पंजाब के बरनाला में विधानसभा उपचुनाव में पार्टी उम्मीदवार के खिलाफ चुनावी मैदान में उतरे गुरदीप बाठ के खिलाफ आम आदमी पार्टी (AAP) ने कार्रवाई की है। पार्टी के द्वारा कार्रवाई करते हुए उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। उनकी प्रारंभिक मेंबरशिप भी खारिज कर दी गई है। यह जानकारी आम आदमी पार्टी की तरफ से अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर पोस्ट डालकर दी गई है। आदेश की कॉपी… बाठ को पार्टी से निकालते हुए दो तर्क दिए गए है। जो इस प्रकार है आपकी बयानबाजी से पार्टी को पहुंचा नुकसान जारी आदेश में कहा गया है कि पार्टी के संज्ञान में यह बात आई है कि आप आगामी उपचुनाव में आम आदमी पार्टी के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं और मीडिया में पार्टी के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं, जिससे पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचा है। आपका आचरण अनुशासनहीना का उदाहरण है हम आपको याद दिलाना चाहेंगे कि आम आदमी पार्टी के पदाधिकारी के रूप में आपको पार्टी के प्रतिनिधि के रूप में देखा जाता है और आपकी गतिविधि अनुशासनहीनता का उदाहरण है। आम आदमी पार्टी इस तरह के व्यवहार को कभी बर्दाश्त नहीं करती। आपके आचरण और गतिविधियों के कारण पार्टी के पास कोई अन्य विकल्प नहीं बचा है और आपको तत्काल प्रभाव से पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से बर्खास्त किया जाता है। टिकट कटी तो चेयरमैन का पद छाेड़ा बरनाला विधानसभा के उप चुनाव के लिए गुरदीप सिंह बाठ आप के टिकट के सबसे बड़े दावेदार थे। लेकिन पार्टी ने सांसद और बरनाला के पूर्व विधायक गुरमीत सिंह मीत हेयर के खास दोस्त हरिंदर धालीवाल को टिकट दे दिया। इसके तुरंत बाद गुरदीप सिंह बाठ ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया। हालांकि पार्टी की ओर से उन्हें मनाने की कोशिशें की गई। सात दिन पहले उनकी तरफ से जिला योजना कमेटी के चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया था। लोगों से मीटिंग कर दाखिल किया नामांकन इसके बाद उन्होंने इलाके के नेताओं व समर्थकों से मीटिंग की थी। साथ ही आजाद उम्मीदवार के रूप में नामांकन भरा था। पार्टी को पहले उम्मीद थी कि उन्हें मना लिया जाएगा। हालांकि बात सिरे नहीं चढ पाई है। हालांकि नामांकन कल तक वापस लिए जा सकते है। ऐसे में पार्टी ने उन्हें निष्कासित करने का फैसला लिया है। बाठ का कहना था कि वह सालों से पार्टी की सेवा में जुटे थे। लेकिन उनके साथ धक्का किया गया। पंजाब के बरनाला में विधानसभा उपचुनाव में पार्टी उम्मीदवार के खिलाफ चुनावी मैदान में उतरे गुरदीप बाठ के खिलाफ आम आदमी पार्टी (AAP) ने कार्रवाई की है। पार्टी के द्वारा कार्रवाई करते हुए उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। उनकी प्रारंभिक मेंबरशिप भी खारिज कर दी गई है। यह जानकारी आम आदमी पार्टी की तरफ से अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर पोस्ट डालकर दी गई है। आदेश की कॉपी… बाठ को पार्टी से निकालते हुए दो तर्क दिए गए है। जो इस प्रकार है आपकी बयानबाजी से पार्टी को पहुंचा नुकसान जारी आदेश में कहा गया है कि पार्टी के संज्ञान में यह बात आई है कि आप आगामी उपचुनाव में आम आदमी पार्टी के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं और मीडिया में पार्टी के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं, जिससे पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचा है। आपका आचरण अनुशासनहीना का उदाहरण है हम आपको याद दिलाना चाहेंगे कि आम आदमी पार्टी के पदाधिकारी के रूप में आपको पार्टी के प्रतिनिधि के रूप में देखा जाता है और आपकी गतिविधि अनुशासनहीनता का उदाहरण है। आम आदमी पार्टी इस तरह के व्यवहार को कभी बर्दाश्त नहीं करती। आपके आचरण और गतिविधियों के कारण पार्टी के पास कोई अन्य विकल्प नहीं बचा है और आपको तत्काल प्रभाव से पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से बर्खास्त किया जाता है। टिकट कटी तो चेयरमैन का पद छाेड़ा बरनाला विधानसभा के उप चुनाव के लिए गुरदीप सिंह बाठ आप के टिकट के सबसे बड़े दावेदार थे। लेकिन पार्टी ने सांसद और बरनाला के पूर्व विधायक गुरमीत सिंह मीत हेयर के खास दोस्त हरिंदर धालीवाल को टिकट दे दिया। इसके तुरंत बाद गुरदीप सिंह बाठ ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया। हालांकि पार्टी की ओर से उन्हें मनाने की कोशिशें की गई। सात दिन पहले उनकी तरफ से जिला योजना कमेटी के चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया था। लोगों से मीटिंग कर दाखिल किया नामांकन इसके बाद उन्होंने इलाके के नेताओं व समर्थकों से मीटिंग की थी। साथ ही आजाद उम्मीदवार के रूप में नामांकन भरा था। पार्टी को पहले उम्मीद थी कि उन्हें मना लिया जाएगा। हालांकि बात सिरे नहीं चढ पाई है। हालांकि नामांकन कल तक वापस लिए जा सकते है। ऐसे में पार्टी ने उन्हें निष्कासित करने का फैसला लिया है। बाठ का कहना था कि वह सालों से पार्टी की सेवा में जुटे थे। लेकिन उनके साथ धक्का किया गया। पंजाब | दैनिक भास्कर
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सब्सिडी व्यक्तिगत घरेलू उपभोक्ताओं को दी जाती है। भारतीय सेना का यह भी तर्क है कि दिल्ली सरकार द्वारा दी जाने वाली मुफ्त बिजली की समान सुविधा वहां तैनात सैन्य कर्मियों को भी दी जाती है। इस मांग पर अब राज्य सरकार के शीर्ष स्तर पर चर्चा हो रही है। पंजाब में एक लाख सैनिक तैनात पंजाब में इस वक्त एक लाख से अधिक सैनिक तैनात हैं। सभी अधिकारी और जूनियर कमीशन प्राप्त अधिकारी, 35% जवानों के समान ही परिवार के साथ रहने के लिए अधिकृत हैं। इसके अलावा, सेना की संरचनाओं में तैनात रक्षा मंत्रालय के बड़ी संख्या में असैन्य कर्मचारी भी सैन्य स्टेशनों में रहने के लिए पात्र हैं। क्योंकि राज्य सरकार का कुल घरेलू बिजली सब्सिडी बिल पहले से ही 8,785 करोड़ रुपए होने की उम्मीद है, जो पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 1,550 करोड़ रुपए अधिक है। इसलिए मुफ्त बिजली के लिए हजारों और घरेलू परिवारों को शामिल करने से पीएसपीसीएल की वित्तीय मुश्किलें बढ़ेंगी। 5 जिलों में मुफ्त बिजली देने की मांग राज्य सरकार अपनी खुद की खराब वित्तीय स्थिति को देखते हुए पीएसपीसीएल को बिजली सब्सिडी का भुगतान करने के लिए संघर्ष कर रही है। 13 नवंबर तक, मुफ्त घरेलू बिजली के लिए राज्य सरकार द्वारा भुगतान की जाने वाली कुल सब्सिडी में से केवल 4,508.2 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया था। 20,477 करोड़ रुपए के कुल सब्सिडी बिल में से 11,401.26 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है। इस महीने में पीएसपीसीएल को दी गई 200 करोड़ रुपए की सब्सिडी के अलावा राज्य सरकार ने उन्हें 2,387 करोड़ रुपए की अनुदान सहायता भी दी है। हालांकि यह मांग केवल दक्षिण पश्चिमी कमान द्वारा की गई है। जिसकी संरचनाएं पंजाब के बठिंडा और मालवा क्षेत्र के कुछ अन्य स्थानों पर स्थित हैं। लेकिन यदि सरकार वह इसे मुफ्त बिजली देती है, तो उसे जालंधर, फिरोजपुर, पटियाला, अमृतसर और पठानकोट में स्थित संरचनाओं को भी मुफ्त बिजली देनी होगी।
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