‘हरियाणा में कांग्रेस नाम की कोई चीज नहीं रही। पिता-पुत्र (भूपेंद्र हुड्डा और दीपेंद्र हुड्डा) ने सब कुछ हाईजैक कर लिया। नतीजा यह हुआ कि जनता समझ गई कि इनके पास यहां कुछ नहीं है। इनके पास हरियाणा के लिए सिर्फ भाई-भतीजावाद था। इनके आसपास भ्रष्टाचार में लिप्त लोग थे सारे के सारे।’ यह बात राज्यसभा सांसद और भाजपा नेता किरण चौधरी ने कही। किरण ने कहा कि चुनाव के दौरान कांग्रेसियों में इतनी ज्यादा काट-कटाई थी कि उसने यह सोचा कि ये बन गया तो मुश्किल हो जाएगी, ये (सैलजा) चुनकर आ गई तो भी मुश्किल। इसलिए इन्होंने एक-दूसरे की कटाई की और खूब षड्यंत्र रचे। इसके बाद जो हश्र हुआ है, वह देख ही रहे हैं। दैनिक भास्कर से किरण चौधरी ने बेटी श्रुति के मंत्री बनने, हरियाणा में तीसरी बार भाजपा की सरकार आने और भिवानी में पानी की समस्या पर खुलकर बात की। पढ़िए बातचीत के प्रमुख अंश… सवाल : भाजपा की तीसरी बार सरकार से क्या उम्मीद है? किरण : भाजपा ने तीसरी बार सरकार बनाकर इतिहास रच दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संकल्प और सपने को पूरा करना है। जनता जानती है कि वे ही ऐसे नेता हैं जो देश और प्रदेश को आगे ले जा सकते हैं। सवाल : श्रुति चौधरी मंत्री बनी हैं, उनकी क्या प्राथमिकता रहेगी?
किरण : श्रुति चौधरी को जो जिम्मेदारी सौंपी गई है, उसे वह बखूबी निभाएंगी। उन्हें जो विभाग दिए गए हैं, उन पर वह पूरे हरियाणा के लिए काम करेंगी। सवाल : आप कांग्रेस से जुड़ी रही हैं। पुरानी कार्यकर्ता रही हैं। उसकी हार का क्या कारण मानती हैं? किरण : हरियाणा में कांग्रेस नाम की कोई चीज नहीं रही है। पिता-पुत्र ने सब कुछ हाईजैक कर लिया है। कांग्रेस में व्यापक भ्रष्टाचार है। कई MLA हारे। जिन पर 13 हजार करोड़ के केस हैं, उन्हें टिकट दे दिया गया। जब ऐसे लोग आगे आते हैं, तो ऐसी बातें होती हैं। तब सिर्फ और सिर्फ यही बात कि मुख्यमंत्री कौन बनेगा। दूसरे नेताओं को कैसे काटा जाए और उनके समर्थकों को कैसे खत्म किया जाए। उन्होंने खुद ही ऐसी स्थिति पैदा कर दी कि कांग्रेस पूरी तरह खत्म हो गई और लोगों ने उसे पूरी तरह से नकार दिया। सवाल : कांग्रेस में सीएम की कुर्सी को लेकर भी घमासान देखने को मिला, लेकिन कांग्रेस जीत नहीं पाई। आप इसे कैसे देखते हैं? किरण : तो यही तो बात है। उसी का नतीजा यह है कि आपस में इतना ज्यादा काट-कटाई थी कि उन सबने यह सोचा कि ये बन गया तो मुश्किल हो जाएगी, ये बन गया तो भी मुश्किल हो जाएगी। इसलिए दूसरे को बनने न दिया जाए, एक-दूसरे की कटाई की और खूब षड्यंत्र रचे गए। इसके बाद जो हश्र हुआ, वह देख ही रहे हैं। सवाल : आप खुद भिवानी जिले से आती हैं, जहां पानी की मुख्य समस्या रही है। श्रुति चौधरी को भी जल संसाधन मंत्रालय मिला है। तो क्या उम्मीद है? किरण : पूरी तरह से उम्मीद लगाएं, क्योंकि हम काम पूरी ईमानदारी एवं निष्ठा के साथ काम करते हैं। जहां-जहां लोग वंचित रहे हैं और जिनका हक मारा गया है, उनको समान बंटवारे के साथ पानी मिलेगा। सवाल : आपके भिवानी के सौतेला व्यवहार करने के बयान पर पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि पूरे प्रदेश में समान विकास करवाया था। आपका क्या कहना है? किरण : वो तो कुछ भी बोल दें, बोलने की क्या बात है। कहते हैं ना प्रत्यक्ष को प्रमाण की जरूरत नहीं होती। उन्होंने तो क्षेत्रवाद इतना जबरदस्त किया कि हमें मालूम है कि सरकार में रहते हुए हम विपक्ष के अंदर थे। यह हालात थे कि खेड़ी मोड़ से आगे जो सड़क बनती थी और श्रुति चौधरी उस समय सांसद थी और तरले कर-कर के मर गई, लेकिन कलानौर तक तो चमाचम सड़क और उसके बाद बिल्कुल गड्ढे वाली सड़क। यह तो एक उदाहरण है। उस समय दादरी भी भिवानी में था। चाहे महेंद्रगढ़ हो, उसे पूरी तरह से उपेक्षित रखा गया। ‘हरियाणा में कांग्रेस नाम की कोई चीज नहीं रही। पिता-पुत्र (भूपेंद्र हुड्डा और दीपेंद्र हुड्डा) ने सब कुछ हाईजैक कर लिया। नतीजा यह हुआ कि जनता समझ गई कि इनके पास यहां कुछ नहीं है। इनके पास हरियाणा के लिए सिर्फ भाई-भतीजावाद था। इनके आसपास भ्रष्टाचार में लिप्त लोग थे सारे के सारे।’ यह बात राज्यसभा सांसद और भाजपा नेता किरण चौधरी ने कही। किरण ने कहा कि चुनाव के दौरान कांग्रेसियों में इतनी ज्यादा काट-कटाई थी कि उसने यह सोचा कि ये बन गया तो मुश्किल हो जाएगी, ये (सैलजा) चुनकर आ गई तो भी मुश्किल। इसलिए इन्होंने एक-दूसरे की कटाई की और खूब षड्यंत्र रचे। इसके बाद जो हश्र हुआ है, वह देख ही रहे हैं। दैनिक भास्कर से किरण चौधरी ने बेटी श्रुति के मंत्री बनने, हरियाणा में तीसरी बार भाजपा की सरकार आने और भिवानी में पानी की समस्या पर खुलकर बात की। पढ़िए बातचीत के प्रमुख अंश… सवाल : भाजपा की तीसरी बार सरकार से क्या उम्मीद है? किरण : भाजपा ने तीसरी बार सरकार बनाकर इतिहास रच दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संकल्प और सपने को पूरा करना है। जनता जानती है कि वे ही ऐसे नेता हैं जो देश और प्रदेश को आगे ले जा सकते हैं। सवाल : श्रुति चौधरी मंत्री बनी हैं, उनकी क्या प्राथमिकता रहेगी?
किरण : श्रुति चौधरी को जो जिम्मेदारी सौंपी गई है, उसे वह बखूबी निभाएंगी। उन्हें जो विभाग दिए गए हैं, उन पर वह पूरे हरियाणा के लिए काम करेंगी। सवाल : आप कांग्रेस से जुड़ी रही हैं। पुरानी कार्यकर्ता रही हैं। उसकी हार का क्या कारण मानती हैं? किरण : हरियाणा में कांग्रेस नाम की कोई चीज नहीं रही है। पिता-पुत्र ने सब कुछ हाईजैक कर लिया है। कांग्रेस में व्यापक भ्रष्टाचार है। कई MLA हारे। जिन पर 13 हजार करोड़ के केस हैं, उन्हें टिकट दे दिया गया। जब ऐसे लोग आगे आते हैं, तो ऐसी बातें होती हैं। तब सिर्फ और सिर्फ यही बात कि मुख्यमंत्री कौन बनेगा। दूसरे नेताओं को कैसे काटा जाए और उनके समर्थकों को कैसे खत्म किया जाए। उन्होंने खुद ही ऐसी स्थिति पैदा कर दी कि कांग्रेस पूरी तरह खत्म हो गई और लोगों ने उसे पूरी तरह से नकार दिया। सवाल : कांग्रेस में सीएम की कुर्सी को लेकर भी घमासान देखने को मिला, लेकिन कांग्रेस जीत नहीं पाई। आप इसे कैसे देखते हैं? किरण : तो यही तो बात है। उसी का नतीजा यह है कि आपस में इतना ज्यादा काट-कटाई थी कि उन सबने यह सोचा कि ये बन गया तो मुश्किल हो जाएगी, ये बन गया तो भी मुश्किल हो जाएगी। इसलिए दूसरे को बनने न दिया जाए, एक-दूसरे की कटाई की और खूब षड्यंत्र रचे गए। इसके बाद जो हश्र हुआ, वह देख ही रहे हैं। सवाल : आप खुद भिवानी जिले से आती हैं, जहां पानी की मुख्य समस्या रही है। श्रुति चौधरी को भी जल संसाधन मंत्रालय मिला है। तो क्या उम्मीद है? किरण : पूरी तरह से उम्मीद लगाएं, क्योंकि हम काम पूरी ईमानदारी एवं निष्ठा के साथ काम करते हैं। जहां-जहां लोग वंचित रहे हैं और जिनका हक मारा गया है, उनको समान बंटवारे के साथ पानी मिलेगा। सवाल : आपके भिवानी के सौतेला व्यवहार करने के बयान पर पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि पूरे प्रदेश में समान विकास करवाया था। आपका क्या कहना है? किरण : वो तो कुछ भी बोल दें, बोलने की क्या बात है। कहते हैं ना प्रत्यक्ष को प्रमाण की जरूरत नहीं होती। उन्होंने तो क्षेत्रवाद इतना जबरदस्त किया कि हमें मालूम है कि सरकार में रहते हुए हम विपक्ष के अंदर थे। यह हालात थे कि खेड़ी मोड़ से आगे जो सड़क बनती थी और श्रुति चौधरी उस समय सांसद थी और तरले कर-कर के मर गई, लेकिन कलानौर तक तो चमाचम सड़क और उसके बाद बिल्कुल गड्ढे वाली सड़क। यह तो एक उदाहरण है। उस समय दादरी भी भिवानी में था। चाहे महेंद्रगढ़ हो, उसे पूरी तरह से उपेक्षित रखा गया। हरियाणा | दैनिक भास्कर