बहादुरगढ़ के आधुनिक औद्योगिक क्षेत्र में स्थित दो फैक्ट्री गोदामों में आग लग गई। दोनों गोदामों में वेस्ट प्लास्टिक की कटाई और छटाई का काम होता था। आग लगने से लाखों रुपए का माल जलकर राख हो गया। घटना बहादुरगढ़ के आधुनिक औद्योगिक क्षेत्र पार्ट- बी के प्लाट नंबर 1820 ए और बी की है। यहां राधिका प्लास्टिक और राम प्लास्टिक नाम से दो फैक्ट्रियों के गोदाम बनाए हुए हैं। शाम के समय अचानक यहां भीषण आग लग गई। दूसरी तरफ घटना की सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड के कर्मचारी मौके पर पहुंचे और आग पर काबू पाने के प्रयास शुरू किए गए। फायर ब्रिगेड की करीब आधा दर्जन गाड़ियां मौके पर आग पर काबू पाने का प्रयास कर रही है। प्लास्टिक अत्यंत ज्वलनशील होने के कारण आग पर काबू पाने में फायर ब्रिगेड के कर्मचारियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है । पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी भी मौके पर मौजूद है। गनीमत यह रही कि समय रहते गोदाम में काम करने वाले कर्मचारी समय रहते बाहर निकल आए। फायर ऑफिसर रविंद्र कुमार का कहना है कि आग बुझाने के बाद ही जांच की जाएगी और जांच के बाद साफ हो सकेगा कि आखिर यह आग लगी कैसे थी। बहादुरगढ़ के आधुनिक औद्योगिक क्षेत्र में स्थित दो फैक्ट्री गोदामों में आग लग गई। दोनों गोदामों में वेस्ट प्लास्टिक की कटाई और छटाई का काम होता था। आग लगने से लाखों रुपए का माल जलकर राख हो गया। घटना बहादुरगढ़ के आधुनिक औद्योगिक क्षेत्र पार्ट- बी के प्लाट नंबर 1820 ए और बी की है। यहां राधिका प्लास्टिक और राम प्लास्टिक नाम से दो फैक्ट्रियों के गोदाम बनाए हुए हैं। शाम के समय अचानक यहां भीषण आग लग गई। दूसरी तरफ घटना की सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड के कर्मचारी मौके पर पहुंचे और आग पर काबू पाने के प्रयास शुरू किए गए। फायर ब्रिगेड की करीब आधा दर्जन गाड़ियां मौके पर आग पर काबू पाने का प्रयास कर रही है। प्लास्टिक अत्यंत ज्वलनशील होने के कारण आग पर काबू पाने में फायर ब्रिगेड के कर्मचारियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है । पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी भी मौके पर मौजूद है। गनीमत यह रही कि समय रहते गोदाम में काम करने वाले कर्मचारी समय रहते बाहर निकल आए। फायर ऑफिसर रविंद्र कुमार का कहना है कि आग बुझाने के बाद ही जांच की जाएगी और जांच के बाद साफ हो सकेगा कि आखिर यह आग लगी कैसे थी। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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अमेरिका से करनाल पहुंचा युवक का शव:लाश मंगाने के लिए लिया 20 लाख का कर्ज, लोन लेकर मां ने भेजा था विदेश हरियाणा के करनाल में अमेरिका से मनीष का शव घर पहुंच गया है। मनीष की 15 दिन पहले अमेरिका में हार्ट अटैक से मौत हो गई थी। शनिवार सुबह 11 बजे दिल्ली एयरपोर्ट पर मनीष का शव पहुंच गाया था। लेकिन कुछ कागजी कार्रवाई में समय लगने के कारण शव परिजनों को नहीं सौंपा गया। आज शव परिजनों के हवाले किया जाएगा, जिसके बाद परिजन एंबुलेंस के जरिए शव को पैतृक गांव कुंजपुरा में लेकर आएंगे। आज सुबह 10 बजे मनीष का अंतिम संस्कार किया जाएगा। मृतक की मां शिमला देवी ने 15 माह पहले 38 लाख रुपए खर्चकर उसे विदेश भेजा था। अब उसकी मां ने 20 लाख कर्ज लेकर शव को भारत मंगाया है। मनीष के परिवार के लोगों ने शव भारत मंगाने के लिए हरियाणा के CM नायब सैनी से भी गुहार लगाई थी, लेकिन सरकार द्वारा कोई मदद नहीं की गई। इसके बाद परिवार ने डेड बॉडी मंगाने के लिए कर्ज लिया। 15 माह पहले अमेरिका गया था मनीष मृतक के भाई कर्ण देव ने बताया कि मनीष 2023 के अप्रैल महीने में ही अमेरिका चला गया था। डोंकी के रास्ते उसे वहां पहुंचने में करीब 1 महीने का समय लगा। मनीष अमेरिका के न्यूयॉर्क सिटी में रह रहा था। मनीष ने पहले वहां पर स्टोर पर काम करता था उसने हाल ही में टैक्सी ड्राइविंग लाइसेंस लिया था। बीती 29 दिसंबर की रात को खाना खाने के बाद उसकी तबीयत बिगड़ गई। सीने में तेज दर्द होने पर उसे उसके साथी अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। बचपन में हो चुकी पिता की मौत परिजनों ने बताया कि, करीब 23 साल पहले मनीष के पिता रमेश की एक हादसे में मौत हो गई थी। बचपन में चारों बच्चों के सिर से पिता का साया उठ गया था। पिता की मौत के बाद मां शिमला देवी ने ही मजदूरी करके अपने चारों बच्चों का पालन पोषण किया। मनीष की दो बड़ी बहने हैं, जिनमें एक बहन की शादी हो चुकी है जो इस समय कनाडा में है। उसका बड़ा भाई कर्ण देव और उसकी दूसरी बहन अभी अविवाहित है। जमीन पर उठाया लोन, रिश्तेदारों से लिया कर्ज परिजनों ने बताया कि घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी तो मां शिमला देवी व कर्ण देव ने मनीष को अमेरिका भेजने का फैसला लिया। पैसे नहीं थे तो मां ने जमीन पर लोन लिया और कुछ रिश्तेदारों से कर्ज लिया। उसके बाद 38 लाख रुपए खर्च कर मनीष को अमेरिका भेजा, ताकि मनीष वहां पैसे कमा सके ओर घर की स्थिति ठीक हो सकें। लेकिन भगवान को कुछ और ही मंजूर था। अब 20 लाख रुपए का कर्ज और उठाकर शव को भारत लाया गया। कर्ण करता है मजदूरी परिजनों ने बताया कि मनीष 12वीं की पढ़ाई करने बाद मनीष अमेरिका चला गया था। अब उसकी मौत के बाद मां सहित पूरा परिवार सदमे में है। कर्ण दिहाड़ी मजदूरी करके अपने परिवार का पालन पोषण कर रहा था। अब उसके पास न तो भाई रहा और करीब 58 लाख का कर्ज और सिर पर आ गया। सरकार से लगाई आर्थिक मदद की गुहार मृतक मनीष के भाई ने सरकार से एक बार फिर परिवार की आर्थिक मदद के लिए गुहार लगाई है। क्योंकि परिवार ने अब दोबारा 20 लाख रुपए कर्ज लेकर मनीष के शव को भारत मंगवाया है। परिवार में कमाने वाला अब कर्ण ही है। अब उसे अपनी भी शादी करनी है और अपनी बहन की भी। मनीष की मां ने सरकार गुहार लगाई उनके परिवार की आर्थिक मदद की जाए ताकि अपनी बेटी व बेटे की शादी कर संकू। किराये के कमरे में रहता था मनीष
मनीष के भाई कर्णदीप ने बताया कि उसका भाई 15 महीने पहले अमेरिका गया था। मनीष न्यूयॉर्क सिटी में किराये के कमरे में रहता था। कर्णदीप ने बताया कि हम चार भाई-बहन हैं। मनीष से बड़ी दो बहनें और मैं था। मनीष सबका लाडला था। हमारी एक बहन की शादी हो चुकी है, जो कनाडा में अपने परिवार के साथ रह रही है। मनीष की मौत से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है।
हरियाणा से केंद्र सरकार में कौन बनेगा मंत्री:खट्टर की मोदी-शाह से करीबी, राव का दावा मजबूत, पांचों सांसदों का दिल्ली में डेरा
हरियाणा से केंद्र सरकार में कौन बनेगा मंत्री:खट्टर की मोदी-शाह से करीबी, राव का दावा मजबूत, पांचों सांसदों का दिल्ली में डेरा हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सभी 5 सांसद दिल्ली में डटे हुए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री और करनाल सीट से नवनिर्वाचित सांसद मनोहर लाल खट्टर कैबिनेट मंत्री बन सकते हैं। साथ ही गठबंधन मजबूरी नहीं हुई को गुरुग्राम से सांसद चुने गए राव इंद्रजीत सिंह का भी मंत्री बनना तय है। इसके अलावा, भिवानी-महेंद्रगढ़ से सांसद चौधरी धर्मबीर, फरीदाबाद से सांसद कृष्णपाल गुर्जर और कुरुक्षेत्र से सांसद नवीन जिंदल भी लॉबिंग में जुटे हैं। नरेंद्र मोदी की 3.0 सरकार का शपथ ग्रहण 9 जून की शाम होने वाला है। इस बार BJP को अपने दम पर पूर्ण बहुमत नहीं मिला है। सरकार चलाने के लिए उसे अब NDA के अपने सहयोगियों पर निर्भर रहना होगा। कल होने वाले शपथ ग्रहण समारोह में शपथ लेने वाले मंत्रियों की लिस्ट पर भी इसका असर देखा जा सकता है। इस बार हो सकता है कि बीजेपी कोटे से मंत्रियों की संख्या कम हो और NDA के सहयोगी दलों के मंत्रियों की संख्या बढ़ जाए। ऐसे में BJP का ज्यादा फोकस उन राज्यों पर हैं, जहां आगामी 6 महीने में विधानसभा चुनाव होने हैं। इनमें हरियाणा भी शामिल है। हालांकि हरियाणा में BJP की सीटें 10 से घटकर इस बार 5 रह गई। लेकिन चुनावी समीकरण को ध्यान में रखते हुए हरियाणा से पहले 2 टर्म की तरह 2 मंत्रियों को बनाए जाने की संभावना है। इनमें जातीय समीकरण के साथ-साथ इलाके को भी साधने की कोशिश रहेगी, जिससे आगामी चुनाव में इसका फायदा मिल सके। खट्टर 3 दिनों से दिल्ली में, बाकी कर रहे लॉबिंग
दरअसल, पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल पिछले 3 दिनों से दिल्ली में हैं। उन्हें हाईकमान ने रिजल्ट आने के तुरंत बाद 6 जून को दिल्ली बुला लिया था। खट्टर ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और अमित शाह दोनों से मुलाकात की थी। उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष या फिर संगठन महामंत्री बनाए जाने की भी चर्चा है। एक दिन पहले खट्टर के अलावा हरियाणा के अन्य 4 सांसदों ने भी NDA की बैठक में भी हिस्सा लिया था। राव इंद्रजीत सिंह 6 जून को रेवाड़ी जरूर आए, लेकिन शाम को फिर से दिल्ली लौट गए। बाकी कृष्णपाल गुर्जर, नवीन जिंदल और चौधरी धर्मबीर सिंह तीनों दिल्ली में ही डेरा डाले हुए हैं। सिलसिलेवार ढंग से जानिए, मंत्री पद पर किसका दावा क्यों मजबूत? 1. मनोहर लाल खट्टर
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल का नाम मोदी कैबिनेट में शामिल होने वालों में टॉप पर चल रहा है। इसके पीछे बड़ी वजह ये है कि खट्टर साढ़े 9 साल हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे। फिर अचानक भाजपा ने उनसे इस्तीफा दिलवा दिया। इसके बाद उन्हें करनाल से चुनाव लड़ाया। मनोहर लाल नरेंद्र मोदी और अमित शाह के करीबी हैं। उन्हें संगठन के साथ-साथ प्रशासनिक अनुभव भी है। जिस करनाल सीट से वे सांसद चुने गए हैं, वो जीटी बेल्ट का इलाका है। इस एरिया में BJP काफी मजबूत रही है। चुनावी प्रचार के वक्त भी नरेंद्र मोदी और अमित शाह दोनों ही खट्टर को दिल्ली में बड़ी जिम्मेदारी देने की बात कहते रहे। ऐसे में अब उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाकर बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है। हालांकि उनका नाम भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष या फिर महामंत्री के तौर पर भी चर्चा में है। 2. राव इंद्रजीत
गुरुग्राम सीट से चौथी बार सांसद चुने गए राव इंद्रजीत सिंह दक्षिणी हरियाणा (अहीरवाल) के बड़े नेता हैं। वे 6 बार सांसद बन चुके हैं। दक्षिणी हरियाणा में विधानसभा की 14 सीटें आती हैं। इन सीटों पर राव इंद्रजीत सिंह के परिवार का शुरू से ही दबदबा रहा है। राव इंद्रजीत सिंह मोदी सरकार के पहले दोनों टर्म में केंद्र में मंत्री रहे हैं। राव के सहारे ही BJP दक्षिणी हरियाणा को साधती रही है। ऐसे में उनके तीसरी बार भी मंत्री बनने की प्रबल संभावनाएं हैं। हालांकि अगर गठबंधन की मजबूरी रही तो उन्हें बाद में भी एडस्ट किया जा सकता है। 3. कृष्णपाल गुर्जर
फरीदाबाद सीट से जीत की हैट्रिक लगाने वाले कृष्णपाल गुर्जर 2014 और 2019 दोनों टर्म में केंद्र में मंत्री रहे हैं। कृष्णपाल गुर्जर पूर्व सीएम मनोहर लाल के करीबी हैं। इसके अलावा उनके शीर्ष नेतृत्व से भी संबंध अच्छे हैं। जिसके चलते ही वह 2 बार मंत्री बन गए। लेकिन इस बार उन्हें मंत्रिमंडल में जगह मिलना मुश्किल है। इसके पीछे की वजह BJP को पूर्ण बहुमत नहीं मिला है। क्योंकि कई मंत्रालय गठबंधन सहयोगियों को दिए जाने हैं। हालांकि जातीय समीकरण को देखें तो कृष्णपाल गुर्जर की पकड़ गुर्जरों में अच्छी खासी है। ऐसे में गुर्जर नेता के तौर पर उनका दावा मजबूत रह सकता है। 4. चौधरी धर्मबीर
भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट से लगातार तीसरी बार सांसद बने चौधरी धर्मबीर सिंह एक मात्र ऐसे जाट चेहरे हैं, जो BJP की टिकट पर चुनाव जीते हैं। पश्चिमी यूपी के मुजफ्फरनगर से जाट नेता संजीव बालियान चुनाव हार गए। जाटों की BJP से शुरू से ही नाराजगी रही है। इसी नाराजगी के कारण BJP को हरियाणा में 5 लोकसभा सीटों का नुकसान भी उठाना पड़ा। हरियाणा और यूपी में जाटों की संख्या काफी ज्यादा है। ऐसे में जाटों को साधने के लिए चौधरी धर्मबीर सिंह को भी मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। 5. नवीन जिंदल
देश के मशहूर बिजनेसमैन नवीन जिंदल ने लोकसभा चुनाव से एन वक्त पहले BJP में शामिल हुए और कुरूक्षेत्र सीट से टिकट भी मिल गई। कड़े मुकाबले के बावजूद जिंदल सीट निकालने में कामयाब रहे। जिंदल 2 बार इसी सीट से कांग्रेस में रहते हुए भी चुनाव जीत चुके हैं। जिंदल अमित शाह के करीबी हैं। 10 साल से मजबूत दिख रही जीटी बेल्ट में इस बार BJP को अंबाला सीट गंवानी पड़ी। ऐसे में जीटी बेल्ट को ध्यान में रखते हुए भी जिंदल को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता हैं। वहीं वैश्य समाज को साधने के लिए भी जिंदल को एडस्ट किया जा सकता है। ये खबर भी पढ़ें… हिमाचल से नड्डा-अनुराग मंत्री की दौड़ में:जेपी बने तो ठाकुर को राष्ट्रीय महामंत्री बना सकती है BJP; कंगना के मिनिस्टर बनने के कम चांस नरेंद्र मोदी की कैबिनेट में हिमाचल प्रदेश से 2 नेता मंत्री की रेस में शामिल हैं। पार्टी सूत्रों के मुताबिक भारतीय जनता पार्टी के मौजूदा राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा कैबिनेट मंत्री बन सकते हैं। ऐसा हुआ तो अनुराग ठाकुर को पार्टी में राष्ट्रीय महामंत्री का दायित्व मिल सकता है। पार्टी में इस तरह की चर्चाएं चली हुई हैं। (पढ़ें पूरी खबर)
शंभू बॉर्डर पर किसान की मौत पर विवाद बढ़ा:अनिल विज बोले- पंजाब सरकार को देखना चाहिए, SC की अवहेलना कर रहे हैं मान
शंभू बॉर्डर पर किसान की मौत पर विवाद बढ़ा:अनिल विज बोले- पंजाब सरकार को देखना चाहिए, SC की अवहेलना कर रहे हैं मान हरियाणा के ऊर्जा, परिवहन एवं श्रम मंत्री अनिल विज ने AAP पार्टी को घेरते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी कुछ भी कर सकती है और क्या पंजाब में किसानों के विरोध और भूख हड़ताल के पीछे कोई खेल है या फिर वह किसी अनहोनी का इंतजार कर रही है, क्योंकि किसान पंजाब की धरती पर बैठे हैं। विज खनौरी बॉर्डर पर किसान नेता डल्लेवाल की तबीयत बिगड़ने और शंभू बॉर्डर पर एक किसान द्वारा जहर खाकर आत्महत्या करने के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब दे रहे थे। विज ने सवाल उठाते हुए कहा कि पंजाब की धरती पर किसान बैठे हैं और पंजाब में अरविंद केजरीवाल की पार्टी का मुख्यमंत्री है और उनकी सरकार है। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार के आप नेता जाकर क्यों नहीं देख रहे हैं और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवहेलना क्यों कर रहे हैं। INDIA गठबंधन पर हमला बोला दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले INDIA गठबंधन की पार्टियों में मतभेद देखने को मिल रहा है और टीएमसी और सपा ने आम आदमी पार्टी को समर्थन दिया है जबकि कांग्रेस अकेली रह गई है। इस संबंध में पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि I.N.D.I.A, इस प्रकार से इन पार्टियों में जो समझ होनी चाहिए थी वह पहले दिन से ही नहीं रही और जिसको जहां-जहां अपने क्षेत्र में लाभ मिलता है वह अपने-अपने ढंग से चल रहा है”। विज बोले- कांग्रेस जानती है कि हमारी सरकार नहीं आने वाली दिल्ली में कांग्रेस की सरकार बनने पर 25 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज देने की कांग्रेस की घोषणा के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि “न नौ मन तेल होगा और न ही राधा नाचेगी”, इसलिए कांग्रेस जानती है कि हमारी सरकार नहीं आने वाली है, चाहे वे कितनी भी घोषणाएं कर लें।