रोहतक में ‘सुनो नहरों की पुकार’ मिशन पिछले 3 साल 2 महीने से पानी को दूषित होने से बचाने में लगा हुआ है। जिसकी शुरुआत सितंबर 2021 में हुई थी। एक व्यक्ति द्वारा शुरू की गई मुहिम से अब लोग जुड़ रहे हैं। फिलहाल 100 से ज्यादा लोग जुड़ चुके हैं, जो नहरों को साफ रखने की इस मुहिम में सक्रिय हैं। ‘सुनो नहरों की पुकार’ मिशन के तहत नहरों में फेंके जाने वाले सामान, प्लास्टिक की थैलियां, टूटी मूर्तियां, पूजा सामग्री व अन्य सामान से पानी बचाने का काम किया जाता है। खासकर त्योहारी सीजन में ज्यादा सक्रिय रहना पड़ता है। मिशन के मुख्य संरक्षक डॉ. जसमेर हुड्डा ने बताया कि 2021 में वह दिल्ली बाईपास के पास स्थित जेएलएल व बीएसपी नहर पुल के ऊपर से गुजर रहे थे। इस दौरान उन्होंने देखा कि हर कोई नहर में प्लास्टिक की थैलियां फेंक रहा है। जिसे देखकर लगता है कि हम अपनी नहरों को गंदा कर रहे हैं। इसके बाद निर्णय लिया कि नहरों की सफाई के लिए काम किया जाए। ‘सुनो नहरों की पुकार’ के 100 से ज्यादा सदस्य इसलिए उन्होंने लोगों को समझाने की कोशिश की, लेकिन लोगों ने कहा कि यह उनकी आस्था है। इसके बाद उन्होंने रोजाना सुबह-शाम डेढ़-दो घंटे नहर पर खड़े होकर लोगों को जागरूक करना शुरू किया। शुरुआत में वे ज्यादा समय नहीं दे पाते थे। लेकिन अब उनके साथ कई लोग जुड़ गए हैं। ‘सुनो नहरों की पुकार’ के 100 से ज्यादा सदस्य हैं, जिनमें से 50-60 सदस्य सक्रिय हैं। जो अब रोजाना नहरों पर जाकर लोगों को जागरूक करते हैं कि वे नहरों में कोई भी सामग्री न डालें। अब लोग भी उनकी बात से सहमत हो रहे हैं। नहर के पानी को शुद्ध रखने के लिए तैयार किया विकल्प ‘सुनो नहरों की पुकार’ मिशन के महासचिव मुकेश नैनकवाल ने बताया कि लोगों की आस्था को देखते हुए वे नहरों के पास गड्ढा खोदते हैं। वे लोगों से अपील करते हैं कि वे अपनी आस्था की वस्तुएं इस गड्ढे में डालें। इसके बाद गड्ढे में गंगाजल डालकर ऊपर से मिट्टी डाल दी जाती है। जो खंडित मूर्तियां आती हैं, उन्हें एकत्र करके जींद जिले के दातौली धाम ले जाया जाता है। वहां पूर्णिमा के दिन हवन यज्ञ के बाद मूर्तियों को कुचलकर उनसे ईंटें बनाई जाती हैं। इन ईंटों का इस्तेमाल देश में कहीं भी बनने वाले मंदिरों में किया जाता है। इससे न तो लोगों की आस्था को ठेस पहुंचती है और न ही नहर का पानी प्रदूषित होता है। लोग पेड़-पौधों की जड़ों में भी डाल रहे सामग्री डॉ. जसमेर हुड्डा ने बताया कि इस अभियान के बाद लोगों में काफी बदलाव आया है। लोग अब पूजा सामग्री जलाकर उसकी राख को अपने घर में लगे पेड़ों की जड़ों में या पार्क में लगे पेड़-पौधों में डाल देते हैं। साथ ही मुट्ठी भर सामग्री लेकर नहरों में जाकर विसर्जित कर देते हैं। पहले लोग पूरी सामग्री नहरों में प्रवाहित करने आते थे। अब नहरों पर खड़े होकर ही नहीं बल्कि स्कूलों आदि में जाकर भी लोगों को जागरूक किया जा रहा है। रोहतक में ‘सुनो नहरों की पुकार’ मिशन पिछले 3 साल 2 महीने से पानी को दूषित होने से बचाने में लगा हुआ है। जिसकी शुरुआत सितंबर 2021 में हुई थी। एक व्यक्ति द्वारा शुरू की गई मुहिम से अब लोग जुड़ रहे हैं। फिलहाल 100 से ज्यादा लोग जुड़ चुके हैं, जो नहरों को साफ रखने की इस मुहिम में सक्रिय हैं। ‘सुनो नहरों की पुकार’ मिशन के तहत नहरों में फेंके जाने वाले सामान, प्लास्टिक की थैलियां, टूटी मूर्तियां, पूजा सामग्री व अन्य सामान से पानी बचाने का काम किया जाता है। खासकर त्योहारी सीजन में ज्यादा सक्रिय रहना पड़ता है। मिशन के मुख्य संरक्षक डॉ. जसमेर हुड्डा ने बताया कि 2021 में वह दिल्ली बाईपास के पास स्थित जेएलएल व बीएसपी नहर पुल के ऊपर से गुजर रहे थे। इस दौरान उन्होंने देखा कि हर कोई नहर में प्लास्टिक की थैलियां फेंक रहा है। जिसे देखकर लगता है कि हम अपनी नहरों को गंदा कर रहे हैं। इसके बाद निर्णय लिया कि नहरों की सफाई के लिए काम किया जाए। ‘सुनो नहरों की पुकार’ के 100 से ज्यादा सदस्य इसलिए उन्होंने लोगों को समझाने की कोशिश की, लेकिन लोगों ने कहा कि यह उनकी आस्था है। इसके बाद उन्होंने रोजाना सुबह-शाम डेढ़-दो घंटे नहर पर खड़े होकर लोगों को जागरूक करना शुरू किया। शुरुआत में वे ज्यादा समय नहीं दे पाते थे। लेकिन अब उनके साथ कई लोग जुड़ गए हैं। ‘सुनो नहरों की पुकार’ के 100 से ज्यादा सदस्य हैं, जिनमें से 50-60 सदस्य सक्रिय हैं। जो अब रोजाना नहरों पर जाकर लोगों को जागरूक करते हैं कि वे नहरों में कोई भी सामग्री न डालें। अब लोग भी उनकी बात से सहमत हो रहे हैं। नहर के पानी को शुद्ध रखने के लिए तैयार किया विकल्प ‘सुनो नहरों की पुकार’ मिशन के महासचिव मुकेश नैनकवाल ने बताया कि लोगों की आस्था को देखते हुए वे नहरों के पास गड्ढा खोदते हैं। वे लोगों से अपील करते हैं कि वे अपनी आस्था की वस्तुएं इस गड्ढे में डालें। इसके बाद गड्ढे में गंगाजल डालकर ऊपर से मिट्टी डाल दी जाती है। जो खंडित मूर्तियां आती हैं, उन्हें एकत्र करके जींद जिले के दातौली धाम ले जाया जाता है। वहां पूर्णिमा के दिन हवन यज्ञ के बाद मूर्तियों को कुचलकर उनसे ईंटें बनाई जाती हैं। इन ईंटों का इस्तेमाल देश में कहीं भी बनने वाले मंदिरों में किया जाता है। इससे न तो लोगों की आस्था को ठेस पहुंचती है और न ही नहर का पानी प्रदूषित होता है। लोग पेड़-पौधों की जड़ों में भी डाल रहे सामग्री डॉ. जसमेर हुड्डा ने बताया कि इस अभियान के बाद लोगों में काफी बदलाव आया है। लोग अब पूजा सामग्री जलाकर उसकी राख को अपने घर में लगे पेड़ों की जड़ों में या पार्क में लगे पेड़-पौधों में डाल देते हैं। साथ ही मुट्ठी भर सामग्री लेकर नहरों में जाकर विसर्जित कर देते हैं। पहले लोग पूरी सामग्री नहरों में प्रवाहित करने आते थे। अब नहरों पर खड़े होकर ही नहीं बल्कि स्कूलों आदि में जाकर भी लोगों को जागरूक किया जा रहा है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में पिछले वर्ष की तुलना में इस साल आपराधिक मामलों में लगातार गिरावट आई है। यह दावा हरियाणा पुलिस ने किया है। पुलिस के आंकड़ों के अनुसार, 31 जुलाई तक महिला के खिलाफ अपराधों में 14.50 प्रतिशत मामलों की गिरावट दर्ज की गई है। इस वर्ष 31 जुलाई तक एससी/एसटी एक्ट में 52.94 प्रतिशत, महिला विरुद्ध अपराध और बलात्कार में 14.50 प्रतिशत, दहेज हत्या में 19.51 प्रतिशत, छेड़छाड़ के मामलों में 29.57 प्रतिशत, लूटपाट में 29.72 प्रतिशत, छीनाछपटी में 9.96 प्रतिशत, जबरन वसूली तथा ब्लैकमेल के मामलों में 21.45 प्रतिशत तक की कमी दर्ज की गई है। हत्या, पॉक्सो एक्ट, वाहन चोरी तथा किडनैपिंग के मामले भी घटे हैं। हरियाणा में कितने हैं मेडिकल कॉलेज
हरियाणा में 6 सरकारी मेडिकल कॉलेज और 5 निजी मेडिकल कॉलेज हैं। पिछले 9 सालों में MBBS की सीटें 700 से बढ़कर जहां 2185 हो गई हैं, वहीं पीजी (स्नातकोत्तर) की सीटें 289 से बढ़कर 851 हो गई हैं। प्रदेश में मेडिकल कॉलेज, डेंटल कॉलेज, होम्योपैथिक कॉलेज, नर्सिंग कॉलेज की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। हर जिले में मेडिकल कॉलेज खोलने के लक्ष्य की कड़ी में प्रदेश में मेडिकल कॉलेज की संख्या 15 हो गई है। इनमें से नौ मेडिकल कॉलेज मुख्यमंत्री मनोहर लाल के कार्यकाल में खुले हैं।
यमुनानगर पहुंची सुनीता केजरीवाल:पीएम मोदी पर साधा निशाना, कहा- हरियाणा के लाल को झूठे केस में जेल भेजा
यमुनानगर पहुंची सुनीता केजरीवाल:पीएम मोदी पर साधा निशाना, कहा- हरियाणा के लाल को झूठे केस में जेल भेजा यमुनानगर जिले के साढौरा कस्बे की अनाज मंडी में आम आदमी पार्टी कार्यकर्ताओं की ओर से ‘बदलेंगे हरियाणा का हाल, अब लेंगे केजरीवाल’ कार्यक्रम के तहत अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल और पार्टी प्रदेश अध्यक्ष सुशील गुप्ता ने कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर निशाना साधा । पीएम मोदी पर निकाली भड़ास सुनीता केजरीवाल ने जनता को संबोधित करते हुए अपना चुनावी इमोशनल कार्ड खेला और उन्होंने कहा कि केजरीवाल को आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ईडी के हाथों शराब के झूठे कांड में फंसा कर जेल पहुंचाने का काम किया है। वह नरेंद्र मोदी की एक चाल है। क्योंकि नरेंद्र मोदी को अगर राजनीति में सबसे ज्यादा खतरा है। उन्होंने कहा कि हरियाणा के लाल अरविंद केजरीवाल को जेल में डाला है। प्रधानमंत्री केजरीवाल को चोर बताते हैं। अगर केजरीवाल चोर है तो दुनिया में कोई ईमानदार नहीं है। हरियाणा के इस लाल ने दिल्ली और पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनाकर विकास कार्यों झड़ी लगा दी है। भाजपा सरकार पर साधा निशाना सुनीता केजरीवाल ने कहा कि अरविंद केजरीवाल हरियाणा का ही बेटा है और वह हरियाणा की बहू है। उन्होंने जनता को संबोधित करते कहा कि जनता चाहती है कि हरियाणा में आम आदमी पार्टी की सरकार बने। उन्होंने अपना इमोशनल कार्ड खेलते हुए लोगों से कहा कि वह भाजपा को वोट ना दे। उन्होंने कहा कि एक भी वोट भाजपा को नहीं जानी चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एड के झूठे मामलों में फंसा कर अरविंद केजरीवाल को जेल की सलाखों के पीछे भेजा है। क्योंकि वह उनके द्वारा किए गए कामों की बराबरी नहीं कर सकते। वह उनकी लोकप्रियता से घबरा गए। उन्होंने लोगों से हाथ खड़े करके वादा करने को कहा कि अपना वोट अरविंद केजरीवाल को दे आम आदमी पार्टी को दें।
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हरियाणा की रबड़ फैक्ट्री में आग लगी, सिलेंडर फटे:कई कर्मचारी अंदर फंसे; 6 को झुलसी हालत में निकाला गया, अकाउंटेंट के हाथ जले हरियाणा के सोनीपत में बड़ा हादसा हुआ है। यहां राई औद्यौगिक क्षेत्र की एक फैक्ट्री में भीषण आग लग गई। इससे फैक्ट्री में काम कर रहे कर्मचारियों को बाहर निकलने का मौका नहीं मिला, जिससे वे उसी में फंसे रह गए। इस बीच सिलेंडर भी ब्लास्ट हुए, जिससे पूरा इलाका दहल गया। फैक्ट्री में फंसे कई कर्मचारियों को बाहर निकाल लिया गया, लेकिन वे बुरी तरह से झुलस चुके थे। 5-6 कर्मियों को सिविल अस्पताल में लाया गया। उनकी हालत गंभीर है। फायर ब्रिगेड की कई गाड़ियां मौके पर हैं और आग पर काबू पाने में लगी हैं। रबड़ के कारण तेजी से आग फैली
प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, राई औद्यौगिक क्षेत्र में शाम करीब 4 बजे के रबड़ की एक फैक्ट्री में भीषण आग लग गई। फैक्ट्री में लंच के बाद कर्मचारी काम कर रहे थे। रबड़ भरे होने की वजह से आग इतनी तेजी से फैली कि वहां काम कर रहे 7-8 कर्मचारी बाहर ही नहीं निकल पाए। इस बीच फैक्ट्री में रखे सिलेंडरों में भी ब्लास्ट होना शुरू हो गए। इससे पूरा क्षेत्र दहल उठा। धमाकों की आवाज सुनकर आसपास की फैक्ट्रियों में काम कर रहे लोग भी मौके पर पहुंच गए। उन्होंने अंदर फंसे लोगों को निकालने में मदद की। बचाव कार्य में जले अकाउंटेंट के हाथ
आग की सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड की टीमें भी मौके पर पहुंचीं। काफी मशक्कत के बाद अंदर फंसे कर्मियों को बाहर निकाला और अस्पताल पहुंचाया। इसमें से कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है। इस दौरान कुछ लोगों ने आग की परवाह न करते हुए कर्मियों की जान बचाई। बचाव कार्य में लगे फैक्ट्री के अकाउंटेंट के हाथ भी जल गए।