनके साथ खुशबूदार तेल वाले लैंप की बिक्री हो रही इन लैंप में मोम ही भरा होता है। मोमबत्तियां कई आकारों में बनी हैं। इसलिए बाजारों में रंग-बिरंगी और सुगंधित मोमबत्तियों की मांग बढ़ी है। वैसे केवल दीवाली पर ही नहीं, आजकल लोग डिजाइनर मोमबत्तियों का उपयोग घरों में रोशनी करने और सजाने के लिए भी खूब कर रहे हैं। इसलिए मोमबत्ती का व्यवसाय पूरे साल चलता रहता है। त्योहार की तैयारी को लेकर बाजार के मोमबत्तियां बनाने से लेकर अन्य सजावटी सामानों की बहुतायत दिख रही है। मिट्टी के पारंपरिक दीपक बाजार में नजर आने लगे हैं। श्री गणेश एवं मां लक्ष्मी की छोटी मूर्तियां भी बाजार में दिखाई दे रहीं। बाजार में उत्सव सा माहौल है। घरों को सजाने के लिए रंग-बिरंगी लाइटों वाली लड़ियों, आकर्षित मोमबतियां व अन्य इलेक्ट्रानिक सामान बाजारों में लोगों को पसंदीदा है। व्यापारी प्रवीण महेंद्रू ने बताया कि मोमबत्ती बनाने का काम 50-60 साल पहले हमारे पिता जी ने शुरू किया था। जो भी सिखा अपने पिता जी से सिखा था। उनके आशीर्वाद से अलग-अलग डिजाइन की मोमबत्तियां बनाकर बेच रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस बार उम्मीद है कि मार्किट में पहले के जैसे व्यापार हो। केवल मोमबत्ती बनाना ही नहीं, बल्कि मोमबत्ती सजाने का भी आजकल काफी प्रचलन है। मिट्टी के छोटे-छोटे मोम वाले दीये तरह-तरह से रंगों से सजाए जाते हैं। सफेद मोमबत्तियों को रंग कर उन्हें रंगबिरंगा बनाया जाता है। व्यापारी राजेश राजा, दीपक महेंद्रू, सूरज महेंद्रू, मोहित, वरदान ने बताया कि यह लोगों की डिमांड के अनुसार ही मोमबत्तियां बनाई जाती है। मोमबत्ती की श्रेणी में आप आवश्यकता के अनुसार कम या ज्यादा कीमत के प्रोडक्ट का विकल्प दे सकते हैं। मोमबत्तियां आमतौर पर 1 रुपए से शुरू हो जाती है, जोकि लगभग 200 रुपए तक की आकर्षित सजावटी मोमबत्तियां बनाई जाती है। उन्होंने बताया कि एक बार में लगभग 250 मोमबत्तियां बनाई जाती है, जिसमें सिर्फ 15 मिनट का समय लगता है। भास्कर न्यूज | जालंधर/नवांशहर रंग-बिरंगी मोमबत्तियों की रोशनी से इस बार शहर जगमगाएगा। क्योंकि इस वर्ष पहली बार रोशनी के त्योहार दिवाली का रोमांच नए रंग रूप की मोमबत्तियों व रंग बिरंगी लाइटों से बढ़ रहा है। पहले सिर्फ दीपमाला के लिए मोमबित्तयां की खरीददारी होती थी। लेकिन अब मोमबत्तियां बनाने वालों ने वेल्यू एडीशन की है। नए रूप रंग की इन मोमबत्तियां को दुकानदार स्पेशल गिफ्ट पैक में शामिल करके बेच रहे हैं। पारंपरिक डिजाइन की बजाय नए रंग रूप में मोम को सांचे में डालकर सुंदर मोमबत्तियां बनाई गई हैं। लोग इन्हें सजावट के लिए खरीद रहे हैं। इनके साथ खुशबूदार तेल वाले लैंप की बिक्री हो रही इन लैंप में मोम ही भरा होता है। मोमबत्तियां कई आकारों में बनी हैं। इसलिए बाजारों में रंग-बिरंगी और सुगंधित मोमबत्तियों की मांग बढ़ी है। वैसे केवल दीवाली पर ही नहीं, आजकल लोग डिजाइनर मोमबत्तियों का उपयोग घरों में रोशनी करने और सजाने के लिए भी खूब कर रहे हैं। इसलिए मोमबत्ती का व्यवसाय पूरे साल चलता रहता है। त्योहार की तैयारी को लेकर बाजार के मोमबत्तियां बनाने से लेकर अन्य सजावटी सामानों की बहुतायत दिख रही है। मिट्टी के पारंपरिक दीपक बाजार में नजर आने लगे हैं। श्री गणेश एवं मां लक्ष्मी की छोटी मूर्तियां भी बाजार में दिखाई दे रहीं। बाजार में उत्सव सा माहौल है। घरों को सजाने के लिए रंग-बिरंगी लाइटों वाली लड़ियों, आकर्षित मोमबतियां व अन्य इलेक्ट्रानिक सामान बाजारों में लोगों को पसंदीदा है। व्यापारी प्रवीण महेंद्रू ने बताया कि मोमबत्ती बनाने का काम 50-60 साल पहले हमारे पिता जी ने शुरू किया था। जो भी सिखा अपने पिता जी से सिखा था। उनके आशीर्वाद से अलग-अलग डिजाइन की मोमबत्तियां बनाकर बेच रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस बार उम्मीद है कि मार्किट में पहले के जैसे व्यापार हो। केवल मोमबत्ती बनाना ही नहीं, बल्कि मोमबत्ती सजाने का भी आजकल काफी प्रचलन है। मिट्टी के छोटे-छोटे मोम वाले दीये तरह-तरह से रंगों से सजाए जाते हैं। सफेद मोमबत्तियों को रंग कर उन्हें रंगबिरंगा बनाया जाता है। व्यापारी राजेश राजा, दीपक महेंद्रू, सूरज महेंद्रू, मोहित, वरदान ने बताया कि यह लोगों की डिमांड के अनुसार ही मोमबत्तियां बनाई जाती है। मोमबत्ती की श्रेणी में आप आवश्यकता के अनुसार कम या ज्यादा कीमत के प्रोडक्ट का विकल्प दे सकते हैं। मोमबत्तियां आमतौर पर 1 रुपए से शुरू हो जाती है, जोकि लगभग 200 रुपए तक की आकर्षित सजावटी मोमबत्तियां बनाई जाती है। उन्होंने बताया कि एक बार में लगभग 250 मोमबत्तियां बनाई जाती है, जिसमें सिर्फ 15 मिनट का समय लगता है। पंजाब | दैनिक भास्कर
Related Posts
चंडीगढ़ में आज भी बारिश के आसार कम:शाम को छा सकते हैं बादल, कल कुछ इलाकों में बारिश की संभावना
चंडीगढ़ में आज भी बारिश के आसार कम:शाम को छा सकते हैं बादल, कल कुछ इलाकों में बारिश की संभावना चंडीगढ़ में आज भी बारिश के आसार कम है। मौसम विभाग के पूर्वानुमान अनुसार आज शाम को शहर में बादल छा सकते हैं। लेकिन इस दौरान बारिश की संभावना कम है। कल के लिए मौसम विभाग ने कुछ इलाकों में बारिश का अलर्ट जारी किया है। कल शहर में बारिश हो सकती है। आज पूरे दिन धूप निकलने के कारण तापमान में भी बढ़ोतरी देखी जाएगी। पिछले दिन तापमान में करीब 2.8 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी देखी गई। मौसम विभाग ने अधिकतम तापमान 34.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया जो सामान्य से 1.2 डिग्री सेल्सियस अधिक है। न्यूनतम तापमान 27 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया। इसमें भी 0.9 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी हुई है। ट्राईसिटी में सबसे कम तापमान पंचकूला का मौसम विभाग के अनुसार चंडीगढ़ का अधिकतम तापमान 34.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जबकि मोहाली का अधिकतम तापमान 34.8 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 27.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इसी प्रकार पंचकूला का तापमान 34.5 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 26.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। इस हिसाब से पूरे ट्राईसिटी में पंचकूला का तापमान चंडीगढ़ और मोहाली की तुलना में थोड़ा कम है। मौसम विभाग ने आज सुबह 6:30 बजे चंडीगढ़ का तापमान 29 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया है। आगे इस प्रकार रहेगा तापमान मौसम विभाग के अनुमान के अनुसार चंडीगढ़ में आज अधिकतम तापमान 33 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 28 डिग्री सेल्सियस तक रह सकता है। वहीं कल के तापमान में कोई बदलाव नहीं देखा जाएगा। 11 अगस्त को एक डिग्री सेल्सियस कम होकर तापमान 32 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 27 डिग्री सेल्सियस तक रहेगा। फिर 12 अगस्त और 13 अगस्त को भी तापमान में कोई बदलाव नहीं आएगा। इस समय वायु में नमी की आर्द्रता अधिकतम 82% और न्यूनतम 58 प्रतिशत दर्ज की गई है। 1 जून से अब तक मौसम विभाग ने 283.5 एमएम बारिश दर्ज की है।
लुधियाना में सिंधी बेकर्स पर फायरिंग:एक्टिवा पर सवार होकर आए नकाबपोश बदमाश, चलाई तीन गोलियां, दुकानदार घायल
लुधियाना में सिंधी बेकर्स पर फायरिंग:एक्टिवा पर सवार होकर आए नकाबपोश बदमाश, चलाई तीन गोलियां, दुकानदार घायल लुधियाना में सिंधी बेकर्स पर फायरिंग किए जाने का मामला सामने आया है। एक्टिवा पर सवार होकर आए दो नकाबपोश बदमाशों ने दुकानदार पर गोलियां चलाई। पुलिस को घटना स्थल से तीन खाली खोल भी बरामद हुई है। बदमाशों द्वारा चलाई गई गोली दुकानदार के चेहरे को छुकर निकल गई। लुधियानों के राजगुरु नगर इलाके में आज शाम करीब साढे़ चार बजे एक्टिवा सवार होकर दो बदमाश आए। लोगों ने दुकान में आते ही गोलीबारी शुरू कर दी। बदमाशों ने तीन गोलियां चलाई। एक गोली दुकान के पंखे पर लगी, जबकि एक गोली मिस हो गई। दुकान पर बैठे दुकानदार नवीन ने बदमाशों का विरोध किया तो उन लोगों ने उस पर भी फायर कर दिया। शोर शराबा सुनने के बाद आस पास के लोग इक्ट्ठा होने लगे तो हमलावर मौके से फरार हो गए। लोगों ने घायल नवीन को तुरंत अस्पताल पहुंचाया। फिलहाल नवीन का उपचार चल रहा है।
जलियांवाला बाग कांड: अंग्रेज इतिहासकारों ने भी की थी निंदा
जलियांवाला बाग कांड: अंग्रेज इतिहासकारों ने भी की थी निंदा अमृतसर | गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी के इतिहास विभाग के पूर्व प्रोफेसर मुखी और गदर चेयर के पूर्व चेयरपर्सन डॉ. सुखदेव सिंह ने कहा कि जलियांवाला बाग हत्याकांड की उस समय के उदार ब्रिटिश समकालीन इतिहासकारों ने कड़े शब्दों में निंदा की थी। वह यूनिवर्सिटी की जलियांवाला बाग चेयर की ओर से शुरू की गई भाषण लड़ी के दूसरे व्याख्यान में अपने विचार प्रस्तुत कर रहे थे। उन्होंने बीजी हॉर्निमन, अल्फ्रेड ननडी, एडवर्ड जे थॉम्पसन और जेई वूलकॉट आदि इतिहासकारों का हवाला देते हुए कहा कि वह सभी ब्रिटिश प्रशासन और न्याय व्यवस्था की निष्पक्षता में विश्वास रखते थे । इस मौके पर डॉ. एचसी शर्मा और 100 से ज्यादा स्टूडेंट्स मौजूद थे।