हरियाणा के जींद के जुलाना क्षेत्र के रामकली गांव में महिला ने अपने प्रेमी और बेटे के साथ मिलकर पति अशोक की हत्या कर दी। पुलिस ने तीन आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। अशोक का 11 जुलाई को रामकली गांव के तालाब के पास शव मिला था। वारदात से जुड़ा एक सीसीटीवी फुटेज सामने आया है। इसमें वे अशोक को पहले घर से बाहर और फिर बाइक पर बैठा कर ले जाते हुए दिखाई दे रहे हैं। रामकली गांव निवासी अनिल ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि 11 जुलाई को उसके 52 वर्षीय चाचा अशोक का शव गांव में ही मिला था। अनिल ने आरोप लगाए हैं कि उसकी चाची के गांव के ही बिजेंद्र के साथ अवैध संबंध थे। बिजेंद्र का उसके चाचा के घर अकसर आना जाना रहता था जोकि उसके चाचा अशोक को पसंद नही था। अशोक के नाम करीब 1 कनाल जमीन नाम है। उसकी चाची, मृतक का बेटा अर्जुन औऱ बिजेंद्र मिलकर उंस जमीन को बेचना चाहते थे। उसका चाचा जमीन को बेचना नहीं चाहता था। अनिल ने आरोप लगाया कि उसकी चाची, बिजेंद्र और छोटा बेटे अर्जुन ने मिलकर साजिश रचकर जमीन को बेचने को लेकर अशोक कुमार की हत्या की है। मामले की सीसीटीवी फुटेज भी मिली है। इसमें रात को बिजेंद्र और मृतक का बेटा अशोक को घर से बाहर ले जाते दिख रहे हैं। जुलाना थाना के प्रभारी विनोद कुमार ने बताया कि पुलिस को शिकायत मिली है कि रामकली गांव में एक व्यक्ति की हत्या की गई है। पुलिस ने मृतक के भतीजे की शिकायत के आधार पर मृतक की पत्नी, बेटे और एक गांव के ही व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। हरियाणा के जींद के जुलाना क्षेत्र के रामकली गांव में महिला ने अपने प्रेमी और बेटे के साथ मिलकर पति अशोक की हत्या कर दी। पुलिस ने तीन आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। अशोक का 11 जुलाई को रामकली गांव के तालाब के पास शव मिला था। वारदात से जुड़ा एक सीसीटीवी फुटेज सामने आया है। इसमें वे अशोक को पहले घर से बाहर और फिर बाइक पर बैठा कर ले जाते हुए दिखाई दे रहे हैं। रामकली गांव निवासी अनिल ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि 11 जुलाई को उसके 52 वर्षीय चाचा अशोक का शव गांव में ही मिला था। अनिल ने आरोप लगाए हैं कि उसकी चाची के गांव के ही बिजेंद्र के साथ अवैध संबंध थे। बिजेंद्र का उसके चाचा के घर अकसर आना जाना रहता था जोकि उसके चाचा अशोक को पसंद नही था। अशोक के नाम करीब 1 कनाल जमीन नाम है। उसकी चाची, मृतक का बेटा अर्जुन औऱ बिजेंद्र मिलकर उंस जमीन को बेचना चाहते थे। उसका चाचा जमीन को बेचना नहीं चाहता था। अनिल ने आरोप लगाया कि उसकी चाची, बिजेंद्र और छोटा बेटे अर्जुन ने मिलकर साजिश रचकर जमीन को बेचने को लेकर अशोक कुमार की हत्या की है। मामले की सीसीटीवी फुटेज भी मिली है। इसमें रात को बिजेंद्र और मृतक का बेटा अशोक को घर से बाहर ले जाते दिख रहे हैं। जुलाना थाना के प्रभारी विनोद कुमार ने बताया कि पुलिस को शिकायत मिली है कि रामकली गांव में एक व्यक्ति की हत्या की गई है। पुलिस ने मृतक के भतीजे की शिकायत के आधार पर मृतक की पत्नी, बेटे और एक गांव के ही व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा के पूर्व खेल मंत्री पर आरोप तय:जूनियर महिला कोच का यौन शोषण केस; चंडीगढ़ कोर्ट में अब गवाहों के बयान दर्ज होंगे
हरियाणा के पूर्व खेल मंत्री पर आरोप तय:जूनियर महिला कोच का यौन शोषण केस; चंडीगढ़ कोर्ट में अब गवाहों के बयान दर्ज होंगे हरियाणा में 3 महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले BJP नेता पूर्व खेल मंत्री संदीप सिंह की मुश्किलें बढ़ गई हैं। जूनियर महिला कोच के यौन शोषण मामले में चंडीगढ़ की कोर्ट ने उन पर आरोप तय कर दिए हैं। संदीप सिंह के खिलाफ कोर्ट ने IPC की धारा 354, 354 A, 354 B, 506 और 509 के तहत किए गए आरोप तय किए हैं। इस मामले की अगली सुनवाई 17 अगस्त को होगी। इसी दिन गवाहों के बयान दर्ज किए जाएंगे। इससे पहले सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पूर्व खेल मंत्री संदीप सिंह की आरोपों को हटाने की याचिका और पीड़िता की ओर रेप की कोशिश की धारा जोड़ने की याचिका खारिज कर दी थी। बता दें कि कोच के आरोपों के बाद संदीप सिंह से खेल विभाग वापस ले लिया गया था। हालांकि तत्कालीन सीएम मनोहर लाल की कैबिनेट में वह मंत्री बने रहे। हालांकि खट्टर की जगह नायब सैनी के CM बनने के बाद संदीप को दोबारा मंत्री नहीं बनाया गया। महिला कोच के संदीप पर लगाए 5 गंभीर आरोप 1. मंत्री ने स्नैपचैट व इंस्टाग्राम पर मैसेज भेजे
जूनियर महिला कोच ने आरोप लगाया था कि 2016 रियो ओलिंपिक में हिस्सा लेने के बाद वह खेल विभाग में जूनियर कोच के तौर पर भर्ती हुई थी। जिसके बाद खेल मंत्री संदीप सिंह ने इंस्टाग्राम और स्नैपचैट पर उसको मैसेज भेजे। फिर मुझे चंडीगढ सेक्टर 7 लेक साइड मिलने के लिए बुलाया। मैं नहीं गई तो वे मुझे इंस्टाग्राम पर ब्लॉक और अनब्लॉक करते रहे। महिला कोच के आरोपों के मुताबिक 1 जुलाई को मंत्री ने उसे स्नैपचैट कॉल किया। जिसमें डॉक्यूमेंट्स वैरिफिकेशन के लिए मुझे सेक्टर 7, चंडीगढ़ में अपने आवास पर आने के लिए कहा। 2. मंत्री ने कहा- तुम मुझे खुश रखो, मैं तुम्हें खुश रखूंगा
महिला कोच ने कहा कि इसके बाद वह मंत्री के सरकारी घर पर पहुंची। वहां वे कैमरा वाले ऑफिस में नहीं बैठना चाहते थे। वह मुझे अलग केबिन में लेकर गए। वहां मेरे पैर पर हाथ रखा। मंत्री ने कहा कि तुम मुझे खुश रखो, मैं तुम्हें खुश रखूंगा। मेरी बात मानने पर आपको सभी सुविधाएं और मनचाही जगह पोस्टिंग मिलेगी। 3. मेरी टी-शर्ट फट गई
महिला कोच ने संगीन आरोप लगाते हुए कहा कि शाम करीब 6.50 बजे मंत्री संदीप सिंह ने उससे छेड़छाड़ की। इस दौरान महिला कोच की टी-शर्ट फट गई। किसी तरह वह उनके चंगुल से छूटकर बाहर गई। 4. बात नहीं मानी तो ट्रांसफर कर दिया
महिला कोच ने आरोप लगाया कि जब मैंने मंत्री की बात नहीं मानी तो मेरी ट्रांसफर कर दी गई। मेरी ट्रेंनिग तक रोक दी गई। मैंने घटना की शिकायत के लिए DGP कार्यालय, CM हाउस और तत्कालीन गृह मंत्री अनिल विज समेत हर स्तर पर प्रयास किया, लेकिन कहीं भी सुनवाई नहीं हुई। 5. रेप की कोशिश के भी लगाए थे आरोप
इसके बाद महिला कोच ने दावा किया था कि संदीप सिंह ने उसे डॉक्यूमेंट चेक करने के लिए चंडीगढ़ स्थित सरकारी आवास बुलाकर रेप करने की कोशिश की थी। वह उनके घर पहुंची और स्टाफ से वॉशरूम पूछा। स्टाफ ने उसे बैडरुम के वॉशरूम में भेज दिया। जब वह बाहर आई तो मंत्री उसके सामने खड़ा हुआ था। उसने अचानक मेरा हाथ पकड़ कर सामने पड़े बेड पर पुश कर दिया। इसके बाद मैं बेड पर गिर गई और वह भी इस दौरान बेड पर आ गया। कोच ने दावा किया कि उसने उसकी टी-शर्ट पकड़कर ऊपर करने की कोशिश की। इसके बाद मेरे नजदीक आने और मुझे किस करने की कोशिश की। उसने यह भी दावा किया था कि उसके द्वारा मंत्री से छोड़ने की काफी रिक्वेस्ट की गई, लेकिन मंत्री उसे जबरन बाथरुम में लेकर गया, जहां उसने अपना लोअर भी उतार दिया। साथ ही मुझे काफी फोर्स से अपनी ओर खींचा। इस दौरान मंत्री ने बाथरुम की कुंडी भी लगा दी। जब मैंने इसका विरोध किया गया तो वह मेरे साथ जबरदस्ती करने की कोशिश करने लगा। जब मंत्री नहीं माना तो मैंने उनको थप्पड़ मार दिया। इसके बाद मंत्री ने भी मुझे भी थप्पड़ मारा। इस पर मैं रोने लगी। तब मंत्री कहने लगा कि स्पोर्ट्स वाली लड़कियां वर्जिन नहीं होती हैं। मंत्री संदीप ने कहा था- आरोप गलत, ट्रांसफर किया तो साजिश
खेल मंत्री रहते संदीप ने इन सब आरोपों को खारिज कर दिया था। उनका कहना था कि उनके खिलाफ साजिश रची गई है। जिसमें उन्हें फंसाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि महिला कोच पंचकूला में रहने के लिए इस तरह के आरोप लगा रही है। उन्होंने महिला कोच का ट्रांसफर झज्जर कर दिया और वह पंचकूला रहना चाहती थी, इसलिए ऐसे आरोप लगा रही है। आरोप तय होने में डेढ़ साल का समय लगा
संदीप सिंह के खिलाफ आरोप तय करने की कार्रवाई में ही लगभग डेढ़ वर्ष से ज्यादा समय लगा है। 26 दिसंबर 2022 को जूनियर महिला कोच ने हरियाणा के मंत्री संदीप सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न सहित अन्य आरोप लगाते हुए चंडीगढ़ पुलिस में शिकायत दी थी। जांच के बाद 31 दिसंबर की रात 11 बजे सेक्टर-26 थाने में संदीप सिंह के खिलाफ आईपीसी की धारा 342, 354, 354ए, 354बी, 506 के तहत पुलिस ने केस दर्ज किया था। चंडीगढ़ पुलिस की SIT ने की जांच
इस मामले की जांच के लिए चंडीगढ़ पुलिस ने DSP पलक गोयल के सुपरविजन में मामले की जांच के लिए विशेष जांच टीम (SIT) गठित की गई थी। इसमें साइबर थाना प्रभारी इंस्पेक्टर रंजीत सिंह, महिला थाना प्रभारी इंस्पेक्टर उषा और एक महिला एसआई को शामिल किया गया था। एसआईटी की जांच के बाद संदीप सिंह के खिलाफ पुलिस ने आईपीसी की धारा 509 भी जोड़ी थी।
हरियाणा में डॉक्टरों की हड़ताल, फर्श पर डिलीवरी:प्रसव पीड़ा से कराहते सरकारी अस्पताल से रेफर किया, इमरजेंसी के बाहर जन्मी बच्ची
हरियाणा में डॉक्टरों की हड़ताल, फर्श पर डिलीवरी:प्रसव पीड़ा से कराहते सरकारी अस्पताल से रेफर किया, इमरजेंसी के बाहर जन्मी बच्ची हरियाणा के पानीपत में शुक्रवार को महिला ने सरकारी अस्पताल में फर्श पर बच्ची को जन्म दिया। डॉक्टरों की हड़ताल की वजह से डिलीवरी कराने आई महिला को डॉक्टरों ने रेफर कर दिया था। नर्स, महिला को इमरजेंसी गेट के फर्श पर बैठा कर चली गई। यहां महिला दर्द में कराहती रही। आखिर में महिला ने खुद ही फर्श पर बच्ची को जन्म दिया। कंचन कुमारी के पति दिनेश कुमार ने बताया की वह मूल रूप से बिहार के रहने वाले हैं। उसके पहले 2 बच्चे हैं और वह पानीपत के विकास नगर में रहते हैं। शुक्रवार को उसकी पत्नी को प्रसव पीड़ा हुई। वह उसे लेकर पानीपत के सिविल अस्पताल में पहुंचा। डॉक्टरों की हड़ताल के चलते उसे करनाल रेफर कर दिया। बोला- किसी ने सुनवाई नहीं की दिनेश ने बताया कि उसने वहां मौजूद स्टाफ से गुहार लगाई कि उसकी पत्नी को ज्यादा दर्द है, लेकिन किसी ने सुनवाई नहीं की। इसके बाद वह अपनी पत्नी को लेकर प्रसूता वार्ड से इमरजेंसी वार्ड तक ही पहुंचे थे। साथ आई नर्स उन्हें वहीं छोड़कर चली गई। कुछ देर बाद कंचन ने वहीं फर्श पर ही बच्ची को जन्म दे दिया। लोगों के कहने पर पहुंची नर्स
दिनेश ने आरोप लगाया कि डिलवरी के बाद भी मौके पर नर्स या डॉक्टर नहीं पहुंचे। जिसके बाद वहां खड़े पत्रकारों व अन्य लोगों ने स्टाफ की नर्स को इस बारे में बताया। जिसके बाद नर्स मौके पर आई। उन्होंने महिला को चारों से कवर किया। इसके बाद महिला और बच्ची को प्रसूता वार्ड में ले जाकर भर्ती कर लिया गया। इस मामले में CMO जयंत आहूजा का कहना है कि जैसे ही मुझे पता लगा, वैसे ही स्टाफ को तुरंत आदेश दिए गए। दोनों को भर्ती कर लिया गया है। डॉक्टरों की हड़ताल के चलते हर व्यवस्था को सुचारू रूप से संभालने की हर कोशिश की जा रही है। हड़ताल का आज दूसरा दिन दरअसल, हरियाणा के सरकारी अस्पतालों के करीब 3 हजार डॉक्टर गुरुवार से हड़ताल पर हैं। आज उनकी हड़ताल का दूसरा दिन है। प्रदेश में कुल 159 सरकारी अस्पताल हैं, जिनकी ओपीडी में भी मरीज नहीं देखे जा रहे। कई अस्पतालों में पोस्टमॉर्टम भी बंद है। इसके अलावा, गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी की सुविधा भी बंद है। इसके चलते मरीजों को अस्पतालों में इधर-उधर भटकना पड़ रहा है।
जींद में महिला टीचर का शारीरिक-मानसिक शोषण:प्रिंसिपल ने होटल में खाना खिलाने को बोला; शिक्षक के खिलाफ नहीं दी थी गवाही
जींद में महिला टीचर का शारीरिक-मानसिक शोषण:प्रिंसिपल ने होटल में खाना खिलाने को बोला; शिक्षक के खिलाफ नहीं दी थी गवाही हरियाणा के जींद शहर में सरकारी महिला टीचर ने प्रिंसिपल पर शारीरिक और मानसिक शोषण के आरोप लगाए हैं। पीड़िता कहना है कि शिक्षा विभाग और प्रशासन प्रिंसिपल पर कार्रवाई करने की बजाय उसको बचाने में लगे हैं। डेढ़ साल से प्रिंसिपल उस पर दबाब बना रहा है कि वह एक टीचर के खिलाफ बयान दे, जबकि उसे मामले को जानकारी तक नहीं थी। प्रिंसिपल ने उसे होटल ले जाकर खाना खिलाने को कहा। प्रिंसिपल ने आरोपों को झुठलाया है। शिकायतकर्ता अध्यापिका ने बताया कि करीब डेढ़ साल पहले स्कूल में प्रिंसिपल ने एक शिक्षक के खिलाफ किसी मामले को लेकर पुलिस को शिकायत दी थी। प्रिंसिपल उस पर शिक्षक के खिलाफ बयान देने के लिए दबाव बना रहा था। वह उस शिक्षक के मामले के बारे में नहीं जानती थी, इसलिए उसने बयान देने से मना कर दिया। इस पर प्रिंसिपल उससे रंजिश रखने लगा। कहीं नहीं हो रही सुनवाई
उसने बताया कि करीब सवा साल पहले प्रिंसिपल ने उससे कहा कि वह उसे होटल में खाना खिलाने के लिए लेकर चले। इसकी रिकार्डिंग भी उसके पास है। जो पुलिस को दी गई है। पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई। मई 2023 में उसने शिक्षा विभाग की एक अधिकारी को मौखिक शिकायत दी। उस पर भी कार्रवाई नहीं की गई। 29 जनवरी 2024 को उसने डीसी को शिकायत दी। डीसी ने तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी को कार्रवाई के लिए ये शिकायत भेज दी। लेकिन यहां भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। उसके बाद डीसी ने जिला परिषद की तत्कालीन सीईओ डा. किरण सिंह को जांच दी थी। सीईओ की अध्यक्षता में स्थानीय शिकायत कमेटी गठित की गई थी। लेकिन अब तक इस कमेटी ने जांच की कोई रिपोर्ट नहीं दी है। जब तक कमेटी की जांच पूरी नहीं होती, आगे कोई कार्रवाई नहीं होगी।शिक्षिका की तरफ से 5 जून को महिला आयोग को भी शिकायत दी थी। महिला आयोग ने ये शिकायत एसपी को भेज दी थी। शिक्षिका ने बताया कि वह अब तक क्या जांच हुई, इसको लेकर सीएम विंडो भी लगा चुकी है। इसी बीच सीईओ का ट्रांसफर हो गया और इस मामले में कार्रवाई आगे नहीं बढ़ पाई। प्रिंसिपल बोले- झूठे हैं आरोप, एक शिक्षक रच रहा साजिश
महिला शिक्षिका के आरोपों पर प्राचार्य का कहना है कि शिक्षिका की तरफ से लगाए गए आरोप गलत हैं। वे दिव्यांग हैं और दूसरे व्यक्ति पर निर्भर हैं। शिक्षिका ने जो आरोप लगाए हैं, उनकी जांच शिक्षा विभाग की तरफ से आई टीम भी कर चुकी है। जिसमें कुछ नहीं पाया गया है। एक शिक्षक जिसके खिलाफ किसी मामले में उसने शिकायत दी थी, ये मामला कोर्ट में भी चल रहा है। वही शिक्षक एक व्यक्ति के साथ मिलकर उसके साथ साजिश के तहत ये सब करवा रहा है।
एडीसी ने कहा-महिला अधिकारी ही करेंगी सुनवाई
एडीसी एवं सीईओ विवेक आर्य ने बताया कि महिला शोषण से संबंधित मामले की जांच के लिए जो स्थानीय शिकायत कमेटी गठित की जाती है। उसकी अध्यक्ष महिला अधिकारी ही होती हैं। तत्कालीन मुख्य कार्यकारी डा. किरण सिंह फिलहाल उचाना एसडीएम हैं। वे ही इस मामले को देखेंगी। एक बार सुनवाई के बाद हो गई थी ट्रांसफर : डा. किरण सिंह
उचाना की एसडीएम डा. किरण सिंह ने बताया कि इस मामले में दोनों पक्षों को बुलाकर एक बार ही सुनवाई हुई थी। उसी दौरान उनकी सीईओ के पद से ट्रांसफर हो गई थी। अगर उनके पास ये मामला आता है, तो आगे की जांच कर रिपोर्ट दी जाएगी। कमेटी में शिक्षा विभाग सहित अन्य विभागों से महिला अधिकारी, वकील सहित छह सदस्य हैं।