पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब पुलिस अधिकारियों पर कड़ी फटकार लगाई है। हाईकोर्ट ने कहा- पंजाब पुलिस के अधिकारियों ने लॉरेंस बिश्नोई को जेल के अंदर से टीवी इंटरव्यू और उसके लिए वाईफाई अरेंज करवाने की अनुमति दी है। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने पुलिस और लॉरेंस बिश्नोई के बीच सांठगांठ और साजिश की आगे की जांच करने के लिए एक नई विशेष जांच टीम (एसआईटी) गठित करने का निर्देश दिया है। पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा कि पंजाब पुलिस अधिकारियों ने लॉरेंस बिश्नोई को इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का उपयोग करने की अनुमति दी और टीवी इंटरव्यू आयोजित करने के लिए स्टूडियो जैसी सुविधा प्रदान किए गए। जो अपराध का महिमामंडन करता है कोर्ट बोली- मामले में आगे भी जांच की अवश्यकता पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी के कार्यालय का उपयोग इंटरव्यू आयोजित करने के लिए स्टूडियो के रूप में किया गया। इंटरव्यू आयोजित करने के लिए CIA स्टाफ के परिसर में आधिकारिक वाई-फाई प्रदान किया गया। जो आपराधिक साजिश की ओर इशारा करता है। साथ ही कोर्ट ने कहा- मामले में आगे की जांच की आवश्यकता है कि ऐसा किस विचार से किया गया तथा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत अपराधों के विभिन्न पहलुओं के अलावा अन्य अपराधों की भी जांच की जानी चाहिए। पुलिस हिरासत से टीवी इंटरव्यू देने से संबंधित मामले में लॉरेंस बिश्नोई के खिलाफ दायर की गई निरस्तीकरण रिपोर्ट पुलिस अधिकारियों और अपराधी के बीच सांठगांठ और साजिश का संदेह पैदा करती है। इंटरव्यू सीआईए स्टाफ खरड़, एसएएस नगर के परिसर में आयोजित किया गया था। कोर्ट ने पंजाब पुलिस के डीजीपी को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दिए गए ऐसे बयान के आधार पर हलफनामे पर खुलासा करने का निर्देश देते हैं। मामले को आगे के विचार के लिए 19 नवंबर के लिए सूचीबद्ध किया गया। इन अधिकारियों पर पुलिस ने कार्रवाई की पंजाब पुलिस की तरफ से पहले इंटरव्यू के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की गई हैं। इसमें DSP से लेकर हेड कॉन्स्टेबल रैंक तक के अधिकारी-कर्मचारी शामिल हैं। इसमें DSP गुरशेर सिंह (अमृतसर स्थित 9 बटालियन), DSP समर वनीत, सब इंस्पेक्टर रीना (CIA खरड़ में तैनात), सब इंस्पेक्टर जगतपाल जंगू (AGTF में तैनात), सब इंस्पेक्टर शगनजीत सिंह (AGTF), ASI मुखत्यार सिंह और हेड कॉन्स्टेबल ओम प्रकाश शामिल हैं। जबकि दूसरे इंटरव्यू की जांच राजस्थान पुलिस कर रही है। गैंगस्टर के 2 इंटरव्यू वायरल हुए थे। SIT की रिपोर्ट के मुताबिक पहला इंटरव्यू 3 और 4 सितंबर 2023 को हुआ है। लॉरेंस उस समय पंजाब में CIA खरड़ में रखा गया था। दूसरा इंटरव्यू राजस्थान की जयपुर स्थित सेंट्रल जेल में हुआ है। पहले इंटरव्यू में मूसेवाला के कत्ल की जिम्मेदारी ली लॉरेंस का पहला इंटरव्यू 14 मार्च 2023 को ब्रॉडकास्ट हुआ था। इसमें लॉरेंस ने सिद्धू मूसेवाला का कत्ल करवाने की बात कबूल की थी। लॉरेंस का कहना था कि मूसेवाला सिंगिंग के बजाय गैंगवार में घुस रहा था। उसके कॉलेज फ्रैंड अकाली नेता विक्की मिड्डूखेड़ा के कत्ल में भी मूसेवाला का हाथ था, इसलिए उसे मरवाया। SIT रिपोर्ट के मुताबिक ये वही इंटरव्यू है, जो उसने CIA की कस्टडी से दिया। दूसरे इंटरव्यू में बैरक से कॉल करने का दिया सबूत लॉरेंस ने अपने दूसरे इंटरव्यू में जेल के अंदर से इंटरव्यू देने का सबूत भी दिया था। उसने अपनी बैरक भी दिखाई और बताया कि उसे बाहर नहीं जाने दिया जाता, लेकिन मोबाइल भी उसके पास आ जाता है और सिग्नल भी। लॉरेंस ने अपने इंटरव्यू में कहा कि रात के समय जेल के गार्ड बहुत कम आते-जाते हैं, इसीलिए वह रात को कॉल कर लेता है। लॉरेंस ने मोबाइल के अंदर आने के बारे में भी जानकारी दी थी। लॉरेंस के अनुसार मोबाइल बाहर से जेल के अंदर फेंके जाते हैं। कई बार जेल स्टाफ उन्हें पकड़ भी लेता है, लेकिन अधिकतर बार मोबाइल उस तक पहुंच जाता है। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब पुलिस अधिकारियों पर कड़ी फटकार लगाई है। हाईकोर्ट ने कहा- पंजाब पुलिस के अधिकारियों ने लॉरेंस बिश्नोई को जेल के अंदर से टीवी इंटरव्यू और उसके लिए वाईफाई अरेंज करवाने की अनुमति दी है। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने पुलिस और लॉरेंस बिश्नोई के बीच सांठगांठ और साजिश की आगे की जांच करने के लिए एक नई विशेष जांच टीम (एसआईटी) गठित करने का निर्देश दिया है। पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा कि पंजाब पुलिस अधिकारियों ने लॉरेंस बिश्नोई को इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का उपयोग करने की अनुमति दी और टीवी इंटरव्यू आयोजित करने के लिए स्टूडियो जैसी सुविधा प्रदान किए गए। जो अपराध का महिमामंडन करता है कोर्ट बोली- मामले में आगे भी जांच की अवश्यकता पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी के कार्यालय का उपयोग इंटरव्यू आयोजित करने के लिए स्टूडियो के रूप में किया गया। इंटरव्यू आयोजित करने के लिए CIA स्टाफ के परिसर में आधिकारिक वाई-फाई प्रदान किया गया। जो आपराधिक साजिश की ओर इशारा करता है। साथ ही कोर्ट ने कहा- मामले में आगे की जांच की आवश्यकता है कि ऐसा किस विचार से किया गया तथा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत अपराधों के विभिन्न पहलुओं के अलावा अन्य अपराधों की भी जांच की जानी चाहिए। पुलिस हिरासत से टीवी इंटरव्यू देने से संबंधित मामले में लॉरेंस बिश्नोई के खिलाफ दायर की गई निरस्तीकरण रिपोर्ट पुलिस अधिकारियों और अपराधी के बीच सांठगांठ और साजिश का संदेह पैदा करती है। इंटरव्यू सीआईए स्टाफ खरड़, एसएएस नगर के परिसर में आयोजित किया गया था। कोर्ट ने पंजाब पुलिस के डीजीपी को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दिए गए ऐसे बयान के आधार पर हलफनामे पर खुलासा करने का निर्देश देते हैं। मामले को आगे के विचार के लिए 19 नवंबर के लिए सूचीबद्ध किया गया। इन अधिकारियों पर पुलिस ने कार्रवाई की पंजाब पुलिस की तरफ से पहले इंटरव्यू के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की गई हैं। इसमें DSP से लेकर हेड कॉन्स्टेबल रैंक तक के अधिकारी-कर्मचारी शामिल हैं। इसमें DSP गुरशेर सिंह (अमृतसर स्थित 9 बटालियन), DSP समर वनीत, सब इंस्पेक्टर रीना (CIA खरड़ में तैनात), सब इंस्पेक्टर जगतपाल जंगू (AGTF में तैनात), सब इंस्पेक्टर शगनजीत सिंह (AGTF), ASI मुखत्यार सिंह और हेड कॉन्स्टेबल ओम प्रकाश शामिल हैं। जबकि दूसरे इंटरव्यू की जांच राजस्थान पुलिस कर रही है। गैंगस्टर के 2 इंटरव्यू वायरल हुए थे। SIT की रिपोर्ट के मुताबिक पहला इंटरव्यू 3 और 4 सितंबर 2023 को हुआ है। लॉरेंस उस समय पंजाब में CIA खरड़ में रखा गया था। दूसरा इंटरव्यू राजस्थान की जयपुर स्थित सेंट्रल जेल में हुआ है। पहले इंटरव्यू में मूसेवाला के कत्ल की जिम्मेदारी ली लॉरेंस का पहला इंटरव्यू 14 मार्च 2023 को ब्रॉडकास्ट हुआ था। इसमें लॉरेंस ने सिद्धू मूसेवाला का कत्ल करवाने की बात कबूल की थी। लॉरेंस का कहना था कि मूसेवाला सिंगिंग के बजाय गैंगवार में घुस रहा था। उसके कॉलेज फ्रैंड अकाली नेता विक्की मिड्डूखेड़ा के कत्ल में भी मूसेवाला का हाथ था, इसलिए उसे मरवाया। SIT रिपोर्ट के मुताबिक ये वही इंटरव्यू है, जो उसने CIA की कस्टडी से दिया। दूसरे इंटरव्यू में बैरक से कॉल करने का दिया सबूत लॉरेंस ने अपने दूसरे इंटरव्यू में जेल के अंदर से इंटरव्यू देने का सबूत भी दिया था। उसने अपनी बैरक भी दिखाई और बताया कि उसे बाहर नहीं जाने दिया जाता, लेकिन मोबाइल भी उसके पास आ जाता है और सिग्नल भी। लॉरेंस ने अपने इंटरव्यू में कहा कि रात के समय जेल के गार्ड बहुत कम आते-जाते हैं, इसीलिए वह रात को कॉल कर लेता है। लॉरेंस ने मोबाइल के अंदर आने के बारे में भी जानकारी दी थी। लॉरेंस के अनुसार मोबाइल बाहर से जेल के अंदर फेंके जाते हैं। कई बार जेल स्टाफ उन्हें पकड़ भी लेता है, लेकिन अधिकतर बार मोबाइल उस तक पहुंच जाता है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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