यूपी सिपाही भर्ती की फाइनल ANSWER-KEY जारी, 25 सवाल निरस्त:अब कटऑफ जारी करने की तैयारी, 15 नवंबर के बाद आएगा रिजल्ट

यूपी सिपाही भर्ती की फाइनल ANSWER-KEY जारी, 25 सवाल निरस्त:अब कटऑफ जारी करने की तैयारी, 15 नवंबर के बाद आएगा रिजल्ट

यूपी सिपाही भर्ती परीक्षा की फाइनल आंसर शीट जारी कर दी गई है। 25 सवाल निरस्त किए गए हैं। 29 के एक से ज्यादा सही विकल्प मिले हैं। सही जवाब वालों को अंक मिलेगा। इसके अलावा 16 प्रश्नों के विकल्पों मे परिवर्तन किया गया है।अभ्यर्थी बोर्ड की वेबसाइट पर जाकर फाइनल आंसर की देख सकते हैं। पुलिस के 60,244 पदों पर सीधी भर्ती के लिए अगस्त में लिखित परीक्षा हुई थी। भर्ती बोर्ड के चेयरमैन एवं डीजी राजीव कृष्ण ने बताया- 10 पारियों में कुल 70 प्रश्नों को लेकर आईं आपत्तियों को सही पाए जाने पर विचार किया गया। इसमें 25 सवालों के गलत मिलने पर निरस्त कर दिया गया। इनके अंकों का वितरण हाईकोर्ट के आदेश के मुताबिक व्यवस्था के हिसाब से होगा। 9 नवंबर तक उपलब्ध रहेगी आंसर की
भर्ती बोर्ड की ओर से बताया गया कि लिखित परीक्षा के परीक्षार्थियों से मिली आपत्तियों का परीक्षण किया गया। साथ ही विषय विशेषज्ञों से मिली रिपोर्ट के आधार पर फाइनल आंसर-की प्रकाशित की गई है। यह बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट uppbpb.gov.in पर 9 नवंबर तक उपलब्ध रहेगी। हर पाली के निरस्त प्रश्नों के अंक इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के अनुसार होगा। बोर्ड की ओर उम्मीद जाहिर की गई है कि नवंबर के तीसरे सप्ताह में UPPRPB द्वारा चयन के अगले क्रम DVPST के लिए उपयुक्त अभ्यर्थियों की सूची प्रकाशित की जाएगी। 15 नवंबर के बाद आएगा रिजल्ट
यूपी सिपाही के लिए हुई लिखित परीक्षा का रिजल्ट 15 नवंबर के बाद कभी भी आ सकता है। भर्ती बोर्ड के अधिकारियों का कहना है, लिखित परीक्षा का रिजल्ट आने के बाद जनवरी तक डॉक्यूमेंट वैरिफिकेशन और फिजिकल स्टैंडर्ड टेस्ट होगा। भर्ती बोर्ड के अधिकारियों ने बताया, लिखित परीक्षा के जो नतीजे आएंगे, उनसे आरक्षण के अनुसार मेरिट तय करके ढाई गुना लोगों को डॉक्यूमेंट वैरिफिकेशन और फिजिकल टेस्ट (DV-PST) के लिए बुलाया जाएगा। यानी डेढ़ लाख से ज्यादा अभ्यर्थियों को DV-PST के लिए बुलावा भेजा जाएगा। नजदीकी जोनल मुख्यालय पर होगा फिजिकल टेस्ट
भर्ती बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि DV-PST जोनल मुख्यालय पर होगा। अभ्यर्थियों को उसके नजदीकी जोनल मुख्यालय पर दौड़ और अन्य फिजिकल मापदंडों की जांच के लिए बुलाया जाएगा। जो दूसरे राज्य के अभ्यर्थी हैं, उन्हें उनके राज्य के नजदीक जो जोन पड़ेगा, वहां बुलाया जाएगा। मसलन बिहार के अभ्यर्थियों को गोरखपुर और वाराणसी, राजस्थान के अभ्यर्थियों को आगरा, हरियाणा और पंजाब के अभ्यर्थियों को मेरठ बुलाया जाएगा। ट्रेनिंग के लिए करना पड़ेगा इंतजार
बताया जा रहा है, भर्ती पूरी होने में कम से कम 6 महीने का और समय लगेगा। भर्ती प्रक्रिया पूरी होने के बाद प्रशिक्षण में भी लंबा समय लगेगा। क्योंकि प्रदेश सरकार के पास उतने संसाधन नहीं हैं कि इतनी बड़ी संख्या में सिपाहियों को एक साथ प्रशिक्षित कर सके। इसके लिए कम से कम तीन चरणों में व्यवस्था करनी होगी। अभी 12 हजार को ट्रेनिंग देने की क्षमता है
प्रदेश सरकार के पास पुलिसकर्मियों के प्रशिक्षण के लिए क्षमता करीब 12 हजार की है। इसके लिए 11 पुलिस प्रशिक्षण केंद्र, कॉलेज और स्कूल हैं। इसके अलावा विभिन्न PAC बटालियन को मिलाकर कुल 103 इकाइयां हैं, जहां पुलिस कर्मियों को प्रशिक्षित किया जाता है। ऐसे में इतनी बड़ी संख्या में चयनित अभ्यर्थियों को प्रशिक्षण देना चुनौती होगी। हिंदी भाषी राज्यों की ली जा सकती है मदद
सूत्रों का कहना है, पुलिसकर्मियों का प्रशिक्षण कम समय में पूरा कराने के लिए हिंदी भाषी राज्यों की भी मदद ली जाएगी। इसमें राजस्थान, मध्य प्रदेश, हरियाणा और पंजाब के अलावा अर्धसैनिक बलों की बटालियन में भी प्रशिक्षण की व्यवस्था की जा सकती है। इससे पहले 2018 में 49 हजार 568 सिपाहियों की भर्ती हुई थी। उस समय न सिर्फ दूसरे राज्यों के प्रशिक्षण केंद्रों की मदद ली गई, केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के प्रशिक्षण केंद्रों पर भी ट्रेनिंग दी गई। एक साल के बाद पक्की होती है नौकरी
भर्ती प्रक्रिया पूरी होने के बाद नौकरी पक्की होने में एक साल का समय लगता है। इसमें 6 महीने का बेसिक प्रशिक्षण होता है। जिसके बाद पासिंग आउट परेड होती है। प्रशिक्षण के बाद सिपाहियों को व्यावहारिक प्रशिक्षण के लिए जिलों में तैनाती दी जाती है। 6 महीने का व्यावहारिक प्रशिक्षण पूरा होने के बाद ही नौकरी पक्की मानी जाती है। एक साल से जारी है मौजूदा भर्ती प्रक्रिया
मौजूदा भर्ती प्रक्रिया के लिए विज्ञप्ति अक्टूबर, 2023 में निकली थी। इसके लिए पहले फरवरी में परीक्षा हुई, लेकिन पेपर लीक होने के कारण परीक्षा दोबारा करानी पड़ी। अगस्त में इसकी परीक्षा संपन्न हुई। अब संबंधित एजेंसी इसका परिणाम जारी करने की तैयारी कर रही है। यूपी पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड के अध्यक्ष राजीव कृष्ण कहते हैं- 60 हजार 244 पदों पर सिपाही भर्ती की प्रक्रिया चल रही है। एजेंसी और बोर्ड दोनों पूरी तैयारी कर रहे हैं। पूरी प्रक्रिया पारदर्शिता के साथ चल रही है। बोर्ड का पूरा फोकस इसी भर्ती पर है। यह भर्ती पूरी होने के बाद नई भर्ती की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। पुलिस में 27 हजार पदों पर भर्ती लंबित
उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड के पास 27 हजार पदों भर्ती लंबित है। इनमें दरोगा, प्लाटून कमांडर, कंप्यूटर आपरेटर, फायरमैन समेत तमाम पद शामिल हैं। भर्ती के लिए जो प्रस्ताव DGP मुख्यालय भर्ती बोर्ड को भेजता है। 49 हजार सिपाहियों की भर्ती पूरी करने में लगे थे ढाई साल
योगी सरकार ने इससे पहले 49 हजार 568 पदों पर सिपाहियों की भर्ती के लिए नवंबर, 2018 में विज्ञापन निकाला था। इस भर्ती को पूरा होने में ढाई साल लग गए थे। क्योंकि बड़ी संख्या में हुई भर्ती के कारण प्रशिक्षण तीन चरणों में कराया गया था। हालांकि, तब प्रशिक्षण की क्षमता मात्र 6 हजार थी, जिसे बढ़ाकर 12 हजार किया जा चुका है। सुल्तानपुर और जालौन में नए प्रशिक्षण केंद्र खुले हैं। यहां पहली बार सिपाहियों को प्रशिक्षित किया जाएगा। यह खबर भी पढ़ें नसीम ही नहीं…इकरा-इमरान मसूद भी जा चुके हैं मंदिर, अफजाल ने भगवान शिव को घंटा चढ़ाया था; बेटी ने भी की थी पूजा मुस्लिम नेताओं के मंदिर जाने की बात नई नहीं है। इससे पहले भी सपा के कई नेता अलग-अलग मंदिरों की चौखट पर न सिर्फ माथा टेक चुके हैं, बल्कि आरती और पूजा में भी हिस्सा ले चुके हैं। चुनाव जीतने के बाद सपा सांसद अफजाल अंसारी और इकरा हसन मंदिर पहुंचे थे। अफजाल ने तो मंदिर में घंटा भी चढ़ाया था। वहीं, लोकसभा चुनाव के वक्त अफजाल की बेटी नुसरत मंदिर गई थीं। चुनावी प्रचार के दौरान कांग्रेस सांसद इमरान मसूद भी मंदिर पहुंचे थे। इनकी चुनरी ओढ़े हुए तस्वीर सामने आई थी। हालांकि, किसी मौलाना ने इन नेताओं के खिलाफ कोई फतवा नहीं जारी किया था। यहां पढ़ें पूरी खबर यूपी सिपाही भर्ती परीक्षा की फाइनल आंसर शीट जारी कर दी गई है। 25 सवाल निरस्त किए गए हैं। 29 के एक से ज्यादा सही विकल्प मिले हैं। सही जवाब वालों को अंक मिलेगा। इसके अलावा 16 प्रश्नों के विकल्पों मे परिवर्तन किया गया है।अभ्यर्थी बोर्ड की वेबसाइट पर जाकर फाइनल आंसर की देख सकते हैं। पुलिस के 60,244 पदों पर सीधी भर्ती के लिए अगस्त में लिखित परीक्षा हुई थी। भर्ती बोर्ड के चेयरमैन एवं डीजी राजीव कृष्ण ने बताया- 10 पारियों में कुल 70 प्रश्नों को लेकर आईं आपत्तियों को सही पाए जाने पर विचार किया गया। इसमें 25 सवालों के गलत मिलने पर निरस्त कर दिया गया। इनके अंकों का वितरण हाईकोर्ट के आदेश के मुताबिक व्यवस्था के हिसाब से होगा। 9 नवंबर तक उपलब्ध रहेगी आंसर की
भर्ती बोर्ड की ओर से बताया गया कि लिखित परीक्षा के परीक्षार्थियों से मिली आपत्तियों का परीक्षण किया गया। साथ ही विषय विशेषज्ञों से मिली रिपोर्ट के आधार पर फाइनल आंसर-की प्रकाशित की गई है। यह बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट uppbpb.gov.in पर 9 नवंबर तक उपलब्ध रहेगी। हर पाली के निरस्त प्रश्नों के अंक इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के अनुसार होगा। बोर्ड की ओर उम्मीद जाहिर की गई है कि नवंबर के तीसरे सप्ताह में UPPRPB द्वारा चयन के अगले क्रम DVPST के लिए उपयुक्त अभ्यर्थियों की सूची प्रकाशित की जाएगी। 15 नवंबर के बाद आएगा रिजल्ट
यूपी सिपाही के लिए हुई लिखित परीक्षा का रिजल्ट 15 नवंबर के बाद कभी भी आ सकता है। भर्ती बोर्ड के अधिकारियों का कहना है, लिखित परीक्षा का रिजल्ट आने के बाद जनवरी तक डॉक्यूमेंट वैरिफिकेशन और फिजिकल स्टैंडर्ड टेस्ट होगा। भर्ती बोर्ड के अधिकारियों ने बताया, लिखित परीक्षा के जो नतीजे आएंगे, उनसे आरक्षण के अनुसार मेरिट तय करके ढाई गुना लोगों को डॉक्यूमेंट वैरिफिकेशन और फिजिकल टेस्ट (DV-PST) के लिए बुलाया जाएगा। यानी डेढ़ लाख से ज्यादा अभ्यर्थियों को DV-PST के लिए बुलावा भेजा जाएगा। नजदीकी जोनल मुख्यालय पर होगा फिजिकल टेस्ट
भर्ती बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि DV-PST जोनल मुख्यालय पर होगा। अभ्यर्थियों को उसके नजदीकी जोनल मुख्यालय पर दौड़ और अन्य फिजिकल मापदंडों की जांच के लिए बुलाया जाएगा। जो दूसरे राज्य के अभ्यर्थी हैं, उन्हें उनके राज्य के नजदीक जो जोन पड़ेगा, वहां बुलाया जाएगा। मसलन बिहार के अभ्यर्थियों को गोरखपुर और वाराणसी, राजस्थान के अभ्यर्थियों को आगरा, हरियाणा और पंजाब के अभ्यर्थियों को मेरठ बुलाया जाएगा। ट्रेनिंग के लिए करना पड़ेगा इंतजार
बताया जा रहा है, भर्ती पूरी होने में कम से कम 6 महीने का और समय लगेगा। भर्ती प्रक्रिया पूरी होने के बाद प्रशिक्षण में भी लंबा समय लगेगा। क्योंकि प्रदेश सरकार के पास उतने संसाधन नहीं हैं कि इतनी बड़ी संख्या में सिपाहियों को एक साथ प्रशिक्षित कर सके। इसके लिए कम से कम तीन चरणों में व्यवस्था करनी होगी। अभी 12 हजार को ट्रेनिंग देने की क्षमता है
प्रदेश सरकार के पास पुलिसकर्मियों के प्रशिक्षण के लिए क्षमता करीब 12 हजार की है। इसके लिए 11 पुलिस प्रशिक्षण केंद्र, कॉलेज और स्कूल हैं। इसके अलावा विभिन्न PAC बटालियन को मिलाकर कुल 103 इकाइयां हैं, जहां पुलिस कर्मियों को प्रशिक्षित किया जाता है। ऐसे में इतनी बड़ी संख्या में चयनित अभ्यर्थियों को प्रशिक्षण देना चुनौती होगी। हिंदी भाषी राज्यों की ली जा सकती है मदद
सूत्रों का कहना है, पुलिसकर्मियों का प्रशिक्षण कम समय में पूरा कराने के लिए हिंदी भाषी राज्यों की भी मदद ली जाएगी। इसमें राजस्थान, मध्य प्रदेश, हरियाणा और पंजाब के अलावा अर्धसैनिक बलों की बटालियन में भी प्रशिक्षण की व्यवस्था की जा सकती है। इससे पहले 2018 में 49 हजार 568 सिपाहियों की भर्ती हुई थी। उस समय न सिर्फ दूसरे राज्यों के प्रशिक्षण केंद्रों की मदद ली गई, केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के प्रशिक्षण केंद्रों पर भी ट्रेनिंग दी गई। एक साल के बाद पक्की होती है नौकरी
भर्ती प्रक्रिया पूरी होने के बाद नौकरी पक्की होने में एक साल का समय लगता है। इसमें 6 महीने का बेसिक प्रशिक्षण होता है। जिसके बाद पासिंग आउट परेड होती है। प्रशिक्षण के बाद सिपाहियों को व्यावहारिक प्रशिक्षण के लिए जिलों में तैनाती दी जाती है। 6 महीने का व्यावहारिक प्रशिक्षण पूरा होने के बाद ही नौकरी पक्की मानी जाती है। एक साल से जारी है मौजूदा भर्ती प्रक्रिया
मौजूदा भर्ती प्रक्रिया के लिए विज्ञप्ति अक्टूबर, 2023 में निकली थी। इसके लिए पहले फरवरी में परीक्षा हुई, लेकिन पेपर लीक होने के कारण परीक्षा दोबारा करानी पड़ी। अगस्त में इसकी परीक्षा संपन्न हुई। अब संबंधित एजेंसी इसका परिणाम जारी करने की तैयारी कर रही है। यूपी पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड के अध्यक्ष राजीव कृष्ण कहते हैं- 60 हजार 244 पदों पर सिपाही भर्ती की प्रक्रिया चल रही है। एजेंसी और बोर्ड दोनों पूरी तैयारी कर रहे हैं। पूरी प्रक्रिया पारदर्शिता के साथ चल रही है। बोर्ड का पूरा फोकस इसी भर्ती पर है। यह भर्ती पूरी होने के बाद नई भर्ती की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। पुलिस में 27 हजार पदों पर भर्ती लंबित
उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड के पास 27 हजार पदों भर्ती लंबित है। इनमें दरोगा, प्लाटून कमांडर, कंप्यूटर आपरेटर, फायरमैन समेत तमाम पद शामिल हैं। भर्ती के लिए जो प्रस्ताव DGP मुख्यालय भर्ती बोर्ड को भेजता है। 49 हजार सिपाहियों की भर्ती पूरी करने में लगे थे ढाई साल
योगी सरकार ने इससे पहले 49 हजार 568 पदों पर सिपाहियों की भर्ती के लिए नवंबर, 2018 में विज्ञापन निकाला था। इस भर्ती को पूरा होने में ढाई साल लग गए थे। क्योंकि बड़ी संख्या में हुई भर्ती के कारण प्रशिक्षण तीन चरणों में कराया गया था। हालांकि, तब प्रशिक्षण की क्षमता मात्र 6 हजार थी, जिसे बढ़ाकर 12 हजार किया जा चुका है। सुल्तानपुर और जालौन में नए प्रशिक्षण केंद्र खुले हैं। यहां पहली बार सिपाहियों को प्रशिक्षित किया जाएगा। यह खबर भी पढ़ें नसीम ही नहीं…इकरा-इमरान मसूद भी जा चुके हैं मंदिर, अफजाल ने भगवान शिव को घंटा चढ़ाया था; बेटी ने भी की थी पूजा मुस्लिम नेताओं के मंदिर जाने की बात नई नहीं है। इससे पहले भी सपा के कई नेता अलग-अलग मंदिरों की चौखट पर न सिर्फ माथा टेक चुके हैं, बल्कि आरती और पूजा में भी हिस्सा ले चुके हैं। चुनाव जीतने के बाद सपा सांसद अफजाल अंसारी और इकरा हसन मंदिर पहुंचे थे। अफजाल ने तो मंदिर में घंटा भी चढ़ाया था। वहीं, लोकसभा चुनाव के वक्त अफजाल की बेटी नुसरत मंदिर गई थीं। चुनावी प्रचार के दौरान कांग्रेस सांसद इमरान मसूद भी मंदिर पहुंचे थे। इनकी चुनरी ओढ़े हुए तस्वीर सामने आई थी। हालांकि, किसी मौलाना ने इन नेताओं के खिलाफ कोई फतवा नहीं जारी किया था। यहां पढ़ें पूरी खबर   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर