हरियाणा के सहकारिता, जेल एवं पर्यटन मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा ने कांग्रेस की 8 सदस्यीय समीक्षा कमेटी को लेकर बड़ा तंज कसा है। अरविंद शर्मा ने कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए कहा कि हरियाणा में कांग्रेस की करारी हार हुई, लेकिन कांग्रेस फिर भी सोच रही थी कि वे जीतने वाले थे, लेकिन हार गए। कांग्रेस अभी तक भी उस सदमें से बाहर नहीं निकल पाई है, क्योंकि कांग्रेस ने खुद ही झूठ का पुलिंदा इतना बड़ा बना लिया था कि “हमारी सरकार आएगी, कांग्रेस की सरकार आएगी”, कांग्रेस के लोग अब तक इससे बाहर ही नहीं निकल पा रहे है। अब उनको पता ही नहीं लग रहा है कि भाजपा की तीसरी बार सरकार बन गई। नाबय सैनी मुख्यमंत्री बन गए, कांग्रेस को इस बात का पता ही नहीं है, वे अपनी धुन में है। इस सदमे से और बात से कांग्रेस के लोगों को बाहर आना चाहिए, अपनी आंखों पर लगे चश्मों को हटाकर उन्हें देखना चाहिए कि हरियाणा में 36 बिरादरी ने मिलकर तीसरी बार भाजपा की सरकार बन चुकी है और इसका ध्यान कांग्रेस को है या नहीं, यह मुझे समझ में नहीं आ रहा। यह बात उन्होंने सोमवार देर शाम को करनाल के कर्ण लेक पर आयोजित द्वितीय महाभारत सर्किट सम्मेलन के दौरान कहे। हिंदूओं का अपमान सहन नहीं किया जाएगा कनाड़ा के अंदर विरोध प्रदर्शनों के सवाल पर डॉ. अरविंद शर्मा ने कहा कि अल्पसंख्यकों का जितना सम्मान अपने देश में है, उतना किसी देश में नहीं है। एक बात कह देना चाहता हूं कि कोई भी देश हो, जो हिंदूओं का अपमान करेगा या कर रहा है वह ज्यादा लंबा चलने वाला नहीं है, यह भी आगे आ जाएगा। टूरिज्म को बढ़ाना ही है लक्ष्य अरविंद शर्मा ने कहा कि करनाल में आयोजित द्वितीय महाभारत सर्किट सम्मेलन में का लक्ष्य टूरिज्म को बढ़ावा देना है। टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए इंटरनेशनल लेवल के ट्रैवलर्स को बुलाया गया है, यूटूबर्स को बुलाया गया है, इलेक्ट्रोनिक्स मीडिया, प्रिंट मीडिया, होटलर्स है, इन सबकी के साथ कुरूक्षेत्र सर्किट की मीटिंग रखी गई है। कुरूक्षेत्र में जो जो प्वाइंट आते है उन सबको मिलाकर एक सर्किट तैयार किया गया है। जिसका मकसद है, इस सर्किट में ज्यादा से ज्यादा श्रद्धालु आए, पर्यटक आए और लोगों की संख्या बढ़े तथा हरियाणा में टूरिज्म को बढ़ावा मिले। जैसे अयोध्या में भगवान श्रीराम की स्थली है, ऐसे ही कुरूक्षेत्र भगवान कृष्णा की स्थली है। यहीं पर गीता का उपदेश दिया गया था। इसके अतिरिक्त गीता मुनि ज्ञानानंद जी महाराज ने भी विश्व स्तर पर भगवत गीता का प्रचार प्रसार किया है। आज ऐसा समय है कि हर घर और हर पॉकेट में भगवत गीता मिलती है। हरियाणा के सहकारिता, जेल एवं पर्यटन मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा ने कांग्रेस की 8 सदस्यीय समीक्षा कमेटी को लेकर बड़ा तंज कसा है। अरविंद शर्मा ने कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए कहा कि हरियाणा में कांग्रेस की करारी हार हुई, लेकिन कांग्रेस फिर भी सोच रही थी कि वे जीतने वाले थे, लेकिन हार गए। कांग्रेस अभी तक भी उस सदमें से बाहर नहीं निकल पाई है, क्योंकि कांग्रेस ने खुद ही झूठ का पुलिंदा इतना बड़ा बना लिया था कि “हमारी सरकार आएगी, कांग्रेस की सरकार आएगी”, कांग्रेस के लोग अब तक इससे बाहर ही नहीं निकल पा रहे है। अब उनको पता ही नहीं लग रहा है कि भाजपा की तीसरी बार सरकार बन गई। नाबय सैनी मुख्यमंत्री बन गए, कांग्रेस को इस बात का पता ही नहीं है, वे अपनी धुन में है। इस सदमे से और बात से कांग्रेस के लोगों को बाहर आना चाहिए, अपनी आंखों पर लगे चश्मों को हटाकर उन्हें देखना चाहिए कि हरियाणा में 36 बिरादरी ने मिलकर तीसरी बार भाजपा की सरकार बन चुकी है और इसका ध्यान कांग्रेस को है या नहीं, यह मुझे समझ में नहीं आ रहा। यह बात उन्होंने सोमवार देर शाम को करनाल के कर्ण लेक पर आयोजित द्वितीय महाभारत सर्किट सम्मेलन के दौरान कहे। हिंदूओं का अपमान सहन नहीं किया जाएगा कनाड़ा के अंदर विरोध प्रदर्शनों के सवाल पर डॉ. अरविंद शर्मा ने कहा कि अल्पसंख्यकों का जितना सम्मान अपने देश में है, उतना किसी देश में नहीं है। एक बात कह देना चाहता हूं कि कोई भी देश हो, जो हिंदूओं का अपमान करेगा या कर रहा है वह ज्यादा लंबा चलने वाला नहीं है, यह भी आगे आ जाएगा। टूरिज्म को बढ़ाना ही है लक्ष्य अरविंद शर्मा ने कहा कि करनाल में आयोजित द्वितीय महाभारत सर्किट सम्मेलन में का लक्ष्य टूरिज्म को बढ़ावा देना है। टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए इंटरनेशनल लेवल के ट्रैवलर्स को बुलाया गया है, यूटूबर्स को बुलाया गया है, इलेक्ट्रोनिक्स मीडिया, प्रिंट मीडिया, होटलर्स है, इन सबकी के साथ कुरूक्षेत्र सर्किट की मीटिंग रखी गई है। कुरूक्षेत्र में जो जो प्वाइंट आते है उन सबको मिलाकर एक सर्किट तैयार किया गया है। जिसका मकसद है, इस सर्किट में ज्यादा से ज्यादा श्रद्धालु आए, पर्यटक आए और लोगों की संख्या बढ़े तथा हरियाणा में टूरिज्म को बढ़ावा मिले। जैसे अयोध्या में भगवान श्रीराम की स्थली है, ऐसे ही कुरूक्षेत्र भगवान कृष्णा की स्थली है। यहीं पर गीता का उपदेश दिया गया था। इसके अतिरिक्त गीता मुनि ज्ञानानंद जी महाराज ने भी विश्व स्तर पर भगवत गीता का प्रचार प्रसार किया है। आज ऐसा समय है कि हर घर और हर पॉकेट में भगवत गीता मिलती है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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पानीपत पहुंचे एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया के राष्टीय अध्यक्ष:वीरेश शांडिल्य बोले- खालिस्तानी अमृतपाल को नहीं लेने देंगे शपथ, चुनाव आयोग को देंगे ज्ञापन
पानीपत पहुंचे एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया के राष्टीय अध्यक्ष:वीरेश शांडिल्य बोले- खालिस्तानी अमृतपाल को नहीं लेने देंगे शपथ, चुनाव आयोग को देंगे ज्ञापन एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया के राष्टीय अध्यक्ष एवं विश्व हिन्दू तख्त के अंतर्राष्ट्रीय प्रमुख वीरेश शांडिल्य शनिवार को पानीपत पहुंचे। शांडिल्य ने मदन भारद्वाज को विश्व हिन्दू तख्त का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया। वीरेश शांडिल्य ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि यदि केंद्र सरकार ने या लोकसभा स्पीकर ने खालिस्तानी और आईएसआई के एजेंट अमृतपाल सिंह को लोकसभा सदस्य के रूप में शपथ दिलाई तो उनका संगठन केंद्र सरकार का विरोध करेगा। शांडिल्य ने घोषणा की कि यदि अमृतपाल सिंह डिबरूगढ़ जेल से दिल्ली शपथ लेने आएगा तो एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया के सदस्य उसे काले झंडे दिखाएंगे व उसके खिलाफ प्रदर्शन करेंगे। यदि अमृतपाल सिंह को किसी अदालत ने भी लोकसभा सदस्यता की शपथ के लिए इजाजत दी तो वह उस राज्य के हाईकोर्ट में उस आदेश को एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया की तरफ से चुनौती देंगे। अमृतपाल के खिलाफ प्रदर्शन को लेकर वह दिल्ली संसद भवन का मुआयना भी कर चुके है। वीरेश शांडिल्य ने कहा कि अमृतपाल सिंह को वोट देने वाले कट्टरपंथी हैं। जो पंजाब में खालिस्तान चाहते हैं। लेकिन किसी कीमत पर भी पंजाब में खालिस्तानी मुहिम को सिर उठाने नहीं दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि 2022 में सबसे पहले उनके संगठन एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया ने पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित को ज्ञापन देकर अमृतपाल सिंह को आईएसआई का एजेंट बताया था और उसे देशद्रोह में गिरफ्तार करने की मांग की थी। लगातार पंजाब में अमृतपाल सिंह के खिलाफ पंजाब में प्रदर्शन किए थे। वीरेश शांडिल्य ने कहा कि संविधान को, तिरंगे को, कानून को चेतावनी देने वाला भले ही अमृतपाल सांसद बन गया लेकिन उस खालिस्तानी को जो पंजाब में फिर जरनैल सिंह भिंडरावाला की तरह तबाही मचाना चाहता था उसे लोकसभा सदस्य के रूप में एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया शपथ नहीं लेने देगी। इसके लिए चाहे उन्हें सड़कों पर उतरना पड़ा या अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़े। वे पीछे नहीं हटेंगे। केंद्रीय चुनाव आयोग को सौंपेंगे ज्ञापन वीरेश शांडिल्य ने कहा कि वे पिछले 25 साल से पाकिस्तानी आतंकवाद, बब्बर खालसा के आतंकवादियों सहित जरनैल सिंह भिंडरावाला के साहित्य व खालिस्तानी मुहिम का हाईकोर्ट से लेकर सड़कों तक विरोध कर रहे हैं। शांडिल्य ने चुनाव आयोग से मांग की कि एनएसए के तहत जेल में बंद आतंकी अमृतपाल के साथी पंजाब में उप चुनाव लड़ने का एलान कर चुके है। ऐसे आतंकी विचारधारा के देशद्रोहियों को किसी कीमत पर चुनाव लड़ने की इजाजत ना दी जाए। उन्होंने कहा इसके लिए वह केंद्रीय चुनाव आयुक्त को ज्ञापन भी सौंपेंगे। अमृतपाल संसद की दहलीज पर मत्था टेककर मांगे माफी वीरेश शांडिल्य ने कहा कि यदि अमृतपाल सिंह लोकसभा की सदस्यता लेना चाहता है तो वह भारतीय संसद की दहलीज पर माथा टेक कर माफी मांगे और कहे कि उसे तिरंगा व संविधान प्यारा है। अमृतपाल सिंह कभी जीवन में जरनैल सिंह भिंडरावाला या खालिस्तानी मुहिम नहीं चलाएगा। तो उनका संगठन अमृतपाल सिंह का सम्मान खुद करेगा।
लोक प्रशासन विषय परिषद का गठन
लोक प्रशासन विषय परिषद का गठन सिरसा| राजकीय महिला कॉलेज में लोक प्रशासन विषय परिषद का गठन किया गया। इस दौरान भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। उक्त आयोजन प्राचार्य डॉ. राजकुमार जांगड़ा व विभागाध्यक्ष मुकेश कुमार विभाग के मार्गदर्शन में हुआ। इस दौरान बीए प्रथम, बीए द्वितीय वर्ष व अंतिम वर्ष की छात्राओं ने बढ़ चढ़कर भाग लिया । छात्राओं द्वारा लोक प्रशासन विषय के उद्भव एवं विकास पर भाषण प्रतियोगिता में भाग लिया गया व जिसके परिणाम के आधार पर लोक प्रशासन विषय परिषद के सदस्यों का चयन किया गया। निर्णायक मंडल की भूमिका प्रोफेसर किरण व प्रोफेसर मनीषा ने निभाई। लोक प्रशासन विषय परिषद के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के लिए बीए. अंतिम वर्ष की नीलम रानी व मुस्कान को चुना गया, सचिव पद के लिए बीए. अंतिम वर्ष की किरण को चुना गया, उपसचिव पद के लिए द्वितीय वर्ष की विनोद मेहरा को चुना गया,वित्त प्रबंधन के लिए बीए. द्वितीय वर्ष की अनु को चुना गया तथा सदस्य पद के लिए बीए. प्रथम वर्ष की ललिता और अनु व अंतिम वर्ष की संतोष को चुना गया।
हरियाणा में इनेलो के ‘चश्मे’ पर JJP की नजर:दुष्यंत चौटाला बोले- इस बार भी 6% वोट नहीं मिले तो सिंबल फ्रीज होगा, हम दावा करेंगे
हरियाणा में इनेलो के ‘चश्मे’ पर JJP की नजर:दुष्यंत चौटाला बोले- इस बार भी 6% वोट नहीं मिले तो सिंबल फ्रीज होगा, हम दावा करेंगे हरियाणा में राजनीतिक दिग्गज चौटाला परिवार में इंडियन नेशनल लोक दल (INLD) यानी इनेलो पर अधिकार की लड़ाई शुरू होने वाली है। इसके संकेत इनेलो से निकाले गए पूर्व डिप्टी CM दुष्यंत चौटाला ने दिए हैं। जो अभी जननायक जनता पार्टी (JJP) के वरिष्ठ नेता हैं। दुष्यंत ने कहा-” चुनाव आयोग के नियमों के अनुसार 2 लोकसभा इलेक्शन में 6% से ज्यादा वोट शेयर की जरूरत होती है। मगर, इनेलो के 2019 लोकसभा चुनाव में 2 प्रतिशत के लगभग वोट आए थे। दुष्यंत ने कहा कि इस चुनाव में भी इनेलो के वोट शेयर 2 प्रतिशत तक ही रह सकते हैं। ऐसे में इनेलो का सिंबल छिन सकता है।” अगर अगर इनेलो का सिंबल चश्मा चुनाव आयोग छीनता है तो जजपा इस पर दावा ठोक सकती है। ऐसे समझें इनेलो से सिंबल छिनने के खतरे का गणित…
चुनाव आयोग के नियमों के अनुसार किसी भी पार्टी को लगातार 2 चुनाव (लोकसभा व विधानसभा) में निर्धारित वोट नहीं मिलते हैं तो स्टेट पार्टी का दर्जा छिन जाता है। लोकसभा चुनाव में 6% वोट और एक सीट या 8% वोट की जरूरत होती है। विधानसभा में 6% वोट और 2 सीटें होनी चाहिए। नियम के अनुसार, अगर लगातार 2 चुनाव (2 लोस व 2 विस) में ये सब नहीं होता है तो पार्टी का चुनाव चिह्न भी छिन सकता है। इनेलो ने 2019 के लोकसभा चुनाव में 1.89% और विधानसभा चुनाव में 2.44% ही वोट हासिल किए थे। इसके अलावा 2019 के चुनाव भाजपा की लहर ने हरियाणा में सभी दलों का सूपड़ा साफ कर दिया। 10 की 10 सीटों पर भाजपा के प्रत्याशी विजयी हुए। इस चुनाव में इनेलो को एक भी सीट नहीं मिली। इसके बाद विधानसभा चुनाव हुआ। इस चुनाव में इनेलो के अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद जताई जा रही थी, लेकिन यहां भी निराशा हाथ लगी। अभय चौटाला के अलावा सभी प्रत्याशी हार गए। इस बार भी कम से कम 6% वोट और एक सीट या 8% वोट नहीं मिले तो स्टेट पार्टी का दर्जा व चश्मे का चुनाव निशान तक छिन सकता है। हरियाणा में मुश्किल में चौटाला परिवार की दोनों पार्टियां…. इनेलो के आगे अस्तित्व बचाने की लड़ाई कभी हरियाणा की राजनीति की दशा-दिशा तय करने वाली इनेलो के लिए अब अस्तित्व बचाने की चुनौती है। इनेलो के लिए चश्मा चुनाव चिन्ह बचाना ही मुश्किल हो रहा है। जिसके लिए उन्हें इस बार 6% मत हासिल करना इसलिए जरूरी है। 4 महीने बाद प्रदेश में विधानसभा चुनाव हैं। ऐसे में सिंबल छिन गया तो इनेलो के लिए मुश्किल हो सकती है। इसी वजह से अभय चौटाला खुद कुरूक्षेत्र से चुनाव लड़ रहे जबकि परिवार की दूसरी सदस्य सुनैना चौटाला को हिसार से चुनाव लड़ाया गया है। इनेलो ने 5 सीटों पर प्रत्याशी उतारे हैं। इनमें अंबाला, कुरुक्षेत्र, सिरसा, हिसार की सीटें शामिल हैं, जबकि करनाल में एनसीपी के वीरेंद्र मराठा को इनेलो ने अपना समर्थन दे रखा है सरकार से साथ टूटने पर बगावत से जूझती जजपा
वहीं दूसरी तरफ जजपा साढ़े 4 साल सत्ता का सुख लेने के बाद लोकसभा चुनाव से ठीक पहले अलग हो गई। इसके बाद जजपा में ही बगावत शुरू हो गई। जजपा के 10 में से 5 विधायक बागी हो गए।इनमें से विधायक जोगीराम सिहाग ने खुलकर भाजपा की समर्थन किया। रामकुमार गौतम ने देशहित के बहाने भाजपा के समर्थन की बात की। देवेंद्र बबली ने इशारों में कांग्रेस को समर्थन का ऐलान किया। बाकी बचे रामनिवास सुरजाखेड़ा और ईश्वर सिंह ने सीधे किसी का समर्थन नहीं किया लेकिन पार्टी के प्रति बागी तेवर बरकरार हैं। इनमें से विधायक सुरजाखेड़ा और सिहाग की तो विधानसभा सदस्यता भंग करने के लिए भी जजपा ने स्पीकर को चिट्ठी लिख दी है। जजपा नेतृत्व के साथ 5 विधायक, जिनमें खुद दुष्यंत चौटाला, उनकी मां नैना चौटाला, अनूप धानक, रामकरण काला और अमरजीत ढांडा हैं। इस बार जजपा प्रदेश की 10 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ रही है। दुष्यंत की मां नैना चौटाला हिसार से उम्मीदवार है। कैसे मिलता है राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा
दरअसल इसके लिए केंद्रीय चुनाव आयोग के नियम 1968 का पालन किया जाता है। जिसके मुताबिक किसी पार्टी को राष्ट्रीय दल का दर्जा हासिल करने के लिए 4 या उससे ज्यादा राज्यों में लोकसभा चुनाव या विधानसभा चुनाव लड़ना होता है। इसके साथ ही इन चुनावों में उस पार्टी को कम से कम 6 प्रतिशत वोट हासिल करने होते हैं। परिवार में आपसी कलह से टूटी थी इनेलो
2018 में पारिवार में आपसी कलह के चलते इनेलो में बड़ी टूट हुई थी। अभय चौटाला के भाई अजय चौटाला ने अपने बेटों दुष्यंत और दिग्विजय के अलावा कई अन्य नेताओं के साथ पार्टी को अलविदा कह दिया। इसके बाद हरियाणा में जन नायक जनता पार्टी यानि जजपा का गठन हुआ। अब स्थिति ये है कि हरियाणा में न इनेलो का व्यापक प्रभाव देखने को मिलता है और न ही जजपा का। जजपा और इनेलो में फूट का सबसे ज्यादा फायदा राष्ट्रीय पार्टी भाजपा और कांग्रेस को हुआ है। 2019 विधानसभा चुनाव में जजपा ने जीती थी 10 सीटें
इनेलो टूटने के बाद बनी जजपा ने पहली बार 2019 में विधानसभा लड़ा था। जजपा ने प्रदेश की सभी 90 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ा था। इस चुनाव में जजपा ने 10 सीटें जीते थी। हिसार के सांसद रहे दुष्यंत चौटाला के नेतृत्व में यह चुनाव लड़ा गया था। इस चुनाव में उचाना, बाढड़ा, टोहाना, बरवाला, नारनौंद, जुलाना, गुहला, उकलाना, नरवाना और शाहबाद विधानसभा सीटें जीते थीं। 10 विधायक चुने जाने के बाद जजपा ने भाजपा को समर्थन देकर हरियाणा में 2019 में नई सरकार का गठन किया था। नई सरकार में दुष्यंत चौटाला को भाजपा ने डिप्टी सीएम बनाया था।