देश की राजधानी दिल्ली सहित देश के कई बड़े शहरों में प्रदूषण बढ़ने के बाद पर्यटकों को पहाड़ों की रानी शिमला की ताजी हवा खूब रास आ रही है। दीवाली के बाद दिल्ली सहित उसके आस पास के शहरों में हवा बहुत जहरीली हो गई है। जिसके कारण लोग शिमला का रुख कर रहे हैं। शिमला विश्व विख्यात पर्यटन स्थल है, यहां मौसम सुहावना बना हुआ है। ऐसे में यहां पर्यटकों का जमावड़ा लगा हुआ है। अमेरिका के मेलबर्न में सेटल दिल्ली के रजत का कहना है कि दिल्ली व शिमला की हवा में बहुत फर्क है। वह खुद अस्थमा के पैशेंट हैं, दिल्ली में सांस लेना मुश्किल हो रहा है। लेकिन शिमला में हवा पूरी तरह साफ है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में दीवाली के बाद जिस तरह प्रदूषण बढ़ा है, इस पर विचार करने की आवश्यकता है। बच्चों के भविष्य को देखते हुए हमें निर्णय होंगे। गुरुग्राम में कोहरा ही कोहरा वहीं, गुरुग्राम के रहने वाले संदीप कौशिक का कहना है कि, गुरुग्राम व शिमला के पॉल्यूशन में जमीन आसमान का फर्क है। गुरुग्राम में हाल यह है कि 10 मीटर के बाद कुछ दिखाई नहीं देता, कोहरा ही कोहरा नजर आता है। लोगों को सांस लेने में दिक्कत आ रही है। लेकिन शिमला में एंट्री करते ही इंसान को फर्क महसूस होता है। उन्होंने कहा कि गुरुग्राम में तापमान अभी भी 30 के पार है जबकि शिमला में में 15 के आस पास है। जिसके कारण काफी राहत है। शिमला के होटल कारोबारी प्रिंस कुकरेजा ने बताया कि होटलों में ऑक्यूपेंसी बढ़ी है। उन्होंने कहा कि दीवाली व उसके बाद वीकेंड के सीजन में पर्यटक शिमला पहुंचे हैं। कुकरेजा ने बताया कि इस सप्ताह 60% से ज्यादा होटलों में ऑक्यूपेंसी रही है। वहीं उन्होंने कहा कि पॉल्यूशन दीवाली के बाद बढ़ा है, ऐसे में आगामी दिनों में पर्यटक हिमाचल का रुख करेंगे और कारोबार बढ़ेगा। देश की राजधानी दिल्ली सहित देश के कई बड़े शहरों में प्रदूषण बढ़ने के बाद पर्यटकों को पहाड़ों की रानी शिमला की ताजी हवा खूब रास आ रही है। दीवाली के बाद दिल्ली सहित उसके आस पास के शहरों में हवा बहुत जहरीली हो गई है। जिसके कारण लोग शिमला का रुख कर रहे हैं। शिमला विश्व विख्यात पर्यटन स्थल है, यहां मौसम सुहावना बना हुआ है। ऐसे में यहां पर्यटकों का जमावड़ा लगा हुआ है। अमेरिका के मेलबर्न में सेटल दिल्ली के रजत का कहना है कि दिल्ली व शिमला की हवा में बहुत फर्क है। वह खुद अस्थमा के पैशेंट हैं, दिल्ली में सांस लेना मुश्किल हो रहा है। लेकिन शिमला में हवा पूरी तरह साफ है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में दीवाली के बाद जिस तरह प्रदूषण बढ़ा है, इस पर विचार करने की आवश्यकता है। बच्चों के भविष्य को देखते हुए हमें निर्णय होंगे। गुरुग्राम में कोहरा ही कोहरा वहीं, गुरुग्राम के रहने वाले संदीप कौशिक का कहना है कि, गुरुग्राम व शिमला के पॉल्यूशन में जमीन आसमान का फर्क है। गुरुग्राम में हाल यह है कि 10 मीटर के बाद कुछ दिखाई नहीं देता, कोहरा ही कोहरा नजर आता है। लोगों को सांस लेने में दिक्कत आ रही है। लेकिन शिमला में एंट्री करते ही इंसान को फर्क महसूस होता है। उन्होंने कहा कि गुरुग्राम में तापमान अभी भी 30 के पार है जबकि शिमला में में 15 के आस पास है। जिसके कारण काफी राहत है। शिमला के होटल कारोबारी प्रिंस कुकरेजा ने बताया कि होटलों में ऑक्यूपेंसी बढ़ी है। उन्होंने कहा कि दीवाली व उसके बाद वीकेंड के सीजन में पर्यटक शिमला पहुंचे हैं। कुकरेजा ने बताया कि इस सप्ताह 60% से ज्यादा होटलों में ऑक्यूपेंसी रही है। वहीं उन्होंने कहा कि पॉल्यूशन दीवाली के बाद बढ़ा है, ऐसे में आगामी दिनों में पर्यटक हिमाचल का रुख करेंगे और कारोबार बढ़ेगा। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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दिल्ली में कांग्रेस वर्किंग कमेटी मीटिंग:चुनावी फीडबैक देंगे सुक्खू-प्रतिभा; 3 अन्य सीटों पर उप चुनाव जीतने को दिशा-निर्देश देगा हाईकमान हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और पार्टी प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह आज दिल्ली में लोकसभा व विधानसभा उप चुनाव की रिपोर्ट कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की मीटिंग में रखेंगे। कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद CWC बुलाई है। इसके लिए प्रतिभा सिंह पिछले कल ही दिल्ली रवाना हो गई हैं, जबकि मुख्यमंत्री सुक्खू दोपहर तक दिल्ली पहुंचेंगे। प्रदेश में कांग्रेस की चारों लोकसभा सीटों पर करारी हार जरूर हुई है। मगर 2019 के लोकसभा चुनाव की तुलना में इस बार कांग्रेस का वोट बैंक बढ़ा है। साल 2019 में भारतीय जनता पार्टी को 69.11% और कांग्रेस को मात्र 27.30% वोट मिले थे। इस बार बीजेपी को लगभग 56.29% और कांग्रेस को 41.57% वोट मिले है। इस लिहाज से कांग्रेस का प्रदर्शन पिछले चुनाव से बेहतर है। वहीं छह सीटों पर हुए विधानसभा उप चुनाव में भी कांग्रेस ने शानदार प्रदर्शन किया है। विधानसभा की चार सीटें जीतकर कांग्रेस बीजेपी के चार जून को हिमाचल में सरकार बनाने के सपने को झटका दिया है। इससे कांग्रेस सरकार पर भी सियासी संकट टल गया है। इन उप चुनाव की रिपोर्ट को भी सीएम और पार्टी प्रदेशाध्यक्ष CWC में रखेगी। तीन उप चुनाव जीतने की बनेगी रणनीति हिमाचल में छह उप चुनाव के बाद जल्द तीन विधानसभा सीटों हमीरपुर, नालागढ़ और देहरा में भी उप चुनाव तय है। केंद्रीय चुनाव आयोग कभी भी उप चुनाव का ऐलान कर सकता है। CWC में इन चुनाव को जीतने की रणनीति और पार्टी हाईकमान इसे लेकर प्रदेश कांग्रेस को दिशा-निर्देश दे सकता है। CWC में ये नेता होंगे शामिल दिल्ली में होने वाली CWC में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी भी शामिल होंगे। इसमें हिमाचल के साथ साथ दूसरे राज्यों के कांग्रेसजनों से चुनावी फीडबैक लिया जाएगा।
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मंडी शहर में नया ट्रैफिक प्लान लागू:चक्कर लगाने की बजाय सीधे शहर में कर सकते हैं एंट्री, एक तरफा यातायात होगा बहाल मंडी शहर में पुलिस द्वारा नया ट्रैफिक प्लान लागू किया गया है। हालांकि पहले इसे ट्रायल बेस पर शुरू किया गया है बाद में इसे सुचारु रूप से लागू किया जाएगा। यह जानकारी एसपी मंडी साक्षी वर्मा ने दी। उन्होनें बताया कि शहर में जाम की समस्या बढ़ती जा रही है, जिसको लेकर पुलिस द्वारा ट्रायल बेस में नया ट्रैफिक प्लान शहर में लागू किया गया है। उन्होनें कहा कि मंडी बाइपास शुरू होने से शहर का ट्रेफिक कम हुआ है, जिसको देखते हुए मंडी पुलिस द्वारा लोगों की सुविधा के लिए नये सुकेती पुल को दो तरफा यातायात के लिए बहाल कर दिया गया है जिससे वाहन चालक अब शहर में सीधे एंटर कर सकते है। वहीं मंगवाई से आने वाले वाहनों को शहर में एंट्री करने के लिए पुराने पुल से होते हुए नए पुल से होते हुए ही शहर में आना होगा और महामृत्यूंजय चौक से मंगवाई की तरफ जाने के लिए एक तरफा यातायात बहाल रहेगा। एसपी मंडी साक्षी वर्मा ने बताया कि यह प्लान अभी ट्रायल बेस पर शुरू किया गया है जिसमें लोग अपने सुझाव दे सकते। यदि ट्रैफिक प्लान सही रहा तो जल्द ही इसकी नोटिफिकेशन भी जारी कर दी जाएगी।वहीं शहर में लागू नए ट्रैफिक प्लान की कुछ लोग सराहना कर रहे तो कुछ लोग इसे नकार रहे है। स्थानिय निवासी पवन ने बताया कि मंडी शहर में नया ट्रैफिक प्लान स्वागत योग्य है परंतु इसमें शहर में जाम की स्थिति पैदा हो रही है जिस ओर ध्यान देने की आवश्यकता है। बता दें कि इससे पहले भी मंडी पुलिस ने शहर के कुछ बस स्टॉप को बंद करने का फरमान सुनाया था, जिसके बाद विरोध स्वरूप सैकड़ों लोग सड़कों पर उतरे थे।
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