रोहतक से होकर गुजर रहे 152-डी एक्सप्रेस-वे पर गांव बसाना और कलानौर के बीच में खड़े ट्रक से कार टकरा गई। जिसके कारण कार सवार पति-पत्नी और बेटे की मौत हो गई। हादसा उस समय हुआ जब कार में सवार होकर पूरा परिवार जींद से भाई दूज का टीका लगवाकर घर वापस लौट रहे थे। इसी दौरान बीच रास्ते में यह हादसा हुआ है। वहीं हादसे का पता लगते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंची और जांच में जुट गई। मृतकों की पहचान गांव गुढ़ान निवासी करीब 45 वर्षीय विजय, उनकी पत्नी करीब 42 वर्षीय सरिता और करीब 12 वर्षीय बेटे दिग्विजय के रूप में हुई है। इधर, हादसे के बाद आसपास के लोग भी एकत्रित हो गए। हादसे का अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि तीनों के शव कार में फंस गए। अंदर फंसे हुए शवों को काफी मशक्कत के बाद क्षतिग्रस्त कार से निकाला गया। इधर, मौत की सूचना मिलते ही परिवार में मातम छा गया। महम थाना प्रभारी सत्यपाल सिंह ने बताया कि कार सड़क पर खड़े ट्रक में पीछे से टकराई थी। जिस कारण हादसे में पति-पत्नी और बेटे की मौत हो गई है। मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है। सरकारी स्कूल में अध्यापक था विजय विजय अपने बेटे दिग्विजय को भाई दूज पर टीका लगवाकर लौट रहा था। विजय गांव निगाना के सरकारी स्कूल में शिक्षक था और तीन बच्चे (2 बेटी व एक बेटा) है। बेटा दिग्विजय बेटी प्राची व बेटी त्रिशांशी जींद में पढ़ते हैं। इसलिए विजय की पत्नी सरिता भी बच्चों के पास ही जींद में रहते थी और विजय मां-बाप के पास गांव में रहते थे। दीपावली पर सरिता और दिग्विजय गांव आए हुए थे और दोनों बेटियां जींद में ही रह रही थी। इसलिए उन्होंने रविवार को भाई दूर पर जींद जाने का फैसला किया। ताकि दिग्विजय अपनी दोनों बहनों से भाई दूज पर दीर्घायु का टीका लगवा सके। इसलिए पति-पत्नी बेटे दिग्विजय को भाई दूज का टीका लगवाने के लिए कार में सवार होकर जींद गए थे। वहां पर उन्होंने दोनों बेटियों के साथ मिलकर भाई दूज बनाया और बहनों ने अपने भाई दिग्विजय को भाई दूज का टीका लगाया। इसके बाद रविवार रात को विजय, सरिता और दिग्विजय कार में सवार होकर वापस गांव आने के लिए चल पड़े। मौके पर ही तीनों की मौत जानकारी के अनुसार घर लौटते समय विजय कार चला रहा था। वहीं उनकी पत्नी आगे वाली साइड सीट पर बैठी थी। वहीं बेटा दिग्विजय पीछे की सीट पर बैठा हुआ था। जब वह 152डी एक्सप्रेस-वे पर गांव बसाना व कलानौर के बीच पहुंचा तो वहां सड़क पर एक ट्रक खड़ा हुआ था। रात को अंधेरा अधिक होने के कारण कार सड़क पर खड़े ट्रक से जा टकराई। हादसा इतना भयानक था कि तीनों की मौके पर ही मौत हो गई और कार क्षतिग्रस्त हो गई। रोहतक से होकर गुजर रहे 152-डी एक्सप्रेस-वे पर गांव बसाना और कलानौर के बीच में खड़े ट्रक से कार टकरा गई। जिसके कारण कार सवार पति-पत्नी और बेटे की मौत हो गई। हादसा उस समय हुआ जब कार में सवार होकर पूरा परिवार जींद से भाई दूज का टीका लगवाकर घर वापस लौट रहे थे। इसी दौरान बीच रास्ते में यह हादसा हुआ है। वहीं हादसे का पता लगते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंची और जांच में जुट गई। मृतकों की पहचान गांव गुढ़ान निवासी करीब 45 वर्षीय विजय, उनकी पत्नी करीब 42 वर्षीय सरिता और करीब 12 वर्षीय बेटे दिग्विजय के रूप में हुई है। इधर, हादसे के बाद आसपास के लोग भी एकत्रित हो गए। हादसे का अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि तीनों के शव कार में फंस गए। अंदर फंसे हुए शवों को काफी मशक्कत के बाद क्षतिग्रस्त कार से निकाला गया। इधर, मौत की सूचना मिलते ही परिवार में मातम छा गया। महम थाना प्रभारी सत्यपाल सिंह ने बताया कि कार सड़क पर खड़े ट्रक में पीछे से टकराई थी। जिस कारण हादसे में पति-पत्नी और बेटे की मौत हो गई है। मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है। सरकारी स्कूल में अध्यापक था विजय विजय अपने बेटे दिग्विजय को भाई दूज पर टीका लगवाकर लौट रहा था। विजय गांव निगाना के सरकारी स्कूल में शिक्षक था और तीन बच्चे (2 बेटी व एक बेटा) है। बेटा दिग्विजय बेटी प्राची व बेटी त्रिशांशी जींद में पढ़ते हैं। इसलिए विजय की पत्नी सरिता भी बच्चों के पास ही जींद में रहते थी और विजय मां-बाप के पास गांव में रहते थे। दीपावली पर सरिता और दिग्विजय गांव आए हुए थे और दोनों बेटियां जींद में ही रह रही थी। इसलिए उन्होंने रविवार को भाई दूर पर जींद जाने का फैसला किया। ताकि दिग्विजय अपनी दोनों बहनों से भाई दूज पर दीर्घायु का टीका लगवा सके। इसलिए पति-पत्नी बेटे दिग्विजय को भाई दूज का टीका लगवाने के लिए कार में सवार होकर जींद गए थे। वहां पर उन्होंने दोनों बेटियों के साथ मिलकर भाई दूज बनाया और बहनों ने अपने भाई दिग्विजय को भाई दूज का टीका लगाया। इसके बाद रविवार रात को विजय, सरिता और दिग्विजय कार में सवार होकर वापस गांव आने के लिए चल पड़े। मौके पर ही तीनों की मौत जानकारी के अनुसार घर लौटते समय विजय कार चला रहा था। वहीं उनकी पत्नी आगे वाली साइड सीट पर बैठी थी। वहीं बेटा दिग्विजय पीछे की सीट पर बैठा हुआ था। जब वह 152डी एक्सप्रेस-वे पर गांव बसाना व कलानौर के बीच पहुंचा तो वहां सड़क पर एक ट्रक खड़ा हुआ था। रात को अंधेरा अधिक होने के कारण कार सड़क पर खड़े ट्रक से जा टकराई। हादसा इतना भयानक था कि तीनों की मौके पर ही मौत हो गई और कार क्षतिग्रस्त हो गई। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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महम की झील व टूरिस्ट कॉम्प्लेक्स बना सफेद हाथी:झाड़ियां उगी, भवन जर्जर; लोग बोले- सौंदर्यीकरण के लिए सिर्फ चर्चा हुई, काम नहीं रोहतक जिले के महम शहर में चौबीसी चबूतरे के पास बनी झील और टूरिस्ट कॉम्प्लेक्स अब सफेद हाथी बनकर रह गया है। जिसे पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी देवीलाल के समय में बनाया गया था। झील में झाड़ियां उग आई हैं। साथ ही कॉम्प्लेक्स का भवन जर्जर हो गया। लेकिन इसका सौंदर्यीकरण नहीं किया गया। नगरपालिका के पिछले कार्यकाल में चैयरमैन रहे फत्ते सिंह ने महम के सौंदर्यीकरण के लिए करोड़ों की लागत के कार्य करवाए। उस समय भी नगरपालिका में महम के ऐतिहासिक चौबीसी चबूतरे के पास बनी झील एवं टूरिस्ट कॉम्प्लेक्स का जीर्णोद्धार किए जाने के बातें अक्सर होती थी। सौंदर्यीकरण के लिए सिर्फ चर्चा हुई, काम नहीं लोगों ने कहा कि सौंदर्यीकरण को लेकर महम में हुक्का चौक, भिवानी स्टैंड पर स्थित भगत सिंह चौक, सुभाष पार्क, स्वतंत्रता सेनानी लाला एनसीलाल पार्क, सैलानियों वाला तालाब, गुरुद्वारा सौंदर्यीकरण जैसे कार्य करवाए, लेकिन झील एवं टूरिस्ट कॉम्प्लेक्स को चालू करने की बात कार्यक्रम में होती तो है। लेकिन धरातल पर कुछ नहीं हुआ। इस समय भी नगरपालिका की चेयरपर्सन भारती पंवार की मौजूदगी में हुई मीटिंग में झील का सौंदर्यीकरण किए जाने तथा इसका नवीनीकरण किए जाने का प्रस्ताव नगरपालिका हाउस में उठाया भी गया। झील बनाई बिछाई पाइप लाइन में नहीं छोड़ा पानी झील तथा टूरिस्ट कॉम्प्लेक्स को पूर्व मुख्यमंत्री रहे चौधरी देवीलाल के समय बनाया गया था। कुछ वर्ष तक टूरिस्ट कॉम्प्लेक्स चला, लेकिन झील में कभी पानी नहीं देखा गया। हालांकि इस झील में पानी लाने के लिए अलग से पाइप लाइन बिछाई गई थी। लेकिन उस लाइन में पानी नहीं छोड़ा गया। शहर वासियों का कहना है कि यदि इस झील व टूरिस्ट कॉम्प्लेक्स को चालू कर दिया जाए, तो शहर वासियों को घरों में होने वाले छोटे कार्यक्रमों के लिए रोहतक व अन्य शहरों में नहीं जाना पड़ेगा। लोगों ने की नया भवन बनाने की मांग झील व टूरिस्ट कॉम्प्लेक्स के पास बने टाउन पार्क में आने वाले सैकड़ों लोग झील का आनंद ले सकेंगे। झील में पानी आने के बाद इसमें किस्ती छोड़ी जा सकती हैं। जो आमदनी का साधन भी हो सकता है। इसी तरह यदि टूरिस्ट कॉम्प्लेक्स के डैमेज पड़े भवन को तोड़कर उसके स्थान पर नया भवन बना दिया जाए, तो यह भी आमदनी का जरिया हो सकता है।
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