हरियाणा में बढ़ते पर्यावरण प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए कृषि विभाग किसानों पर धड़ाधड़ मुकद्मे करवा रहा है, दूसरी ओर बिना किसी लाइसेंस करनाल में गोगड़ीपुर रोड पर स्थित फैक्ट्री, दशहरा ग्राउंड सेक्टर 4, सेक्टर 12, सेक्टर 16 सहित शहर के मुख्य बाजारों में पटाखे बेचे जा रहे है, हालांकि अबकी बार प्रशासन की तरफ से स्टॉल लगाने के लिए भी कोई लाइसेंस इशू नहीं किया गया है और न ही कोई आधिकारिक अनुमति दी गई है। बता दें कि इससे पहले यानी 2021 में घोघड़ीपुर फाटक के पास स्थित इस पटाखा फैक्ट्री हादसा हो चुका है। जिसमें तीन कर्मचारियों की मौके पर मौत हो गई थी और कई कर्मचारी आग में झुलस गए थे। उसके बाद भी प्रशासन आंखे मूंद करके बैठा है। आज भी इस फैक्ट्री संचालक द्वारा यहीं पर पटाखे बेचे जा रहे है। दोनों तरह से पटाखों से फैलता है प्रदूषण पटाखे चाहे रेड हो या फिर ग्रीन, उनके जलाने से प्रदूषण फिर भी होता है। करनाल जिले की अगर हम बात करे तो शहर में सभी जगह पर पटाखों के स्टॉल लगे हुए है और जहां पर स्टॉल लगे हुए है वहां पर किसी तरह के सुरक्षा के इंतजाम नहीं है। लेकिन प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। ऐसे में अब सवाल यह उठता है कि अगर अब प्रशासन की प्रशासन की इस लापरवाही के कारण कोई हादसा होता है तो उसका जिम्मेवार कौन होगा? प्रशासन ने चलाया था चेकिंग अभियान आश फाउंडेशन के अध्यक्ष अनुज सैनी ने कहा कि प्रशासन की तरफ से पिछले सप्ताह कुछ गोदामों और दुकानों पर चेकिंग अभियान चलाया गया था। जहां पर चेकिंग की गई थी कि क्या कोई दुकानदार रेड पटाखे रख रहा है या फिर ग्रीन पटाखे रख रहा है। हालांकि इस दौरान किसी तरह के पटाखे तो पकड़ में नहीं आए, लेकिन एक सवाल यहां पर खड़ा जरूर हो गया कि दीवाली से तीन-चार दिन पहले ही प्रशासन को पटाखों के गोदामों की चेकिंग की याद आती है। लोग बोले-पटाखे ग्रीन हो या फिर रेड, प्रदूषण तो करते ही है सेक्टर 12, सेक्टर 4, सेक्टर 16 व घोघड़ीपुर रोड पर स्थित पटाखा फैक्ट्री में पटाखे खरीदने के लिए आए लोगों ने बताया कि प्रशासनिक अधिकारियों की मिलीभगत के बैगर ना तो ग्रीन पटाखे बिक सकते है और न ही दूसरे पटाखे। अधिकारियों की शह के कारण ही शहर में धड़ले से ये पटाखे बिक रहे है। उन्होंने कहा कि पटाखे चाहे ग्रीन हो या फिर रेड, इनके चलाने से प्रदूषण होता ही है। आंखों में जलन होती है, सांस लेने में दिक्कत होती है, ध्वनि प्रदूषण होता है, लेकिन दूसरी बात यह भी है कि पटाखों के बिना दीवाली अधूरी होती है। ऐसा नहीं है कि सभी पटाखे फोड़कर ही दीवाली मनाते हो, समाज में ऐसे भी लोग है जो किसी तरह का शोर किए बिना दीवाली मनाते है। प्रशासन भी कहता है कि ग्रीन पटाखे जलाने चाहिए, लेकिन ग्रीन पटाखे मिलते ही कहां है? यह तो सिर्फ बोलने में आता है कि ग्रीन पटाखे है, लेकिन ऐसा कुछ नहीं होता। सुरक्षा के लिए रखे है रेत और पानी से भरे टब स्टॉल लगाने वाले दुकानदारों की माने तो उन्होंने यहां पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए है। यहां पर रेत और पानी के टब रखे हुए है, अगर कोई आगजनी होती है तो उस पर काबू पाया जा सके। पानी और रेत के टब तो नजर आ रहे है लेकिन फायर ब्रिगेड की गाड़ियां मौके पर नजर नहीं आ रही। ऐसे में आगजनी की घटना होती है तो कितनी देर में गाड़ियां पहुंचेगी, उसका अंदाजा लगाया जा सकता है। ये कहा SDM ने इस बारे में जब करनाल के SDM अनुभव महता से दैनिक भास्कर द्वारा बात की गई तो उनका जवाब था कि प्रशासन की तरफ से किसी को भी पटाखे बेचने की न तो लाइसेंस दिया गया है और न ही स्टॉल लगाने के लिए कोई प्रमीशन दी गई। अगर स्टॉल लगाए गए है तो संबधित थाना के SHO को जानकारी देकर कार्रवाई की जाएगी। फैक्ट्री मालिक के खिलाफ आज तक नहीं तीन लोगों की जा चुकी जान बात दें कि इससे पहले साल 2021 में घोघड़ीपुर फाटक के पास स्थित एक पटाखा फैक्ट्री में जबरदस्त धमाके के बाद आग लग गई थी। जिसके बाद पूरी फैक्ट्री में तीन कर्मचारियों की मौत हो गई थी और कई कर्मचारी आग में झुलस गए थे। उसके बाद भी प्रशासन नहीं जागा, आज इसी फैक्ट्री में फिर से बिना सुरक्षा के इंतजाम के धडले से पटाखे बेचे जा रहे है। ऐसे में प्रशासनिक अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर जरूर सवाल उठ रहे है। हरियाणा में बढ़ते पर्यावरण प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए कृषि विभाग किसानों पर धड़ाधड़ मुकद्मे करवा रहा है, दूसरी ओर बिना किसी लाइसेंस करनाल में गोगड़ीपुर रोड पर स्थित फैक्ट्री, दशहरा ग्राउंड सेक्टर 4, सेक्टर 12, सेक्टर 16 सहित शहर के मुख्य बाजारों में पटाखे बेचे जा रहे है, हालांकि अबकी बार प्रशासन की तरफ से स्टॉल लगाने के लिए भी कोई लाइसेंस इशू नहीं किया गया है और न ही कोई आधिकारिक अनुमति दी गई है। बता दें कि इससे पहले यानी 2021 में घोघड़ीपुर फाटक के पास स्थित इस पटाखा फैक्ट्री हादसा हो चुका है। जिसमें तीन कर्मचारियों की मौके पर मौत हो गई थी और कई कर्मचारी आग में झुलस गए थे। उसके बाद भी प्रशासन आंखे मूंद करके बैठा है। आज भी इस फैक्ट्री संचालक द्वारा यहीं पर पटाखे बेचे जा रहे है। दोनों तरह से पटाखों से फैलता है प्रदूषण पटाखे चाहे रेड हो या फिर ग्रीन, उनके जलाने से प्रदूषण फिर भी होता है। करनाल जिले की अगर हम बात करे तो शहर में सभी जगह पर पटाखों के स्टॉल लगे हुए है और जहां पर स्टॉल लगे हुए है वहां पर किसी तरह के सुरक्षा के इंतजाम नहीं है। लेकिन प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। ऐसे में अब सवाल यह उठता है कि अगर अब प्रशासन की प्रशासन की इस लापरवाही के कारण कोई हादसा होता है तो उसका जिम्मेवार कौन होगा? प्रशासन ने चलाया था चेकिंग अभियान आश फाउंडेशन के अध्यक्ष अनुज सैनी ने कहा कि प्रशासन की तरफ से पिछले सप्ताह कुछ गोदामों और दुकानों पर चेकिंग अभियान चलाया गया था। जहां पर चेकिंग की गई थी कि क्या कोई दुकानदार रेड पटाखे रख रहा है या फिर ग्रीन पटाखे रख रहा है। हालांकि इस दौरान किसी तरह के पटाखे तो पकड़ में नहीं आए, लेकिन एक सवाल यहां पर खड़ा जरूर हो गया कि दीवाली से तीन-चार दिन पहले ही प्रशासन को पटाखों के गोदामों की चेकिंग की याद आती है। लोग बोले-पटाखे ग्रीन हो या फिर रेड, प्रदूषण तो करते ही है सेक्टर 12, सेक्टर 4, सेक्टर 16 व घोघड़ीपुर रोड पर स्थित पटाखा फैक्ट्री में पटाखे खरीदने के लिए आए लोगों ने बताया कि प्रशासनिक अधिकारियों की मिलीभगत के बैगर ना तो ग्रीन पटाखे बिक सकते है और न ही दूसरे पटाखे। अधिकारियों की शह के कारण ही शहर में धड़ले से ये पटाखे बिक रहे है। उन्होंने कहा कि पटाखे चाहे ग्रीन हो या फिर रेड, इनके चलाने से प्रदूषण होता ही है। आंखों में जलन होती है, सांस लेने में दिक्कत होती है, ध्वनि प्रदूषण होता है, लेकिन दूसरी बात यह भी है कि पटाखों के बिना दीवाली अधूरी होती है। ऐसा नहीं है कि सभी पटाखे फोड़कर ही दीवाली मनाते हो, समाज में ऐसे भी लोग है जो किसी तरह का शोर किए बिना दीवाली मनाते है। प्रशासन भी कहता है कि ग्रीन पटाखे जलाने चाहिए, लेकिन ग्रीन पटाखे मिलते ही कहां है? यह तो सिर्फ बोलने में आता है कि ग्रीन पटाखे है, लेकिन ऐसा कुछ नहीं होता। सुरक्षा के लिए रखे है रेत और पानी से भरे टब स्टॉल लगाने वाले दुकानदारों की माने तो उन्होंने यहां पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए है। यहां पर रेत और पानी के टब रखे हुए है, अगर कोई आगजनी होती है तो उस पर काबू पाया जा सके। पानी और रेत के टब तो नजर आ रहे है लेकिन फायर ब्रिगेड की गाड़ियां मौके पर नजर नहीं आ रही। ऐसे में आगजनी की घटना होती है तो कितनी देर में गाड़ियां पहुंचेगी, उसका अंदाजा लगाया जा सकता है। ये कहा SDM ने इस बारे में जब करनाल के SDM अनुभव महता से दैनिक भास्कर द्वारा बात की गई तो उनका जवाब था कि प्रशासन की तरफ से किसी को भी पटाखे बेचने की न तो लाइसेंस दिया गया है और न ही स्टॉल लगाने के लिए कोई प्रमीशन दी गई। अगर स्टॉल लगाए गए है तो संबधित थाना के SHO को जानकारी देकर कार्रवाई की जाएगी। फैक्ट्री मालिक के खिलाफ आज तक नहीं तीन लोगों की जा चुकी जान बात दें कि इससे पहले साल 2021 में घोघड़ीपुर फाटक के पास स्थित एक पटाखा फैक्ट्री में जबरदस्त धमाके के बाद आग लग गई थी। जिसके बाद पूरी फैक्ट्री में तीन कर्मचारियों की मौत हो गई थी और कई कर्मचारी आग में झुलस गए थे। उसके बाद भी प्रशासन नहीं जागा, आज इसी फैक्ट्री में फिर से बिना सुरक्षा के इंतजाम के धडले से पटाखे बेचे जा रहे है। ऐसे में प्रशासनिक अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर जरूर सवाल उठ रहे है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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तिहाड़ जेल से बाहर आया हरियाणा का गैंगस्टर काला जठेड़ी:मां के अंतिम संस्कार में शामिल हुआ; कोर्ट ने 6 घंटे की पैरोल दी
तिहाड़ जेल से बाहर आया हरियाणा का गैंगस्टर काला जठेड़ी:मां के अंतिम संस्कार में शामिल हुआ; कोर्ट ने 6 घंटे की पैरोल दी हरियाणा के सोनीपत का कुख्यात गैंगस्टर संदीप उर्फ काला जठेड़ी आज (4 जुलाई) अपनी मां कमला देवी के अंतिम संस्कार में शामिल हुआ। इसके लिए वह तिहाड़ जेल से दिल्ली और हरियाणा पुलिस की कड़ी सुरक्षा में सोनीपत पहुंचा। काला जठेड़ी को अपनी मां के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए कोर्ट ने 11 बजे से शाम 5 बजे तक की पैरोल दी है। जठेड़ी के जेल से बाहर आने की सूचना पर सोनीपत पुलिस भी अलर्ट मोड पर है। हर उस स्थान की सुरक्षा बढ़ा दी गई है, जहां पर जठेड़ी को जाना है। जठेड़ी पर कई संगीन धाराओं में 30 के करीब केस दर्ज हैं। कीटनाशक पीने से हो गई थी मौत
बता दें कि काला जठेड़ी की मां कमला देवी की मौत घर में गलती से जहरीला पदार्थ पी लेने से हुई थी। गंभीर हालत में उन्हें नजदीकी निजी अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। इसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस और परिजन निजी अस्पताल से शव को सिविल अस्पताल ले गए। वहां उनका पंचनामा भरवा कर शवगृह में रखवा दिया गया था। परिजनों ने पुलिस को बताया है कि जठेड़ी की मां कमला पिछले काफी समय से बीमार थी। वह जठेड़ी की शादी में भी बीमार ही थी। बुधवार को वह प्लॉट पर थीं। दवा का समय हो गया था। बीमारी के चलते उन्होंने धोखे से दवाई समझकर कीटनाशक दवा खा ली थी, जिससे उसकी मौत हो गई। पुलिस ने गुरुवार को ही उनके शव का पोस्टमॉर्टम करवाया है। अब थोड़ी देर में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। तिहाड़ जेल में बंद गैंगस्टर काला जठेड़ी
काला जठेड़ी फिलहाल दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है। उस पर दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान में 30 से ज्यादा मामले दर्ज है। इनमें हत्या, फिरौती, रंगदारी, हत्या का प्रयास जैसे मामले शामिल है। काला जठेड़ी को 30 जुलाई 2021 को उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से गिरफ्तार किया था। उस पर दिल्ली पुलिस ने महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ ऑर्गेनाइज्ड क्राइम एक्ट (मकोका) लगाया हुआ है। सोनीपत का रहने वाला
काला जठेड़ी को लॉरेंस बिश्नोई का खास माना जाता है। वह हरियाणा में सोनीपत जिले के जठेड़ी गांव का रहने वाला है। लंबे समय से अपराध जगत से जुड़े संदीप उर्फ काला जठेड़ी पर पुलिस ने गिरफ्तारी से पहले 7 लाख रुपए का इनाम रखा हुआ था। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के अलावा कई राज्यों की पुलिस उसे ढूंढ रही थी। हालांकि उसे स्पेशल सेल ने ही गिरफ्तार किया था। फरारी के दौरान उसने ही लॉरेंस गैंग को संभाला हुआ था। दिल्ली समेत 4 राज्यों में इस गैंग का वर्चस्व है। लॉरेंस बिश्नोई तब सुर्खियों में आया था, जब 2018 में उसने बॉलीवुड स्टार सलमान खान को मारने की धमकी दी थी। फरीदाबाद पुलिस ने लॉरेंस गैंग के शूटरों को गिरफ्तार किया था, जो मुंबई में सलमान के घर की रेकी करके आए थे। 4 महीने में दूसरी बार बाहर आया जठेड़ी
काला जठेड़ी इ4 महीने में अब वह दूसरी बार जेल से बाहर आया है। इससे पहले वह 12 मार्च को लेडी डॉन अनुराधा चौधरी से शादी करने के लिए जेल से बाहर आया था। हालांकि, तब वह सोनीपत अपने घर नहीं आ पाया। शादी की सारी रस्में दिल्ली में ही एक बैंक्वेट हॉल में हुई थी। लेडी डॉन से 12 मार्च को को थी शादी
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करनाल में आज पंजाबी महासम्मेलन:भूपेंद्र हुड्डा के समक्ष करेंगे राजनीति में हिस्सेदारी की मांग, प्रदेश अध्यक्ष उदयभान भी होंगे शामिल
करनाल में आज पंजाबी महासम्मेलन:भूपेंद्र हुड्डा के समक्ष करेंगे राजनीति में हिस्सेदारी की मांग, प्रदेश अध्यक्ष उदयभान भी होंगे शामिल हरियाणा के करनाल में आज पंजाबी महासम्मेलन में वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और प्रदेश अध्यक्ष उदयभान मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल होंगे। यह सम्मेलन राष्ट्रीय पंजाबी महासभा द्वारा आयोजित किया जा रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य पंजाबी समाज की राजनीतिक भागीदारी बढ़ाना और उनके सामाजिक उत्थान की मांग उठाना है। राजनीति में हिस्सेदारी की मांग पंजाबी महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक मेहता और पूर्व मंत्री सुभाष बत्रा ने कहा कि महासम्मेलन हरियाणा में भाईचारे की मिसाल कायम करेगा और पंजाबी समाज को राजनीति में उचित हिस्सेदारी दिलाने का प्रयास करेगा। उन्होंने कहा कि सम्मेलन में पंजाबी समाज की कई प्रमुख मांगें पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कांग्रेस अध्यक्ष उदयभान के समक्ष रखी जाएंगी, जिनमें पंजाबी कल्याण बोर्ड के गठन की मांग प्रमुख है। विधानसभा चुनाव में पंजाबी उम्मीदवार उतारने की मांग पूर्व मंत्री सुभाष बत्रा ने कहा कि पंजाबी समुदाय की कड़ी मेहनत के बावजूद भी बहुत से लोग पिछड़े हुए हैं और उनके कल्याण के लिए बोर्ड का गठन बेहद जरूरी है। बत्रा ने कांग्रेस से विधानसभा चुनाव में ज्यादा पंजाबी उम्मीदवार उतारने की भी मांग की है, ताकि पंजाबी समुदाय को उचित सम्मान और प्रतिनिधित्व मिल सके।
हरियाणा में पत्नी की गला घोंटकर हत्या:लाश पर कंबल डाला, जीजा को फोन कर बोला-मैंने उसे मार दिया; झूठ बोलकर की थी शादी
हरियाणा में पत्नी की गला घोंटकर हत्या:लाश पर कंबल डाला, जीजा को फोन कर बोला-मैंने उसे मार दिया; झूठ बोलकर की थी शादी हरियाणा के फरीदाबाद में पति ने पत्नी की गला घोंटकर हत्या कर दी। इसके बाद उसने जीजा को फोन कर कहा कि मैंने अपनी पत्नी को मार दिया है। इसके बाद वह फरार हो गया। पुलिस पहुंची तो लाश फर्श पर पड़ी थी और गर्दन तक उसे कंबल से ढ़का हुआ था। उसके गले पर चोट के निशान थे और नाक से झाग निकला हुआ था। पुलिस जांच में पता चला कि आरोपी पति ने झूठ बोलकर शादी रचाई थी। वह नशे का भी आदी था। जिस वजह से पति मोनू और पत्नी आंचल में अक्सर कहासुनी होती रहती थी। पुलिस ने आरोपी पति पर हत्या का केस दर्ज कर लिया है। जिसके बाद उसकी तलाश की जा रही है। शादी के बाद पता चला, शराब पीने का आदी था
धर्मेंद्र और मां पूनम ने पुलिस को बताया कि करीब एक साल पहले उन्होंने बेटी आंचल की शादी दिल्ली के शाहदरा के रहने वाले मोनू के साथ की थी। जब शादी तय हुई तो मोनू के घरवालों ने कहा कि उसकी अपनी दुकान है। हालांकि शादी के बाद पता चला कि उसके पास कुछ नहीं है। उनके साथ धोखा कर शादी करा दी गई। मोनू शराब पीने का आदी था। जिस वजह से घर में आर्थिक तंगी भी रहती थी। बेटी ने कहा- घर में आटा नहीं, देने गए तो कमरा बंद था
धर्मेंद्र ने बताया कि शनिवार को उनकी बेटी आंचल का फोन आया। उसने कहा कि उसके घर में आटा नहीं है। आप आटा दे जाओ। जब वे अगले दिन रविवार को जब दोपहर 2 बजे आटा लेकर पहुंचे, तो आंचल का कमरा बंद था। इसलिए वे वापस लौट आए। एक दिन पहले साड़ी मांगकर ले गई थी
धर्मेंद्र के मुताबिक उनकी पत्नी पूनम ने बताया कि आंचल एक दिन पहले ही मायके आई थी। उसे किसी शादी में जाना था। जिसके लिए वह साड़ी मांगकर ले गई। इसके बाद रविवार से उसका कोई पता नहीं चल रहा था। जब पुलिस का फोन आया तो उन्हें हत्या का पता चला। जीजा को बताया तो उन्होंने पुलिस को सूचना दी पिता धर्मेंद्र ने बताया कि आंचल की हत्या कर मोनू ने जब जीजा को फोन किया तो उन्होंने इस बारे में पुलिस को सूचना दी। जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची। उस वक्त आंचल की मौत हो चुकी थी और उसकी लाश पड़ी हुई थी। उसके शरीर पर भी चोट के निशान थे। उन्होंने आरोप लगाया कि मोनू ने शराब के नशे में उनकी बेटी की गला घोंटकर हत्या कर दी। उन्होंने आरोपी को जल्द गिरफ्तार करने की मांग की। SHO बोले- आरोपी की तलाश कर रहे
इस मामले में थाना सदर बल्लभगढ़ के SHO उमेश कुमार ने कहा कि मृतका आंचल की मां की शिकायत पर पति मोनू के खिलाफ हत्या का केस दर्ज कर लिया गया है। पुलिस की टीमें मोनू की तलाश कर रही हैं। उसकी गिरफ्तारी के बाद ही हत्या को लेकर पूरे मामले का खुलासा होगा।