पंजाब की मंडियों में धान की सही तरीके से लिफ्टिंग न होने के मामले की आज (मंगलवार) पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई होगी। इस दौरान अदालत में केंद्र, पंजाब सरकार और एफसीआई (FCI) की तरफ से अपना जवाब दाखिल किया जाएगा। गत सुनवाई पर अदालत ने तीनों को नोटिस जारी किया था। धान की लिफ्टिंग के मामले को लेकर अब आम आदमी पार्टी और केंद्र सरकार में एक दूसरे को घेर रही हैं। वहीं, किसानों का संघर्ष अभी तक भी चल रहा है। हालांकि चार विधानसभा सीटों पर उप चुनाव 13 नवंबर को तय हैं, ऐसे में सभी पार्टियां किसानों के साथ खड़े होने की कोशिश कर रही है। चार लाख मीट्रिक धान की लिफ्टिंग सोमवार शाम को आम आदमी पार्टी के नेताओं ने पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया से मुलाकात की। इस दल की अगुआई वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा कर रहे थे। उन्होंने गवर्नर से कहा कि केंद्र सरकार को कहा जाए कि धान की लिफ्टिंग में तेजी लाने के लिए प्रयास किए जाए। दूसरी तरफ सरकार ने दावा किया था कि सोमवार शाम तक चार लाख मीट्रिक धान की लिफ्टिंग हो चुकी है। 7600 करोड़ रुपए किसानों के खातों में डाल दिए गए हैं। सरकार ने सभी मंडी में अधिकारियों को आदेश दिए गए हैं कि धान की खरीद में तेजी लाई जाए। इससे पहले गत सप्ताह पंजाब सीएम भगवंत मान ने दिल्ली में केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी से मुलाकात की थी। इसके अलावा उन्होंने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के समक्ष भी यह मामला उठाया था। पंजाब भाजपा हर फ्रंट पर हुई एक्टिव जैसे ही धान की लिफ्टिंग मामले में केंद्र सरकार को घेरा जाने लगा तो पंजाब भाजपा भी एक्टिव हो गई। इस दौरान करीब दो साल बाद के बाद एक्टिव हुए पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह 26 अक्टूबर को खन्ना मंडी पहुंचे। उन्होंने वहां पर धान खरीद का जायजा लिया था, साथ ही किसानों से मुलाकात की थी। इसके बाद 27 तारीख को इस मामले में पंजाब भाजपा के नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने पंजाब के गवर्नर गुलाब चंद कटारिया से मुलाकात की थी। साथ ही धान की लिफ्टिंग में तेजी लाने की कार्रवाई की जाएगी। इस दिन केंद्रीय राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू चंडीगढ़ पहुंचे थे। साथ ही उन्होंने एफसीआई के अधिकारियों से मीटिंग की थी। वहीं, पार्टी के नेता अब मंडियों में जा रहे हैं। पंजाब की मंडियों में धान की सही तरीके से लिफ्टिंग न होने के मामले की आज (मंगलवार) पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई होगी। इस दौरान अदालत में केंद्र, पंजाब सरकार और एफसीआई (FCI) की तरफ से अपना जवाब दाखिल किया जाएगा। गत सुनवाई पर अदालत ने तीनों को नोटिस जारी किया था। धान की लिफ्टिंग के मामले को लेकर अब आम आदमी पार्टी और केंद्र सरकार में एक दूसरे को घेर रही हैं। वहीं, किसानों का संघर्ष अभी तक भी चल रहा है। हालांकि चार विधानसभा सीटों पर उप चुनाव 13 नवंबर को तय हैं, ऐसे में सभी पार्टियां किसानों के साथ खड़े होने की कोशिश कर रही है। चार लाख मीट्रिक धान की लिफ्टिंग सोमवार शाम को आम आदमी पार्टी के नेताओं ने पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया से मुलाकात की। इस दल की अगुआई वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा कर रहे थे। उन्होंने गवर्नर से कहा कि केंद्र सरकार को कहा जाए कि धान की लिफ्टिंग में तेजी लाने के लिए प्रयास किए जाए। दूसरी तरफ सरकार ने दावा किया था कि सोमवार शाम तक चार लाख मीट्रिक धान की लिफ्टिंग हो चुकी है। 7600 करोड़ रुपए किसानों के खातों में डाल दिए गए हैं। सरकार ने सभी मंडी में अधिकारियों को आदेश दिए गए हैं कि धान की खरीद में तेजी लाई जाए। इससे पहले गत सप्ताह पंजाब सीएम भगवंत मान ने दिल्ली में केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी से मुलाकात की थी। इसके अलावा उन्होंने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के समक्ष भी यह मामला उठाया था। पंजाब भाजपा हर फ्रंट पर हुई एक्टिव जैसे ही धान की लिफ्टिंग मामले में केंद्र सरकार को घेरा जाने लगा तो पंजाब भाजपा भी एक्टिव हो गई। इस दौरान करीब दो साल बाद के बाद एक्टिव हुए पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह 26 अक्टूबर को खन्ना मंडी पहुंचे। उन्होंने वहां पर धान खरीद का जायजा लिया था, साथ ही किसानों से मुलाकात की थी। इसके बाद 27 तारीख को इस मामले में पंजाब भाजपा के नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने पंजाब के गवर्नर गुलाब चंद कटारिया से मुलाकात की थी। साथ ही धान की लिफ्टिंग में तेजी लाने की कार्रवाई की जाएगी। इस दिन केंद्रीय राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू चंडीगढ़ पहुंचे थे। साथ ही उन्होंने एफसीआई के अधिकारियों से मीटिंग की थी। वहीं, पार्टी के नेता अब मंडियों में जा रहे हैं। पंजाब | दैनिक भास्कर
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पंजाब के पूर्व DGP सुमेध सैनी सुप्रीम कोर्ट से झटका:बलवंत सिंह मुल्तानी हत्या केस में याचिका खारिज, हाईकोर्ट भी कर चुकी इनकार सुप्रीम कोर्ट ने 1991 में पंजाब उग्रवाद के दौरान बलवंत सिंह मुल्तानी के अपहरण और हत्या मामले FIR को रद्द करने के लिए दाखिल पूर्व डीजीपी सुमेध सैनी की अपील को खारिज कर दिया है। इससे पहले पंजाब-हरियाणा उच्च न्यायालय ने भी ऐसा करने से इनकार किया था और सुमेध सैनी ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। पूर्व डीजीपी सैनी सबसे कम उम्र के डीजीपी थे। 1982 बैच के IPS सैनी के खिलाफ 1991 में बलवंत सिंह मुल्तानी के कथित अपहरण के लिए 6 मई 2020 को 6 अन्य लोगों के साथ मोहाली के मटौर पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया था। इसके बाद दो पुलिस कर्मचारयों के सरकारी गवाह बनने के बाद सैनी पर हत्या का आरोप अगस्त 2020 में लगाया गया था। मुल्तानी चंडीगढ़ के इंडस्ट्रियल एंड टूरिज्म डिवेल्पमेंट कॉर्पोरेशन में काम करते थे। सैनी उस समय चंडीगढ़ के SSP थे। 1991 में एक आतंकी हमला हुआ था, जिसमें सुमेध सैनी और 3 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। आतंकवादी हमले के बाद पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया था। राजनीति से प्रेरित बता साजिश करार दिया था मामला पूर्व डीजीपी सैनी ने दावा किया था कि उनके खिलाफ पंजाब में पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार द्वारा राजनीति से प्रेरित होकर साजिश की गई है। एफआईआर दर्ज होने के बाद ट्रायल कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी थी। 2008 में सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) ने भी उनके खिलाफ मामला दर्ज किया था। जिसे बाद में सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया था। सैनी तत्कालीन DGP केपीएस गिल की उस टीम का हिस्सा थे जिसने राज्य में आतंकवाद को खत्म करने में मदद की थी। 2020 में 2 याचिकाएं हाईकोर्ट में हुई थी दाखिल सैनी ने 2020 में हाईकोर्ट में 2 याचिकाएं दायर की थी। एक इस मामले में बेल को लेकर थी और दूसरी एफआईआर रद्द करने को लेकर थी। हाईकोर्ट ने याचिकाएं खारिज कर थी और सुमेध सैनी ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। याचिका में सैनी ने यह भी कहा था कि पंजाब में आतंकवाद खत्म होने के बाद घोटालों और घोटालों को उजागर करने में उनकी भूमिका शामिल रही है। उन्होंने 2007 से 2012 तक स्टेट विजिलेंस ब्यूरो के प्रमुख के रूप में कार्य किया और उनके कार्यकाल के दौरान “राजनीतिक दल के सदस्यों के खिलाफ कई आपराधिक मामले दर्ज किए गए, जो अब पंजाब राज्य में सत्ता में हैं। ये है मामला मामला 1990 के दशक का है, जब सुमेध सिंह सैनी चंडीगढ़ के एसएसपी थे। 1991 में उन पर एक आतंकी हमला हुआ। उस हमले में सैनी की सुरक्षा में तैनात 4 पुलिसकर्मी मारे गए थे, वहीं सैनी खुद भी जख्मी हो गए थे। उस केस के संबंध में पुलिस ने सैनी के ऑर्डर पर पूर्व आईएएस ऑफिसर दर्शन सिंह मुल्तानी के बेटे बलवंत सिंह मुल्तानी को गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस ने उसे हिरासत में रखा और फिर बाद में कहा कि वह पुलिस की गिरफ्त से भाग गया। वहीं, परिजनों का कहना था कि बलवंत की पुलिस के टॉर्चर से मौत हो गई। 2008 में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के निर्देशों पर चंडीगढ़ सीबीआई ने इस मामले में प्रीमिलरी इंक्वायरी शुरू की। इसके बाद 2008 में सीबीआई ने सैनी के खिलाफ केस दर्ज कर लिया। हालांकि, बाद में सुप्रीम कोर्ट ने टेक्निकल ग्राउंड पर इस एफआईआर को खारिज कर दिया था। लेकिन कांग्रेस सरकार के समय नए फैक्ट पर पंजाब पुलिस ने 7 मई 2020 को सैनी के खिलाफ आईपीसी की धारा 364 (अपहरण या हत्या के लिए अपहरण), 201 (साक्ष्य मिटाने के कारण), 344 (गलत तरीके से कारावास), 330 और 120बी (आपराधिक साजिश रचना) के तहत केस दर्ज किया था।
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आज अमृतसर में ट्रेन रोकेंगे किसान:पंजाब सरकार को अल्टीमेटम, किसानों से बात करने पहुंचे डीसी और एसएसपी किसान मजदूर संघर्ष कमेटी की ओर से आज से अमृतसर के देवीदासपुरा में रेल रोको आंदोलन शुरू किया जाएगा। आंदोलन शुरू करने से पहले सरकार को 12 बजे तक का अल्टीमेटम दिया गया है। अगर मसला हल हो गया तो आंदोलन कैंसिल हो जाएगा। वहीं आंदोलन से पहले सरवन सिंह पंधेर ने हरियाणा के पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर के बयान पर भी प्रतिक्रिया दी है। आंदोलन से पहले किसानों की ओर से देवीदास पूरा रेलवे ट्रैक पर तैयारी कर ली गई है। किसान ट्रैक के साइड पर टेंट लगाकर बैठे हैं। जानकारी के मुताबिक अभी प्रशासन के अधिकारी डीसी और एसएसपी पहुंचे हैं। सीएम का बयान चुनावों के मद्देनजर किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने हरियाणा के पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर की ओर से दिए बयान को उनकी सच्चाई बताई है। उन्होंने कहा की खट्टर के मुंह पर खुद ही आ गया कि उन्होंने बड़े बड़े बैरिगेट लगाकर हरियाणा में किसानों को भी रोका है। इसकी असली सच्चाई है कि उनके कारण ही ट्रांसपोर्ट व्यापारी सब रुक गए हैं। खट्टर के मुताबिक इससे हरियाणा के लोग खुश हैं। जबकि पंधेर के मुताबिक इसका फैसला आने वाले चुनावों में हो जाएगा। उन्होंने कहा कि खट्टर को बयानबाजी करने की आदत है पहले भी उन्होंने किसानों के खिलाफ बयान दिया था और फिर माफी मांगनी पड़ी थी। वहीं कंगना रनोट के बयान पर भी पंधेर ने कहा कि उन्होंने इसे अपना निजी बयान बताया है। जबकि वो सांसद हैं, जिसका बयान निजी नहीं होता। पंधेर के मुताबिक यह सारे बयान भाजपा करवा रही है। किसानों की पंजाब सरकार से मांगें किसानों की ओर से पंजाब सरकार से मांगों को लेकर कल से आंदोलन किया जा रहा है। कल डीसी दफ्तर में धरना दिया गया था। वहीं आज रेल रोकने का अल्टीमेटम है। किसानों की ओर आंदोलन के शहीदों के परिवारों को नौकरी और मुआवजा, शंभू बॉर्डर मोर्चा में लौटते समय बस दुर्घटना में घायल हुए किसान मजदूरों को मुआवजा, पराली समेत लूटपाट, भारत माला प्रोजेक्ट से जुड़ी समस्याएं और डीएपी की कमी जैसे मुद्दों के हल की मांग की गई थी। इस संबंध में किसानों के मुताबिक मांगों का कोई ठोस समाधान कल नहीं हुआ था। सरकार को चेतावनी किसान नेताओं ने कहा कि अफसरशाही का रवैया पूरी तरह से उदासीन रहा, शहीद किसानों के मुआवजे के अलावा किसी भी मांग पर प्रशासन ने संतोषजनक कार्रवाई नहीं की। जिला अध्यक्ष रणजीत सिंह कलेर एवं प्रदेश नेता गुरबचन सिंह चाबा ने कहा कि हम रेल का चक्का जाम नहीं करना चाहते। इसी आधार पर हम एक बार फिर सरकार को 12 बजे तक का समय दे रहे हैं। कोई रेल 12 बजे तक नहीं रोकी जाएगी। लेकिन सरकार ने मांग की स्थिति नहीं सुधारी तो हम 12 बजे रेल लाइन काटने को मजबूर होंगे।
पंजाब के सबसे बड़े GST ऑफिस में लगी आग:पांचवीं मंजिल बुरी तरह से जली, हजारों जरूरी फाइलें जलकर राख; कारण स्पष्ट नहीं
पंजाब के सबसे बड़े GST ऑफिस में लगी आग:पांचवीं मंजिल बुरी तरह से जली, हजारों जरूरी फाइलें जलकर राख; कारण स्पष्ट नहीं पंजाब के जालंधर में स्थित राज्य के सबसे बड़े जीएसटी ऑफिस के पांचवें फ्लोर पर बुधवार को सुबह करीब 11 बजे भीषण आग लग गई। आग लगने का कारण फिलहाल स्पष्ट नहीं है, करीब 2 घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया गया था। जालंधर के जीएसटी भवन में लगी आग के कारण पूरे पंजाब का भारी मात्रा में रिकार्ड जलकर राख हो गया है। आग लगने के कारणों का पता लगाया जा रहा है। घटना में फिलहाल कोई जानी नुकसान नहीं हुआ है। GST अधिकारी बोले- जलने की बदबू से आग का पता चला जीएसटी भवन में तैनात कर्मचारी हरविंदर सिंह ने बताया कि वह सुबह रोजाना की तरह काम कर रहे थे। इस दौरान अचानक कुछ जलने की तेज बदबू आने लगी। तुरंत कर्मचारियों को साइड किया गया और पता करने की कोशिश की गई। जब बिल्डिंग में तैनात पुलिस मुलाजिमों ने पता लगाने की कोशिश की तो आग लगने का पता चला। जिसके बाद तुरंत पूरा फ्लोर खाली करवाया गया। हरविंदर सिंह ने बताया कि घटना में किसी प्रकार का कोई भी जानी नुकसान नहीं हुआ है। वहीं, पुलिस मुलाजिमों के हथियार भी तुरंत बाहर निकाल लिए गए थे। फायर ब्रिगेड की करीब 10 गाड़ियों की मदद से काबू पाया गया है। फायर ब्रिगेड की टीम ने साथ लगती बिंल्डिंग में चढ़कर आग पर काबू पाया। अधिकारी बोले- पांचवीं मंजिल पर लगी थी आग फायर ब्रिगेड अधिकारी जसवंत सिंह ने बताया कि सुबह नकोदर चौक के पास लगी आग पर जब काबू पा रहे थे तो इस दौरान जीएसटी कमिश्नर सहित उच्च अधिकारियों के फोन आने शुरू हो गए। जिसमें पता चला कि जीएसटी भवन में आग लगी है। मगर उससे पहले बताया गया कि आग पासपोर्ट ऑफिस में लगी है। दोनों जगह की आग पर पहले तो अधिकारी कनफ्यूज हो गए। दोनों जगहों पर टीमें पहुंच गई थी। मगर फिर पता चला कि सिर्फ जीएसटी भवन में ही आग लगी है। आग अब अंडर कंट्रोल है, जल्द इस पर पूर्ण रूप से काबू पा लिया गया है। आग जीएसटी भवन के पांचवीं मंजिल पर लगी थी।