गोल्डन टेंपल में बंदी छोड़ दिवस आज:श्री अकाल तख्त साहिब से घी के दीए जलाने के आदेश,​​​​​​​ दुर्गियाना मंदिर में दीवाली पर्व

गोल्डन टेंपल में बंदी छोड़ दिवस आज:श्री अकाल तख्त साहिब से घी के दीए जलाने के आदेश,​​​​​​​ दुर्गियाना मंदिर में दीवाली पर्व

पंजाब में अमृतसर के गोल्डन टेंपल में आज बंदी छोड़ दिवस मनाया जाएगा। इसे मनाने के लिए बाकायदा घी के दीपक जलाने के आदेश जारी किए गए हैं। इसके अलावा अमृतसर के दुर्गियाना मंदिर में आज दीवाली पर्व मनाया जाएगा। गोल्डन टेंपल में बंदी छोड़ दिवस मनाया जाएगा कल बता दें कि, भगवान श्रीराम के 14 साल बाद घर लौटने के खुशी में जहां दीवाली मनाई जाती है, वहीं श्री गुरु हरगोबिंद जी की ओर से 52 राजाओं को जहांगीर की कैद से छुड़वाने के उपलक्ष्य में बंदी छोड़ दिवस भी मनाया जाता है। इस बार यह दोनों ही आज यानि 1 नवंबर को मनाए जा रहे हैं। श्री दुर्गियाना तीर्थ की ओर से आज दीवाली मनाई जा रही है। वहीं गोल्डन टेंपल में भी बंदी छोड़ दिवस आज मनाया जाएगा। सिर्फ घी के दिए जलाने के आदेश बंदी छोड़ दिवस की उपलक्ष्य में इस बार श्री अकाल तख्त साहिब से आदेश किए गए हैं कि सिर्फ घी के दीपक जलाए जाएं। श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार सिंह साहिब ज्ञानी रघबीर सिंह ने कल ही 1 नवंबर 1984 के सिख नरसंहार के 40 साल पूरे होने के मद्देनजर सिख समुदाय को आदेश दिया था कि 1 नवंबर को बंदी छोड़ दिवस के अवसर पर केवल घी के दीपक जलाकर ही त्योहार मनाया जाए और बिजली की सजावट न की जाए। पंजाब में अमृतसर के गोल्डन टेंपल में आज बंदी छोड़ दिवस मनाया जाएगा। इसे मनाने के लिए बाकायदा घी के दीपक जलाने के आदेश जारी किए गए हैं। इसके अलावा अमृतसर के दुर्गियाना मंदिर में आज दीवाली पर्व मनाया जाएगा। गोल्डन टेंपल में बंदी छोड़ दिवस मनाया जाएगा कल बता दें कि, भगवान श्रीराम के 14 साल बाद घर लौटने के खुशी में जहां दीवाली मनाई जाती है, वहीं श्री गुरु हरगोबिंद जी की ओर से 52 राजाओं को जहांगीर की कैद से छुड़वाने के उपलक्ष्य में बंदी छोड़ दिवस भी मनाया जाता है। इस बार यह दोनों ही आज यानि 1 नवंबर को मनाए जा रहे हैं। श्री दुर्गियाना तीर्थ की ओर से आज दीवाली मनाई जा रही है। वहीं गोल्डन टेंपल में भी बंदी छोड़ दिवस आज मनाया जाएगा। सिर्फ घी के दिए जलाने के आदेश बंदी छोड़ दिवस की उपलक्ष्य में इस बार श्री अकाल तख्त साहिब से आदेश किए गए हैं कि सिर्फ घी के दीपक जलाए जाएं। श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार सिंह साहिब ज्ञानी रघबीर सिंह ने कल ही 1 नवंबर 1984 के सिख नरसंहार के 40 साल पूरे होने के मद्देनजर सिख समुदाय को आदेश दिया था कि 1 नवंबर को बंदी छोड़ दिवस के अवसर पर केवल घी के दीपक जलाकर ही त्योहार मनाया जाए और बिजली की सजावट न की जाए।   पंजाब | दैनिक भास्कर