हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी की सरकार ने डॉ. सतीश खोला को एक बार फिर बड़ी जिम्मेदारी देते हुए HPPA का स्टेट कोऑर्डिनेटर बनाया है। विभाग में पब्लिक की फीडबैक व मॉनिटरिंग के साथ वह सरकार की सभी डिजिटल सेवाओं की मॉनिटरिंग भी करेंगे। हरियाणा सरकार द्वारा जारी पत्र की स्वयं सतीश खोला ने ही पुष्टि की है। यह नायब सरकार के दूसरे कार्यकाल की दूसरी बड़ी नियुक्ति है। डॉ. सतीश खोला ने अपनी नियुक्ति के लिए मुख्यमंत्री नायब सैनी, केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल व सभी वरिष्ठ नेताओं का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि जो जिम्मेदारी मुख्यमंत्री ने मुझे दी है उसे पहले भी बेहतर करने की कोशिश की थी। आगे भी ओर बेहतर करने की कोशिश करेंगे। खोला का यह कार्यकाल दो साल का रहेगा डॉ. सतीश खोला ने कहा कि जब फैमिली आईडी की ज़िम्मेदारी दी गई थी उस समय लोगों की शिकायतें ज्यादा थी लेकिन चुनाव के समय विपक्ष इसको मुद्दा भी नहीं बना पाया, क्योंकि पीपीपी से लाखों लोगों को अनेकों योजनाओं से सीधा लाभ मिला। तीसरी बार भाजपा की सरकार बनने में लाभार्थियों का विशेष योगदान रहा है। खोला का यह कार्यकाल दो साल का रहेगा। लेकिन इसको आगे बढ़ाने का प्रावधान भी है। खोला के अनुसार मुख्यमंत्री के आदेशानुसार वह सरकार की डिजिटल सेवाओं की भी मॉनिटरिंग करेंगे। हरियाणा परिवार पहचान पत्र ऑथोरिटी के स्वयं मुख्यमंत्री नायब सैनी मुखिया है। सतीश खोला की रिपोर्टिंग सीधी मुख्यमंत्री को रहेगी। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी की सरकार ने डॉ. सतीश खोला को एक बार फिर बड़ी जिम्मेदारी देते हुए HPPA का स्टेट कोऑर्डिनेटर बनाया है। विभाग में पब्लिक की फीडबैक व मॉनिटरिंग के साथ वह सरकार की सभी डिजिटल सेवाओं की मॉनिटरिंग भी करेंगे। हरियाणा सरकार द्वारा जारी पत्र की स्वयं सतीश खोला ने ही पुष्टि की है। यह नायब सरकार के दूसरे कार्यकाल की दूसरी बड़ी नियुक्ति है। डॉ. सतीश खोला ने अपनी नियुक्ति के लिए मुख्यमंत्री नायब सैनी, केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल व सभी वरिष्ठ नेताओं का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि जो जिम्मेदारी मुख्यमंत्री ने मुझे दी है उसे पहले भी बेहतर करने की कोशिश की थी। आगे भी ओर बेहतर करने की कोशिश करेंगे। खोला का यह कार्यकाल दो साल का रहेगा डॉ. सतीश खोला ने कहा कि जब फैमिली आईडी की ज़िम्मेदारी दी गई थी उस समय लोगों की शिकायतें ज्यादा थी लेकिन चुनाव के समय विपक्ष इसको मुद्दा भी नहीं बना पाया, क्योंकि पीपीपी से लाखों लोगों को अनेकों योजनाओं से सीधा लाभ मिला। तीसरी बार भाजपा की सरकार बनने में लाभार्थियों का विशेष योगदान रहा है। खोला का यह कार्यकाल दो साल का रहेगा। लेकिन इसको आगे बढ़ाने का प्रावधान भी है। खोला के अनुसार मुख्यमंत्री के आदेशानुसार वह सरकार की डिजिटल सेवाओं की भी मॉनिटरिंग करेंगे। हरियाणा परिवार पहचान पत्र ऑथोरिटी के स्वयं मुख्यमंत्री नायब सैनी मुखिया है। सतीश खोला की रिपोर्टिंग सीधी मुख्यमंत्री को रहेगी। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा कांग्रेस प्रदेश प्रभारी का लोकसभा चुनाव पर मंथन:8 उम्मीदवार ही पहुंचे, सैलजा ने बनाई दूरी, 3 जगह से भीतरघात की रिपोर्ट
हरियाणा कांग्रेस प्रदेश प्रभारी का लोकसभा चुनाव पर मंथन:8 उम्मीदवार ही पहुंचे, सैलजा ने बनाई दूरी, 3 जगह से भीतरघात की रिपोर्ट हरियाणा कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया ने आज लोकसभा चुनाव को लेकर प्रत्याशियों के साथ मंथन किया। इस बैठक में हरियाणा से 9 प्रत्याशियों को बुलाया गया था और एक सीट गठबंधन की होने के कारण उस पर फीडबैक नहीं मिल पाया। कुल 9 प्रत्याशियों को विचार-विमर्श के लिए बुलाया गया था। बाबरिया ने बैठक तो नहीं की, लेकिन प्रत्याशियों और जीते हुए सांसदों से एक-एक कर बात की। खास बात यह रही कि सिरसा से कांग्रेस सांसद कुमारी शैलजा दीपक बाबरिया के साथ विचार-विमर्श में शामिल नहीं हुईं। प्रदेश प्रभारी ने सिरसा को छोड़कर सभी जगहों से रिपोर्ट ली। सबसे खराब रिपोर्ट भिवानी और करनाल से मिली है, यहां के उम्मीदवारों ने भीतरघात की रिपोर्ट दी। वहीं हिसार के सांसद जयप्रकाश जेपी ने भी भीतरघात की बात स्वीकार की है। उन्होंने कहा कि हिसार के बड़े नेताओं ने साथ नहीं दिया अगर साथ दिया होता तो जीत का मार्जन और बड़ा होता। इतना ही नहीं कुछ नेताओं के भाजपा प्रत्याशी की मदद करने की बात रिपोर्ट में कही गई है। इसी तरह गुरुग्राम में भी स्थानीय नेताओं के अहीरवाल क्षेत्र में साथ नहीं देने की बात सामने आई है। हाईकमान को सौंपी जाएगी रिपोर्ट कांग्रेस प्रदेश प्रभारी की ओर से बनाई गई रिपोर्ट कल कांग्रेस हाई कमान को सौंपी जाएगी। बाबरिया ने उम्मीदवारों से आगामी विधानसभा के संभावित नामों पर चर्चा भी की ओर उनकी तरफ से हर विधानसभा में कौन बेहतर उम्मीदवार हो सकता है। इसके नाम भी पूछे। वहीं चुनाव में बढ़चढ़ कर काम करने वाले नेताओं और काम न करने वाले नेताओं व भीतरघात करने वालों के नाम भी उम्मीदवारों ने बताए। अब इसकी रिपोर्ट प्रदेश प्रभारी कल हाईकमान से होनी वाली बैठक में रखेंगे। हाई कमान आज करेगा बैठक, 30 नेताओं को बुलाया कांग्रेस हाई कमान आज दिल्ली में हरियाणा लोकसभा चुनाव को लेकर मंथन करेगा। इसमें खास तौर पर हारने वाली सीटों पर ज्यादा फोकस किया जाएगा। इसमें गुरुग्राम, फरीदाबाद, भिवानी-महेंद्रगढ़, करनाल और कुरूक्षेत्र सीट पर विस्तृत चर्चा होगी। इस बैठक में 10 लोकसभा क्षेत्र के प्रत्याशी, सांसद, 3 बार के विधायक, 3 बार के पूर्व विधायक, कांग्रेस के प्रदेश सचिव सहित कुल 30 नेताओं को बुलाया गया है। इस बैठक में राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे शामिल होंगे। खास बात यह है कि इस बैठक में बीरेंद्र सिंह और उनके बेटे बृजेंद्र सिंह को आमंत्रित नहीं किया गया है। कांग्रेस इन कारणों से 5 सीटों पर हार गई… 1. करनाल में कमजोर कैंडिडेट
कांग्रेस ने करनाल लोकसभा सीट पर अपने यूथ विंग के नेता दिव्यांशु बुद्धिराजा को टिकट दिया। दिव्यांशु के नाम का ऐलान होते ही क्लियर हो गया था कि कांग्रेस ने इस सीट पर BJP के मनोहर लाल खट्टर को एक तरह से वॉकओवर दे दिया है। करनाल के कांग्रेसी नेताओं के तमाम तरह के असहयोग के बावजूद दिव्यांशु 4 लाख 79 हजार से ज्यादा वोट लेने में कामयाब रहे। अगर कांग्रेस इस सीट पर किसी बड़े चेहरे को उतारती और करनाल के नेता उसका साथ देते तो भाजपा को यहां परेशानी हो सकती थी। 2. गुटबाजी भारी पड़ी
हरियाणा में कांग्रेसी नेताओं की धड़ेबंदी जगजाहिर है और पार्टी ने इसका नुकसान कम से कम 2 सीटें गवांकर चुकाया। भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट पर पूर्व मंत्री किरण चौधरी और गुरुग्राम में पूर्व कैबिनेट मंत्री कैप्टन अजय यादव ने टिकट कटने के बाद अपनी नाराजगी खुलकर जताई। किरण चौधरी ने तो हुड्डा कैंप पर उनकी सियासी हत्या की साजिश रचने जैसे आरोप तक लगा डाले। इस सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार राव दान सिंह की हार का अंतर 41 हजार 510 वोट रहा। भिवानी जिले की 3 में से 2 सीटों पर भाजपा को लीड मिली। इनमें किरण चौधरी की तोशाम सीट शामिल रही। अगर पार्टी के नेता एकजुटता दिखाते तो यहां रिजल्ट कांग्रेस के पक्ष में भी आ सकता था। गुरुग्राम सीट पर भी यही कहानी रही। यहां कांग्रेस कैंडिडेट राज बब्बर 75 हजार वोट से हारे। लालू यादव के समधी कैप्टन अजय यादव इस सीट पर लंबे अर्से से एक्टिव थे लेकिन पार्टी ने ऐन मौके पर उनकी जगह राज बब्बर को टिकट थमा दिया। इससे कैप्टन नाराज हो गए। राज बब्बर की इलेक्शन कैंपेनिंग के दौरान अजय यादव बहुत कम मौकों पर नजर आए। फरीदाबाद सीट पर भी टिकट न मिलने के कारण पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के समधी करण दलाल की नाराजगी देखने को मिली। 3. पार्टी के भीतर चौधर की लड़ाई लोकसभा चुनाव में कांग्रेसी नेताओं के बीच चलने वाली चौधर की लड़ाई भी जमकर देखने को मिली। पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह शुरू से आखिर तक बांगर बेल्ट में हिसार के उम्मीदवार जयप्रकाश जेपी को नीचा दिखाने की कोशिश करते नजर आए। हालांकि चुनाव नतीजों में जेपी को सबसे बड़ी लीड बीरेंद्र सिंह के गढ़ उचाना से ही मिली। जयप्रकाश जेपी के हुड्डा कैंप से जुड़े होने के कारण सैलजा, किरण चौधरी और रणदीप सुरजेवाला की तिकड़ी ने हिसार में एक सभा तक नहीं की। सैलजा सिरसा तक सिमटी रही तो रणदीप सिरसा के अलावा कुरुक्षेत्र एरिया में एक्टिव रहे। 4. चुनाव चिन्ह गायब होने से गठबंधन की कीमत चुकाई कांग्रेस ने I.N.D.I.A. अलायंस के तहत कुरूक्षेत्र सीट आम आदमी पार्टी (AAP) को दी। इसलिए यहां कांग्रेस का चुनाव चिन्ह गायब रहा। आम आदमी पार्टी से उसकी हरियाणा इकाई के प्रदेशाध्यक्ष सुशील गुप्ता कुरूक्षेत्र के रण में उतरे तो पार्टी की पूरी लीडरशिप यहां डट गई। कांग्रेस से भूपेंद्र हुड्डा और रणदीप सुरजेवाला ने सुशील गुप्ता के लिए प्रचार किया लेकिन राज्य की दूसरी किसी सीट पर AAP नेताओं ने कांग्रेस उम्मीदवारों के लिए ऐसा जोर नहीं लगाया। ऐसे में कहा नहीं जा सकता कि AAP ने बाकी 9 सीटों पर अपना कितना वोट बैंक कांग्रेस के पक्ष में शिफ्ट कराया? हां, कुरूक्षेत्र में सुशील गुप्ता को कांग्रेसी कैडर के वोट जरूर मिले।
तिहाड़ जेल से बाहर आया हरियाणा का गैंगस्टर काला जठेड़ी:मां के अंतिम संस्कार में शामिल हुआ; कोर्ट ने 6 घंटे की पैरोल दी
तिहाड़ जेल से बाहर आया हरियाणा का गैंगस्टर काला जठेड़ी:मां के अंतिम संस्कार में शामिल हुआ; कोर्ट ने 6 घंटे की पैरोल दी हरियाणा के सोनीपत का कुख्यात गैंगस्टर संदीप उर्फ काला जठेड़ी आज (4 जुलाई) अपनी मां कमला देवी के अंतिम संस्कार में शामिल हुआ। इसके लिए वह तिहाड़ जेल से दिल्ली और हरियाणा पुलिस की कड़ी सुरक्षा में सोनीपत पहुंचा। काला जठेड़ी को अपनी मां के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए कोर्ट ने 11 बजे से शाम 5 बजे तक की पैरोल दी है। जठेड़ी के जेल से बाहर आने की सूचना पर सोनीपत पुलिस भी अलर्ट मोड पर है। हर उस स्थान की सुरक्षा बढ़ा दी गई है, जहां पर जठेड़ी को जाना है। जठेड़ी पर कई संगीन धाराओं में 30 के करीब केस दर्ज हैं। कीटनाशक पीने से हो गई थी मौत
बता दें कि काला जठेड़ी की मां कमला देवी की मौत घर में गलती से जहरीला पदार्थ पी लेने से हुई थी। गंभीर हालत में उन्हें नजदीकी निजी अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। इसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस और परिजन निजी अस्पताल से शव को सिविल अस्पताल ले गए। वहां उनका पंचनामा भरवा कर शवगृह में रखवा दिया गया था। परिजनों ने पुलिस को बताया है कि जठेड़ी की मां कमला पिछले काफी समय से बीमार थी। वह जठेड़ी की शादी में भी बीमार ही थी। बुधवार को वह प्लॉट पर थीं। दवा का समय हो गया था। बीमारी के चलते उन्होंने धोखे से दवाई समझकर कीटनाशक दवा खा ली थी, जिससे उसकी मौत हो गई। पुलिस ने गुरुवार को ही उनके शव का पोस्टमॉर्टम करवाया है। अब थोड़ी देर में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। तिहाड़ जेल में बंद गैंगस्टर काला जठेड़ी
काला जठेड़ी फिलहाल दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है। उस पर दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान में 30 से ज्यादा मामले दर्ज है। इनमें हत्या, फिरौती, रंगदारी, हत्या का प्रयास जैसे मामले शामिल है। काला जठेड़ी को 30 जुलाई 2021 को उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से गिरफ्तार किया था। उस पर दिल्ली पुलिस ने महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ ऑर्गेनाइज्ड क्राइम एक्ट (मकोका) लगाया हुआ है। सोनीपत का रहने वाला
काला जठेड़ी को लॉरेंस बिश्नोई का खास माना जाता है। वह हरियाणा में सोनीपत जिले के जठेड़ी गांव का रहने वाला है। लंबे समय से अपराध जगत से जुड़े संदीप उर्फ काला जठेड़ी पर पुलिस ने गिरफ्तारी से पहले 7 लाख रुपए का इनाम रखा हुआ था। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के अलावा कई राज्यों की पुलिस उसे ढूंढ रही थी। हालांकि उसे स्पेशल सेल ने ही गिरफ्तार किया था। फरारी के दौरान उसने ही लॉरेंस गैंग को संभाला हुआ था। दिल्ली समेत 4 राज्यों में इस गैंग का वर्चस्व है। लॉरेंस बिश्नोई तब सुर्खियों में आया था, जब 2018 में उसने बॉलीवुड स्टार सलमान खान को मारने की धमकी दी थी। फरीदाबाद पुलिस ने लॉरेंस गैंग के शूटरों को गिरफ्तार किया था, जो मुंबई में सलमान के घर की रेकी करके आए थे। 4 महीने में दूसरी बार बाहर आया जठेड़ी
काला जठेड़ी इ4 महीने में अब वह दूसरी बार जेल से बाहर आया है। इससे पहले वह 12 मार्च को लेडी डॉन अनुराधा चौधरी से शादी करने के लिए जेल से बाहर आया था। हालांकि, तब वह सोनीपत अपने घर नहीं आ पाया। शादी की सारी रस्में दिल्ली में ही एक बैंक्वेट हॉल में हुई थी। लेडी डॉन से 12 मार्च को को थी शादी
काला जठेड़ी ने लेडी डॉन (मैडम मिंज) अनुराधा चौधरी से 12 मार्च को दिल्ली के द्वारका स्थित एक बैंक्वेट हॉल में शादी की थी। यहां शादी की सभी रस्में पूरी की गईं। इसके बाद जठेड़ी को पुलिस सुरक्षा में वापस दिल्ली की तिहाड़ जेल भेज दिया गया। 12 मार्च को शादी और 13 मार्च को हरियाणा के सोनीपत जिले में गृह प्रवेश समारोह में शामिल होने के लिए काला जठेड़ी को कोर्ट ने कस्टडी पैरोल दी थी।
सोनीपत में बाइक की टक्कर से व्यक्ति की मौत:एक घायल, पैदल ही जा रहा था, नहीं हो सकी मृतक की पहचान
सोनीपत में बाइक की टक्कर से व्यक्ति की मौत:एक घायल, पैदल ही जा रहा था, नहीं हो सकी मृतक की पहचान हरियाणा में सोनीपत के बड़ी गांव के पास स्थित हरियाणा स्टेट इंडस्ट्रीयल एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपारेशन (HSIDC) गेट नंबर 1 के पास देर शाम एक सड़क हादसे में एक पैदल यात्री की मौत हो गई, जबकि बाइक सवार घायल हो गया। घायल को उपचार के लिए अस्पताल ले जाया गया। देर शाम करीब 6:30 बजे समालखा निवासी नितिन अपनी मोटरसाइकिल पर सवार होकर जा रहा था। प्रत्यक्षदर्शी और बड़ी गांव के सरपंच अरुण कुमार ने बताया कि टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि पैदल यात्री की मौके पर ही मौत हो गई। हादसे में बाइक सवार नितिन को भी मामूली चोटें आईं। सूचना मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंची और मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए सिविल अस्पताल सोनीपत भेज दिया गया। पुलिस ने इस मामले में धारा 106 और 281 BNS के तहत मामला दर्ज कर लिया है। मृतक की पहचान नहीं हो पाई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।