शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) के प्रधान चुनाव आज हैं। इन चुनावों में शिरोमणि अकाली दल (SAD) से अलग हुआ बागी गुट भी मैदान में हैं। जिसके बाद इन चुनावों में तनाव बढ़ चुका है और मुकाबला कड़ा है। अकाली दल ने जहां पूर्व प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी पर विश्वास जताया है, वहीं बागी गुट ने बीबी जागीर कौर को अपना उम्मीदवार बनाया है। अकाली दल के कार्यकारी प्रधान बलविंदर सिंह भूंदड़ बीते दिन सोमवार गोल्डन टेंपल के परिसर में स्थित तेजा सिंह समुंद्री हाल पहुंचे और अकाली दल से जुड़े एसजीपीसी सदस्यों के साथ बातचीत की। इस बैठक का मकसद आज के चुनावों के लिए रूप-रेखा तैयार करना था। वहीं, अकाली दल के बागी गुट के तेवर अभी भी कड़े हैं। बीबी जागीर कौर का दावा है कि उन्होंने अपने नेतृत्व के पक्ष में वोट हासिल करने के लक्ष्य के साथ लगभग 125 सदस्यों का समर्थन हासिल किया है। पांच तख्तों के स्वतंत्र अधिकार का कर रही वादा बीबी जागीर कौर SGPC सदस्यों से पांच तख्तों के जत्थेदारों जैसे सिख संस्थानों और नेताओं के स्वतंत्र अधिकार को बहाल करने और बाहरी राजनीतिक प्रभाव को रोकने के लिए सुधारों का वादा करने का वादा कर रही हैं। इसके साथ ही वे SGPC सदस्यों को श्रद्धालुओं के लिए सुविधाएं बढ़ाने और भूमि रिकॉर्ड को डिजिटल बनाने और धर्म प्रचार लहर जैसी पहल के माध्यम से सिख धार्मिक आउटरीच के लिए नए सिरे से प्रयास शुरू करने का भी वादा कर रही हैं। धामी गिना रहे अपनी उपलब्धियां अकाली दल का समर्थन पा चुके एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी अपनी पिछली उपलब्धियों के आधार पर फिर से उन्हें वोट देने की मांग कर रहे हैं। जिसमें गोल्डन टेंपल में केंद्रीय सिख संग्रहालय में सिख शहीदों के चित्रों को जोड़ने जैसी पहल भी शामिल है। धामी गुट का कहना है कि अकाली दल बादल गुट चुनाव में पर्याप्त बहुमत हासिल करेगा। उनका आरोप है कि भाजपा और आरएसएस सहित पंथ विरोधी ताकतें एसजीपीसी सदस्यों को प्रभावित करने और सिख संस्थानों पर शिअद के प्रभाव को कमजोर करने के लिए वित्तीय प्रलोभन का उपयोग कर रही हैं। एसजीपीसी सदस्यों की संख्या वर्तमान सदन में 191 सदस्य शामिल हैं, जिनमें से 170 पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और चंडीगढ़ सहित विभिन्न क्षेत्रों से चुने जाते हैं, 15 सदस्य पूरे देश से नामित होते हैं, 6 सदस्यों में 5 तख्त साहिब के माननीय जत्थेदार और सचखंड श्री हरमंदर साहिब के प्रमुख ग्रंथी शामिल होते हैं। इनमें 30 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हैं। इनमें से कई सदस्यों की मृत्यु हो चुकी है और कई पद छोड़ चुके हैं। जिनके बाद अब सदस्यों की संख्या तकरीबन 148 रह चुकी है। 2002 में एडवोकेट धामी को मिले थे 104 वोट 2002 एसजीपीसी चुनावों में भी एडवोकेट धामी और बीबी जागीर कौर आमने सामने थे। इस दौरान धामी ने 104 वोट हासिल किए थे। जबकि बीबी जागीर कौर को 45 वोट मिले थे। वहीं, बीते साल एसजीपीसी के कुल 151 सदस्यों में से 136 ने वोट डाले थे। जिनमें एडवोकेट धामी को 118 वोट मिले थे और उनके प्रतिद्वंद्वी बाबा बलबीर सिंह घुनस को सिर्फ 17 वोट मिले थे। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) के प्रधान चुनाव आज हैं। इन चुनावों में शिरोमणि अकाली दल (SAD) से अलग हुआ बागी गुट भी मैदान में हैं। जिसके बाद इन चुनावों में तनाव बढ़ चुका है और मुकाबला कड़ा है। अकाली दल ने जहां पूर्व प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी पर विश्वास जताया है, वहीं बागी गुट ने बीबी जागीर कौर को अपना उम्मीदवार बनाया है। अकाली दल के कार्यकारी प्रधान बलविंदर सिंह भूंदड़ बीते दिन सोमवार गोल्डन टेंपल के परिसर में स्थित तेजा सिंह समुंद्री हाल पहुंचे और अकाली दल से जुड़े एसजीपीसी सदस्यों के साथ बातचीत की। इस बैठक का मकसद आज के चुनावों के लिए रूप-रेखा तैयार करना था। वहीं, अकाली दल के बागी गुट के तेवर अभी भी कड़े हैं। बीबी जागीर कौर का दावा है कि उन्होंने अपने नेतृत्व के पक्ष में वोट हासिल करने के लक्ष्य के साथ लगभग 125 सदस्यों का समर्थन हासिल किया है। पांच तख्तों के स्वतंत्र अधिकार का कर रही वादा बीबी जागीर कौर SGPC सदस्यों से पांच तख्तों के जत्थेदारों जैसे सिख संस्थानों और नेताओं के स्वतंत्र अधिकार को बहाल करने और बाहरी राजनीतिक प्रभाव को रोकने के लिए सुधारों का वादा करने का वादा कर रही हैं। इसके साथ ही वे SGPC सदस्यों को श्रद्धालुओं के लिए सुविधाएं बढ़ाने और भूमि रिकॉर्ड को डिजिटल बनाने और धर्म प्रचार लहर जैसी पहल के माध्यम से सिख धार्मिक आउटरीच के लिए नए सिरे से प्रयास शुरू करने का भी वादा कर रही हैं। धामी गिना रहे अपनी उपलब्धियां अकाली दल का समर्थन पा चुके एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी अपनी पिछली उपलब्धियों के आधार पर फिर से उन्हें वोट देने की मांग कर रहे हैं। जिसमें गोल्डन टेंपल में केंद्रीय सिख संग्रहालय में सिख शहीदों के चित्रों को जोड़ने जैसी पहल भी शामिल है। धामी गुट का कहना है कि अकाली दल बादल गुट चुनाव में पर्याप्त बहुमत हासिल करेगा। उनका आरोप है कि भाजपा और आरएसएस सहित पंथ विरोधी ताकतें एसजीपीसी सदस्यों को प्रभावित करने और सिख संस्थानों पर शिअद के प्रभाव को कमजोर करने के लिए वित्तीय प्रलोभन का उपयोग कर रही हैं। एसजीपीसी सदस्यों की संख्या वर्तमान सदन में 191 सदस्य शामिल हैं, जिनमें से 170 पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और चंडीगढ़ सहित विभिन्न क्षेत्रों से चुने जाते हैं, 15 सदस्य पूरे देश से नामित होते हैं, 6 सदस्यों में 5 तख्त साहिब के माननीय जत्थेदार और सचखंड श्री हरमंदर साहिब के प्रमुख ग्रंथी शामिल होते हैं। इनमें 30 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हैं। इनमें से कई सदस्यों की मृत्यु हो चुकी है और कई पद छोड़ चुके हैं। जिनके बाद अब सदस्यों की संख्या तकरीबन 148 रह चुकी है। 2002 में एडवोकेट धामी को मिले थे 104 वोट 2002 एसजीपीसी चुनावों में भी एडवोकेट धामी और बीबी जागीर कौर आमने सामने थे। इस दौरान धामी ने 104 वोट हासिल किए थे। जबकि बीबी जागीर कौर को 45 वोट मिले थे। वहीं, बीते साल एसजीपीसी के कुल 151 सदस्यों में से 136 ने वोट डाले थे। जिनमें एडवोकेट धामी को 118 वोट मिले थे और उनके प्रतिद्वंद्वी बाबा बलबीर सिंह घुनस को सिर्फ 17 वोट मिले थे। पंजाब | दैनिक भास्कर
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