आज (3 नवंबर) कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया यानी भाई दूज है। मथुरा में यमुना स्नान के लिए बड़ी संख्या में भाई बहन पहुंचे हैं। विश्राम घाट पर यमराज का मंदिर है। यहीं मुख्य स्नान चल रहा है। भाई बहन यहां यम फांस (अकाल मृत्यु) से मुक्ति के लिए स्नान करते हैं। पहले बहनों ने अपने भाई के साथ यमुना में स्नान किया। फिर आसन पर बिठाकर भाई का तिलक कर आशीर्वाद दिया। इसके बाद विश्राम घाट की ओर जाने वाली सीढ़ियों पर बने यमराज-यमुना मंदिर में जाकर वैदिक विधि-विधान से दीप जलाकर पूजा की। बहनों ने यमराज-यमुना से अपने भाई की लंबी और स्वस्थ आयु की कामना करते हुए मनौती मांगी। विश्राम घाट पर स्थानीय पंडों ने भाई-बहनों को पूजा कराई। आज (3 नवंबर) कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया यानी भाई दूज है। मथुरा में यमुना स्नान के लिए बड़ी संख्या में भाई बहन पहुंचे हैं। विश्राम घाट पर यमराज का मंदिर है। यहीं मुख्य स्नान चल रहा है। भाई बहन यहां यम फांस (अकाल मृत्यु) से मुक्ति के लिए स्नान करते हैं। पहले बहनों ने अपने भाई के साथ यमुना में स्नान किया। फिर आसन पर बिठाकर भाई का तिलक कर आशीर्वाद दिया। इसके बाद विश्राम घाट की ओर जाने वाली सीढ़ियों पर बने यमराज-यमुना मंदिर में जाकर वैदिक विधि-विधान से दीप जलाकर पूजा की। बहनों ने यमराज-यमुना से अपने भाई की लंबी और स्वस्थ आयु की कामना करते हुए मनौती मांगी। विश्राम घाट पर स्थानीय पंडों ने भाई-बहनों को पूजा कराई। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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उत्तराखंड में ‘निर्माण कार्यों’ से बढ़ा आपदा का खतरा, इस मानसून 500 नए भूस्खलन जोन बने चुनौती
उत्तराखंड में ‘निर्माण कार्यों’ से बढ़ा आपदा का खतरा, इस मानसून 500 नए भूस्खलन जोन बने चुनौती <p style=”text-align: justify;”><strong>Uttarakhand News Today:</strong> इस साल के मानसून सीजन में उत्तराखंड को कई गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ा. एसडीसी फाउंडेशन के जरिये जारी उत्तराखंड डिजास्टर एंड एक्सीडेंट एनालिसिस इनिशिएटिव (उदय) रिपोर्ट के अनुसार, मानसून के दौरान राज्य में 500 नए भूस्खलन जोन विकसित हुए हैं. </p>
<p style=”text-align: justify;”>यह भूस्खलन जोन राज्य के अलग-अलग हिस्सों में निर्माण कार्यों के कारण विकसित हुए हैं, जिससे आपदा का खतरा और बढ़ गया है. रिपोर्ट में उत्तराखंड के लिए ये नई चुनौतियां राज्य के आपदा प्रबंधन तंत्र के लिए चेतावनी है. हिमालय दिवस के मौके पर वाडिया हिमालयन इंस्टीट्यूट में जारी इस रिपोर्ट में मानसून के दौरान हुए नुकसान और नई समस्याओं को उजागर किया गया. </p>
<p style=”text-align: justify;”>एसडीसी फाउंडेशन के संस्थापक अनूप नौटियाल ने कहा कि राज्य में हर साल नए भूस्खलन जोन विकसित हो रहे हैं, जो स्थानीय निवासियों के लिए भारी खतरा बन चुके हैं. उन्होंने कहा कि राज्य को अपने आपदा प्रबंधन तंत्र और जलवायु परिवर्तन से निपटने की तैयारियों को मजबूत करना होगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>स्कूल की जर्जर हालत बड़ी चुनौती</strong><br />भूस्खलन के अलावा, इस मानसून सीजन में राज्य के स्कूल भवनों की जर्जर हालत ने भी बड़ी चुनौती पेश की है. रिपोर्ट में बताया गया है कि राज्य के 60 फीसदी यानी 11 हजार 465 सरकारी स्कूल भवन असुरक्षित हैं. </p>
<p style=”text-align: justify;”>इन जर्जर स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की सुरक्षा पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है. बारिश के दौरान कई स्कूलों की छतें टपकने लगीं और कुछ भवन ढहने की कगार पर पहुंच गए. इससे राज्य के शिक्षा तंत्र पर भी बड़ा प्रश्नचिन्ह खड़ा हो गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>भूस्खलन से आवागमन प्रभावित</strong><br />रिपोर्ट में मानसून सीजन के दौरान केदारनाथ और अन्य क्षेत्रों में आई तबाही का भी जिक्र किया गया है. लगातार हो रही बारिश और भूस्खलन के कारण कई सड़कों पर आवागमन ठप हो गया. जिससे स्थानीय लोगों और पर्यटकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा. सड़कों के बंद होने से राहत और बचाव कार्य बाधित हुए, जिससे आपदा प्रबंधन की चुनौतियां और बढ़ गईं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>जलवायु परिवर्तन से निपटने की जरुरत</strong><br />एसडीसी फाउंडेशन की रिपोर्ट ने राज्य के आपदा प्रबंधन तंत्र की कमजोरियों को उजागर किया है. अनूप नौटियाल ने कहा कि उत्तराखंड को जलवायु परिवर्तन के बढ़ते खतरों से निपटने के लिए तुरंत ठोस कदम उठाने की जरूरत है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>अनूप नौटियाल ने कहा कि “उत्तराखंड उदय” मासिक रिपोर्ट राज्य के राजनेताओं, नीति निर्माताओं और अन्य हितधारकों के लिए बेहद उपयोगी साबित हो सकती है, ताकि वे बेहतर योजना और प्रबंधन के जरिये आपदाओं से निपटने के उपाय कर सकें.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>भविष्य के लिए चेतावनी</strong><br />रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि अगर राज्य में लगातार निर्माण कार्य बिना किसी योजना के चलते रहे, तो आने वाले समय में भूस्खलन और अन्य आपदाओं का खतरा और बढ़ सकता है. ऐसे में जरूरी है कि राज्य सरकार और संबंधित विभाग समय रहते उचित कदम उठाएं ताकि लोगों के जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”मोहन भागवत से CM योगी की मुलाकात के कई मायने, हार्ड हिंदुत्व और राष्ट्रवाद के एजेंडे पर फोकस” href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/cm-yogi-adityanath-meets-mohan-bhagwat-emphasis-on-agenda-of-hard-hindutva-and-nationalism-ann-2808999″ target=”_blank” rel=”noopener”>मोहन भागवत से CM योगी की मुलाकात के कई मायने, हार्ड हिंदुत्व और राष्ट्रवाद के एजेंडे पर फोकस</a></strong></p>
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Wayanad search operation: In a major breakthrough, army opens Bailey bridge for rescue works Wayanad search operation: This bridge construction is highly critical as rescue operations are hindered due to the severe inaccessibility of the affected Mundakkai area. The bridge, which can support a weight of up to 90 tonnes, is expected to mitigate the challenges posed by the difficult terrain and adverse weather conditions.
महाकाल के दरबार में पहुंचीं ‘थलाइवा’ रजनीकांत की बेटी सौंदर्या, भस्म आरती के किए दर्शन
महाकाल के दरबार में पहुंचीं ‘थलाइवा’ रजनीकांत की बेटी सौंदर्या, भस्म आरती के किए दर्शन <p style=”text-align: justify;”><strong>Rajnikanth Daughter Ujjain Mahakal Mandir Darshan: </strong>मध्य प्रदेश के उज्जैन के महाकाल मंदिर में देश-विदेश के लाखों-करोड़ों लोगों की आस्था है. इसी क्रम में साउथ के ‘थलाइवा’ रजनीकांत की बेटी सौंदर्या भी आस्था भाव से महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने उज्जैन पहुंचीं. तमिल फिल्म डायरेक्टर सौंदर्या रजनीकांत ने बुधवार 21 अगस्त को महाकाल की भस्म आरती में भाग लिया. </p>
<p style=”text-align: justify;”>सौंदर्या रजनीकांत की कुछ तस्वीरें भी सामने आई हैं, जिनमें वो नंदी हॉल में भगवान महाकाल के सामने हाथ जोड़े बैठी हैं और भक्तिभाव में लीन नजर आईं. बता दें, सावन माह के चलते महाकाल में भारी तादाद में श्रद्धालु दर्शन करने पहुंच रहे थे. वहीं, सावन का अंतिम दिन अंतिम सोमवार भी था, जिस वजह से मंदिर में भारी भीड़ रहती थी. अब सावन माह संपन्न होने के बाद सौंदर्या रजनीकांत महाकाल के दर्शन करने पहुंचीं. </p>
<blockquote class=”twitter-tweet”>
<p dir=”ltr” lang=”en”><a href=”https://twitter.com/hashtag/WATCH?src=hash&ref_src=twsrc%5Etfw”>#WATCH</a> | MP: Actor Rajinikanth’s daughter and Tamil film director and producer Soundarya Rajinikanth offered prayers at the Mahakaleshwar temple in Ujjain. <a href=”https://t.co/yXNTyxD0SC”>pic.twitter.com/yXNTyxD0SC</a></p>
— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) <a href=”https://twitter.com/ANI_MP_CG_RJ/status/1826056611766689813?ref_src=twsrc%5Etfw”>August 21, 2024</a></blockquote>
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<script src=”https://platform.twitter.com/widgets.js” async=”” charset=”utf-8″></script>
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<p style=”text-align: justify;”><strong>कौन हैं सौंदर्या रजनीकांत?<br /></strong>एक ग्राफि‍क डिजाइनर के तौर पर फिल्म इंडस्ट्री में एंट्री करने वालीं सौंदर्या रजनीकांत साल 2010 से डायरेक्टर बनीं. उनकी पहली डायरेक्टेड फिल्म गोवा थी. इसके बाद उन्होंने साल 2014 में फ‍िल्‍म कोचादयान का निर्देशन भी किया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>महाकाल मंदिर में बनेगा नया थाना</strong><br />सीएम मोहन यादव ने वादा किया है कि महाकाल मंदिर की सुरक्षा के लिए अब उज्जैन में अलग से थाना बनाया जाएगा. महाकाल के लिए एक पुलिस स्टेशन अलग से समर्पित होगा. इसी के साथ, महाकाल की सुरक्षा और बढ़ाने के लिए वहां 400 होम गार्ड भी तैनात किए जाएंगे. साल 2028 में आने वाले सिंहस्थ पर्व के लिए इस साल के बजट में 500 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. </p>
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<p style=”text-align: justify;”><strong>यह भी पढ़ें: <a title=”मध्य प्रदेश कैबिनेट की बैठक में इन प्रस्तावों को मिली हरी झंडी, नगर निकाय के लिए भी हुआ अहम फैसला” href=”https://www.abplive.com/states/madhya-pradesh/mp-cabinet-meeting-held-under-cm-mohan-yadav-taken-important-decisions-ann-2765291″ target=”_blank” rel=”noopener”>मध्य प्रदेश कैबिनेट की बैठक में इन प्रस्तावों को मिली हरी झंडी, नगर निकाय के लिए भी हुआ अहम फैसला</a></strong></p>