वाराणसी में रविवार को हथियारबंद हमलावर स्थानीय पार्षद रोहित जायसवाल के घर में घुस गए। उसके बाद पार्षद पर गोली चला दी। इस हमले में वह बाल-बाल बच गए। मोहल्ले में फायरिंग की आवाज सुनकर बड़ी संख्या में लोग जुट गए। लोगों ने हमलावरों को देखते ही दौड़ा लिया। उनमें से 4 पकड़े गए हैं। अन्य की तलाश है। इस घटना से नाराज भाजपाई बड़ी संख्या में आदमपुर थाने पहुंचे। थाने का घेराव करके हंगामा किया। हमलावरों की गिरफ्तारी की मांग की। पुलिस उन्हें समझाने का प्रयास कर रही है। घटना आदमपुर थाना क्षेत्र की है। सबसे पहले ये तीन तस्वीरें देखिए वर्चस्व की लड़ाई के चलते हुआ हमला घटना की सूचना मिलते ही आदमपुर पुलिस मौके पर पहुंची। लोगों से पूछताछ कर घटना से जुड़े सीसीटीवी फुटेज खंगाले। उन्होंने पार्षद से भी बात की। पार्षद ने SHO को तहरीर देकर मुकदमा दर्ज करने की बात कही, हालांकि अभी किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। न ही कोई मुकदमा दर्ज किया गया है। इस समय बड़ी संख्या में भाजपा के नेता और पार्षद के समर्थक थाने पर जुटे हुए हैं। अभी तक की जांच में पता चला है कि भाजपा पार्षद पर हमला मोहल्ले में वर्चस्व कायम करने की लड़ाई के चलते हुआ है। 2 दिन पहले भी किसी बात को हमलावरों से विवाद हुआ था। रोहित जायसवाल भाजपा के पार्षद और लाट भैरव समिति के अध्यक्ष हैं वाराणसी में हनुमान फाटक वार्ड से रोहित जायसवाल भाजपा के पार्षद और लाट भैरव समिति के अध्यक्ष हैं। रोहित ने बताया- रविवार को शाम 8 बजे कोनिया धोबी घाट निवासी दीनू विश्वकर्मा अपने 5-6 साथियों के साथ मेरे घर पर आया। मेरे परिवार वालों के सामने मुझे गाली दी। उसके बाद पूरे मोहल्ले में वर्चस्व दिखाने लगा। मैं जब घर पर पहुंचा तो मुझे दीनू ने गाली दी। मोहल्ले के लोगों ने बचाया दीनू के साथ आये उसके साथियों ने मुझे पकड़ लिया। इसके बाद तमंचा निकालकर सीधा फायर झोंक दिया। उन्होंने मेरे ऊपर हेलमेट से हमला भी किया। इस दौरान बीच बचाव में मेरे मित्र विकास जायसवाल के साथ भी मारपीट की। जिससे वह घायल हो गया। शोर सुनकर मोहल्ले के सभी लोग इकट्ठा हो गये। उन्होंने मुझे बचाया। भीड़ देख हमलावर असलहा से धमकी देते मौके से फरार हो गए। वहीं इस मामले में इंस्पेक्टर ने कहा कि जांच का विषय है। हमे थोड़ा समय दीजिए, हम इसका खुलासा करेंगे। वाराणसी में रविवार को हथियारबंद हमलावर स्थानीय पार्षद रोहित जायसवाल के घर में घुस गए। उसके बाद पार्षद पर गोली चला दी। इस हमले में वह बाल-बाल बच गए। मोहल्ले में फायरिंग की आवाज सुनकर बड़ी संख्या में लोग जुट गए। लोगों ने हमलावरों को देखते ही दौड़ा लिया। उनमें से 4 पकड़े गए हैं। अन्य की तलाश है। इस घटना से नाराज भाजपाई बड़ी संख्या में आदमपुर थाने पहुंचे। थाने का घेराव करके हंगामा किया। हमलावरों की गिरफ्तारी की मांग की। पुलिस उन्हें समझाने का प्रयास कर रही है। घटना आदमपुर थाना क्षेत्र की है। सबसे पहले ये तीन तस्वीरें देखिए वर्चस्व की लड़ाई के चलते हुआ हमला घटना की सूचना मिलते ही आदमपुर पुलिस मौके पर पहुंची। लोगों से पूछताछ कर घटना से जुड़े सीसीटीवी फुटेज खंगाले। उन्होंने पार्षद से भी बात की। पार्षद ने SHO को तहरीर देकर मुकदमा दर्ज करने की बात कही, हालांकि अभी किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। न ही कोई मुकदमा दर्ज किया गया है। इस समय बड़ी संख्या में भाजपा के नेता और पार्षद के समर्थक थाने पर जुटे हुए हैं। अभी तक की जांच में पता चला है कि भाजपा पार्षद पर हमला मोहल्ले में वर्चस्व कायम करने की लड़ाई के चलते हुआ है। 2 दिन पहले भी किसी बात को हमलावरों से विवाद हुआ था। रोहित जायसवाल भाजपा के पार्षद और लाट भैरव समिति के अध्यक्ष हैं वाराणसी में हनुमान फाटक वार्ड से रोहित जायसवाल भाजपा के पार्षद और लाट भैरव समिति के अध्यक्ष हैं। रोहित ने बताया- रविवार को शाम 8 बजे कोनिया धोबी घाट निवासी दीनू विश्वकर्मा अपने 5-6 साथियों के साथ मेरे घर पर आया। मेरे परिवार वालों के सामने मुझे गाली दी। उसके बाद पूरे मोहल्ले में वर्चस्व दिखाने लगा। मैं जब घर पर पहुंचा तो मुझे दीनू ने गाली दी। मोहल्ले के लोगों ने बचाया दीनू के साथ आये उसके साथियों ने मुझे पकड़ लिया। इसके बाद तमंचा निकालकर सीधा फायर झोंक दिया। उन्होंने मेरे ऊपर हेलमेट से हमला भी किया। इस दौरान बीच बचाव में मेरे मित्र विकास जायसवाल के साथ भी मारपीट की। जिससे वह घायल हो गया। शोर सुनकर मोहल्ले के सभी लोग इकट्ठा हो गये। उन्होंने मुझे बचाया। भीड़ देख हमलावर असलहा से धमकी देते मौके से फरार हो गए। वहीं इस मामले में इंस्पेक्टर ने कहा कि जांच का विषय है। हमे थोड़ा समय दीजिए, हम इसका खुलासा करेंगे। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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जेल से लौटे वॉटर कैनन बॉय के सनसनीखेज दावे:मेरे कपड़े उतारे, हाथ-पैर बांध बुरी तरह से पीटा, रिमांड रूम में 45 कर्मचारी थे
जेल से लौटे वॉटर कैनन बॉय के सनसनीखेज दावे:मेरे कपड़े उतारे, हाथ-पैर बांध बुरी तरह से पीटा, रिमांड रूम में 45 कर्मचारी थे किसान आंदोलन के दौरान पुलिस की ओर वाटर कैनन का मुंह मोड़ने वाला वाटर कैनन बॉय नवदीप जलबेड़ा जेल से बाहर आ गया है। करीब 111 दिन जेल में रहने के बाद नवदीप कल यानी मंगलवार को रिहा हुआ। नवदीप को हरियाणा पुलिस ने गिरफ्तार किया था। जेल से बाहर आने के बाद नवदीप ने हरियाणा पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों द्वारा की गई प्रताड़ना पर आपबीती सुनाई है। नवदीप ने कहा- गिरफ्तारी के तुरंत बाद मुझे रिमांड पर ले लिया गया। रिमांड रूम में करीब 45 कर्मचारी मौजूद थे। रिमांड के दौरान मेरे साथ क्रूरतापूर्ण व्यवहार किया गया। मोहाली एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया
किसान नेता नवदीप सिंह जलबेड़ा ने कहा- मुझे पहले ही पता चल गया था कि पुलिस मुझे तलाश रही है। अंबाला में भी पुलिस ने मेरी गाड़ी के पीछे गाड़ी लगा दी, जब हम घर से निकले ही थे। पुलिस काफी देर से हमें तलाश रही थी। किसान आंदोलन के दौरान लेह लद्दाख से कुछ किसान हमारे साथ प्रदर्शन के लिए आए थे। मैं मोहाली से फ्लाइट से लेह गया। वहां मेरी मुलाकात सोनम वांगचुक से हुई जो लेह में प्रदर्शन कर रहे थे, वहां हमने भी सोनम वांगचुक के प्रदर्शन का समर्थन किया। इसके बाद मुझे मोहाली एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया। मुंह को पानी में डुबोया
किसान नेता नवदीप सिंह जलबेड़ा ने कहा- कुछ कर्मचारी मुझे गिरफ्तार करने आए थे। गिरफ्तारी के बाद मुझे अंबाला लाया गया। जब मुझे अंबाला के रिमांड रूम में लाया गया तो उक्त रूम में करीब 45 कर्मचारी मौजूद थे। गिरफ्तारी के बाद मेरा फोन तुरंत वापस ले लिया गया। सबसे पहले उन्होंने आते ही मुझसे पगड़ी और कपड़े उतारने को कहा। नवदीप जलबेड़ा ने बताया- मेरे सामने एक सरदार अधिकारी मौजूद था, जिसने आदेश दिया कि मेरे हाथ-पैर बांध दिए जाएं। मेरे हाथ-पैर बांधने के बाद उक्त अधिकारियों ने मुझे पीटना शुरू कर दिया। जिसके बाद पुलिस ने मेरे साथ बर्बरतापूर्ण व्यवहार किया। उन्होंने मुझसे कहा- तुम बहुत बोलते हो, हम तुम्हें सबक सिखाएंगे। जिसके बाद मेरे मुंह को पानी में डुबाया गया। केंद्रीय एजेंसियों के लोग भी पूछताछ के लिए पहुंचे
नवदीप ने आगे कहा- गिरफ्तारी के बाद मुझे कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया गया। कोर्ट ने दो दिन की रिमांड दी। इस दौरान केंद्रीय एजेंसियों NIA और CBI के अधिकारी भी पूछताछ के लिए आए। इस दौरान उन्होंने मुझसे भी पूछताछ की।वे सुबह से ही पूछताछ शुरू कर देते थे। मुझसे पूछा जाता था कि पैसा कहां से आ रहा है। किसान आंदोलन के लिए फंडिंग कहां से आ रही है। मेरे बैंक अकाउंट समेत सारी जानकारी मुझसे ली गई। बैंक अकाउंट की खूब जांच की गई, लेकिन कुछ नहीं मिला। मेडिकल भी नहीं कराया, वैसे भी हस्ताक्षर ले लिए गए। उसके आधार पर मेडिकल करा लेते थे। सभी झूठे मामलों में न तो पुलिस को कुछ मिला और न ही एजेंसियों को कुछ मिला। मेरे खिलाफ कुल 16 मामले दर्ज किए गए
नवदीप ने आरोप लगाया कि पुलिस ने मेरे खिलाफ करीब 16 मामले दर्ज किए। इनमें चार मामले ऐसे थे, जिनमें हत्या के प्रयास की धाराएं लगाई गई थीं और कुछ में दंगा फैलाने की धाराएं जोड़ी गई थीं। कोर्ट ने जब सभी मामलों की सुनवाई शुरू की तो उसने कहा कि ऐसा लगता है कि सभी मामले झूठे बनाए गए हैं क्योंकि सभी मामले एक जैसे हैं। नवदीप ने कहा- पुलिस हर तरह से क्रूर रही है, लेकिन मैं अपने समुदाय के लिए खड़ा रहा हूं और आगे भी खड़ा रहूंगा। जब मेरे साथ क्रूरता हो रही थी, तब मैं होश में था। जब दर्द बहुत बढ़ गया तो मैं वाहेगुरु का नाम लेता था। जेल की जिंदगी ने मुझे भगवान की तरफ धकेला
नवदीप जलबेड़ा ने कहा- मैंने जेल में 111 दिन बिताए हैं। इस दौरान मैंने कई बदलाव देखे हैं। सबसे बड़ा बदलाव वाहेगुरु की भक्ति में आया है। पहले मैं सिर्फ गुरु को मानता था। लेकिन जेल के अंदर मैंने रोजाना पाठ करना शुरू कर दिया। मैं जेल में रोजाना 3 बाणियों का जाप करता था। जेल के अंदर एक गुरुद्वारा था, मैं वहां जाता था। नवदीप ने कहा- मैं जेल में रोजाना श्री जपजी साहिब, श्री चौपाई साहिब और श्री आनंदपुर साहिब का पाठ करता था। जेल में मैंने अपने समुदाय का पूरा इतिहास पढ़ा। जेल में बनी लाइब्रेरी के अंदर मैंने वो सब पढ़ा जो हमारे समुदाय के शहीदों ने हमारे लिए किया। जेल हमें बहुत कुछ सिखाती है, मैंने भी वही सीखा। जेल के अंदर कोई किसी का धर्म नहीं देखता
नवदीप ने कहा कि कोई व्यक्ति तब जेल जाता है जब वह कोई बुरा काम करता है। साथ ही, कोई व्यक्ति उन पांच कामों को करने पर भी जेल जाता है जो बाबा जी को पसंद नहीं हैं। जेल के अंदर कोई किसी का धर्म नहीं देखता। सभी मिलजुल कर रहते हैं। एक बैरक में करीब 50 लोग रहते हैं। नवदीप ने कहा- कोई किसी का धर्म के आधार पर साथ नहीं देता। सब एक दूसरे को भाई मानते हैं। कोई जात-पात की बात नहीं करता। सब एक दूसरे की थाली में खाते हैं। सब एक दूसरे का दर्द सुनते हैं और अपना दर्द बताते हैं। मैंने जेल के अंदर विनम्र रहना सीखा है। मैं जितने भी समय जेल में रहा हूं, हमेशा ऊपर की ओर बढ़ा हूं। सरकार को यह नहीं सोचना चाहिए कि जेल जाने के बाद मैं पीछे हट जाऊंगा। अगर सरकार ऐसा सोच रही है तो वह गलत है। मैं अपनी कौम के लिए कभी पीछे नहीं हटूंगा। जब बदन पर कफन होगा तो डर लगेगा, उससे पहले कोई डर नहीं है। कौम के लिए अगर मुझे पूरी जिंदगी जेल में रहना पड़े तो भी रहूंगा।
गुरदासपुर में 13 तोला सोने के जेवर चोरी:दवाई लेने पठानकोट गया था दंपती, दो घंटे के भीतर टूटे ताले, 1.65 लाख ले गए
गुरदासपुर में 13 तोला सोने के जेवर चोरी:दवाई लेने पठानकोट गया था दंपती, दो घंटे के भीतर टूटे ताले, 1.65 लाख ले गए गुरदासपुर के दीनानगर के गांव चौंता में चोर एक बंद मकान से 13 तोला सोने-चांदी के जेवरात और नकदी चोरी कर फरार हो गए। पुलिस ने अज्ञात चोरों के खिलाफ मामला दर्ज कर आगामी कार्रवाई आरंभ कर दी है। पुलिस को दी शिकायत में गांव चौंता निवासी कुलदीप सिंह पुत्र मघर सिंह ने बताया कि वह अपनी पत्नी के साथ दवाई लेने के लिए पठानकोट गए हुए थे। करीब दो घंटे के बाद वह लौटकर आए तो देखा कि घर के मेन दरवाजे का ताला टूटा हुआ था। कमरों में जाकर देखा कि सारा सामान बिखरा हुआ था। कमरे में रखी अलमारी का ताला और लॉकर भी टूटे हुए थे। जांच करने पर पता चला कि चोर अलमारी से करीब 13 तोले सोने-चांदी के गहने, डेढ़ किलो चांदी, तीन घड़ियां और 1 लाख 65 हजार की नकदी ले गए। उधर, मामले के जांच अधिकारी एएसआई रमेश कुमार ने बताया कि पीड़ित के बयानों के आधार पर अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज कर चोरों की तलाश शुरु कर दी गई है। अकेले घर को छोड़कर जाने से कतरा रहे लोग चोरी की बढ़ती जा रही घटनाओं से लोगों में दहशत का माहौल बना हुआ है। इसके साथ ही चोर पुलिस के लिए भी सिरदर्द बने हुए हैं। हालात यह हो चुके हैं कि अब लोग अपने घरों को अकेला छोड़ने से कतरा रहे हैं, क्योंकि उन्हें यह भय रहता है कि यदि वह अपने घर को अकेला छोड़कर जाते हैं तो उनके घर से कोई न कोई सामान चोरी हो जाएगा। इसलिए लोग अपने घरों को अकेला नहीं छोड़ रहे हैं।
गुना में बोरवेल में गिरा 10 साल का सुमित हारा जिंदगी की जंग, अस्पताल में तोड़ा दम
गुना में बोरवेल में गिरा 10 साल का सुमित हारा जिंदगी की जंग, अस्पताल में तोड़ा दम <p style=”text-align: justify;”><strong>MP News:</strong> गुना में 10 वर्षीय सुमित मीणा के लिए दुआओं और प्रार्थनाओं का दौर जारी था. एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीम रेस्क्यू में जुटी हुई थी. रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान बड़ी मुश्किल से सुमित को बाहर निकाला गया. पिपलिया गांव में रेस्क्यू ऑपरेशन 15 घंटे से जारी था. बोरवेल से सुमित को बाहर निकालकर इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया. अस्पताल में इलाज के दौरान सुमित की आज (रविवार) मौत हो गई. मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि सुमित के मुंह में मिट्टी चली गई थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सुमित का शरीर भी पानी से भीग चुका था. उन्होंने कहा कि सुमित को बचाया नहीं जा सका. बेटे की मौत की खबर से परिजनों में कोहराम मच गया. दुआओं और प्रार्थनाओं के लिए उठे हाथ भी नीचे गिर गए. मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने गुना बेरवेल हादसे पर दुख जताया है. उन्होंने कहा कि बोरवेल को खुला छोड़ना अपराध है. लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की जा रही है. उन्होंने एक बार फिर किसानों से बोरवेल को बंद रखने की अपील की. बोरवेल खुला छोड़ने की वजह से मध्य प्रदेश में हर साल छोटे बच्चे हादसे का शिकार हो जाते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>जिंदगी की जंग हार गया 10 साल का बच्चा</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>बता दें कि सुमित मीणा नामक 10 साल का बालक पतंग उड़ाने के दौरान बोरवेल में शनिवार को गिर गया था. हादसे की जानकारी मिलने के बाद जिला प्रशासन ने बचाव कार्य शुरू किया. भोपाल से एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीम को बुलाया गया. 15 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद बच्चा बोरवेल से बाहर निकला. सुमित को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया. अस्पताल में सुमित जिंदगी की जंग हार गया. मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने मौत की पुष्टि की है. उन्होंने बच्चे की मौत का कारण मुंह में मिट्टी का जाना और शरीर का भीगना बताया है. सुमित की मौत से गुना में मातम का माहौल है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a title=”Mahakal Mandir: उज्जैन महाकालेश्वर मंदिर में मुफ्त की VIP सेवा बंद, दर्शन घोटाले के बीच लिया गया बड़ा फैसला” href=”https://www.abplive.com/states/madhya-pradesh/ujjain-mahakaleshwar-mandir-free-vip-services-closed-during-new-year-2025-and-darshan-scam-ann-2851953″ target=”_self”>Mahakal Mandir: उज्जैन महाकालेश्वर मंदिर में मुफ्त की VIP सेवा बंद, दर्शन घोटाले के बीच लिया गया बड़ा फैसला</a></strong></p>